सेक्सी जवान आंटी ने चूत चुदवाई

अन्तर्वासना के पाठको.. नमस्कार! उम्मीद करता हूँ कि सभी प्रबुद्ध रचनाकारों की तरह मेरी ये कोशिश आप लोगों को पसंद आएगी।

मेरा नाम साहिल है, 31 साल का हूँ और नई दिल्ली में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में मैनेजर हूँ… हैण्डसम और गुड लुकिंग हूँ। मुझे लॉन्ग ड्राइव और घूमने के साथ ही नए दोस्त भी बनाने का बहुत शौक है। मुझे शादीशुदा औरतें बहुत पसंद हैं।

यह एक शादीशुदा औरत के साथ मेरे पहले सेक्स एक्सपीरियेन्स की कहानी है।

जब मैं 18 साल का था.. मैं मथुरा शहर में अपने परिवार के साथ रहता था और ग्रेजुयेशन कर रहा था। मेरे परिवार का रेडीमेड गारमेंट्स का होलसेल बिजनेस था.. तो मैं कभी-कभी पेमेंट लेने कस्टमर्स के यहाँ जाता था।

हमारे पड़ोस में एक सिंधी मोहल्ला था.. जहाँ पर एक अंकल हमारे यहाँ से उधार माल लेकर जाते थे। जब भी मैं उनके यहाँ पेमेंट लेने जाता था तो वहाँ उनकी पत्नी मिलती थीं।

उसकी वाइफ यानि नीलम आंटी बहुत सेक्सी और सुन्दर थी, उसका ज़ालिम जिस्म जैसे एक कयामत था। उसकी 38 साइज़ की बड़ी-बड़ी चूचियां.. बड़ी उभरी हुई गांड और रसभरे होंठ थे। मैं जब भी उसको देखता.. मेरा लंड आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता था।

उसका पति जो साला शक्ल से उसका बाप लगता था.. भोसड़ी का एकदम शराबी और बेकार किस्म का चूतिया टाइप का आदमी था।

मैं अक्सर उसके यहाँ दोपहर में कॉलेज से आने के बाद जाता था। उस वक्त वो अकेली होती थी। पैसे लेने के बाद अक्सर हम साथ में टीवी देखते और बातें करते थे।

वो अक्सर मुझसे पैसे भी उधार ले लिया करती थी.. और मैं उनकी चूत का दीवाना उन्हें ‘ना’ ही नहीं कर पाता था।

मेरी उससे काफी खुल कर बात होती थी और उसको भी ये मालूम था कि शायद मैं उसको चोदने के लिए मरता हूँ।

एक बार उनके मकान के बगल में एक सेक्सी सी लड़की रहने को आई.. जिसका नाम कंचन था.. वो भी एकदम सेक्स बॉम्ब थी। उसका फिगर मुझे आज भी याद है.. वो 36-28-34 के फिगर वाली मस्त लौंडिया थी।

उसके बाद मैं नीलम से अक्सर उसे पटवाने की ज़िद करने लगा। वो उसे पटवाने के बहाने से मुझसे काफ़ी पैसे उधार लेती रही।

काफ़ी दिनों के बाद जब वो मेरी उससे बात नहीं करवा पाई.. तो एक दिन मैंने गुस्से में उसे धमकाया कि अगर तुमने मेरे पैसे जल्दी वापिस नहीं किए तो मैं तुम्हारे पति को सारी बात बता दूँगा।

दोस्तो.. उसका पति उसे अक्सर दारू के नशे में उसे पीटता था.. जिससे नीलम के जिस्म में गहरे नीले निशान पड़ जाते थे। वो अक्सर मुझसे अपनी पिटाई की बात बताती थी और मुझसे अपने जिस्म के उन हिस्सों में बाम या दवा लगवाती थी।

जब मैं नीलम से गुस्सा हो गया तो फिर मैं काफ़ी दिनों तक उसके घर भी नहीं गया। वो मुझे अक्सर देख कर घर आने के लिए बोलती थी.. पर मैं नहीं जाता था।

मुझे याद है वो अक्टूबर का महीना था मेरी मॉम ने मुझे कॉलेज से आते ही याद दिलाया कि आज सिन्धी अंकल के घर से पैसे लेते आना।

मैंने बहाना बनाया पर मॉम नहीं मानी.. तो मैंने कहा- ठीक है.. मैं खेलने जा रहा हूँ और आते समय पैसे ले कर आऊँगा।

मैं पहले नीलम के घर ही गया और देखा तो वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई और बोली- आज कैसे रास्ता भूल गए.. कहीं दुकान के पैसे लेने तो नहीं आए।

मैंने कहा- हाँ जी.. मैं दुकान के पैसे ही लेने आया हूँ। तो उसने मुझे पैसे दे दिए और चाय बनाने लगी.. पर मैंने मना कर दिया।

वो काफ़ी उदास होकर मेरे पास आई और बोली- क्या तुम मुझसे नाराज़ हो? मैंने कहा- हाँ क्योंकि आप झूठी हो.. आपने मुझे बेवकूफ़ बनाया और मुझसे पैसे भी ऐंठे।

वो बोली- अरे यार.. मैं क्या करूँ.. मैंने बहुत कोशिश की.. लेकिन वो मानी ही नहीं, पर तू अपने पैसे वापिस ले ले।

यह कह कर वो अपने ब्लाउज में से पैसे निकालने की कोशिश करने लगी.. पर उसका ब्लाउज टाइट होने की वजह से वो पैसे नहीं निकाल पा रही थी।

उसने मेरे सामने ही ब्लाउज के दो बटन खोले और पैसे निकाल कर मेरे सामने रख दिए। पर इतने से ही सीन में मेरे पप्पू ने तूफान मचा दिया।

मैं उस दिन क्रिकेट की ड्रेस में था और मेरा लोवर तनने लगा। ये देख कर उसकी हँसी छूट गई और वो मेरे पप्पू को हाथ लगा कर बोली- अगर ज़्यादा बेचैनी है तो मैं मदद करूँ.. पर मैं तो तुझे पसंद नहीं आऊँगी.. मैं तो शादीशुदा हूँ न..

इतना सुनते ही मैंने उसे बांहों में ले लिया और उसे चूमने लगा। वो भी मेरे लौड़े को लोवर को ऊपर से ही सहलाने लगी।

मैंने उसके होंठ को छोड़ा और उसे गले लगाते हुए उससे कहा- मेरी जान तुमको क्या पता.. तुमको याद करके मैं कितनी रातों में जगा हूँ।

बस यह सुनते ही उसने चुम्बनों की झड़ी लगा दी और मेरा लोवर नीचे करके मेरा लौड़ा चूसने लगी।

मेरे लिए तो ये मेरा सपने सच होने जैसा था कि जिस हुस्न परी आंटी को मैंने सपनो में ही चोदा हो.. वो मेरा लंड चूस रही थी।

वो लंड इतने मन से और सेक्सी तरीके से चूस रही थी कि मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसके मुँह में ही झड़ गया। वो भी चटकारे मारते हुए पूरा पानी पी गई और मेरा लंड साफ़ कर दिया।

मैंने तुरंत उनका ब्लाउज खोलना चाहा पर उसने मुझे रोक दिया और बोली- अभी नहीं मेरे राजा.. ये सब शाम को.. अभी थोड़ा रिस्क है।

मुझे कहाँ चैन था.. पर आंटी के बहुत समझाने पर मैं मान गया।

आंटी का ड्रॉइंग रूम एकदम अलग को था और वो सीढ़ियों के ठीक बगल में था। वो बोली- तुम ठीक 6 बजे मेरे ड्रॉइंग रूम में आ जाना.. मैं दरवाजा खुला रखूँगी। आज तेरे अंकल को शाम को कहीं जाना है। मैंने कहा- जाने का मन तो नहीं है पर अभी मैं जाता हूँ।

मेरी उतरी हुई शकल देख कर आंटी को हँसी आ गई और वो मुझे चूमते हुए बोली- राजा.. सब्र कर, शाम को ऐसा मज़ा दूँगी कि मेरे अलावा कुछ याद नहीं रहेगा।

खैर.. उस दिन मेरा मन खेलने में लगा ही नहीं.. मैं तो बस 6 बजने का वेट ही करता रहा।

ठीक पौने छह पर मैं ग्राउंड से निकल कर चुपचाप उनके घर के लिए निकल पड़ा।

छह बजने में कुछ मिनट पहले ही मैं उनके ड्राइंगरूम में पहुँच गया।

मैंने देखा.. वो वहाँ बिछे हुए दीवान बेड पर लेटी हुई थी.. और उसने एक ब्लैक कलर का गाउन पहना था.. जो उसके गोरे बदन को और सुंदर बना रहा था।

उसको देख कर लगा कि वो बहुत ही बेसब्री से मेरा वेट कर रही है।

जैसे ही मैं अन्दर हुआ उसने बिना देखे ही कहा- साहिल प्लीज़ दरवाजा बंद कर दो।

कमरे में काफ़ी अंधेरा था.. मैंने लाइट ऑन करने की कोशिश की.. तो उसने मना कर दिया और मुझे बेड पर आने को कहा।

मैं उसके नजदीक गया तो वो मुझे दीवानों की तरह चूमने लगी और कुछ ही पलों में मेरे सारे कपड़े उतार दिए। वो खुद भी नंगी हो गई।

उसने काली ब्रा और पैन्टी पहनी हुई थी.. जो उसकी सुंदरता को चार चाँद लगा रही थी।

उसके रसीले मम्मे देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उस पर टूट पड़ा।

वो अपने हाथों से मेरा लण्ड सहलाने लगी और बोलने लगी- राजा आज तू मेरा जादू देख.. मेरी अदा के बाद तू बाकी सबको भूल जाएगा। तेरे अंकल का तो दम बचा ही नहीं.. अब तू ही मेरी बुर का मालिक बन जा।

मैंने भी हँस कर उसके होंठ चूम लिए।

‘आंटी आपको मुझे सब सिखाना पड़ेगा.. बाकी मैं तो जो आप बोलोगी.. सो करूँगा।’

आंटी तो सुनते ही खुश हो गई और बोली- राजा.. मैंने तो कभी सोचा ही नहीं था कि तेरे जैसे लड़के का मुझे प्यार मिलेगा.. वरना मेरी तो जिंदगी तेरे अंकल ने बर्बाद ही कर दी। ना सेक्स का मज़ा.. और ना ही लाइफ का कोई मज़ा.. ना मुझे कहीं घुमाता है और ना ही प्यार करता है।

उसकी बातें सुन कर मेरी आँखों में भी दुख झलक आया.. और मैंने उसके चेहरे को अपने हाथों में ले लिया।

मैंने उससे कहा- माइ डार्लिंग, आज के बाद मैं तुम्हारे हर सपने को साकार करूँगा और तुम्हें बहुत प्यार करूँगा।

बस इतना सुनते ही उसने मुझे अपनी बांहों में कस लिया और मुझे नीचे लिटा कर मेरे पप्पू को अपने मुँह में डाल लिया और कुल्फी की तरह चूसने लगी।

मैंने उसके सख़्त बोबों को अपने मुँह में भर लिया उसके निप्पलों को जो कि काफ़ी छोटे थे.. चुभलाने लगा।

वो इससे एकदम से गरम हो गई और उसने मेरा हाथ अपनी तपती हुई चूत पर रख दिया। मैं तो रोमाँच से भर गया कि जिस चूत को चोदने के लिए मैं सपने देखता था.. वो मेरे सामने है।

मेरे लिए तो ये एकदम नया एक्सपीरियेन्स था। मैंने तुरंत अपना हाथ वहाँ रखा.. तो ऐसा लगा जैसे किसी भट्टी में हाथ डाल दिया हो। लेकिन मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगली उस छेद में पेली.. तो अजीब सा मज़ा आने लगा।

आंटी ने मुझे वहाँ चूमने का इशारा किया। हम दोनों 69 में आ गए।

मुझे कुछ समझ तो नहीं आया.. पर मेरे चूमने से आंटी के बदन में जो अकड़न हुई.. तो मुझे लगा ये शायद इसका सेन्सटिव पॉइंट है।

फिर तो मैं अपनी जीभ से उसे कुरेदने लगा और जैसे ही मैंने उसके दाने पर अपनी जीभ घुमाई.. वो भरभरा कर झड़ने लगी और मैं उसके नमकीन पानी को पीने लगा। इस पानी का स्वाद मुझे बड़ा गंदा लगा.. और मैंने तुरंत उसे थूक दिया।

वो मस्ती में मेरे सुपारे के छेद पर अपनी जीभ की नोक से अन्दर-बाहर करने लगी.. तो मैं फिर जल्दी से झड़ गया और मेरी सारी मलाई मैंने उसके मुँह में ही डाल दिया।

इस बार आंटी ने थोड़ा मुँह बनाया लेकिन मेरे लंड अभी भी खड़ा था। यह देख कर आंटी के चेहरे पर चमक आ गई और वो लपक कर मेरे ऊपर आ गई, मेरा लंड एक झटके से अन्दर डाल लिया.. पर लंड जाते ही उसके चेहरे पर पीड़ा की लकीरें आ गईं.. और वो ऊपर को हो गई।

मैं घबरा गया और पूछा- आंटी क्या हुआ? वो बोली- जान तेरा अंकल से बड़ा है ना.. इसीलिए थोड़ा सा दर्द हुआ है.. पर तू लगा रह।

जैसे ही वो नीचे को हुई.. मेरे मुँह से भी ‘आहह..’ निकल गई। मेरी ‘आह..’ सुनते ही आंटी के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

मैं थोड़ा परेशान हुआ कि ये मुस्करा क्यों रही.. पर शायद वो मेरे दिल की बात समझ गई। वो बोली- राजा आज तेरी सील टूट गई।

मैं सोचता रहा कि क्या कोई सील मेरे लंड पर भी होती है.. बाद में मालूम हुआ कि एक टांका होता है जो खुल जाता है।

तभी आंटी ने मुझे अपने नीचे ले लिया और बोली- राजा धक्के लगा और तुझे मेरी कसम है.. रुकना नहीं।

फिर तो जैसे मैं वहशी हो गया और ऐसे बमपिलाट धक्के मारे कि आंटी की माँ चुद गई और वो बेहोश होने लगी।

बीच-बीच में उसकी मद भरी सीत्कारें सुनाई देने लगीं।

‘आह आहह मेरे राजा.. मज़ा आ गया.. आज तो मैं निहाल हो गई मेरे चोदू जानू.. और जोर से चोद अपनी छबीली आंटी को.. आह्ह..

हमें शायद चुदाई करते हुए शायद काफी देर हो गई थी।

आंटी अब पूरी तरह से बेशर्म हो गई थी और चिल्लाने लगी थी- चोद मादरचोद.. और चोदो मेरे राजा.. मेरे उस गांडू से कुछ होता ही नहीं है.. आह.. और जोर से पेल भोसड़ी के.. आह्ह.. आ आ.. गई..

तभी वो अक़ड़ने लगी।

मेरे लिए ये पहली बार था तो मैं कुछ समझ ही नहीं पाया और उसकी चूत तेज़ी से मेरे लंड को जकड़ने लगी और सिकुड़ने लगी।

मैं भी खुद को रोक नहीं पाया और मेरे पैरों में थरथराहट सी होने लगी और ऐसा लगा जैसे मैं आसामान में उड़ रहा होऊँ।

तभी मेरे अन्दर से लावा निकल कर आंटी की चूत में भरने लगा।

मेरा माल निकलते वक्त मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे यही जन्नत हो।

इसके बाद जब आंटी ने मुझे झिझोंड़ा तो मुझे खुद को इस स्वप्न से बाहर लाने में कुछ मिनट लगे। उसने मुझे कपड़े पहनने को कहा।

आंटी का खूबसूरत चेहरा चुदाई के बाद और भी खूबसूरत हो गया था। मैंने कपड़े पहनने के बाद आंटी को जी भर के चूमा और उसकी चूत की भी कई चुम्मियां ले डालीं।

आंटी मुझे देख कर मुस्कराती रही।

बाद में मुझे आंटी ने बताया था कि वो हमेशा से मुझसे चुदना चाहती थी पर ये बात कहने में वो डरती थी।

दोस्तो, उस दिन की चुदाई से वो गर्भ से भी हो गई थी। यह बात मुझे बाद में उसने बताई।

समय पूरा होने पर उसने एक खूबसूरत से बेटे को जन्म दिया जो आज 12 साल का हो गया है और उसका नाम भी आंटी ने साहिल ही रखा है।

उसके बाद भी हमने काफ़ी बार चुदाई की और आंटी के बच्चा होने के बाद मैंने उसका कई बार दूध भी पिया और बाद में अपने बच्चे के साथ एक चूचा मेरा साथ काफ़ी बार शेयर भी किया।

दोस्तो प्लीज़ अपने विचारों से या सलाह से मुझे ज़रूर अवगत कराना.. और प्लीज़ मुझे मेल करें। [email protected]