चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-12

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नीता बोली- चलो आप सब लोग अपने बचपन के किस्से सुनाओ। मैंने कहा- अच्छा ठीक है चलो बातें करते हैं।

नीलेश बोला- तो एक काम करते है, अंदर किसी कमरे में चलकर बातें करते हैं, यहाँ तो सब कोई अलग अलग बैठा है। यहाँ तो कोई सोफे पर है तो कोई जमीन पर।

मैंने कहा- चलो तुम्हें एक बेहतरीन कमरे के दर्शन कराता हूँ, हम सब वह आराम से बैठ के बातें कर सकते हैं। मैंने कहा- नीलेश तू बोतल उठा, नीता तुम चखना, मधु तुम पेप्सी कोक वगैरह।

सबको कुछ न कुछ उठाने को बोलकर में हाथ हिलाता हुआ चल दिया। सीढ़ियों के नीचे एक टेबल पर लैंप था, मैंने कहा थोड़ा झुककर निकलना। उस लैंप को मैंने घुमाया तो उसके बीचों बीच एक नंबर डायल करने के लिए कैलकुलेटर नुमा चीज़ आ गई मैंने उसमे कोड डाला तो सीढ़ियों के नीचे एक दरवाज़ा खुला।

दरवाज़ा खुलते ही लोग दरवाज़े की ओर न देखते हुए मेरी तरफ देखने लगे। नीलेश बोला- साले, तुझे कैसे पता ये सब? मैंने कहा- तू नीचे तो चल!

मैं सबसे आगे गया और सीढ़ियाँ उतरने लगा। नीचे की इस जगह को एक कमरा या हाल कहना गलत होगा। ये पूरा कमरा एक जंगल थीम पर तैयार किया गया था, ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे की जंगल की किसी बड़ी सी गुफा में आ गये हों।

सभी लोग मेरे पीछे सामान पकड़े बिना कुछ बोले चुपचाप चल रहे थे और इधर उधर नजर घुमा कर इस जगह का अवलोकन कर रहे थे। तो इस बड़ी सी जंगल की गुफा में एक कोने पर ऊपर से नुकीले चट्टान दिख रही थी और वहीं से पानी भी आ रहा था जिससे कमरे की बिल्कुल बीचों बीच एक तालाब नुमा छोटा सा पानी का चश्मा दिख रहा था। गुफा के हर कोने पर और कई जगह पर मशालें जल रही थी जिससे कुछ साफ़ दिखाई तो नहीं पड़ रहा था पर हाँ दिख रहा था।

चश्मे के उस तरफ बैलगाड़ी में लगने वाली बग्गी थी जिस पर सुखी घास बिखरी हुई थी। उसी के बगल में एक और काफी ऊँची घास का ढेर भी लगा हुआ था।

ऐसी जगह को देखकर शिखा और नेहा बोली- आप तो टीवी ही देखो, हमें कहाँ यहाँ जंगल में ले आये। हमें डर लग रहा है। पर नीलेश की ठरक ने तेजी से काम किया और वो बोला- अरे तुमने देखा नहीं, हम लोग घर के अंदर ही है। इस कमरे को कितने अच्छे से बनाया गया है कि जंगल लगे।

और वैसे भी घरों पर नार्मल सोफे पर तो रोज़ बैठकर बातें करते हैं। जब घूमने आये है तो चलो क्यूँ न जंगल का मज़ा लिया जाए। और यह सेफ भी है क्योंकि है तो घर के अंदर।

उन लोगों को जवाब देने से पहले ही मेरी तरफ मुड़ा और बोला- अब तो बता दे तुझे कैसे पता कि इस घर में कहाँ क्या है और उसका कोड क्या है? मैंने कहा- तू आम खा… गुठलियाँ तो मेरे लिए छोड़ दे।

नीलेश जिद करने लगा तो मैंने कहा- चलो ठीक है, आज का गेम यह है कि कोई किसी से भी किसी भी तरह का सवाल कर सकता है और उसे सच सच जवाब देना होगा। नीता बोली- तो आप ही से शुरू करते हैं? बताओ आपको कैसे पता…

मैं उसकी बात पूरी होने से पहले ही बीच में बोला- सबसे पहले चश्मे के उस तरफ चलो और चलकर सब अपनी तशरीफ़ उस घास पर रखो!

सभी लोग उस तरफ जाने लगे। ‘और दूसरी बात यह है कि गेम मैंने शुरू किया है तो सबसे लास्ट में ही होऊँगा जो जवाब देगा। तो सबसे पहले कौन है जो मैदान में आना चाहता है।’ कोई कुछ नहीं बोला पर हम सब घास तक पहुँच चुके थे।

मैं जाकर बैलगाड़ी वाले गाड़ी पर बिछी घास पर लेट गया। नीता बोली- ओके मैं तैयार हूँ, आप मुझसे कुछ भी पूछ सकते हो।

मैंने कहा- मैं नहीं, सभी लोग मिलकर निर्णय लेंगे कि आखिर सवाल पूछेगा कौन? और हाँ आपको सवाल तब तक पूछा जायेगा जब तक सभी आपके जवाब से संतुष्ट नहीं हो जाते।

पिछले तीनों खिलाड़ी तो चेहरे से संतुष्ट दिखाई पड़ रहे थे, उन्हें तो पता ही था कि खेल चाहे जो हो, यहाँ चुदाई तो होगी ही और मज़ा आएगा। पर बेचारी नई कलियाँ नेहा और शिखा आने वाले खेल का न ही अंजाम जानती था, साथ ही थोड़ी घबराहट भी चेहरे पर साफ़ दिखाई पड़ रही थी।

इसी बीच मैंने कहा- सवाल पूछने के लिए मैं मधु को नियुक्त करता हूँ जो नीता से सवाल करेगी और नीता के जवाब से अगर कोई असंतुष्ट होता है तो वो उसके आगे के सवाल कर सकता है।

नेहा और शिखा भी जिज्ञासु दिखाई दिए कि आखिर खेल समझने का मौका तो उन्हें मिलेगा ही और साथ ही यह भी देखना है कि सवाल किस तरह के होते हैं।

इधर नीलेश ने बोतल खोल ली थी और अब तक दो पेग बना चुका था, बाकी चखने का आइटम भी खुल गया था। मधु- नीता, यह बताओ कि किसी सेलिब्रिटी के साथ रात गुजरने को मिले तो तुम ख़ुशी ख़ुशी उसके साथ सोने के तैयार हो जाओगी? और थोड़ा खुल कर बताओ कि वो दिन और रात तुम कैसे गुज़ारना पसंद करोगी?

मधु के मुंह से ऐसे सवाल को सुनकर नेहा और शिखा के कान गर्म हो गए, वो दोनों एक दूसरे को देख रही थी।

नीता थोड़ा सोचकर- मैं क्रिस गेल के साथ अपनी एक शाम गुज़ार सकती हूँ। और मेरी दिन और रात से कोई बड़ी उम्मीद नहीं है। वो मैं अपने सेलिब्रिटी के हाथ में छोड़ती हूँ, वो मुझसे जैसे चाहे व्यवहार कर सकता है।

नीलेश- तुम्हारी पसंद क्रिस गेल !! क्यूँ है? उसमें तुम्हें क्या अच्छा लगा? नीता द्वि अर्थी अंदाज़ में- उसका साइज… फिर थोड़ा मुस्कुराकर- मतलब उसकी कद काठी।

नेहा और शिखा थोड़ा सा हल्का महसूस कर रही थी और इस तरह की वार्तालाप के कारण शायद अब वो थोड़ी गर्म होना शुरू हो गई थी।

नेहा थोड़ी हिम्मत दिखाते हुए- पर भाभी आपको नहीं लगता कि वो राक्षस आपको मसल डालेगा? नीता सवाल खत्म होने से पहले ही- यही तो असल बात है, मैं चाहती हूँ कि मुझे कोई ताकतवर आदमी मसल डाले… फिर चाहे मैं जिन्दा भी न बचूँ तो भी चलेगा। और हंसने लगी।

सभी एक दूसरे की शक्ल देखने लगे कि कोई और सवाल पूछने वाला है क्या। तब मैं बोला- नीता ने सभी को अपने जवाब से संतुष्ट कर दिया और बहुत अच्छी पारी खेली। अब अगले शख्स का नाम नीता बोलेगी। नीता बोली- भाभी… मैंने कहा- यहाँ कोई भाभी नहीं है। नाम बोलो कौन? नीता बोली- मधु!

मधु- मुझे पता था तुम मेरा ही नाम लोगी, पूछो क्या पूछना चाहती हो? नीता- हाँ तो भाभी, ओह्ह सॉरी सॉरी हाँ मधु, तुम बताओ कि तुमने कभी बाहर खुले में सेक्स किया है? यदि हाँ तो कितनी बार? थोड़ा शरारती मुस्कान के साथ- कितनों के साथ?

मधु बेशर्मी से- मैंने तो कई बार खुले में शारीरिक सम्बन्ध बनाए हैं। मतलब मैं गिन नहीं सकती… इतनी बार! पर हाँ यह बताना आसान होगा कि मैं कितनों के साथ सम्बन्ध बना चुकी हूँ। फिर अपने हाथ की उँगलियों पर गिनते हुए हवा में ऊपर देखकर याद करते हुए गिनती रही। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मधु को गिनती गिनते देख नेहा और शिखा के होश फाख्ता हो गए थे। फिर हँसते हुए बोली- एक के साथ! तुम्हारे और हम सबके प्रिय राहुल के साथ।

नीलेश- चलो कोई नहीं, आपने बड़े मजे से बताया कि एक के साथ… पर अगर मौका मिले तो किसके साथ कर सकती हैं? मधु- यह तो वही सवाल नहीं है? यह तो बिल्कुल अलग सवाल है। आप अगली चाल का इंतज़ार करो।

शिखा- अच्छा ठीक है, इतनी बार आप बाहर खुले में सम्बन्ध बना चुकी हो आपको डर नहीं लगा कि कोई देख लेगा? मधु- देख ले तो देख ले, अपनी पति के साथ ही तो कर रही हूँ, उसमें मुझे क्या शर्म। वैसे उसे भी शर्माने की ज़रूरत नहीं है, देख ले आराम से मैं अपने पति से कैसे प्यार करती हूँ।

नेहा- अच्छा तो आप अपनी बाहर की ऐसे पांच जगह के नाम बताओ जहाँ आपने राहुल के साथ सम्बन्ध बनाए और आपको बहुत मज़ा आया?

मधु- मुझे मेरे पति के साथ हर जगह आनन्द की अनुभूति होती है। पर हाँ कुछ यादगार लम्हें बन जाते हैं, ऐसी 10 जगह हैं, पहला नेहरू पार्क, वो मेरा पहला खुले में सम्बन्ध बनाने का अनुभव था। दूसरा अतुल भैया की शादी में धर्मशाला में जहाँ हमारे बगल में पचासों बाराती सोये हुए थे। तीसरा इन्होंने मुझे झूले में भी नहीं छोड़ा था। चौथा ट्रेन में॥ फिर हंसने लगी- पांचवा अभी कुछ दिन पहले आपके यहाँ छत पर! फिर और जोर से हंसने लगी।

सभी लोग बेबाकी से दिए हुए जवाब से स्तब्ध थे। और साथ ही नेहा और शिखा जो आज ही जवान हुई थी, उनमें फिर से चुदने की ललक साफ दिखाई पड़ने लगी।

तभी मैंने कहा- हाँ मधु, अब कौन से पूछे सवाल? मधु बोली- नेहा! और सवाल नीलेश भैया पूछेंगे। नेहा- ओए नीलेश, मुझसे अच्छे और आसान सवाल पूछना।

नीलेश- तो बताओ तुम्हारी ब्रा का साइज क्या है? नेहा- अरे यार, ये कोई सवाल हुआ? नीता- अरे आपसे वाकई कितना आसान सवाल किया है। नेहा- 34 डी

मैं राहुल- हमें भरोसा नहीं है, ब्रा खोल कर दिखाओ। नेहा मुझे घूरते हुए- ये कोई बात नहीं हुई। नीलेश- यार राहुल, इनके कच्चे चावल कर दो, ये लोग न सिर्फ खेल बिगड़ेंगी।

नेहा गुस्से में उबलते हुए अपना हाथ पीठ के पीछे डाला और ब्रा खोल कर बिना कोई और कपड़ा निकाले, निकाल कर हमारी ओर फेंक दी। नेहा- ये लो देख लो।

नीलेश ने ब्रा कैच की और उस पर नंबर पढ़ के उसे अपने पास ही साइड में रख दिया। मैंने कहा- अच्छा अब तुम बताओ, किससे सवाल करें और सवाल कौन करेगा।

नेहा बोली- अब बारी नीलेश की और सवाल में ही पूछूंगी। नीलेश मुस्कुराता हुआ अपना चेहरा नीचे करके सवाल का इंतज़ार कर रहा था।

नेहा- आपकी बीवी ने खुलकर बताया कि वो क्रिस गेल के साथ एक रात गुज़ार सकती है? पहली बात क्या अगर क्रिस गेल तैयार हो जाता है तो आप उन्हें ऐसा करने देंगे? दूसरा अगर वो भी आपको छूट देती है तो आप किस सेलिब्रिटी के साथ अपनी शाम रंगीन करना पसंद करेंगे?

नीलेश- हाँ बिल्कुल, मुझे इसमें कोई एतराज़ नहीं है अगर वो क्रिस गेल के साथ बिस्तर गर्म करना चाहे तो कर सकती है। नीता की तरफ देखते हुए- एक ही ख्वाहिश रहेगी कि वो ये सब कुछ मेरे सामने करे। और दूसरे सवाल का जवाब है कि मैं अपनी एक शाम पूनम पांडे के साथ गुज़रना चाहूंगा।

शिखा- तुझे बुरा नहीं लगेगा तेरी बीवी किसी और के साथ तेरे ही सामने? एक लम्बे रुकावट के बाद- ऐसा सिर्फ तुम बोल रहे हो, मैं इस बात से असंतुष्ट हूँ।

मैं राहुल- तो शिखा तुम ही बताओ कि वो कैसे इस बात को साबित करे कि तुम इस बात से संतुष्ट हो जाओ। शिखा- अब अभी तो कुछ भी साबित नहीं हो सकता न, क्रिस गेल तो यहाँ है नहीं।

फिर नीलेश की तरफ देखते हुए-) इसका मतलब तेरी बीवी को कोई भी हाथ लगाए तो तुझे बुरा नहीं लगेगा? नीलेश- यार शिखा, देख कोई मेरी बीवी को हाथ लगाए और मेरी बीवी को भी अच्छा लगे तो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है। मैं अपनी बीवी की ख़ुशी से खुश हूँ।

शिखा नीता की तरफ देखकर- अगर राहुल तुम्हें हाथ लगाए तो तुम्हें अच्छा लगेगा या बुरा? बोलो? मधु- इस समय सवाल केवल नीलेश से किया जा सकता है? नीता- कोई नहीं मधु, मैं भी देखना चाहती हूँ कि मेरा पति कितना सच बोल रहा है।

शिखा नीलेश की तरफ देखकर- अब बोल तेरी बीवी ही तेरी बात से संतुष्ट नहीं है। नीलेश मेरी तरफ देखकर- भाई मेरी बीवी ही मेरी बात से संतुष्ट नहीं है, अब मैं क्या करूँ? मैं राहुल- शिखा तुम क्या चाहती हो? नीलेश तो अपनी बात से मुकर नहीं रहा और कम से कम दो लोग इस बात से अंसतुष्ट है। और कोई है जो नीलेश की बात से सहमत नहीं है? हाथ खड़ा करो।

शायद मधु भी समझ गई थी कि यही तरीका है जिससे ये दो नई लड़कियों को लपेटे में लिया जा सकता है। तो शिखा, नेहा, मधु और नीता सभी ने हाथ खड़ा कर दिया। नीलेश- भाई तू तो मानता है न कि मैं सही बोल रहा हूँ। मैं राहुल- मेरे अकेले के मानने से कुछ नहीं होगा यार!

कहानी जारी रहेगी। [email protected]

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