प्रेमिका संग सुहागरात वाली पहली चुदाई

मेरा नाम आकाश है और मैं चंद्रपुर महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ।

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मैं बधाई देना चाहता हूँ कि अन्तर्वासना साईट पर आज नौ हजार से भी ज्यादा हिन्दी सेक्स कहानियाँ हो गई हैं। यहाँ हिंदी सेक्स कहानी भेजने वाले लेख़क और लेखिकाओं का धन्यवाद.. उनकी वजह से आज यह मुमकिन हुआ है।

मैं एक साधारण सा लड़का हूँ, अपनी पढ़ाई के अलावा किसी भी बात पर ध्यान नहीं देता था। मैं पढ़ाई में नंबर वन था और स्कूल के बाद कामर्स में दाखिला लिया।

कुछ दिनों के बाद मुझे अन्तर्वासना की वेबसाईट की जानकारी मिली और मैं इसकी रसीली कहानियों को पढ़ने लगा। आज जो कुछ सीखा.. वो इसी का कमाल है।

इसने मुझे सेक्स की शिक्षा दे कर मुझे पूर्ण पुरूष बनाया और एक रूप दिया ताकि मैं एक औरत की इच्छा को पूरी कर सकूं। लोग कहते हैं कि स्वर्ग देखने के लिये मरना पड़ता है। मैं कहता हूँ कि मरने की जरूरत ही नहीं.. स्वर्ग यहीं है।

दोस्तो किसी को प्यार में धोखा मत देना क्योंकि प्यार एक पवित्र बंधन है जो नसीब वालों क़ो मिलता है। प्यार में इंसान को जो खुशी मिलती है.. जो पैसों से नहीं मिलती।

जब भी हमारी नजरें मिलती.. तो दोनों के चहरे पर मुस्कान आ जाती थी।

मेरी उम्र अभी 23 साल है और मैं बीकॉम के तीसरे वर्ष का स्टूडेंट हूँ। मैं दिखने में एकदम शाहिद कपूर जैसा दिखता हूँ.. ऐसा मेरे दोस्त कहते हैं।

यह कहानी मेरे पहले प्यार की है.. जब मैं 12 वीं में पढ़ता था.. तब मेरी क्लास में एक लड़क़ी आई.. उसका नाम ममता था। वो एक प्यारी सी लड़की, जो मेरी तरह थी। वो एकदम शांत सी दिखने वाली एकदम गोरी और पढ़ाई में बहुत ही होशियार। देखने में वो एकदम परी सी दिखती थी.. वो बिल्कुल अमृता राव जैसी लगती थी।

मैं उसको देखते ही पागल हो गया और उसके प्यार में पड़ गया। मेरी दीवानगी की हद यह थी कि मैं दिन-रात उसी के बारे में सोचने लगा था। लेकिन मैं उससे बात करने से डरता था।

एक दिन की बात है जब हमारे बीच कुछ बात हुई.. उस दिन मेरी किताब बैंच पर रह गई और मैं उसे वहीं भूल कर घर चला गया।

दूसरे जब मैं कालेज गया.. तो वो मेरा इन्तजार कर रही थी। जब मैं उसके पास गया.. तो उसने मेरी किताब लौटा दी।

मैंने उसे ‘धन्यवाद’ कहा और अपनी क्लास में आ गया और हमारी बातों का सिलसिला शुरू हुआ।

हम दोनों अब अच्छे दोस्त बन गए थे और हमें इसी दोस्ती में कब प्यार हो गया.. पता ही नहीं चला। लेकिन हमने अपने प्यार का इजहार नहीं किया था।

मैं सोचता था कि कहीं मेरी ये बात उसे बुरा तो नहीं लगेगी और कहीं वो मुझसे दोस्ती तो नहीं तोड़ लेगी। इसी कारण मैं उसे ‘आई लव यू’ नहीं कह सका। बस हमारी दोस्ती चलती रही।

मेरी एक ड्रीमबुक है उसमें मैंने उससे पहली बात से अब तक हुई सब बातों को लिखा था। मैं एक अच्छा चित्रकार भी हूँ। मैंने उसकी एक फोटो भी बनाई है। वो बुक मेरे बैग में रहती थी..

उसने एक दिन मेरी बुक चुरा ली और अपने पास रख़ ली। इसके बाद उस दिन वो बिना बताए घर चली गई।

उसने मेरी बुक पढ़ ली और दूसरे दिन मुझे बोलने लगी- तू तो पागल है.. अपनी दोस्ती पर विश्वास ही नहीं है.. एक बार बोल देते कि.. और वो रूक गई।

मैंने बोला- क्या हुआ तुम्हें.. ये क्या बात कर रही हो। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है.. मुझे समझाओ।

वो बोलने लगी- तुम्हारी एक चीज मेरे पास है.. जो तुमने मुझे कभी नहीं दिखाई और तुम अपने दिल क़ी बात दिल में ही रखते रहे। ये तो अच्छा हुआ कि मुझे पता चल गया.. नहीं तो मुझे मालूम ही नहीं पड़ता कि कि.. तुम मुझ से..से.. प..प्यार.. करते हो।

इतना बोल कर वो मुस्कुराते हुए चली गई और मैं उसके पीछे भागता हुआ क्लास रूम में पहुँच गया।

क्लास रूम में कोई नहीं था.. मैं उससे अपनी बुक माँग रहा था.. पर वो दे नहीं रही थी। वो इधर-उधर भाग रही थी।

मुझे गुस्सा आय़ा और उसे मैंने अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसके होंठ मेरे होंठों पर चिपक गए।

यह मेरी जिंदगी का पहला किस था। आज तक मैंने किसी लड़की को छुआ भी नहीं था।

हम एक-दूसरे को बेताबी से चूम रहे थे। हम दोनों एक-दूसरे को देर तक चूमते रहे और अचानक एक-दूसरे से अलग हो गए।

मुझे लगा कि ये पल यहीं रूक जाए.. पर समय पर किसका जोर चलता है। समय निकलता चला गया। छुट्टी होने के बाद हम घर चले गए, लेकिन मुझे रात भर नींद नहीं आई और मैं उसके बारे में सोचता रहा।

तभी उसका फोन आया.. मैंने फोन उठाया ओर ‘हैलो’ कहा। उसने कहा- सोये नहीं अब तक..? ‘मुझे नींद नहीं आ रही.. और तुम भी तो नहीं सोई?’ वो बोली- मुझे भी नींद नहीं आ रही है।

अब हम दोनों ने बातें करना शुरू कर दीं। हम सुबह के 5:30 बजे तक बात करते रहे, पता ही नहीं चला कि दिन कब निकल आया। मैं उठ कर जिम चला गया।

इसके बाद तो रोज ही ये सिलसिला चलने लगा।

एक दिन उसके घर के सभी लोग उसके मामा के यहाँ गए थे और उसके घर में कोई नहीं था। उसने मुझसे ये बात बोली और कहा- तुम रात को आ जाना।

मेरे मन में लड्डू फूटने लगे और मैं चला गया।

दोस्तो यहाँ से चालू होता है असली खेल.. एक नवीन अनुभव।

मैं उसके घर गया.. दरवाजे की घन्टी बजाई.. तो ममता ने दरवाजा खोला और मैं अन्दर आ गया। उसने मुझे सोफे पर बिठाया और वो अन्दर किचन में चली गई।

फ़िर हमने साथ बैठकर काँफी पी और इधर-उधर की बातें करने लगे।

वो बोली- तुम जरा बैठो.. मैं नहा कर आती हूँ.. तुम यहाँ आराम से टीवी देखो।

मैंने टीवी ऑन किया और गाने सुनने लगा। तभी मेरे घर से फोन आया।

पिताजी बोले- कहाँ हो बेटा? मैंने कहा- मैं अपने दोस्त के घर एक पार्टी में हूँ.. मैं आज नहीं आऊँगा। आप निश्चिन्त होकर खाना खा लेना। अब मैं फोन रखता हूँ।

उन्होंने कुछ नहीं कहा और फोन रख दिया।

मैं टीवी देखने लगा। इतने में ममता बाहर आई। मैं उसको देखता ही रह गया। उसने लाल कलर नाइटी पहन रखी थी.. जो एकदम पारदर्शी थी.. अन्दर का पूरा नजारा दिख रहा था।

मैंने ममता का ये रूप पहली बार देखा था। उसका 32-28-34 का क्या मस्त फिगर था।

मुझ पर अपना काबू नहीं रहा.. और मैं भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा। मैं उसको किस करने लगा और मेरा मिठ्ठू (लंड) जो अभी तक सोया पड़ा था, वो एकदम से खूँख्वार हो उठा और मेरी पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेकरार हो गया।

मैं ममता को चूमे जा रहा था और वो भी मेरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि हम दोनों न जाने कितने जन्मों के प्यासे हैं।

अब धीरे-धीरे मैं उसके चूचों पर आ गया और हल्के हाथों से उसके रसीले मम्मों को दबाना चालू कर दिया। मैं उसके शरीर अपना शरीर रगड़ रहा था। इतनी अधिक उत्तेजना थी कि जिस्म के रगड़ने से ही कुछ पल में मेरे लंड से वीर्य निकल गया। अब हम दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए।

थोड़ा रूकने के बाद उसके बेडरूम में गए। मुझे जोर से पेशाब आ रही थी और मैं बाथरूम में चला गया। मेरी पैन्ट पूरी गीली हो चुकी थी।

मैंने पानी से उसे साफ किया और बाहर आने लगा। मैं अभी बाथरूम का दरवाजा लगा रहा था, तभी किसी चीज की ठोकर लगने से मेरे अंगूठे पर कुछ चोट लगी और खून निकलने लगा था।

मैंने ध्यान ही नहीं दिया और उसके पास आ गया। वो बिस्तर पर बैठी थी। उसने बड़े प्यार से मेरे पैर से खून निकलते हुए देखा तो वो उसको अपनी नाइटी के छोर से दबाने लगी।

मैंने उसका ये प्यार देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने खून से उसकी मांग भर दी और उसको अपने हाथ से अंगूठी निकाल कर पहना दी। वो एकदम से शर्मा गई और अपना चेहरा छुपाने लगी।

मैंने उसे अपनी तरफ करके उसके माथे पर किस किया और कहा- आज से तुम मेरी हो.. और मैं तुम्हारा.. आज अपनी सुहागरात है। उसने कहा- मुझे इसको यादगार बनाना है।

वो उठ कर अपने कमरे से मोमबत्ती लेकर आई.. उसने मोमबत्ती जलाई और अपनी गैलरी से कुछ फूल लेकर आई।

मैं उसी की तरफ देख रहा था। उसने बिस्तर पर फूल बिछाए और कमरे की लाइट बंद कर दी। कमरा हल्की रोशनी से चमकने लगा। हम दोनों मुस्कुराने लगे।

मैंने उसकी नाइटी की डोरी खींच दी, उसकी नाइटी एक झटके से नीचे गिर गई। अब वो मेरे सामने काले रंग की ब्रा-पैन्टी में थी। उसके गोरे जिस्म पर लेसदार ब्रा-पैन्टी बहुत की कामुक लग रही थी, वो एकदम स्वर्ग की अप्सरा लग रही थी।

उसके देख कर मेरा लंड खड़ा होकर झटके मारने लगा था। मैंने उसे बिस्तर पर गिरा दिया और अपने कपड़े उतारने लगा, मैं सिर्फ अडंरवियर में आ गया था।

बेताबी में मैं उस पर गिर गया और उसे चूमना चालू कर दिया। उसके होंठ, कान, गले चूमता ही गया। फिर मैंने उसकी ब्रा निकाल दी।

आह्ह.. उसका संगमरमर सा गोरा बदन.. मेरे तो होश उड़ गए। अगले ही पल मैं उसके मम्मों को चूम रहा था.. काट रहा था। उसकी मादक आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं।

‘आहहहह.. आहहह..’

मैंने धीरे-धीरे उसकी पैन्टी उतारी, उसके चूत पर हाथ फिराया.. उसकी चूत एकदम गीली थी। मेरा लंड लोहे की तरह खड़ा था, मैं लौड़े को उसकी चूत पर घिसे जा रहा था।

वो ‘आहहह.. आहह..’ करते जा रही थी, उसकी चूत एकदम गुलाबी.. सीलबंद और चिकनी चमेली थी।

मैंने लंड का सुपारा चूत की फांकों पर रखा.. थोड़ा सा दबाव दिया.. लंड अन्दर गया और उसके मुँह से दर्द भरी चीख निकली ‘आहहह.. मम्मी..इई.. आहह..’ उसकी आँखों में पानी था।

मैंने रुक कर किस करना शुरू किया और थोड़ी देर बाद लंड अन्दर चला गया। मैं आगे-पीछे करता रहा। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर उसका दर्द कुछ कम हुआ और वो मेरा साथ देने लगी। कई मिनट तक काम चालू रहा अब मैं झड़ने को आ गया।

आखिरी में दस-बारह झटकों के बाद मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया। थोड़ी देर बाद देखा तो चादर पूरी खून से लाल हो चुकी थी। हम दोनों के चहरे पर खुशी थी। हम उठ कर बाथरूम में गए और शावर ऑन करके एक-दूसरे को नहलाने लगे।

उस रात हमने तीन बार सेक्स किया.. जिंदगी का पहला प्यार और सेक्स।

साथियों दूसरी बार की कहानी में आपको अगली बार बताऊँगा कि मैंने ममता की गांड भी मारी। ये बड़ी अजीब दास्तान थी।

दोस्तो.. मेरी यह सच्ची सेक्स कहानी कैसी लगी.. जरूर बताना। [email protected]