जिस्मानी रिश्तों की चाह-63

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

दुल्हन के लिबास में आपी आज मेरे साथ पूरी रात के लिए थीं।

आपी ने कहा- मुझे आज अपना बना लो सगीर.. और आपी की ‘हाँ’ मिलते ही मैंने आपी माथे पर किस की और आपी का दुपट्टा उतार दिया।

मैंने आपी के गाल पर किस की और इसी के साथ आपी के इयर रिंग्स उतार दिए। ये वही इयर रिंग्स थे.. जो कि मैं आपी के लिए लेकर आया था।

अब मैंने आपी के कान के नज़दीक जाकर कहा- थैंक्स आपी.. आपने मेरे लिए मेरी दी हुई चीजें पहनी हैं..

मैं आपी के कान को चूसने लगा और कान को चूसते हुए मैं आपी की गर्दन पर आ गया और आपी को प्यार करने लगा। चूमने के साथ ही मैंने पीछे से आपी की कमीज की ज़िप खोल दी और आपी को कहा- बाजू उठाओ..

आपी ने बाजू उठा दिए और मैंने आपी की कमीज को ऊपर उठा कर उतार दी।

कमीज के अन्दर का नजारा देखा तो पाया कि आपी ने मेरी दी हुई ब्रा पहनी हुई थी.. जिसे देख कर एक बार फिर मुझे बहुत खुशी हुई। अब मैंने आपी के निचले कपड़े को खोला और खींच कर आपी की टाँगों से अलग कर दिया। अब आपी मेरे सामने बस ब्रा और पैन्टी में थीं।

मैंने आपी को एक नज़र ऊपर से नीचे तक देखा और कहा- आपी आप बेहद खूबसूरत हो.. आपका जिस्म बहुत ही प्यारा है.. आज एक अजीब सी कशिश है आप में.. जो मुझे आपका दीवाना बना रही है। आज मैं आपके जिस्म में समा जाना चाहता हूँ.. आपी आपको आज मैं जी भर के चोदूँगा.. और जी भर के प्यार करूँगा। आपी आप किसी और की मत होना.. बस मेरी ही रहना।

तो आपी ने कहा- मैं बस तुम्हारी हूँ सगीर.. सिर्फ़ तुम्हारी..

फिर मैंने भर कर आपी के होंठों पर किस की और पीछे हो गया.. तो आपी ने मुझे नजदीक खींच कर मेरे सर से पकड़ा और कहा- सगीर क्यों तड़फा रहे हो मुझे.. उन्होंने इतना कह कर मुझे ज़ोर-ज़ोर से चूमना शुरू कर दिया, मेरे होंठों पर अपने होंठ धर दिए.. और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।

वो अपने हाथों को मेरे सर में फेरने लगीं और ज़ोर से मेरे मुँह को अपने मुँह में घुसाने की कोशिश करने लगीं।

इस अचानक हुए हमले से मेरे होश भी गुम हो गए और मैंने आपी को बांहों में भर लिया, मैं पूरे जोश से उन्हें किस करने लगा।

आपी ने आज लिपस्टिक लगाई हुई थी जिससे किस करने का और भी ज्यादा मज़ा आ रहा था। मैंने इतने ज़ोर से किस की कि आपी से सम्भला नहीं गया और वो ऐसे ही तकिए के ऊपर जा गिरीं।

उनके साथ ही मैं भी आपी के ऊपर गिर गया.. पर हमने किसिंग नहीं रोकी और पूरे जोश से हम दोनों कुछ मिनट तक किस करते रहे।

कुछ मिनट बाद आपी ने मेरे सर को बालों से पकड़ कर उठाया और कहा- सगीर अपने कपड़े जल्दी उतारो.. मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।

यह कहते हुए वे खुद ही जल्दी से मेरे कपड़े उतारने लगीं.. पर जल्दी में आपी ने बटन खोलने की बजाए ज़ोर लगा के खींचा तो सारे बटन टूट गए। उन्होंने इससे बेपरवाह होते हुए मेरी शर्ट उतार कर दूर फेंक दी और जल्दी से मेरी बेल्ट खोल कर मेरी पैन्ट भी उतार दी। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था और आपी ब्रा और पैन्टी में थीं।

मैंने जल्दी से आपी की ब्रा का हुक खोला तो आपी के वो मम्मे.. जो मैं रोज चूसा करता था.. उछल कर मेरे सामने आ गए। मैंने बिना देर किए ही आपी को फिर से लिटा दिया और आपी के मम्मों को चूसने लगा। मैं बेसब्री से आपी के निपल्स को चूसने लगा।

आपी मादक सिसकारियाँ भरने लगीं ‘आह्ह.. जोऊररर.. से चूसो.. सगीर और ज़ूओररर सेई..आह्ह.. सगीर आज अपनी बहन को अपनी बीवी का दरजा दे दो सगीर.. और ज़ूओर.. से चूसो.. आह्ह.. यस.. दूसरे को भी चूसोऊ..’

यह कहते हुए आपी ने मेरा सर उठा कर दूसरे चूचे पर रख दिया और मैं आपी के दूसरे निप्पल को सक करने लगा। आपी मादक आहें भरती जा रही थीं।

‘आआअहह.. सगीर तुम मेरी जान हो.. सगीर.. आह्ह.. अपनी बहन को आज सब खुशियाँ दे दो.. और जोर्रर.. से सक करो.. आआअहह.. उफ्फ़..’

मैं उनके मम्मों को चूसता हुआ नीचे आने लगा और आपी की बेली को चूसने लगा और पेट पर चूसते-चूसते मैंने आपी की पैन्टी उतार दी।

अब मैं उनकी चूत को देखने लगा और एकदम से मैंने आपी की चूत पर अपना मुँह रख दिया और जोर-जोर से चूत चूसने लगा।

मेरे एकदम से चूत पर मुँह रख कर चूसने से आपी के मुँह से बेइख्तियार सिसकारी निकली- ऊऊऊहह.. कमीने.. चूस..ले..

आपी ने अपने हाथ मेरे सर पर रख कर दबाने लगीं, उन्होंने मस्ती में अपनी आँखें बंद करके सर को पीछे तकिए पर रख दिया। अब वे अपनी चुदास को अपने ‘आहों’ के जरिए खारिज कर रही थीं।

‘आह्ह.. सगीर.. जोओररर्र से.. आहह.. ऊओह.. शिट आआह..ह सगीर ज़ुबान अन्दर तक डालो प्लीज़.. आआअहह और ज़ोरर्र से चूसो..’

मैंने चूसते हुए ही अपनी ज़ुबान आपी की चूत में दाखिल कर दी और चूत के अन्दर ही हिलने लगा।

आपी और जोर से मेरे सर के बालों को खींचने लगीं और कहने लगीं ‘सगीर अन्दर तक करो.. और अन्दर.. आआहह.. अम्मीई.. आअहह.. ऊओह सगीर.. शिट.. मैं गई सगीर..’

आपी का जिस्म अकड़ने लगा और साथ ही आपी की चूत ने पानी छोड़ दिया.. जो कि सीधा मेरे मुँह में आने लगा। मैं भी आपी का सारा पानी पी गया और आपी की चूत चाट कर साफ कर दी।

चूत चूसने और चाटने के बाद मैंने सर ऊपर उठाया तो आपी ने कहा- सगीर आज का दिन मुझे सारी ज़िंदगी याद रहेगा। आपी ने मेरे होंठों पर चूमना शुरू कर दिया और एक मिनट बाद कहा- अपने लण्ड का नज़ारा नहीं करवाओगे.. देखो कैसे तम्बू बना हुआ है। मैंने कहा- इसे खुद ही बाहर निकाल लो।

आपी ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरा अंडरवियर उतारा और लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं, आपी के हाथ बहुत तेज़ी से चल रहे थे।

मैं बिस्तर पर वहीं पीछे की तरफ लेट गया और आँखें बंद करके आपी के हाथों का स्पर्श अपने लण्ड पर महसूस करने लगा। तभी अचानक मुझे याद आया कि मैं तो टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट भी लाया हुआ हूँ और क्यों ना कैमरा भी ऑन कर लिया जाए.. तो मैंने आपी को कहा- आपी एक मिनट रूको..

आपी ने लण्ड पकड़े हुए कहा- नहीं सगीर प्लीज़ मत उठो.. मैं इसे नहीं छोड़ना चाहती हूँ। पर मैंने आपी से कहा- बस एक मिनट आपी..

मैं बिना उनकी ‘हाँ’ के जल्दी से उठ गया और मैंने भाग कर टेबलेट निकाली और पानी से खा गया। आपी ने मुझे टेबलेट खाते हुए देख लिया था। तभी मैंने कैमरा भी साइड टेबल की दराज से निकाला और उसको भी सैट करके लगा दिया।

आपी ने कहा- सगीर किन कामों में लगे हो.. और तुमने खाया क्या है? मैंने आपी को किस करते हुए कहा- आपी, टाइमिंग बढ़ाने वाली टेबलेट खाई है इससे मैं आपको ज्यादा देर तक चोद सकूँगा और आपको भी पूरी संतुष्टि होगी। आपी ने मुझे पीछे को धक्का दिया और कहा- तुम बस लेट जाओ..

वो एकदम दीवानों की तरह मेरा लण्ड चूसने लगीं, आपी बहुत तेजी से मेरा लण्ड चूस रही थीं। मैं भी मज़े में आपी के सर को अपने हाथों से ऊपर-नीचे कर रहा था और कभी-कभी उनके मुँह के अन्दर अपने लौड़े को पूरा घुसेड़ते हुए आपी के सर को भी नीचे को दबा देता था जिससे मेरा लण्ड आपी के हलक तक चला जाता था.. और फिर मैं एकदम से आपी के सर को छोड़ देता।

ऐसा करने से आपी की साँसें तेज हो जाती थीं और आपी फिर से लण्ड को चूसने लग जातीं।

इस तरह आपी ने मेरे लण्ड को एक दफ़ा अपने मुँह में सांस के साथ खींचा.. जिससे मुझे इतना मज़ा आया कि मैंने अपने चूतड़ों को ऊपर उठाया और आपी के मुँह में ही झड़ने लगा।

झड़ते समय मैंने ऊपर से आपी के सर को दबा दिया.. जिससे सारा पानी आपी के गले में उतरने लगा और आपी ने वो सारा अपनी पी लिया।

जब मैंने आपी का सर छोड़ा तो आपी एकदम पीछे को गिर गईं और बिस्तर पर लेट गईं।

वो कहने लगीं- ऊऊहह उउफफ्फ़ सगीर.. क्या लण्ड है तुम्हारा.. मुझे लगता है ये मेरी जान ले कर छोड़ेगा।

अब मैं सीधा होकर आपी के ऊपर लेट गया और आपी को किस करने लगा।

आपी ने कहा- सगीर, मेरी चूत में आग लगी है।

मैंने किसिंग छोड़ कर आपी की चूत को को चूसना शुरू कर दिया.. जिससे आपी ने अपना हाथ मेरे सर पर रखा और मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगीं और साथ ही वे तेज़ी से सिसकारी भरने लगीं।

‘ऊऊहह सगीर.. आआहह ऊऊहह.. चूसो और तेज़ी से चूसो.. बहनचोद हो ना तुम.. अपनी बहन की चूत को खा जाओ सगीर.. आआहह उफफ्फ़.. अम्मीई..’

इतना कहने के साथ ही आपी ने अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया और मैंने वो सारा पानी अपनी ज़ुबान से चाट लिया और एक साइड में होकर लेट गया।

आपी ने मुझे उठाया और कहा- ऐसे मेरी आग नहीं बुझने वाली.. अब तुमने चिंगारी लगा दी है.. अब आग भी पूरी ठंडी भी करो ना.. डालो ना अपना लण्ड.. मेरी चूत में.. मुझे जल्दी से चोद दो। मैंने कहा- जरूर आपी.. पर पहले अपने इसको तो खड़ा करो। मैंने अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा..

तो आपी ने कहा- तुमने तो टेबलेट खाई थी.. उसका असर तो हुआ नहीं.. ये क्यों छूट गया? मैंने कहा- आपी टेबलेट का असर खाने के आधे घन्टे बाद होता है.. अभी इसको उठाओ.. फिर मैं आपकी चूत की आग को ठंडा करूँगा।

झट से आपी ने मेरे लण्ड पर मुँह रखा और तेज़ी से लण्ड को चूसने लगीं। आपी के लण्ड चूसने में इतना जोश था कि एक मिनट बाद ही मेरा लण्ड तन कर अकड़ गया।

खड़ा लौड़ा देख कर आपी ने कहा- चलो उठो.. अब डालो ना मेरी चूत में.. क्यों तड़फा रहे हो। आपी का यही जुनून था.. जो उस दिन भी आपी पर चढ़ा था और आपी ने खुद ही मेरे लण्ड को चूत में ले लिया था। मैंने कहा- अच्छा बाबा.. लो डाल देता हूँ..

मैंने उठ कर आपी को सीधा लेटाया.. आपी की कमर के नीचे तकिया रखा और आपी की एक टांग मैंने अपने कंधे पर रख कर अपने लण्ड को हाथ में पकड़ा और आपी की चूत पर रगड़ने लगा।

आपी ने बेसब्र होते हुए कहा- सगीर एक ही झटके में पेल दो.. इस निगोड़ी चूत में बहुत आग लगी है। मैंने कहा- ये लो मेरी जान.. झेलो।

और ये कहने के साथ ही मैंने आपी की चूत पर निशाना साधा और पीछे होकर एक ज़ोरदार धक्का मारा। मेरा लण्ड जड़ तक आपी की चूत में उतर गया। इस तरह अन्दर जाने की वजह से आपी की एकदम से चीख निकली ‘आअहह.. मररर्र.. गई.. आआअहह फट गई मेरी चूत.. आअहह.. उफफ्फ़..’

आज आपी की चूत को खुल कर चोदने का मौका मिला था.. आगे लिखूंगा.. कि कैसी हुई चुदाई।

आप अपने ईमेल जरूर लिखिएगा।

वाकिया जारी है। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000