पड़ोसन लौंडिया की सील पैक चूत फाड़ी

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

आप सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार.. मैं 30 साल का गुना मध्यप्रादेश से अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ।

आप सभी के लिए आज कुछ अपने दिल की ऐसी बात बताने जा रहा हूँ.. जो आज तक किसी को नहीं बताई है। मेरी गर्लफ्रेंड रचना (परिवर्तित नाम) जो मेरे पड़ोस में रहती है, इस घटना के समय वो 18 साल की थी और आज 21 साल की मस्त माल बन गई है। उसका फिगर 32-34-28 का है। उसी के साथ मेरी कहानी आज से तीन साल पहले की है.. हम दोनों के घर पास-पास ही हैं और एक-दूसरे के घर आना-जाना भी रहता है।

यह बिल्कुल सत्य घटना है.. आप यकीन करो या ना करो मगर सत्य है।

मेरे पैर का ऑपरेशन नारायण सेवा संस्थान उदयपुर में होना था। एक साल बाद मेरे ऑपरेशन का नंबर आना था। उससे 3 महीने पहले एक दिन मेरे घर पर कोई नहीं था.. तो मैंने रचना को चाय बनाने के लिए अपने घर पर बुलाया।

वो आ गई.. मैंने उसे बताया कि रसोई में सब सामान है जाकर देख लो और चाय बना दो। वो चाय बनाने के लिए रसोई में जाने के लिए जैसे ही वो पलटी.. तो मैंने उसे पकड़ लिया।

वो एकदम से घबरा गई और बोलने लगी- यह क्या कर रहे हो। वो भाग गई.. फिर दो मिनट बाद आ भी गई और बिना कुछ बोले चाय बनाने लगी।

मैंने फिर से उसे पीछे से पकड़ लिया.. तो वो बनावटी छुड़ाने का नाटक करने लगी। मैंने उसे छोड़ दिया और वो हड़बड़ाहट में शक्कर की जगह नमक डाल कर चली गई। अब मुझे भय था कि वो किसी को बोल ना दे।

खैर.. उसने किसी को नहीं बोला। इस घटना के बाद वो मुझे तिरछी नज़रों से देखने लगी।

करीब एक हफ्ते बाद उसके यहाँ उनकी दादी खाना बना रही थीं.. तो मैं उनके घर में चूल्हे के पास बैठी उसकी दादी से बातें करने लगा। इतने में मेरी जानम भी आ गई और मेरे पास बैठ गई। मैंने अपने मोबाइल में संदेश लिखा- आपको बुरा तो नहीं लगा?

उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की.. मैंने दूसरा संदेश लिखा- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ.. अगर आप भी करती हो तो ‘एक’ दबा कर मुझे मोबाइल वापस दे देना.. नहीं तो ‘दो’ दबा देना। मैंने मोबाइल उसके हाथ में दिया.. तो उसने संदेश पढ़ा.. और ‘एक’ दबाकर प्यार जाहिर कर दिया।

अब तो मेरी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, मैं बहुत खुश हो गया, मैंने उसे संदेश में ‘थैंक्स’ बोला।

कुछ पल बाद उसकी दादी अन्दर गईं.. तो मैंने उससे कहा- मेरा प्यार अपनाने के लिए थैंक्स। मैंने उसके हाथ को पकड़ कर मसल दिया।

इसके बाद तो मैं उसे.. और वो मुझे देखे बिना नहीं रहते थे और मौका मिलता तो कुछ प्यार भरी बातें भी करते।

ऐसे ही दो महीने बीत गए। फिर एक दिन मैंने उससे बोला- मैं आपको किस करना चाहता हूँ। वो मना करने लगी.. पर मेरी रिक्वेस्ट करने पर उसने मुझे किस कर दिया और मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिए। अब तो जब भी मौका मिलता.. हमारा ऐसे ही चूमचाटी चलने लगी।

फिर एक दिन दोपहर को मेरे घर पर कोई नहीं था और उसकी मम्मी सो रही थीं। मैंने उसे इशारा किया कि मैं आपसे बात करना चाहता हूँ।

दोपहर में गर्मियों में मोहल्ले में सब लोग सो जाते हैं.. तो सुनसान था। वो समय निकाल कर आ गई। वो जैसे ही अन्दर आई.. तो मैंने दरवाजा बंद कर लिया और उसे बेतहाशा चूमने लगा, वो भी पूरा साथ दे रही थी, मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया.. तो उसने भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी।

इस तरह कुछ मिनट की चूमाचाटी के बाद.. वो शायद गर्म हो कर झड़ गई थी। अब मैंने धीरे से एक हाथ उसके मम्मों पर रख दिया और उसे धीरे से दबाने लगा… तो वो मना करने लगी। ‘प्लीज़ इन्हें मत दबाओ..’ मैंने नहीं दबाए..

फिर कुछ देर बाद मैंने उससे कहा- प्लीज़ आराम से दबाऊँगा.. करने दो न.. उसने ‘हाँ’ कर दी.. फिर तो मुझे मस्ती आने लगी और मैं उसके मम्मों को दबाने लगा। क्या मस्त मम्मे थे.. 32 साइज़ के रसील आम जैसे।

क्या कहूँ यारो.. मुझे बहुत जोश आने लगा.. मेरा मन दबाने के साथ ही उनको पीने का भी कर रहा था.. तो मैंने कहा- रचना जानेमन.. मैं इनको चूसना चाहता हूँ।

पहले उसने मना कर दिया.. लेकिन मेरे मनाने के बाद वो मान गई तो मैंने अपने सारे कपड़े निकाल लिए और उसके भी निकलवा दिए। मैंने उसके मम्मों को मुँह में लेकर चूसा।

मुझे तो ऐसा लगा रहा था जैसे मैं तो जन्नत में हूँ। मैंने काफ़ी देर तक चूचे चूसने के बाद उसके सारे बदन को खूब दबाया। वो भी मस्ती में मचल रही थी.. फिर मैंने अपना लंड उसे पकड़ाया और उससे बोला.. तो वो मेरा लवड़ा दबाने लगी और आगे-पीछे करने लगी।

मैं उसकी चूत चाटने लगा, मुझे भी डबल मज़ा आने लगा। वो एक बार झड़ गई थी और अब मैं भी झड़ने वाला था और कुछ ही देर में मैं भी झड़ गया।

कुछ देर हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेटे रहे और मैं उसे लगातार चूमता और चूसता रहा।

करीब आधे घंटे बाद फिर से जोश आने लगा.. तो मैंने उससे पूछा- अन्दर लेना चाहती हो? तो उसने झट से ‘हाँ’ में सिर हिला दिया और मेरा लौड़ा पकड़ लिया। बस फिर क्या था.. एक बार फिर से चूमचाटी चलने लगी।

मैंने कहा- कैसा लग रहा है मेरी जान? वो कहने लगी- मज़ा आ रहा है.. लेकिन डर भी लग रहा था। ‘किस बात का डर?’ ‘यही कि कुछ होगा तो नहीं?’ मैं बोला- नहीं कुछ नहीं होगा.. बस थोड़ा सा दर्द होगा.. उसे सहन कर लोगी तो मज़ा ही मज़ा आएगा।

वो मान गई। मैं उसकी चूत को मसलने लगा.. तो उसने मेरे हाथ को हटाना चाहा.. पर मैंने नहीं हटाया और उसे ज़ोर से मसलने लगा। थोड़ी देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा.. तो वो भी कहने लगी- प्लीज़ अब तो मेरी में डाल दो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।

मैंने कहा- किस में डाल दूँ.. और क्या डाल दूँ.. उसका नाम तो बोल.. उसने झट से बोल दिया- मेरी चूत में अपना लंड डाल दो और क्या? मैंने बोला- ठीक है तो तैयार हो जाओ दर्द सहन करने के लिए।

वो तैयार हो गई.. मैंने तकिया उसकी गांड के नीचे लगाया और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट करके एक हल्का सा धक्का मारा.. तो मेरा आगे का हिस्सा उसकी चिकनी मखमली चूत में घुस गया और वो तिलमिला उठी। मैंने अपना मुँह उसके मुँह पर रख दिया.. जिससे उसकी आवाज़ दबके रह गई।

वो बोलने लगी- आह्ह.. बहुत दर्द हो रहा है छोड़ दो मुझे.. मैं आपसे कभी भी बात नहीं करूँगी। मैं कुछ पल वैसे ही रुका रहा.. जब उसे आराम हुआ.. तो वो ही बोलने लगी- करो न.. पर प्लीज़ आराम से करना। मैंने कहा- ओके..

फिर मैं धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा और मौका देखकर एक जोरदार धक्का मार दिया। मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया और वो रोने लगी.. तो मैंने कहा- अब थोड़ी देर रूको.. फिर दर्द नहीं होगा।

थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ.. तो वो कमर को ऊपर उठाने लगी.. मैं समझ गया कि अब ये लौड़ा लेने को तैयार हो गई है। फिर तो मैं पूरी स्पीड में उसे रगड़ने लगा.. अब उसे भी मज़ा आ रहा था.. तो वो भी सिसकारियाँ भर-भर के चुदवा रही थी। कुछ देर चुदाई के बाद वो अकड़ने लगी और बोली- मुझे कुछ हो रहा है..

वो मेरे सीने से जोर से चिपक गई और झड़ गई। उसके बाद भी मैं उसे धकापेल चोदता रहा और कुछ देर के बाद मेरा भी माल निकलने को हुआ.. तो मैंने उससे बोला- ले.. मेरा भी निकलने वाला है। वो बोली- मेरी चूत में मत डालना.. बाहर निकालो।

मैंने उसके सीने पर वीर्य की पिचकारी निकाल दी।

कुछ पल चरम का आनन्द लेने के बाद फिर से उसी सुख को लेने के लिए हम दोनों तैयार हो गए थे।

उस दिन मैंने उसे एक बार और चोदा और अब जो सिलसिला शुरू हुआ तोअब तक चोद रहा हूँ.. मतलब लगातार 3 साल से उसे पेल रहा हूँ। दो बार तो वो पेट से भी हो गई थी, मैंने किसी तरह उसे दवा आदि दिलवा कर रगड़ा खत्म किया।

पिछले तीन साल से आज तक उसे पेल रहा हूँ.. आज मेरी शादी हो गई और एक बच्चा भी है.. उसकी शादी इस साल होने वाली है। लेकिन हमारा ये प्रोग्राम चलता ही रहता है और आगे भी चलेगा।

दोस्तो, बताना कैसी लगी मेरी आपबीती। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000