ऑफिस की मैडम ने औलाद के लिये चूत चुदवाई

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है.. उम्मीद करता हूँ पसंद आएगी।

मेरा नाम देव है.. मैं इंदौर में रहता हूँ। मेरी उम्र 23 वर्ष है। दिखने में ज्यादा हैडसम तो नहीं.. लेकिन भरे-पूरे बदन का मालिक हूँ। वैसे तो इंदौर में पढ़ाई के लिए आया था.. लेकिन पैसा कमाने के लिए जॉब करने लगा। मेरा जॉब एक सरकारी आफिस में कम्प्यूटर ऑपरेटर का है.. लगभग सभी को मुझसे काम पड़ता है।

मेरे ऑफिस में एक मैडम हैं.. जिनका नाम मीनाक्षी है। मैं अधिकांश उनका ही काम करता था। वो देखने में बला की खूबसूरत हैं.. उनका फिगर 36-30-38 का होगा।

उनको देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था और मैं अकसर उन्हें चोदने के बारे में सोचता रहता था।

मीनाक्षी मेम शादीशुदा थीं और उनकी शादी को चार साल हो गए थे मगर अभी तक वह माँ नहीं बन पाई थीं। वह अकसर मुझसे मजाक करती रहती थीं।

एक दिन ऑफिस में कोई खास काम नहीं था। मैं अपना काम कर रहा था.. वो मेरे पास आईं और बोलीं- क्या कर रहे हो? मैंने कहा- काम कर रहा हूँ। ‘इतना काम क्यों करते हो।’ ‘काम नहीं करूँगा तो पैसे कैसे मिलेंगे?’

‘कितने पैसे मिलते हैं तुम्हें?’ मीनाक्षी मेम ने पूछा। ‘यही कोई 10000 मिल जाते हैं’ मैंने कहा। ‘मैं तुम्हें इससे भी ज्यादा पैसे दूँगी.. मेरा एक काम करोगे?’ मेम ने कहा। ‘आपका ही तो काम करता हूँ मैं.. बोलो क्या काम करना हैं?’

‘मैं माँ बनना चाहती हूँ.. मुझे बना सकते हो?’ मेम ने कहा। ‘यह कैसा काम है.. मैं समझा नहीं?’ मैंने कहा।

‘मेरे पति मुझे माँ नहीं बना सकते.. क्या तुम मुझे माँ बना सकते हो?’ मेम ने फिर पूछा। मैं उनकी तरफ देखने लगा।

‘मैं तुम्हें बहुत सारा पैसा भी दूंगी..’ तो मैंने ‘हाँ’ कर दी।

शाम को मैं उनके घर पहुँचा.. मेम ने मुझे बैठने के लिए कहा और रसोई में चली गईं।

कुछ देर बाद हाथ में चाय का कप लिए मेम मेरे सामने आईं तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि यह मेरी वही मेम हैं जिनके साथ मैं रोज काम करता हूँ।

उन्होंने एक जालीदार नाइटी पहन रखी थी.. जिसमें से उनकी ब्रा और पैंटी पूरी तरह से दिखाई दे रही थी। मैं एकटक उन्हें देखे ही जा रहा था।

तभी उन्होंने कहा- चाय पीना है कि नहीं.. उनकी आवाज सुनकर ऐसा लगा जैसे कि सपना देखते-देखते मेरी नींद खुल गई हो।

मैंने मुस्कुराते हुए ‘हाँ’ में सिर हिला दिया.. और उन्होंने चाय लेकर टेबल पर रख दी। मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया।

मैंने उनके मुस्कुराते हुए उनके होंठों को अपने होंठों में कैद कर लिया। मेम भी पूरी तरह से मेरा साथ देने लगीं।

अब मेरे हाथ उनके गले से होते हुए उनके बड़े-बड़े मम्मों पर पहुँच गए। यह कहानी आप अन्तर्वासना पर पढ़ रहे हैं।

मैं और इंतजार नहीं कर सकता था.. इसलिए मैंने उनकी नाईटी और ब्रा को निकाल दिया, अब उनका एक दूध मेरे मुँह में था और दूसरे को में अपने हाथ से मसल रहा था। अब वह भी गर्म होने लगी थीं।

अब उन्होंने भी मेरे कपड़े निकाल दिए और मुझे पूरी तरह से नंगा कर दिया। वे मेरे लण्ड को हाथ में लेकर आगे-पीछे करने लगीं। फिर वह मेरे लण्ड को मुँह के लेकर उस पर अपनी जीभ फिराने लगीं.. और कुछ देर बाद किसी कुल्फी की तरह चूसने लगीं।

फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, मैं उनकी चूत चाट रहा था और वह मेरा लण्ड ऐसे चूस रही थीं.. जैसे उसे खा ही जाएंगी।

तभी अजानक उनका बदन अकड़ने लगा और वह मेरे मुँह में ही झड़ गईं.. मेरा पूरा मुँह उनके पानी से भर गया। मैं उनका पूरा पानी गटक गया।

लेकिन मेरा अभी बाकी था। मैंने एक उंगली उनकी चूत में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा। उनके मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं।

मेम बोलीं- देव अब नहीं रहा जाता.. अब और मत तड़फा.. डाल दे तेरा लण्ड मेरी चूत में.. फाड़ दे मेरी चूत..

मैं भी अब देर नहीं करना चाहता था.. तो मैंने उनके दोनों पैर अपने कंधे पर रखकर उनकी गीली चूत पर अपना लण्ड रखकर एक धक्का मारा..

मेरा लण्ड अभी 2 इंच ही गया होगा कि उनकी चीख निकल गई। मैंने कहा- क्या हुआ? तो वह बोलीं- आराम से करो.. मेरे पति का लण्ड बहुत छोटा है और पूरी तरह से खड़ा भी नहीं होता है।

अब मुझे और भी जोश आ गया.. और मैं उन्हें किस करने लगा। फिर एक और जोरदार धक्का मार कर पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया।

उनकी चीख मेरे होंठों में ही दब कर रहा गई.. लेकिन उनकी आँखों से आंसू निकल आए।

मैं थोड़ी देर ऐसे ही उनके ऊपर लेटा रहा और उनको किस करता रहा। थोड़ी देर बाद वह भी नीचे से अपनी कमर उठाने लगीं जिससे मुझे भी यह अंदाजा हो गया कि उन्हें भी मजा आने लगा है।

अब मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी.. उनके मुँह से अजीबोगरीब आवाजें निकलने लगीं ‘अहअइउउ.. इसहह.. ओर जोर से.. फाड़ डाल मेरी चूत को..’

वे और भी ना जाने क्या-क्या बोल रही थीं और मैं तो जैसे कि आसमान में उड़ रहा था।

तभी उनका बदन फिर से अकड़ने लगा और उनके अन्दर का लावा मेरे लण्ड पर गिरा.. तो मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आया।

यह तो वही समझ सकता है.. जिसने अपनी जिंदगी में चुदाई का मजा लिया है। उन्होंने मुझे इतने जोर से पकड़ लिया कि मुझे हिलना भी मुश्किल हो गया।

मेरा भी निकलने वाला था.. तो मैंने पूछा- मेरा भी निकलने वाला है.. कहां निकालूँ? ‘अन्दर ही निकाल दे.. इसी लिए तो तुझसे चुदी हूँ!’ मेम ने कहा।

बस 5-6 धक्कों के बाद मेरी भी पिचकारी उनकी चूत में ही निकल गई.. मैं निढाल होकर उनके ऊपर ही पड़ा रहा.. और अपनी सांसों को काबू करने लगा।

कुछ देर बाद हम दोनों उठे.. उठ कर खाना खाया। उसके बाद हमने रात भर में 3 बार और चुदाई का मजा लिया। सुबह मीनाक्षी मेम ने मुझे 20000 रूपए दिए.. और मुझे घर तक छोड़ दिया। उसके बाद भी मैडम ने कई बार मुझे बुलाया।

दोस्तो, कैसी लगी मेरी पहली कहानी.. जरूर बताइएगा.. मुझे आपके मेल का इंतजार रहेगा। [email protected]