चुदाई का दिन भी आ गया

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नमस्कार मित्रो, मेरा नाम परीक्षित कुमार, उम्र 27 वर्ष, शादीशुदा हूँ, डेढ़ वर्ष हो गए है शादी को, मेरी पत्नी का नाम श्रुति (बदला नाम) उसकी उम्र 26 वर्ष है। रंग मेरे जितना गेहुँआ है।

मैंने शादी के पहले किसी के साथ सम्भोग नहीं किया है, सिर्फ हस्तमैथुन से काम चलाया है। यह मेरी स्वयं की पहली चुदाई की कहानी है:

रात के समय जब मैं कमरे में पहुँचा तो श्रुति बेड पर बैठी हुई थी, लाल साड़ी के पल्लू में पूरा चेहरा ढका हुआ था और पास में ही दूध का ग्लास रखा हुआ था।

मेरी धड़कनें तेजी से चल रही थी। मैंने उसका घूंघट हटाया तो शर्म से उसका चेहरा नीचे था और वो हल्की हल्की मुस्कुरा रही थी।

मैंने हाथ से उसका चेहरा ऊपर किया, गाल पर चुम्मा दिया और बोला- बहुत सुन्दर दिख रही हो, अब हमेशा ऐसे ही दिखना! इतना सुनकर वो और शर्मा गई।

फिर मैं उसके गहने उतारने लगा, पहली बार किसी लड़की को छुआ था तो यह सब करने में मेरा हाथ के साथ साथ पूरा शरीर काँप रहा था।

थोड़ी देर बात करने के बाद मेरे ही एक बचपन का मित्र अनुज जिसकी कहानी बीवी की खुले में चूत चुदाई की चाहत कुछ दिनों पहले अन्तर्वासना पर आई थी, का फोन आया तो उसकी पत्नी रिया भाभी बोली- क्या बात है देवर जी, अभी गाड़ी स्टार्ट करी या नहीं?

मैं शर्म के मारे कुछ बोल भी नहीं पा रहा था, मैंने अनुज को फोन देने के लिए बोला पर उन्होंने नहीं दिया। सच बताऊँ तो मैंने सुबह ही रिया भाभी से सुहागरात पर लड़की से कैसे बात करते हैं, इस बारे में पूछा था। उन्होंने बताया भी, पर मैं शर्म के मारे कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था।

मैंने भाभी को गुड नाईट बोलकर फोन स्विच ऑफ़ कर दिया और फिर श्रुति की तरफ देखकर मुस्कुराया और उसे चूमने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी, उसके होठों को छूते ही मेरे पूरे बदन में करन्ट दौड़ने लगा, मेरी धड़कनों की गति दोगुनी रफ़्तार से धड़कने लगी।

अचानक ही मैं उससे दूर हो गया, वो मुझे देखती रही लेकिन कुछ देर बाद मैं उसे पकड़कर फिर किस करने लगा और इस बार हम 15 मिनट तक बिना रुके एक दूसरे को चूमते रहे।

जीभ से जीभ का तो पूछो ही मत, बता नहीं सकता। किस करते करते मैंने उसका पल्लू हटा दिया था और उसके ब्लाउज के हुक भी खोल दिए थे।

उसने लाल ब्रा पहनी हुई थी, किस करते हुए उसके मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही मसल रहा था।

धीरे धीरे उसका ब्लाउज निकल दिया तो श्रुति अब सिर्फ ब्रा और साड़ी, पेटीकोट में थी। उसने साड़ी भी नाभि के लगभग 3 इंच नीचे पहनी हुई थी।

मैं उसकी नाभि को भी चाटने लगा, वो मेरे बालों पर हाथ फेर रही थी और मुँह से कामुक सिसकारी निकल रही थी। 2-3 मिनट नाभि चाटने के बाद मुझसे भी रहा नहीं गया और उसकी साड़ी, पेटीकोट को भी निकाल दिया।

अब सिर्फ ब्रा और पेंटी रह गई थी, तो उसे भी मैंने बिना देर किये निकाल फेंके और पूरी नंगी कर दिया।

पहली बार किसी को लाइव नंगी देख रहा था। उसने चूत पूरी साफ़ कर रखी थी, बिल्कुल चिकनी!

पर मुझे अपने कपड़े उतारने में शर्म आ रही थी! पर कब तक… फिर तुरन्त ही मैंने भी सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया।

इसके बाद मैं मुँह को उसकी चूत के पास ले गया। चूत में से एक अजीब सी कामुक गन्ध आ रही थी पर सब भूलकर उसकी चूत चाटने में लग गया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

उसकी सिसकारियाँ और भी तेज हो गई।

लगभग 10 मिनट उसकी चूत चाटने के बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गई। मुझे उसका स्वाद कुछ अजीब सा लगा, मैंने पास ही पड़े तौलिये से मुँह को पौँछा।

मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया था, तो मैं उसके मुँह के पास जाकर चूसने के लिए बोला पर उसने मना कर दिया।

3-4 बार मनाने के बाद मैंने कहा- प्लीज तुम मुँह खोल लो, बाकी मैं कर लूंगा।

उसने मुँह खोला और लण्ड मुँह में लेते ही मेरे मेरे मुख से भी एक जोर की आआह्हह ह्हह्ह निकल पड़ी।

फिर मैं उसका सर पकड़ कर लंड को मुँह के अंदर बाहर करने लगा। उसने भी उसके दोनों हाथ मेरे कूल्हों पर लगा लिए थे।

लेकिन मैंने सिर्फ 2 मिनट ही लंड अंदर बाहर करके बाहर निकाल लिया क्योंकि अब मुझसे भी सब्र नहीं हो रहा था, मैं झट से उसके दोनों पैरों को मेरे कन्धे पर रखा और लण्ड उसकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, पर हर बार लण्ड फिसल कर बाहर निकल जाता।

7-8 कोशिशों के बाद मेरा लण्ड उसकी चूत में घुसने में सफल हुआ और थोड़ा और झटका देकर चिकनी चूत के अंदर घुसा दिया।

श्रुति की चीख निकल गई, 3-4 झटके ताकत से देने के बाद मेरा लण्ड पूरा उसकी चूत में समां गया और मेरी दुल्हन की चीख पे चीख निकल गई।

मेरे भी लण्ड पर जलन होने लगी थी पर मैंने अनदेखा कर दिया और लंड घुसाना जारी रखा।

श्रुति को भी मजा आने लगा था, वो बस आँखें बन्द करके आह्ह अहह्ह अह ह्ह्ह ह्ह्ह आह्ह्ह की सिसकारियाँ ले रही थी। 3-4 मिनट तेज झटके लगाने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और श्रुति वहीं तड़प रही थी।

मैं भी थोड़ा मायूस हो गया था।

मेरे लण्ड में जलन पड़ रही थी, जब लण्ड बाहर निकाल कर देखा तो उसकी चमड़ी कट चुकी थी।

मैं वही बिस्तर पर पागलों की तरह लण्ड को सहला रहा था, मेरी इस पागलपन भरी हरकत देखकर श्रुति को हंसी आ रही थी जिसे वो नहीं रोक पाई, मैं भी जलन भूलकर हंसने लगा।

लगभग 20 मिनट बाद मेरा लण्ड फिर खड़ा हुआ और इस बार मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाला और इस बार आसानी से लंड उसकी चूत में पूरा चला गया और धक्के लगाने लगा।

उसके मुँह से आहहह अग्गह्ह अह्हह्ह की आवाज आ रही थी।

धक्के लगाते लगाते मैं उसके दोनों चूतड़ पर भी तेजी से चपत लगा रहा था, इससे उसके चूतड़ भी लाल हो गए थे। कमरे में सिर्फ थप थप थप और अह्ह्ह आअह्ह ह्ह्ह की आवाजें गूंज रही थी।

10 मिनट घोड़ी बनकर चुदने के बाद वो थोड़ी शिथिल पड़ गई थी तो मैंने सीधा किया और बिस्तर पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आ गई, लण्ड उसने खुद ही मेरी चूत में डाल लिया और ऊपर नीचे होने लगी।

मैं उसके मम्मों को मसल रहा था।

इसके बाद मैंने उसे कुतिया बनाया और इस पोज़ में उसे और भी आनन्द आ रहा था पर 15-16 झटकों के बाद ही उसका स्खलन हो गया और वो ढीली पड़ गई पर मैं नहीं रुका और भी तेज झटके देने लगा।

झटकों के साथ श्रुति की आवाज भी तेज होने लगी। वीर्य से लंड गीला होने की वजह और भी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था। वो बड़े मजे से चुदाई का आनन्द ले रही थी।

फिर मैंने पोज़ बदला, उसे बिस्तर पर लेटाया और उसकी एक टांग मेरे कंधे पर रखकर झटके देने लगा।

2 मिनट के बाद उसने दूसरी बार पानी छोड़ा और अब मैं भी झड़ने की कगार पर था मैंने भी झटके तेज कर दिए और तेज झटकों से श्रुति ने भी दोनों हाथों को चादर को कसकर खींच लिया और अह्हह्ह अह्ह्हब अह्ह्ग्ग की आवाज निकाल रही थी।

कुछ मिनट के बाद अब मैं भी पूरी ताकत के साथ झटके देने लगा और 25-30 झटकों के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया।

हम दोनों हाँफ रहे थे और श्रुति के चेहरे पर सुकून साफ़ झलक रहा था और मैं भी खुश था।

पूरी रात मैंने उसकी 2-3 बार चुदाई की और पता नहीं कब मैं उससे चिपककर नंगा ही सो गया और श्रुति भी नंगी सोई।

उसके बाद तो हम पूरी तरह से खुल गए। मैंने उसकी गांड मारने की भी कोशिश की उससे कई बार मिन्नतें भी करी पर उसने गांड नही मारने दी।

अभी श्रुति माँ बनी है और डॉक्टर ने भी सेक्स से कुछ हफ्ते दूर रहने को कहा है, पर उसके बाद उसकी गांड अवश्य मारूँगा चाहे उसके साथ कितनी भी जबरदस्ती करनी पड़े।

मित्रो, यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी।

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