मेरा गुप्त जीवन- 174

अब बिमला मौसी मुझको लेकर एक कोने में चली गई और मेरे कान में फुसफुसाने लगी- इसका मतलब यह है कि तुम मुझको गर्भवती कर सकते हो? मैं केवल मुस्करा दिया और मैंने मौसी को कोई उत्तर नहीं दिया लेकिन मौसी मुझ को कहाँ छोड़ने वाली थी, वो मेरे इर्द गिर्द घूमती रही लेकिन मैं भी पक्का बना रहा और उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और केवल मुस्कराता रहा।

थोड़ी देर बाद मौसी चली गई और उसके जाते ही रितु भाभी ने मुझ को दबोच लिया और अपनी साड़ी उठा कर मेरे सामने ही अपनी चूत में ऊँगली करने लगी और ऊँगली में लगी चूत की महक मुझको सुँघाने लग। फिर मैंने उसको बहुत ही प्यार से एक बार चोद दिया।

थोड़ी देर बाद मौसी एक जवान लड़की और एक 25 साल की भाभी के साथ वापस आ गई और बोली- यह लो तुम्हारा इनाम आज मुझ को पूरी संतुष्टि देने के लिए! बाकी इनाम तब जब मेरा काम कर दोगे!

दोनों ही मुझको देख कर ख़ुशी से तालियाँ मारने लगी क्यूंकि उनको एक फ़िल्मी एक्टर से संपर्क करने का मौका मिल रहा था। दोनों ने आगे बढ़ कर मुझसे हाथ मिलाया और भाभी ने तो एक जफ्फी भी दे डाली।

उनके आते ही रितु भाभी वहाँ से खिसक ली और कह गई लखनऊ जाने से पहले मैं उनसे ज़रूर मिलू क्यूंकि उनको एक बहुत ही ज़रूरी काम है मुझसे!

भाभी का नाम रेवा था और कुंवारी लड़की का नाम दीपा था। अभी हम एक दूसरे से मिल ही रहे थे कि दरवाज़ा जो थोड़ा सा खुला था एकदम ज़ोर से खुल गया और काफी लड़के लड़कियों का समूह अंदर आ घुसा।

मौसी चिल्लाने लगी- अरे अरे… यहाँ कहाँ घुसे चले आ रहे हो? देखते नहीं यहाँ बारात वाले बैठे हैं और वो अब सोने वाले हैं! उनमें से एक धाकड़ लड़का बोला- वाह मौसी, सोमू जी के साथ अकेले ही मज़े लूट रही हो। हमको भी तो मौका दो ना मौसी जी कि हम भी फ़िल्मी सोमू जी से मिल सकें और उनके साथ बातें कर सकें। क्यों सोमू जी आपको कोई ऐतराज़ तो नहीं?

मैंने मुस्कराते हुए कहा- भला मुझ को क्या ऐतराज़ हो सकता है! आईये आईये, जी भर के बातें कीजिये। अब मैंने इस ग्रुप को ध्यान से देखा। इन में 5 जवान लड़कियाँ थी और उतने ही लड़के थे और सबों के हाथ में कोकाकोला की खुली बोतलें थी जिनसे वो घूँट घूँट पी रहे थे।

मैंने मौसी की तरफ देखा तो उनके माथे पर गुस्से के तेवर साफ़ दिख रहे थे और वो उनमें से उसी धाकड़ लड़के की तरफ घूर घूर कर देख रही थी।

जब उस लड़के ने महसूस किया कि मौसी उससे खफा है तो वो दौड़ता हुआ आया और मौसी के पैर पड़ते हुए कहने लगा- गुस्ताखी माफ़ करना मौसी जी… हम तो चाहते हैं कि थोड़ी देर सोमू जी से गपशप और थोड़ी मौज मस्ती कर लें! फिर वो कहाँ मिलने वाले हैं हमको!

मौसी ने अब मेरी तरफ देखा और मैंने भी हामी में सर हिला दिया।

सबसे पहले उनमें से एक निहायत खूबसूरत लड़की ने आगे बढ़ कर मुझ से हाथ मिलाया और मेरे हाथ में भी एक कोक की बोतल पकड़ा दी और जाते हुए बोली- मेरा नाम सुशी है और मैं आप की बहुत बड़ी फैन हूँ। मेरी दिली इच्छा है कि मैं आपके साथ वही चिपको डांस करूं एक बार!

मैंने मुस्करा कर अपनी रज़ामंदी जता दी और उसके बाद सब लड़कियों और लड़कों ने मेरे साथ बड़ी गर्म जोशी के साथ अपने हाथ मिलाये। हाथ मिलाते हुए दो तीन लड़कियों ने मेरे हाथ की हथेली में हल्की सी खुजली कर दी जिसका मतलब मैं यही समझा कि वो मेरे साथ हर काम के लिए तैयार हैं।

सब कोक पीते जा रहे थे और खूब ख़ुशी से मौसी के चारों तरफ नाच रहे थे और इस नाच में उन्होंने मुझको भी शामिल कर लिया था।

यह नाच गाना चल ही रहा था रितु भाभी बरात में आई कुछ लड़कियों को और 2-3 जवान लड़कों को लेकर उसी कमरे में आ धमकी और ज़ोर से बोली- वाह मौसी जी, आपने अपनी साइड के लड़के लड़कियों को यहाँ मौज मस्ती के लिए बुला लिया और हमको बिल्कुल भूल ही गई?

मैंने ज़ोर से तालियाँ बजाई और आगे बढ़ कर रितू भाभी को अपने गले लगा लिया। यह देख कर सब लड़के लड़कियाँ हल्की सीटियाँ बजाने लगे।

एक लड़का कोकाकोला का पूरा क्रेट उठा लाया और सभी नए आये साथियों को कोक बाँट दी। सब कोक पिये जा रहे थे और थोड़ा झूम रहे थे और कुछ अब बाजे पर बज रहे म्यूजिक पर हल्के हल्के थिरकने भी लगे थे।

अच्छा रोमांटिक माहौल बनता जा रहा था और धीरे धीरे सब लड़के लड़कियों ने अपने साथी चुन लिए थे और सब एक दूसरे से चिपक कर डांस कर रहे थे।

मैंने सबसे पहले मौसी को जाकर पकड़ लिया और उस को खींचते हुए डांस के लिए कमरे के सेंटर में ले आया और मौसी के साथ बड़े ही हॉट तरीके से चिपको डांस शुरू कर दिया।

मौसी को अपने साथ पूरा चिपका कर मेरे पैर अपने आप ही आगे पीछे होने लगे और थोड़ी देर में मौसी भी डांस की लय समझ गई और मेरे साथ बहुत ही सेक्सी डांस करने लगी।

पैंट में मेरा खड़ा लौड़ा मौसी की रेशमी साड़ी के ऊपर से ही उनकी चूत पर रगड़ा मार रहा था जिस कारण मौसी की आँखें अधमुंदी हो रही थी। मेरे आस पास सब लड़के और लड़कियाँ एक दूसरे से चिपके हुए चिपको डांस का बहुत ही अधिक कामुक दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे।

रितु भाभी भी सब देख रही थी और मौका मिलते ही उसने मुझको अपने कब्ज़े में ले लिया और मौसी को उसी कड़क लड़के के साथ भिड़ा दिया।

रितु भाभी के साथ डांस करते हुए मेरी नज़र सुंदर लड़की सुशी पर ही टिकी हुई थी और वो भी मुझको खुले आम घूर रही थी।

धीरे से मैं रितु भाभी को नाचते हुए सुशी के निकट ही ले गया और फिर हम दोनों ने मिल कर अपने पार्टनर्स बदल लिए। सुशी का शरीर बहुत ही सुंदर डील डोल वाला था और वो गुलाबी रंग के सलवार सूट में बहुत आकर्षक लग रही थी।

हम दोनों एक दूसरे की आँखों में आँखें डाल कर चिपको डांस कर रहे थे। सुशी के गोल और सॉलिड मम्मे मेरी चौड़ी छाती से टकरा रहे थे और मेरे हाथ उसके चूतड़ों पर टिके हुए थे। कमरे की मद्धम रोशनी में हमारी हरकतें और दूसरों की हमको नहीं दिखाई दे रही थी।

मैंने महसूस किया कि सुशी मेरे लण्ड को कभी हाथ से और कभी अपनी चूत से बार बार छू रही थी और मैं भी मौका मिलते ही उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से ही हाथ लगा देता था।

डांस करते हुए हम दोनों ने हल्की किसिंग भी कर ली और एक प्रगाढ़ आलिंगन में तो हम बंधे हुए ही थे।

हम को डांस करते हुए कुछ ही क्षण हुए थे कि एक तेज़ तर्रार लड़की ने सुशी को हटा दिया और खुद उसकी जगह ले ली। पहले तो यह मुझको बहुत बुरा लगा लेकिन मैंने अपने क्रोध पर काबू पाने के बाद उस नई लड़की की तरफ देखा।

लड़की दिखने में काफी सुंदर थी लेकिन ऐसा लगता था कि काफी अमीर माँ बाप की एकलौती संतान थी जिसके कारण वो अपने आप को काफी ऊंचा और अलग समझती थी। उसने शुरू से ही मुझको एक बड़ी टाइट जफ्फी मार दी थी जिससे हमारे सब अंग एक दूसरे के शरीर से जुड़ चुके थे।

उसके होंठ मेरे होंटो पर थिरक रहे थे और मैं बड़े मज़े से उसके शहद भरे होटों को चूसने में लीन हो गया था।

उसके साथ चिपको डांस करते हुए मैं बहुत ही अधिक सेक्सी हो गया और मेरे हाथ उसके जिस्म पर हर जगह पर कत्थक डांस करने में संलग्न हो गए थे।

वो भी कोई कम बेशर्म नहीं थी, उसने खुले आम मेरे लण्ड को मेरी पैंट में से निकाल कर उसको हाथ में ले लिया और मेरे पीछे खड़े होकर मेरे एकदम मस्त अकड़े और सीधे तने लण्ड को हवा में लहलहाने लगी। वो शायद खुद हैरान थी क्यूंकि उस ने इतना लम्बा और मोटा अकड़ा हुआ लण्ड पझले कभी देखा नहीं था।

हालाँकि डांस अपनी पूरी मस्ती के साथ चल रहा था लेकिन कुछ लड़कियों की निगाहें मेरे सजीले और हठीले लौड़े पर ही टिकी हुई थी।

मौसी और रितु भाभी यह काण्ड देख रही थी, वो जल्दी से मेरे पास आई और उस लड़की के कान में कहा कि इस लण्ड को छोड़ दो! पर वो लड़की भी अमीरजादी थी, बोली- यह लण्ड मेरे लिए है सिर्फ! कौन माई की लाल है जो इस खिलौने को मुझसे छीन ले?

सुशी जो यह तमाशा देख रही थी, वो भी जल्दी से हमारे पास आ गई और उस बिगड़ी अमीरन बाई के हाथ से लण्ड छीन लिया और खुद अपने हाथ में ले कर उसके साथ खेलने लगी।

उधर मौसी और रितु भाभी दोनों को समझा रही थी कि छोड़ो यह झगड़ा और डांस करो नहीं तो अभी डांस बंद कर देंगी वो!

अमीरन एकदम गुस्से में लाल पीली होने लगी और उसने ज़ोर लगा कर सुशी का हाथ झटक दिया और मेरे लण्ड के आगे खड़े होकर अपनी गांड के नीचे सलवार के अंदर छिपा दिया और कड़क कर बोली- खबरदार, इस लण्ड को हाथ भी लगाया किसी ने, यह मेरा है।

मैं अमीरन की चूत के ठीक नीचे उस की सलवार के बाहर से अपने लण्ड को आगे पीछे करने लगा जिसे देख कर सारे युवा डांसर्स ज़ोर से हंसने लगे और मेरे पीछे खड़े होकर मेरे चूतड़ों को धक्का मारने लगे और साथ में मज़ाक में ‘हई शाह…’ नारा भी लगाने लगे।

मौसी और रितु भाभी तो हंसी के मारे लोटपोट हो रही थी और बाकी लड़कियों अपने मुंह पर चुन्नी रख कर खिलखिला कर हंस रही थी।

यह देख कर अमीरन को एहसास हुआ कि शायद वो कुछ गलत कर रही है तो उसने मेरे लण्ड को छोड़ दिया और आगे जाने लगी लेकिन मैंने भी अपने खड़े लण्ड को अमीरन की सलवार के नीचे चूत पर टिकाये रखा और उसको कमर से पकड़ा और अपने से चिपकाए रखा।

मेरा लण्ड अमीरन की चूत के नीचे से सलवार के बाहर से उसको रगड़ा मारता रहा और यह काम बकायदा म्यूजिक की लय से डांस की थिरकन के साथ होता रहा। मेरी देखा देखी दूसरे लड़के भी अपने लण्ड को पैंटों से निकाल कर अपनी पार्टनर्स की सलवार के नीचे से उनकी चूत पर रख कर डांस की लय में धक्के मारते रहे।

देखते देखते ही डांस का माहौल इतना गर्म हो गया कि मौसी और भाभी दोनों ही बैठ कर अपने हाथ को साड़ी के अंदर डाल कर अपनी भग को मसल रही थी।

डांस बड़े ही सेक्सी स्टेज पर चल रहा था और सबसे पहले ही अमीरन मेरे कान में बोली- किसी कमरे में ले चलो ना प्लीज… अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

मैंने रितु भाभी को आँखों आँखों में दूसरी जगह के इंतज़ाम करने के लिए कहा लेकिन भाभी इशारे में बोली- यहीं कर लो जो कुछ करना है। मैंने अमीरन के कान में यह सन्देश दे दिया लेकिन वो नहीं मानी और बोली- अकेले कमरे का इंतज़ाम कर लो प्लीज?

उधर वो धाकड़ लड़का जिसका नाम सुशील था वो गौर से हमारी हरकतें देख रहा था, वो अपनी पार्टनर्स के साथ डांस करते हुए हमारे पास आ गया और बोला- क्या बात है सोमू जी? कोई दिक्कत है क्या?

मैंने उसकी पार्टनर की तरफ देखा, वो भी कामअग्नि से तड़प रही थी और सुशील की पैंट में भी काफी मोटा उभार आया हुआ था। मैंने उसको अमीरन की इच्छा से अवगत करा दिया और वो कुछ देर सोचते हुए बोला- अगर हम यहाँ पूरा अँधेरा कर लें और लाइट का हल्का बल्ब जला लें तो हम सब कुछ यहीं कर सकते हैं। क्यों मैडम?

अमीरन कुछ झिझकते हुए बोली- यहाँ हर हाल में सबको यह पता चल जाएगा कि किसने किस के साथ क्या किया था, कोई प्राइवेसी नहीं रहेगी? और फिर हम कोई सामूहिक चोदन तो कर ही नहीं रहे, सब केवल अपने अपने पार्टनर्स के साथ सेक्स करेंगे?

इतने में मौसी भी टहलती हुई वहाँ आ गई और सारी प्रॉब्लम सुन कर बोली- बिलकुल असम्भव है यह सब! याद रखो हम यहाँ शादी के लिए आये हैं ऐसी कोई हरकत बर्दाश्त नहीं की जायेगी जिससे इस खानदान या फिर बारातियों के ऊपर कोई आंच आये! समझ गए सब? तुम सबको एक घंटा और देती हूँ, जो भी थोड़ी बहुत ऐश मौज करनी है, कर लो, उसके बाद खेल खत्म।

यह सुन कर अमीरन मुझको खींचती हुई कमरे के अँधेरे कोने में ले गई और खूब जम कर लबों पर चुम्बन देने लगी। मेरे हाथ भी उसके गोल गुदाज स्तनों पर मस्ती से चल रहे थे और उसकी कमीज और ब्रा के ऊपर से उसके चूचुकों को गोल गोल उंगली में घुमा रहे थे।

एक हाथ मैंने उसकी सलवार के अंदर डाल कर उसकी सफाचट चूत को भी महसूस किया। उसकी चूत भी कामुक अग्नि के कारण एकदम गीली हो रही थी।

अपने होंठ उसके लबों के ऊपर रख कर मैंने एक हाथ से उसकी चूत की भग को भी सहलाया और उसका भी हाथ मेरे लौड़े के इर्द गिर्द चक्कर लगा रहा था और मुठी मारने की कोशिश कर रहा था।

कमरे में सब जोड़े एक दूसरे के साथ अलग प्रकार की छोटी चुदाई में संलग्न हो रहे थे और इस छोटी चुदाई में सब कुछ हो सकता था सिवाए लण्ड और चूत के मिलन के!

अमीरन ने अपनी कमीज को ऊपर कर दिया था और अपनी ब्रा को भी ऊपर कर दिया था जिससे मैं उसके मम्मों और चूचियों को बड़े आराम से चूस सकूँ। अब अमीरन मेरे बाहर निकले हुए लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी और काफी गहराई तक मुंह में ले जाने लगी।

मेरे साथ बैठा जोड़ा 69 पोजीशन को अंजाम दे रहा था दोनो खूब मज़े से एक दूसरे को चूस और चाट रहे थे। अमीरन के मम्मे बड़े ही खूबसूरत और अच्छे रख रखाव के कारण बहुत ही आकर्षक लग रहे थे और उसकी सलवार को खोलने के बाद मैं भी उसके स्पाट पेट को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा और थोड़ी देर में ही वो झुरझुरी लेते हुए स्खलित हो गई।

अमीरन जब छूट रही थी तो उसने अपनी गोल रेशमी जांघें मेरे सर के चारों तरफ करके मेरे सर को बुरी तरह से जकड़ रखा था, यहाँ तक कि मुझको सांस लेने में भी काफी मुश्किल हो रही थी।

जैसे ही अमीरन छूटी तो वो अपनी सलवार संभालती हुई एक साइड में हुई और उसकी जगह मेरी प्यारी और खासमख़ास सुशी आ धमकी और आते ही मेरे लौड़े को मुंह में लेकर तेज़ी से चूसने लगी। मैं भी उसके सॉलिड और गोल स्तनों को चूसने लगा और उसकी सलवार को ढीला करके उसकी बालों भरी चूत को मसलने लगा।

हमारा यह कार्यकर्म चल ही रहा था, तभी रेवा भाभी जिसको मौसी अपने साथ ले कर आई थी मेरे और सुशी के पास आकर खड़ी हो गई और बड़ी ही दयनीय नज़रों से हम दोनों को देखने लगी। मैंने रेवा भाभी को खींच कर अपने साथ जोड़ लिया और उसकी साड़ी में एक हाथ डाल कर उसकी एकदम पनियाई चूत पर हाथ फेरने लगा।

अब मेरे दोनों हाथ दो सुंदर चूतों पर टिके हुए उनको बाकायदा मसल रहे थे और उन दोनों के चेहरे पर आ रहे हाव भाव से साफ़ दिख रहा था कि वो काफी आनन्दित हो रही थी।

क्यूंकि रेवा भाभी इतने सारे टाइम केवल जवान लड़के लड़कियों को आपस में प्रेम क्रीड़ा करते हुए देख रही थी, वो बेहद गर्म हो चुकी थी और मेरे थोड़े देर के हाथ लगाई से ही वो चरमानन्द को प्राप्त हो गई थी।

उसकी जांघें मेरे हाथ को अपने बीच जकड़ कर ज़ोर ज़ोर से कंपकपी करने लगी। जब रेवा भाभी की कंपकपी रुकी तो उसने झुक कर मेरे लबों पर एक मस्त चुम्मी दे डाली और मैं भी उसके मस्त गोल नितम्बों को मसलने लगा।

मैंने सुशी को अपने लौड़े की चुसाई से उठाया और उसको और रेवा भाभी को एक सांझे आलिंगन में बाँध लिया।

अभी मैं दोनों खूबसूरत औरतों का आनन्द ले ही रहा था कि कमरे में लगे टेलीफोन की घंटी बज उठी और चुदाई में संलग्न लड़के और लड़कियाँ एकदम सजग हो कर खड़े हो गए। जब तक मौसी फ़ोन उठाती तब तक मैंने कमरे का एक जायज़ा ले लिया।

आमतौर पर सब लड़कों के लौड़े उनकी पैंटों के बाहर लटक रहे थे और लड़कियों की सलवारें ढीली हुई उनके घुटनों तक आई हुई थी और उन के मम्मे भी खुले हुए हवा में लहरा रहे थे।

मौसी ने फ़ोन सुनने के बाद कहा- लड़की के चाचा और ताऊ जी इधर आ रहे हैं, आप सब अपने कपड़े पहन लो और जल्दी से निकलो यहाँ से… जल्दी करो प्लीज… आपके पास सिर्फ 5 मिनट हैं यहाँ से भागने के लिए!

इन 5 मिनट की अफरा-तफरी देखने लायक थी सब मौजूद लड़के और लड़कियाँ अपने को सँभालने में लगे हुए थे। लड़कों को तो सिर्फ अपने लण्डों को ही सम्भालना था, वो सबसे पहले वहाँ से खिसक लिए और लड़कियाँ अपनी सलवारें और कमीज़ें ठीक करने लगी लेकिन जाने से पहले सब लड़कियों ने एक एक कर मुझ को बहुत ही कामुक जफ्फी मारी और हॉट चुम्मी भी दी।

दिल्ली की शादी में आये कामुक आनन्द को मैं हमेशा ही याद रखूँगा क्योंकि यह हर तरह से निराला था।

मैं नहीं जानता कि आमतौर पर अन्य शादियों में ऐसा ही होता है या फिर यह सिर्फ ठाकुरों के खानदानों में ही ऐसा होता है क्यूंकि अक्सर ठाकुर लोग उस ज़माने में काफी ऐय्याश माने जाते थे जहाँ पतुरिया का नाच शादी ब्याह में करवाना एक साधारण बात थी लेकिन इस तरह के सामूहिक छेड़छाड़ का प्रोग्राम शायद ही किसी शादी ब्याह में हुआ हो!

कहानी जारी रहेगी। [email protected]