मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-3

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

मैंने सलोनी को अपनी गोदी में उठाया तो उसने तुरन्त अपनी गोरी, लंबी चिकनी टांगों को मेरी कमर पर कस दिया, उसकी टाँगें लगभग नंगी थी उसके शॉर्ट्स हमेशा बहुत छोटे होते हैं और सिर्फ़ मुख्य भाग यानि चूत को ही ढकते हैं।

सलोनी को भली प्रकार से ज्ञात है कि उसके बदन का कौन सा अंग खुला रहना चाहिए और कौन सा ढका होना चाहिये जिससे उसकी सेक्स अपील अधिक से अधिक दिखाई दे… इसमें खूब माहिर है मेरी सलोनी!

कमर पर टांगें कसते ही उसके मादक कूल्हे पीछे से जरा से नीचे हुए और सलोनी का सबसे सेक्सी अंग उसकी प्यारी और मुलायम चूत ठीक मेरे लंड पर आ गई।

सामने ही बड़ा सा शीशा लगा है जिसमें मैंने हम दोनों को देखा… सलोनी का पृष्ठ भाग लाजवाब सेक्सी लग रहा था, जैसे ही मेरी निगाह उसके कूल्हों पर गई, मेरा लंड एकदम टनटना गया… क्योंकि इस आसन में सलोनी की शॉर्ट्स उसके चूतड़ों से नीचे खिसक गई थी जिससे उसके सेक्सी चूतड़ों की ऊपरी दरार दिखने लगी थी और वहाँ से सलोनी के चूतड़ों की पूरी आकृति बनी नज़र आ रही थी।

बहुत सेक्सी नज़ारा था… जिसने मेरे लंड को कह दिया कि अब बिना चुदाई किये तो नहीं जाना है।

मैंने अपने हाथों से सलोनी के शॉर्ट्स को और नीचे सरकाना शुरू किया तो सलोनी तुरन्त समझ गई… बस उसकी यही अदा तो मुझे घायल कर देती थी कि वह हमेशा मेरे लिए तैयार रहती थी, उसने कभी मेरी इच्छा का निरादर नहीं किया!

वो तुरन्त नीचे उतरी और खड़ी खड़ी ही शॉर्ट्स को खिसका कर अपने पैरों से निकाल दिया। मैंने उसके टॉप को पकड़ा ही था कि मेरी प्यारी जान ने अपने हाथ ऊपर किए, मैंने उसका टॉप उतार दिया।

सलोनी अब सिर्फ़ एक सेक्सी ब्रा में थी… कयामत लग रही थी! सलोनी ने एक सेक्सी नज़र मुझ पर डाली, अपने रक्तिम होंठों पर अपनी जीभ फिराई… बहुत ही कातिल अदा थी सलोनी की यह!

वो घुटनों के बल बैठी, उसने मेरा लोअर नीचे सरकाया, अंडरवियर मैंने पहना ही नहीं था, सलोनी ने मेरा 6 इंच का लंड आज़ाद किया, उसने एक बार फिर मेरी आँखों में सेक्सी अदा से झांका और मेरे लंड को अपने बायें हाथ से पकड़ कर उसकी आगे की त्वचा को ऊपर खींचा… फिर अपनी जिह्वा से लंड के सुपारे को चाटा…

मेरी तो ‘आआह हहा…’ निकल गई…

उसकी अदायें दिन पर दिन कामुक से भी अधिक कामुक होती जा रही थी, वो मुझको तड़फ़ा रही थी और मैं सिसकारियाँ भरने के अलावा क्या कर सकता था! अब मेरे नाजुक अंग पर उसकी मुट्ठी का अधिकार था, उसके होंठ उसके ऊपर थे, मुझे तो बस शान्त रह कर देखना था कि सलोनी आगे क्या करती है।

और कुछ ही पल बाद सलोनी ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया… लंड पूरा उसके गले के अन्दर तक जा रहा था… उसका थूक इतना अधिक था कि मेरा लंड पूरा गीला होने के बाद भी बाहर बह कर जमीन पर गिर रहा था।

‘अह… आआहह… आआआ अह्हआ ओह्ह हुम्म…’ मेरी तो बस सिसकारियाँ और आहें निकल रही थी।…

कुछ ही देर बाद मेरे धैर्य का अन्त हो गया, सलोनी की गर्म साँसों और लंड चूसने की कलाकारी के आगे मैं कब तक ठहरता, मेरे लंड ने वीर्य उगलना शुरू किया तो सलोनी का मुँह भर गया और उसके गालों, होंठों और ठोड़ी पर भी लग गया।

उस वक्त गज़ब की सेक्सी चुदक्कड़ लग रही थी मेरी सलोनी! मेरे लंड के लावे से भीगी हुई और सेक्सी अदायें दिखाती हुई… हजारों गर्मागर्म कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर…

सलोनी ने तो अपना काम कर दिया, अब बारी मेरी थी… मैंने उसको बाहों में उठाया और उसकी मोहक योनि पर झुका… पहले उसकी खूबसूरती को निहारा और फ़िर उस पर एक गर्म चुम्बन जड़ दिया।

मेरे होंठों के वहाँ छूते ही सलोनी ने एक जोर की सीत्कार भरी… आह अह्ह्ह्हहा आआह…

और तभी… दरवाजा खुलने की आवाज आई… अरे… !!??!! दरवाज़ा लॉक करना तो हम भूल ही गये!!??

मेरा दिमाग तो एकदम से ठण्डा पड़ गया क्योंकि अभी ही मेरे लंड ने गाढ़ा गाढ़ा रस सलोनी के चेहरे पर बिखेरा था, उसका चेहरा मेरे वीर्य से सना हुआ था, मैं सलोनी की फ़ूली हुई चिकनी चूत पर अपने होंठ रख कर उसे सूंघ रहा था।

मेरा एक हाथ सलोनी की पीठ से होते हुए उसके वक्ष को छू रहा था, दूसरा हाथ उसके सेक्सी गोल नर्म चूतड़ों पर था जिसकी उंगलियाँ पीछे से ही उनकी दरार को टटोल भी रही थी।

दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आने के बाद भी एक मिनट तक तो मेरे दिमाग ने काम ही नहीं किया, मैं अपने उसी काम में लगा रहा, सलोनी की प्यारी रस भरी चूत को चूमता रहा। फिर मेरी चेतना लौटी… मेरी सेक्सी बीवी पूरी नंगी वहाँ मेरी बाहों में थी

आने वाला जो कोई भी था, उसने ये सब देखा ही होगा और वो जो भी था, कोई आवाज़ नहीं कर रहा था, उसके बोलने की या कोई भी आवाज नहीं थी।

मेरे मुंह से बस यही निकला- कौन कमबख्त आ गया इस वक्त? और सलोनी, क्या तुमने दरवाजा लॉक नहीं किया था?

सलोनी तो जैसे अन्तर्वासना के मद में मदहोश थी, उसने मेरे सिर को पकड़ रखा था और उसको अपनी चूत से हिलने भी नहीं दे रही थी। उसको तो तुरन्त इसी समय एक जोरदार चुदाई की लालसा थी, वो तो बस अपनी कमर हिला रही थी कि मैं उसकी चूत चाटूँ… उसने तो दरवाजा खुलने की आवाज सुनी भी नहीं होगी… उसके मुख से सिर्फ़ कामुक आहें और सिसकारियाँ ही निकल रही थी ‘अह्ह्ह हाआह… ऊह्ह्ह ह्ह्ह…’

मैंने बड़ी मुश्किल से अपना सिर सलोनी के हाथों से छुड़ा कर उठाया और देखा कि आने वाला है कौन?

कहानी जारी रहेगी।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000