भाभी की चूत की मलाई

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दोस्तो, मेरा नाम खान मलिक है, मैं गुजरात के साबरकाँटा शहर का रहने वाला हूँ। मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ और एक कॉलब्वॉय हूँ। मेरे लण्ड की लम्बाई असाधारण है.. जो किसी भी चूत की प्यास बुझाने और पानी निकालने के लिए काफी है। आज तक मैंने बहुत सारी लड़कियों और भाभियों के साथ सेक्स किया है।

अब आपको अपनी इस सेक्स से भरी कहानी के बारे में बता रहा हूँ। सभी लड़के अपना लण्ड हाथ में पकड़ लें और लड़कियां.. भाभियां अपनी चूत में उंगली डाल लें।

यह सच्ची कहानी मेरी और पड़ोस की भाभी की है। भाभी का नाम जीनत है, वो बहुत ही सेक्सी माल हैं। उनके जिस्म की साइज 32-28-32 की है। उनकी पिछाड़ी देख कर किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाए। वे मेरे मोहल्ले में एक मकान में रहती हैं।

मैं और भाभी एक बार बाजार में आमने-सामने टकरा गए। जब हम दोनों टकराए तब मेरा लण्ड भाभी के हाथ में आ गया और भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया। उनके तने हुए चूचे देख कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। मेरा लण्ड खड़ा होता देख कर भाभी ने अपना हाथ हटा लिया और अपनी साड़ी का पल्लू सही करने लगीं।

मेरा मन तो हो रहा था कि अभी ही भाभी को पकड़ कर चोद डालूँ.. मगर बाजार में भीड़ बहुत थी।

मैं- सॉरी भाभी.. गलती से टकरा गया। भाभी- ओके… कोई बात नहीं..

यह कह कर भाभी अपना सामान उठा कर हँसते-हँसते मेरे सामने देख कर वहाँ से चली गईं। फिर मैं भी अपने घर आ गया।

इसके बाद 3 या 4 बार मेरी और भाभी की मुलाकात हुई। हर बार भाभी मेरे सामने मुस्कुरा कर चली जातीं।

एक दिन सुबह मैं पार्क में जॉगिंग कर रहा था। थोड़ी देर बाद वो भाभी भी वहाँ पर आईं और भाभी की नजर मुझ पर पड़ी, भाभी मेरे पास आकर बात करने लगीं।

भाभी- हाय.. गुड मॉर्निंग.. मैं- हाय भाभी.. गुड मॉर्निंग.. कैसी ह़ो आप। भाभी- बस हैप्पी.. पर तुम जैसी मस्त नहीं हूँ। मैं- मस्त का मतलब भाभी?

भाभी ये सुन कर हँसने लगीं.. मैं भाभी का मतलब समझ गया था, पर अपने आपको कंट्रोल कर रहा था। उस टाईम भाभी मस्त माल लग रही थीं।

फिर हम साथ में चहलकदमी करने लगे। कुछ देर बाद भाभी जानबूझ कर नीचे गिर गईं.. और अपना पैर पकड़ कर रोने लगीं।

मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर खड़ा किया… तो भाभी से चला भी नहीं जा रहा था। मैंने भाभी को अपनी गोद में उठाया तो भाभी के दोनों कबूतर मेरे हाथ में आ गए।

भाभी दूध दबने से ‘सीसीहीही..’ करने लगीं।

मैं भाभी को गोद में उठा कर बाहर ले गया और भाभी को एक ऑटो में बिठा कर उनके घर ले गया।

भाभी के घर पर उस टाईम कोई नहीं था। आज मेरी भाभी को चोदने की तमन्ना पूरी हो सकती थी.. लेकिन मुझे मालूम नहीं था कि भाभी खुद मेरा लण्ड लेने के लिए कबसे तड़प रही हैं।

भाभी- खान मेरे पैर में बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ कुछ करो। ‘हाँ भाभी.. कहें तो आपके पैरों में मालिश कर देता हूँ..’ भाभी- ओह़होहो.. जल्दी करो.. मैं दर्द से मरी जा रही हूँ।

मैं उनकी अलमारी में से मालिश करने का तेल लेकर आया। अब मैंने भाभी की साड़ी घुटनों तक चढ़ा दी। भाभी के नंगे और चिकने पैर देख कर मेरा हथियार खड़ा होने लगा।

भाभी के नंगे पैरों में मालिश करने लगा। भाभी गनगना उठीं और ‘सीहीई.. आआआईईई..’ करने लगीं.. भाभी की इन सेक्सी आवाजों को सुन कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और सलामी देने लगा।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था.. तो मैं हाथों को थोड़ा और ऊपर करके भाभी की जाँघों पर हाथ फेरने लगा। इससे भाभी एकदम गरम हो गईं और उन्होंने अपने पैर फैला दिया। मुझे लगा चूत खोल दी है तो मैं उनकी चुदास को समझते हुए उनके होंठों पर किस करने लगा।

भाभी ने मुझे धक्का देकर दूर को धकेल दिया और मेरे सामने गुस्से से देखने लगीं।

‘भाभी, मैं आप को जब भी देखता हूँ.. तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है और आपके साथ सेक्स करने का मन करता है।’ यह कह कर मैंने फिर से भाभी को पकड़ लिया और किस पर किस करने लगा।

भाभी ‘नो नो.. प्लीज़ नो..’ करती रहीं और उन्होंने मुझसे छूटने की बहुत कोशिश की.. पर मैंने भाभी को नहीं छोड़ा।

मैंने भाभी के सारे कपड़े उतार कर भाभी को नंगी कर ही दिया। मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था.. मैं भाभी के दोनों कबूतर हाथ में लेकर जोर-जोर से दबाने लगा।

भाभी ‘अहाहा.. सिसीसी..’ करके उछलने लगीं, वे अब गर्म हो गई थीं और मेरा साथ देने लगी थीं। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

भाभी- ओओह.. मेरी जान.. और चूसो.. और चूस अपनी भाभी को.. आज रान्ड की तरह चोद.. मेरी चूत साली लण्ड लेने को बहुत उछलती है.. आज इसका पानी पानी निकाल दे। तेरा भाई तो साला नामर्द है.. तेरी भाभी को जम कर चोदता भी नहीं है।

मैं- चिंता मत करो भाभी.. आज तुम्हें इतना चोदूँगा कि तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा। भाभी के मम्मों को चूसने लगा तो भाभी बहुत गरम हो गई थीं और जल्दी से लण्ड को चूत में डाल देने का बोल रही थीं।

लेकिन मैं भाभी को और गरम करना चाहता था। मैंने थोड़ा नीचे आकर भाभी की चूत में उंगली डाल दी। भाभी की चूत में उंगली जाते ही वे एकदम से उछल पड़ीं।

वे ‘ओओहह.. अहीईई..’ करते हुए कहने लगीं- ओह मेरी जान.. आई लव यू.. फक मी..

मैंने जोर-जोर से चूत में उंगली चलानी शुरू कर दी।

इसके बाद मैं भाभी की चूत चूसने लगा। भाभी से अब रहा नहीं जा रहा था और चूत में लण्ड डाल देने का कह रही थीं। थोड़ी देर चूत चाटने से भाभी ने ‘ईइइ.. उउ..उ ओओ..’ करके जोर से अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।

मैंने भाभी को फिर से गरम किया.. अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था.. तो मैंने भाभी को सीधा लिटा कर उनकी चूत पर लण्ड सैट करके एक जोर का धक्का लगा दिया तो भाभी की चूत में मेरा आधा लण्ड चला गया।

भाभी- आईईई.. ओओओह.. ऊऊ साले कमीने.. मार डाला रेए.. ऊऊऊ बाहर कर ले.. बहुत दर्द हो रहा है।

मैंने भाभी की एक ना सुनी और एक जोर से धक्का देने पर मेरा पूरा लौड़ा भाभी की चूत में अन्दर तक पेल दिया।

भाभी- ओओहह.. माँ मर गई.. लौड़े को बाहर कर ले.. मर गई रेए.. ऊऊऊ.. माँ.. छोड़ कमीने..

वे मुझे धक्का देने लगीं, पर मैंने भाभी को छोड़ा नहीं और धक्कों पर धक्के मारता रहा। कुछ देर भाभी का दर्द कम हो गया और वे भी उछल-उछल कर मेरा साथ देने लगीं। मैं भाभी को धक्के पर धक्के मारने लगा। भाभी की चूत अब मेरा लण्ड आसानी से अन्दर ले रही थीं। भाभी से भी अब रहा नहीं जा रहा था.. वे जोर-जोर से लण्ड डालने का बोल रही थीं।

मैंने पूरी ताकत से भाभी की चूत मारी। अंत में भाभी ‘सीसीईईई..’ करती हुई अपना पानी निकालने लगीं। उसके बाद भाभी को मैंने काफी देर तक अलग- अलग आसनों में चोदा।

कुछ देर बाद अब मेरा भी निकलने वाला था.. तो मैंने भाभी से पूछा- कहाँ निकालूं? भाभी ने कहा- मेरी चूत में ही निकाल दो।

कुछ और जोर से झटके मार कर मैंने भाभी की चूत में अपना ही पानी निकाल दिया। भाभी भी मेरे साथ फिर से झड़ गईं।

भाभी अब तक दो-तीन बार अपना रस छोड़ चुकी थीं।

उस दिन भाभी को मैंने कई बार चोदा, भाभी मेरी चुदाई से बहुत खुश हुईं।

उसके बाद भाभी ने अपनी बहुत सी सहेलियों को भी मुझसे चुदवाया.. सबको मैंने बड़े मजे से चोदा और सबको बहुत खुश भी किया।

मुझे अब चुदाई की आदत सी हो गई है। अलग-अलग किस्मों की चूतों में मैं अपना लम्बा लौड़ा डाल चुका हूँ। अब तो मैं एक पेशेवर कॉलब्वॉय बन गया हूँ।

तो दोस्तो.. कैसी लगी मेरी पहेली चुदाई की कहानी। आप अपने मेल जरूर कीजिएगा।

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