मेरी मदमस्त रंगीली बीवी-17

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अब तक आपने पढ़ा… मेरे बदन का कोई भी अंग ढका हुआ नहीं था, मेरी ब्रा, पैन्टी अंकल पहले ही उतार चुके थे और नाईटी भी जांघों तक सिमटी हुई थी। मैं सोच रही थी कि नाइटी को पूरी उतार दूँ या नहीं!

कि तभी? मेरे सोचने से पहले ही अंकल ने मेरा हाथ पकड़ मुझे बेड पर खड़ी करके अपने हाथों से ही मेरी नाईटी को नीचे सरका कर उतार दिया।

सलोनी की पहली बार चुदाई वो भी इतनी सेक्सी, उसकी उमर से काफ़ी बड़े अंकल के साथ… उसी के मुख से सुन कर मेरी हालत ख़राब होने लगी थी, लग रहा था कि मेरा लंड जल रहा है।

मगर फिर भी मैंने अपने पर काबू किया हुआ था और हाथ को लंड से परे ही रखने का यत्न कर रहा था।

सलोनी आगे की बात बताने लगी- उस दिन पहली बार मैं अंकल के सामने पूरी नंगी हुई थी, पर मुझे कोई खास शर्म नहीं आ रही थी।

अंकल ने अपने हाथों से मेरी कमर पकड़ी और हाथों को मेरे नंगे कूल्हों पर लाकर बोले- तुम्हारी उमर की कमसिन लड़कियाँ ऐसे बेड पर नंगी खड़ी हुई बहुत सुन्दर और मस्त लगती हैं।

मेरी योनि पर हल्के हल्के बाल आने शुरू हुए थे, अंकल ने अपने हाथ से मेरी चूत को सहलाया, बोले- बहुत सुन्दर, बहुत मस्त हो तुम सलोनी… आज मैं तुम्हें खूब मस्ती करवाऊँगा, तुम्हें खूब मजा भी आयेगा।

आज तक मैंने यहाँ केवल पैंटी के ऊपर से देखा था तो मुझे पता नहीं था कि इतनी मस्त चीज हो तुम! सच बताओ ‘क्या कभी किसी और ने तुम्हें नंगी देखा है या तुम्हारी चूत को… इसके साथ किसी ने कुछ किया है?

आह… अह… पता नहीं क्या है कि चुदाई करना सभी चाहते हैं पर यह जानने की इच्छा रखते हैं कि पहले किसी और क्या क्या कर चुका है।

जावेद चचा- तो क्या उन अंकल से पहले भी कभी कुछ? सलोनी ने तुरंत उनको रोक दिया- आअह… आआअ… अरे मैंने बताया तो है कि मैं अपनी पहली बार की चुदाई के बारे में बता रही हूँ तो यह कैसे हो सकता है कि इससे पहले कुछ हुआ हो?

मैंने अंकल को यही कहा- नंगी देखने के बारे में तो नहीं कह सकती, घर में या कहीं किसी फंक्शन में किसी ने देख लिया हो तो? वैसे भी तुम मर्द… ऐसे मौकों पर झांकने से कहाँ बाज़ आते हो?

मैंने यही बताया कि अंकल आप ही पहले पुरुष हो जिसने मुझे इस तरह से छुआ! तो अंकल ज्यादा जोश में आ गये, बोले- कल तेरी योनि को भी पूरी तरह साफ़ करूंगा… यहाँ बाल मत रखा करना… जब यह चिकनी होती है तो इसे चाटने में खूब मज़ा आता है और चूत भी तो शीशे तरह चमकती है।

मैंने अंकल से कगा- धत्त… यह तो गन्दी जगह होती है, यहाँ भी कोई चाटता है क्या? मेरी बात का कोई उत्तर न दे, अंकल ने सीधे मेरी चूत पर अपना मुँह लगा दिया।

एक अजीब सी गुदगुदी… बहुत सा मज़ा… आहहहा… पता नहीं कैसा सा लग रहा था मुझको!

‘हहहआ आऊईई… ये नहीं… आप भी चाटो ना… इसको हटाओ मेरी चूत से! आप भी फिर से चाटो… फिर बताती हूँ आगे क्या हुआ?’ सलोनी चचा को बोल रही थी।

और जावेद चचा ने उसका कहना मान कर अपना लंड सलोनी की चूत से हटा लिया और उसकी चूत के ऊपर अपना मुँह रखकर उल्टा लेट गये।

और फिर से कुछ देर सलोनी की सिसकारी निकलने लगी- आहहहा… हहहआ आऊईई… जैसे उसे अपनी कमसिन उमर की चूत चटाई ही याद आ रही हो!

और वो उन्हीं यादों में खोई बड़बड़ा रही थी- हां हां… ऐसे ही… चचा… ऐसे ही… अंकल भी ऐसे ही कर रहे थे, वे तो मुझको खड़ी भी नहीं होने दे रहे थे… और बैठने भी नहीं दे रहे थे, मेरे पैरों को फैला कर मेरी योनि के अन्दर तक जीभ की नोक से कुरेदने में लगे थे।

आह… आअस्सह… और सच में उस वक्त उनकी वो नुकीली जीभ भी टीस सी दे रही थी क्योंकि बहुत ज्यादा कसे हुए लिप्स थे मेरी चूत के! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

आहहा… सच कहूँ तो तुम्हारी चूत अभी तक भी एक कमसिन जैसी ही है, अभी भी वैसी ही कसी है।

जावेद चचा ने सलोनी की चूत से अपना मुँह हटा कर कहा- वरना तो अब तक जैसे मैंने लंड को तुम्हारी चूत पर घिसा, तो पूरा लंड चूत के अन्दर होता… पर तेरी चूत ने ज़रा सा भी नहीं लिया। सच्ची बहुत कसी है… उस वक्त तो बहुत ज्यादा कसी होगी। फिर चोदा कैसे तुम्हारे अंकल ने तुम्हें? उनका लंड तो काफ़ी बड़ा होगा?

हहहाआअ… बताती हूँ चचा, आप चाटते रहो… आहह… आपकी मुँह की सांस और गर्म हवा मुझे बहुत अच्छी लग रही है… और आपकी दाढ़ी तो बहुत गुदगुदी कर रही है! हहहा…

और तब चचा ने ज़ोर से एक फूँक मारी सलोनी की चूत में… और अपनी दाढ़ी भी रगड़ने लगे! इससे सलोनी की कम्पकपी और सीत्कारें एकदम से बढ़ ग- हहहा ओह्ह अई… ओह ह्ह्ह हहहा ओह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह हहहा ओह्ह!

ऐसा लग रहा था जैसे सलोनी अपने ओर्गैस्म का भरपूर मज़ा ले रही हो!

कलुआ और पप्पू तो उसके उरोजों को निचोड़ने में लगे हुए थे, उनके मुँह से सलोनी के निप्पल निकल ही नहीं रहे थे… जैसे कई दिन के भूखे बच्चे को दूध मिल गया हो!

चचा ने अपना मुँह ज़रा ऊपर करके कहा- मेमसाब, आप अपनी पहली चुदाई की कहानी बताती रहो जिससे मेरे लंड को भी कुछ राहत मिले!

सलोनी- हहआं… तो अंकल काफ़ी देर तक मेरी चूत को ऐसे ही चाटते रहे… उन्होंने वैसे बैठे बैठे अपनी लुँगी उतार दी और वे भी पूरे नंगे हो गये।

अंकल का लंड… मैंने पहले भी छुआ तो था, जब गोदी में बिठाते थे तो अपने चूतड़ों में और जांघों में महसूस होता था। पर इस वक्त तो मैं बिना किसी डर के पहली बार पूरा नंगा लंड देख रही थी।

और साथ ही उनकी जीह्वा ने मेरी चूत को लार से तरबतर कर रखा था। बहुत मज़ा आ रहा था।

जावेद चचा- अच्छा यह तो बताइये मेमसाब कि उनका लंड पहले कैसे छुआ था? ऐसे कैसे उन्होंने सीधा तुम्हें लंड दिखा दिया?

जिओ चचा जिओ… मेरे मन में उपज रहे प्रश्न को चचा ने एकदम से सलोनी से पूछ लिया… यह चचाजान तो बड़ी ख़ेली ख़ाई चीज थे।

मैं यह भी जानना चाह रहा था कि सलोनी की पहली प्रतिक्रिया क्या रही होगी अपने अंकल के लंड को देख कर!

सलोनी- अह्ह्ह्ह ह्ह ववो भी… अछह अच्छा सुनो?? कहानी जारी रहेगी।

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