देवर ने ब्लू फ़िल्म दिखा कर फ़ंसाया और चोदा

मेरी कहानी पढ़ने वाले सभी दोस्तो को मेरा नमस्कार! अन्तर्वासना की कहानियों को पढ़ने के बाद मुझे भी लगा कि मुझे अपनी जिन्दगी के हसीन पलों को आप सबके साथ बाँटना चाहिए। इसलिए आज मैं आपके सामने अपनी चुदाई की कहानी लेकर आई हूँ।

सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बताती हूँ। मेरा नाम मीना है, उम्र 26 साल है, मेरा रंग एकदम दूध सा गोरा है और मेरे बदन का साईज 32-28-30 की है।

मेरी शादी 22 साल की उम्र में हो गई थी। मेरे ससुराल में मेरे पति और उनके माता-पिता हैं और उनका एक भाई भी था.. जिसका नाम रवि है। वो कॉलेज की पढ़ाई के लिए हॉस्टल में रहता था।

शादी के बाद मैं अपने पति के साथ अपनी ससुराल मुंबई आ गई। उस वक्त मेरा देवर पढ़ाई के लिए हॉस्टल में रहता था। पर शादी के दो साल बाद उसकी पढ़ाई पूरी हो जाने के कारण वो भी मुंबई हमारे साथ रहने के लिए आ गया।

मुंबई में ज्यादा दोस्त न होने के कारण वो ज्यादातर से घर पर ही रहता था और अपने लैपटॉप में नई-नई मूवी डाल कर देखता रहता था।

जब मैं फ्री होती.. तो वो मेरे साथ बातचीत करने बैठ जाता।

मेरे पति के पास टाईम नहीं होता था इस वजह से मैंने कितने समय से नई मूवी भी नहीं देखी थी।

मेरी रवि के साथ अच्छी दोस्ती होने के कारण मैं काम खत्म करने के बाद उसके लैपटॉप को लेकर अपने कमरे में जाकर मूवी देखती थी।

एक-दो दिन के बाद वो मुझे रोज दोपहर को खुद से मूवी देखने के लिए लैपटॉप दे देता था और मैं लैपटॉप लेकर मूवी देख कर उसे लौटा देती थी।

एक दिन मैं लैपटॉप में दूसरे फोल्डर खोल कर देख रही थी.. तो एक फोल्डर में मुझे कुछ वीडियो फाईल दिखीं.. तो मैंने उनको खोल कर देखा.. तो मैं हैरान हो गई।

जैसे ही मैंने पहला वीडियो खोला.. तो देखा कि एक लड़की कपड़े उतार कर चूत में उंगली कर रही थी।

पहले यह देख कर मैंने वीडियो बंद कर दिया, फिर मैंने अपने कमरे के दरवाजे की कुंडी की तरफ देखा कि बराबर लगी है या नहीं।

फिर मैंने फिर से वीडियो लगाया और देखने लगी।

थोड़ी देर बाद मैं चुदास से गरम होने लगी और मैं हाथ से अपनी चूत को रगड़ने लगी।

थोड़ी देर चूत रगड़ने के बाद मैंने अपनी लैगी और पैन्टी निकाल दी और चूत को मसलने लगी। फिर कुछ ही पलों में मैं चूत में उंगली डाल कर मजे लेने लगी।

वैसे भी चूत चुदाए हुए तीन दिन हो गए थे.. इसलिए उस दिन वीडियो देखने के बाद मुझे उंगली करने का बहुत मन होने लगा था।

थोड़ी देर बाद मेरी चूत में से पानी निकल गया और मैं बाथरूम में जाकर साफ हो कर आराम करने लगी।

उस दिन मुझे ये पता नहीं था कि मेरे देवर रवि ने मेरे रूम में सीसी टीवी कैमरा लगाया हुआ था और उसने मेरी सारी हरकतें देख ली थीं।

इस तरह मैं रोज दोपहर में वीडियो देख कर उंगली करती और वो सीसी टीवी कैमरा से वो सब खेल देख लेता था।

वो रात की उस वक्त की लाइव वीडियो भी देख लेता था.. जब मेरे पति मेरी चुदाई करते थे। ये सब उसने मुझे बाद में बताया था।

दो हफ्ते ऐसे ही निकल गए। फिर मेरे सास-ससुर को किसी काम की वजह से गाँव जाना पड़ा.. तो वे दोनों सुबह की गाड़ी से गाँव चले गए।

उस दिन सब काम खत्म करने के बाद मैं अपने कमरे में जाकर लैपटॉप खोल कर देखने लगी।

उस दिन मुझे उसमें एक दूसरा फोल्डर दिखा, जिसे खोल कर मैंने देखा तो मुझे एक लम्बे और मोटे लौड़े वाले आदमी की फो़टो और वीडियो दिखा।

वो देख कर मैं थोड़ी हैरान हो गई थी। वो आदमी मेरा देवर था और अपने लंड को तेल से मालिश कर रहा था।

मेरे देवर ने ऐसे वीडियो बना के उस फोल्डर में रख दिए थे। उसके लम्बे लंड को देख कर मुझे उसी वक्त चुदाई करने का मन होने लगा।

पर वो मेरा देवर था.. इसलिए मैंने सोचा ये सब गलत होगा। इस वजह से मैंने उसे कुछ नहीं कहा और उसको लैपटॉप दे कर चली आई।

फिर शाम को मैं बाजार गई.. तब रवि के पास उनके भाई का फोन आया कि आज काम के कारण वो घर नहीं आ पाएंगे।

यह सुन कर वो मुझे चोदने की योजना बनाने लगा, उसने अपने कमरे का और हॉल का पंखा बिगाड़ दिया.. जिससे उसे मेरे साथ सोने का मौका मिल जाए।

फिर जब मैं बाजार से वापस आई तो उसने मुझे बताया कि आज भाई नहीं आने वाले हैं.. उनका फोन आया था।

मैंने सिर्फ हम दोनों के लिए खाना बनाया और फिर खाना खाने के बाद वो अपने कमरे में सोने के लिए जाने लगा।

थोड़ी देर बाद उसने मेरे पास आकर कहा- भाभी मेरे कमरे का पंखा बिगड़ गया है।

मैंने उसके कमरे में जा कर देखा।

गर्मी का मौसम होने के कारण पंखे के बिना सोना वास्तव में मुश्किल था। इसलिए थोड़ी देर सोचने के बाद मैंने रवि से कहा- तुम मेरे कमरे में आकर सो जाओ.. और मैं हॉल में सो जाती हूँ।

ये सुन कर वो थोड़ा उदास हो गया.. पर फिर मेरे कमरे में जाकर सोने लगा। थोड़ी देर मैंने हॉल में टीवी देखी.. फिर मेरी नजर सामने पड़े लैपटॉप पर पड़ी।

मैं यह नहीं जानती थी कि वो लैपटॉप रवि ने मेरे लिए ही रखा था ताकि मुझे उंगली करने का मन हो।

मैं टीवी बंद करके रवि को देखने गई कि वो सो गया है या नहीं। फिर बाहर आकर मैंने उसका लैपटॉप खोल लिया और वीडियो देखने लगी।

फिर मैं अपनी लैगी के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को मसलने लगी। कुछ देर बाद चुदास के बढ़ने पर मैंने लैगी को उतार दिया और मैं बड़ी बेफ़िक्र होकर आँखें बन्द करके अपनी रसीली हो चुकी चूत को मसलने लगी।

तभी रवि की आवाज आई- भाभी ये क्या कर रही हो? यह देख कर मैं एकदम से घबरा गई और अपने आपको छुपाने लगी।

रवि ने मेरे पास आकर लैपटॉप को साईड में किया और मेरे पास आकर कहने लगा- भाभी अगर इतना ही मन हो रहा था.. तो मुझे बुला लेतीं.. ऐसे वीडियो देख कर क्या मजा मिलेगा?

फिर वो मुझ से लिपट गया और मुझे बांहों में ले कर मुझे किस करने लगा।

पहले मैं मना करने लगी- रवि ये सब एकदम गलत है.. तुम्हारे भाई को ये सब पता चलेगा तो बहुत बुरा होगा।

रवि ने कहा- अभी हम दोनों के अलावा यहाँ पर कोई नहीं है.. और किसी को भी इसके बारे में पता भी नहीं चलेगा।

ये सुन कर मैं थोड़ी चुप हुई और मैंने उसे अपने से दूर करना बन्द कर दिया। वैसे भी मैं पहले से ही गर्म हो चुकी थी और रवि की किस के वजह से और गर्म हो रही थी।

थोड़ी देर बाद रवि ने अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और किस करने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगी थी।

थोड़ी देर बाद उसने अपने एक हाथ को मेरी टांगों के जोड़ पर रख दिया और सहलाने लगा। वो इसके साथ मुझे चुम्बन भी करता जा रहा था।

अब मैं पूरी तरह गरम हो चुकी थी और रवि के साथ चुदाई के लिए तैयार हो गई थी। यह हिन्दी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर वो मेरे गले पर चुम्बन करने लगा और मेरे चूचों को जोर-जोर से दबाने लगा। थोड़ी देर हॉल में मजे लेने के बाद हम दोनों को गरमी की वजह से पसीना आने लगा.. इसलिए हम दोनों कमरे में आ गए।

उसने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए। अब मैं उसके सामने पूरी तरह नंगी हो गई थी। हम दोनों एक-दूसरे के साथ खुल गए थे।

अब उसने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरी चूत को अपने हाथों से रगड़ने लगा.. साथ ही मैं वो मेरी चूत को चूमने भी लगा।

मैं अपनी चूत को साफ रखती हूँ.. इसलिए मेरी चूत पर एक बाल भी नहीं था। ये देख कर रवि बहुत खुश हुआ और वो मेरी चूत को अपने मुँह में ले कर चाटने लगा।

थोड़ी देर बाद उसने अपनी गति बढ़ाई और उसकी गर्म हरकतों से मेरे मुँह से आवाज निकलने लगी ‘अअहह.. आईईई..’

थोड़ी देर बाद मैं झड़ गई और सारा माल रवि के मुँह में आ गया। वो मेरा सब पानी पी गया।

अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी अंडरवियर निकाल कर उसके लंड को हाथ लेकर मसलने लगी। उसका लंड पहले से गीला हो चुका था।

मैंने उसके लंड को अपनी जीभ से चाटना चालू कर दिया। कुछ ही पलों में उत्तेजना बढ़ गई और मैं उसके लंड को अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगी।

रवि का ये पहली बार था.. इसलिए उसने अपना पानी जल्दी ही छोड़ दिया और उसका सारा गाढ़ा पानी मैंने अपने मुँह में ले लिया। पहली बार में उसके लंड में से इतना अधिक पानी निकला कि मेरा पूरा मुँह भर गया और उसका माल मुँह से बाहर निकल कर गिरने लगा।

मैंने उसके माल का स्वाद चखा। मुझे अच्छा लगा तो मैंने कुछ माल खा भी लिया। फिर मैंने अपने मुँह को एक कपड़े से साफ किया और उसकी बांहों में चली गई।

वो मुझे बांहों में लेकर चूमा-चाटी करने लगा और मेरे दोनों चूचों को पकड़ कर जोर-जोर से मसलने लगा। मुझे उसके दबाने से थोड़ा दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था।

थोड़ी ही देर में उसने मेरे दूध जैसे सफ़ेद रंग के दोनों चूचों को टमाटर जैसा लाल कर दिया।

अब मेरी चूत की आग बढ़ने लगी.. तो मैंने रवि से कहा- जान.. अब ये तुम अपने इस लम्बे और मोटे लंड को मेरी चूत में पेल दो.. अब मुझसे रुका नहीं जाता।

उसका लंड भी चुदाई के लिए तैयार हो गया था। उसने मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरे दोनों पैरों को फैला दिया और अपने लंड पर कन्डोम लगा कर मेरी चूत पर लंड को रखकर अन्दर पेलने लगा।

उसने मेरी चूत में इतनी जोर से लंड डाला कि मेरे मुँह से जोर से चीख निकल गई।

मैंने कहा- जान.. धीरे करो.. आराम से करो.. ये चूत अब तुम्हारी भी है। उसने धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाई। उस वक्त मेरे मुँह में जोर-जोर से आवाज निकलने लगी ‘आआहह.. उई.. अअह..’

मैंने अपनी चूत में जीवन में दूसरा लौड़ा ले रही थी.. जिस वजह से मुझे बड़ा ही रोमांच हो रहा था।

रवि का लौड़ा मोटा भी था.. इसलिए मुझे उसके लंड से चुदने में दर्द भी हो रहा था और मजा भी आ रहा था। थोड़ी देर की चुदाई के बाद वो मुझ पर आ गया और मुझे चुम्बन करने लगा। मुझे चूमते हुए वो मेरी चूत की चुदाई करने लगा। फिर उसने अपना पानी छोड़ दिया और मुझ पर ढेर हो गया।

मैं अभी भी प्यासी थी.. तो मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और उसके ऊपर आ गई।

थोड़ी देर चुम्बन करने के बाद मैंने उसके लंड पर से कन्डोम निकाल दिया और लंड को चूमने लगी। थोड़ी देर लौड़े को अपने मुँह में लेकर चुदाई के लिए उसे दुबारा से तैयार किया।

मैंने फिर से उसके लंड पर कन्डोम लगाया.. फिर उसके लंड पर बैठ गई और चूत में लौड़ा घुसेड़वा कर उछलने लगी।

थोड़ी देर लौड़े पर उछलने के बाद मैं उस पर लेट गई.. और उसको चुम्बन करने लगी, साथ ही मैं अपनी गांड को भी लौड़े पर उछाल रही थी।

कुछ मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए और एक-दूसरे की बांहों में आ गए।

थोड़ी देर बाद साफ होकर हम दोनों सो गए।

सुबह मैं जल्दी उठकर नंगे ही नाश्ता बना रही थी.. तब रवि मेरे पास आया और रसोई में ही मेरी गांड में अपना लौड़ा पेल दिया। मैं दर्द से दोहरी हो गई पर मुझे चूंकि गांड मराने की आदत है इसलिए मैंने उससे गांड मरवा कर खूब मजे लिए।

दोस्तो.. आपने देखा कि किस तरह मेरे देवर रवि ने बड़ी ही होशियारी से मेरी चुदाई की। उसके बाद उसने एक साल तक मेरी चुदाई की.. पर अब मेरे पति की नौकरी दूसरे शहर में लग गई है, इस वजह से मैं अपने देवर से दूर हो गई हूँ।

मुझे तो अपने पति का लंड मिल जाता है.. पर मेरा देवर बेचारा अकेला हो गया है।

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