दोस्ती और प्यार के बीच का अहसास-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

कहानी का पिछला भाग: दोस्ती और प्यार के बीच का अहसास-1

हैलो दोस्तो, मेरे एग्जाम का लास्ट दिन था, वो मेरे पास आई और मेरे हाथ को अपने हाथ में रख कर ‘सॉरी’ बोली। उसने कहा- मुझे पता है कि तुम मुझ पर गुस्सा हो.. शायद मैं तुम्हारी जगह होती, तो ऐसा ही करती.. पर सच मानो मैंने यह जानबूझ कर नहीं किया।

इतना बोल कर वो उदास हो गई। मुझे उसकी उदासी देखी नहीं गई, मैं गुस्सा तो था उस पर.. वो मेरी दोस्त थी, सो मैंने उसे माफ़ भी कर दिया।

इसी ख़ुशी में उसने चुपके से मेरे गाल पर जल्दी से किस किया और एग्जाम हॉल में चली गई।

एग्जाम शुरू हुआ.. दोस्तो अगर बहुत दिनों की नाराज़गी मिट जाए और एग्जाम से पहले कोई गाल पर किस करे तो एग्जाम ख़ूबसूरत ही जाता है।

मैंने तो 3 घंटे इसी बेसब्री में एग्जाम दिए कि कब ये 3 घंटे गुज़रें और कब दोबारा मुलाकात हो।

तभी मेरे दिमाग़ में एक खुरापाती आईडिया आया कि आज तो एग्जाम का आखरी दिन है। क्यों ना आज कुछ ऐसा किया जाए.. जिससे ये पल यादगार बन जाए। मैंने एक प्लान बनाया।

वहाँ उसने एग्जाम खत्म किया और बाहर आ गई। मैंने उससे बोला- सुन.. सबको जाने दे, हम दोनों सबके बाद चलेंगे।

वो मेरी आँखों में देखने लगी। शायद वो भी इसी तरह का कुछ एक्सपेक्ट कर रही थी।

वो भी एक स्माइल देते हुए बोली- क्यों क्या इरादा है? मैंने बोला- रुक जा ना.. कुछ बातें करनी है।

इतने में मैंने देखा कि कॉरीडोर पूरा खाली हो गया था।

क्लासरूम भी खाली था.. मैंने उसका हाथ पकड़ा और क्लासरूम ले कर चला आया। क्योंकि क्लासरूम ओपन था.. कोई भी हम दोनों को देख सकता था। मैंने उसे क्लासरूम के दरवाजे के पीछे जाने को कहा।

इसके पहले कि वो कुछ बोलती.. मैं उसके होंठों पर टूट पड़ा और ज़ोर-ज़ोर से स्मूच करने लगा। वो भी आँख बंद करके मज़े लेने लगी।

इस स्थिति में हम लोगों ने कुछ मिनट गुजारे।

अब मैंने उसके चूचों को मसलना चालू कर दिया.. तो उसकी गर्मागरम साँसें मुझे महसूस होने लगीं।

उसकी आँखें लाल सी होने लगी थीं, वो खुद आगे बढ़ कर मेरे होंठों को चूम रही थी।

उसकी इस चाहत को देख कर मैं भी आगे बढ़ने लगा और उसकी सलवार का नाड़ा खोलने लगा।

उसने रोका.. बोली- यार यहाँ कोई आ जाएगा तो प्राब्लम में पड़ जाएँगे.. तू अभी चल.. किसी और दिन करते हैं।

उसकी बातों से मुझे लगा कि अन्दर से तो इसका करने का मन है.. पर सिर्फ़ बाहर से नाटक कर रही है। मैंने उससे बोला- एक काम कर.. वॉशरूम में जाकर कपड़े ठीक कर ले।

वो मान गई और वॉशरूम में चली गई। मैं उसके पीछे गया.. जैसे ही वो अन्दर गई.. मैं भी घुस गया।

वो चौंक गई.. बोली- अरे.. सबर कर ले थोड़ा.. ये कहते हुए भी उसके होंठों पर स्माइल थी।

मैंने बोला- अगर सब्र होता.. तो इतना दूर थोड़ी आता।

मैं लाइफ में पहली बार गर्ल्स वॉशरूम में घुसा था। वहाँ का जो नज़ारा था.. सच में हिला देना वाला था।

उसके बाद मैंने उसको बांहों में भरके किस करना स्टार्ट किया और सलवार का नाड़ा खोल कर चूत में उंगली करना चालू कर दी। शायद उसने आज ही अपनी चूत की शेव की थी। उसकी चूत एकदम कोमल सी थी, एकदम गीली-गीली.. पैन्टी के अन्दर से पूरी चूत गीली हो चुकी थी।

मैं उसके होंठों को चूसे जा रहा था और पैन्टी में उंगली किए जा रहा था। वो बेचारी ‘उउंम्महह.. उआम्मह..’ करते जा रही थी।

मैंने स्मूच कर रहा था.. तो उसकी आवाज़ मेरे मुँह में घुट कर रह जा रही थी। लम्बा चुम्बन लेने के कारण शायद उसको सांस लेने में तकलीफ़ भी हो रही थी। इसी तरह कुछ मिनट हुए कि वो अकड़ने लगी और झड़ गई।

वो मुझसे और जोर से लिपट गई और बोली- तूने आज मुझे मस्त कर दिया.. ऐसा मज़ा पहले कभी कभी नहीं आया आई लव यू। मैंने अपने लौड़े पर हाथ फेर कर बोला- मेरा भी कुछ भला कर दे..

उसने मेरी चैन खोली.. सुपारे को हाथ में पकड़ा और बड़े प्यार से आगे-पीछे करने लगी।

फिर जब उसने अपनी जीभ से लौड़े को टच किया ना.. सच बता रहा हूँ दोस्तो.. जिन्दगी का असली मज़ा आ गया। ऐसा लगा कि जिंदगी यहीं थम जाए।

मेरे लौड़े पर तो एकदम से कुछ प्री-कम की बूंदें आ गई थीं।

फिर आराम से उसने लण्ड चूसना शुरू किया.. उसके अंदाज़ से लग रहा था कि वो ये सब पहली दफ़ा नहीं कर रही है।

कुछ मिनट प्यार से मेरे लंड के साथ खेलने के बाद मैंने अपना लावा उसके मुँह में उगल दिया और वो उसे पी गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर मैंने उसके कपड़े सही किए और हम दोनों चुपके-चुपके उधर से स्कूल के बैकडोर से होते हुए निकल आए।

उसके बाद उसने मुझे हग किया और फिर हम पार्क में जा कर बैठे। उसने मुझसे उदास भरी आवाज़ में कहा- मेरी शादी तय हो गई है।

मैंने बोला- अच्छी बात है ये तो.. वो बोली- चुप पागल.. बहुत भोला है तू.. तू आज तक नहीं समझ पाया।

मैंने बोला- क्या बड़बड़ कर रही है? वो बोली- कुछ नहीं.. और खामोश हो गई..

मैंने उसके होंठों को चूमते हुए पूछा.. तो बोली- मैं तुझसे प्यार करने लगी हूँ।

मैंने हँसते हुए बोला- यार ऐसा कब हुआ.. वैसे भी तेरी लव मैरिज हो रही है.. वो लड़का तूने ही पसंद किया था। फिर भी तू ऐसा बोल रही है।

वो बोली- पता नहीं यार.. पर तेरे साथ जो भी पल गुज़रे.. वो बहुत अच्छे थे.. तू बहुत अच्छा बंदा है.. लविंग भी है.. तू मेरी केयर करता है.. मैं जैसी भी हूँ तू मेरी रिस्पेक्ट करता है और जो आज हम दोनों के बीच हुआ.. उससे मुझे एक पल भी ऐसा नहीं लगा कि तूने मुझे सेक्स के इंटेन्शन से किया हो मुझे यूज किया हो.. बस ऐसा फील हुआ कि तू मुझे प्यार कर रहा है और मैं भी तेरा साथ देती गई।

वो बहुत इमोशनल हो गई थी।

मैंने बोला- अगर ऐसा है.. तो आज कुछ निशानी देती जा। उसने पूछा- बोल क्या चाहिए?

मैंने बोला- वो चीज़ जो हमेशा तेरे बदन को छूके रखती है.. वो दे.. वो थोड़ा सोचने लगी फिर मेरी तरफ एक स्माइल देते हुई बोली- तू थोड़ा सा रुक.. मैं आती हूँ।

फिर थोड़ी देर बाद उसको आते हुए देखा। वो मेरे करीब आई और अपनी गीली पैन्टी मेरे हाथ में देती हुई बोली- संभाल के रखना इसे.. यादें हैं मेरी।

मैं उसे प्यार से देखे जा रहा था। फिर बोलती है कि जो तेरे लाइफ पार्ट्नर बनेगी ना.. सच में बहुत किस्मत वाली होगी.. तू उसे हर तरह से खुश रखेगा। काश.. मैं तेरी लाइफ में पहले आई होती।

मैंने उसे हग किया और बोला- पगली हम कहीं नहीं जा रहे.. तू भी यहीं है.. और मैं भी.. सेंटी करना बंद कर.. चल तुझे घर छोड़ दूँ.. वरना लेट हो जाएगी।

दोस्तो, ये कैसा प्यार था जिसमें बिना चुदाई के भी सब कुछ था आपके कमेंट्स के इन्तजार में हूँ। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000