लॉकडाउन में दूकान वाली आंटी की चुत चुदाई

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इंडियन आंटी हॉट सेक्स कहानी मेरे पड़ोस की दूकान वाली सेक्सी आंटी की है. मैंने देखा कि वो एक अंकल से चुदवा रही थी. मैं भी आंटी को चोदना चाहता था.

मेरी पिछली कहानी थी: 55 साल की आंटी की चुदाई स्टोरी

ये इंडियन आंटी हॉट सेक्स कहानी लॉकडाउन की है.

मैं दिल्ली से हूँ. मेरा नाम राज है. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.

मुझे 40+ उम्र की आंटी चोदना पसंद है. वो भी यदि मोटी या भरे हुए जिस्म की हों, तो मेरा लंड हिनहिनाने लगता है. मुझे ऐसी आंटीज की पेशाब पीना, इनकी ब्रा में मुठ मारना बड़ा ही अच्छा लगता है.

हमारे मोहल्ले में एक फैमिली रहती है. उनके घर में ही आगे के हिस्से में उनका किराना स्टोर है.

अंकल की वाइफ की उम्र 42 साल की है. पर वो अभी 35 साल की ही लगती हैं. आंटी बहुत सेक्सी हैं. मैंने आंटी को याद करके अनेकों बार मुठ मारी है.

उनके मम्मों का साइज़ 36 डी है. आंटी की गांड बहुत मोटी और मस्त थिरकती है. वो हर रोज़ सुबह अपनी सास के साथ योगा करती हैं. उनकी सास भी बहुत मस्त माल और सेक्सी हैं. सास के बारे में मैं आपको फिर कभी बताऊंगा.

हमारे परिवार का उनके परिवार के साथ बड़ा ही क्लोज रिलेशन था. मैं आंटी के घर अक्सर जाता रहता था.

आंटी का किसी और आदमी के साथ भी चक्कर था. ये मुझे लॉकडाउन में पता लगा था.

जब लॉकडाउन हुआ था, तब 15 दिन बाद मुझे पता चला कि अंकल अपने भाई के पास देहरादून गए थे और आंटी घर पर अकेली थीं.

अब लॉकडाउन में ना तो कोई आ सकता था और ना कोई कहीं जा सकता था. मैंने सोचा कि ये मस्त मौका है.

मैं उनकी दुकान पर गया जो कि लॉकडाउन में कुछ ही समय के लिए खुलती थी.

उस दिन आंटी दुकान पर थीं, बड़ी मस्त आइटम लग रही थीं. मैंने आंटी की दुकान से अपने घर की जरूरत का सामान लिया और आंटी से कहा कि आंटी आपको कोई काम हो, तो आप मुझे बता देना.

मैं अभी आंटी से बात ही कर रहा था कि तभी वो अंकल आए, जिनके साथ आंटी का चक्कर था.

वो बोले- लीसा, मुझे भूख लगी है कुछ खाने का है? आंटी ने उनसे कहा- आप अन्दर चलो मैं आती हूँ.

मुझे तब तक कुछ पता नहीं था. मैंने सोचा कि ये अंकल के कोई रिश्तेदार होंगे.

मैं चला गया.

मगर जब दूसरे दिन और आगे दो तीन दिन ऐसा हुआ, तो मैं कुछ सोच में पड़ गया कि ये आदमी कौन है. तब भी मैंने उन्हें इग्नोर कर दिया.

उस दिन संडे था. आंटी की सास हमारे घर पर थीं, मैं आंटी से मिलने गया उनकी दुकान पर गया तो वो बंद थी. घर का दरवाजा खुला था, तो मैं घर में अन्दर चला गया.

मैंने देखा कि वो अंकल आंटी को चोद रहा था. आंटी आधी नंगी थीं … और अंकल आंटी के ऊपर चढ़ा था. उन दोनों की धकापेल चुदाई चल रही थी.

आंटी उससे बोल रही थीं- हरामी साले … अब तेरे से कुछ होता नहीं है. अब मुझे तो पता भी नहीं पता लगता कि तेरा लंड चुत के अन्दर गया भी है या नहीं.

तभी उस अंकल का पानी निकल गया और आंटी उस पर बड़बड़ाने लगीं. शायद आंटी की चुत प्यासी रह गई थी.

ये सीन देख कर मैं समझ गया था कि मामला क्या है.

उन दोनों की चुदाई खत्म हो चुकी थी, तो वो दोनों उठ गए और वो अंकल अपने कपड़े पहनने लगा.

मैं दरवाजे के पीछे छिप गया.

कुछ देर बाद वो आदमी अपने कपड़े पहन कर बाहर निकल कर चला गया.

आंटी अब भी अपने कपड़े बिना ठीक किए बेड पर लेटी थीं.

अब मैं अन्दर आ गया. मेरे सामने आंटी की नंगी चुत थी. सच में बड़ी मस्त चुत थी. हालांकि आंटी की चुत पर झांटें थीं, मगर बड़ी जलवेदार और फूली हुई चुत थी.

मुझे आया देख कर आंटी उठ गईं और एकदम से चौंक सी गईं.

आंटी बोलीं- राज तुम इधर क्या कर रहे हो. तुमको बिना आवाज दिए अन्दर आने में शर्म नहीं आती? मैंने कहा- मुझे तो आती है आंटी, पर आपको नहीं आती.

आंटी सकपका कर बोलीं- क्या मतलब है तेरा? मैंने कहा- आंटी, भूख तो मुझे भी लगी है.

आंटी ने कहा- भूख लगी है तो अपनी मम्मी के पास जा … मेरे पास क्यों आए हो? मैंने कहा- आंटी, वो अंकल तो अपनी भूख मिटाने आपके पास आते हैं.

आंटी बोलीं- कौन? मैंने कहा- मेरा मतलब है आंटी कि आप मेरी भी भूख मिटा दो, जैसे आपने उस बुड्डे की बुझा दी है. मेरे मोबाइल में भूख मिटाने वाली आप दोनों की वीडियो है. आपको दिखाऊं?

आंटी मेरी बात सुनकर डर गईं. पर मैंने कोई वीडियो रिकॉर्ड नहीं किया था. मैंने सिर्फ अंधेरे में तीर चलाया था, जो निशाने पर बैठ गया था.

आंटी मेरी तरफ वासना से देखते हुए बोलीं- तुम किसी को मत बताना, मैं तेरी भूख मिटाने को रेडी हूँ, पर अभी नहीं. मैंने कहा- ठीक है, अभी नहीं तो कल सही. तब तक मैं वीडियो देख कर काम चला लूंगा. आंटी मान गईं.

अगले दिन आंटी ने मुझे अपने घर बुलाया और कहा- आज तुम मेरे साथ अपनी भूख मिटा लो … मगर वादा करो कि तुम वो वीडियो डिलीट कर दोगे. मैंने कहा- ठीक है आंटी … मैं तो आपको बहुत पहले से पसंद करता था. आप मुझे बहुत सेक्सी लगती हो. आंटी ने कहा- मुझे पता है कि तुम मुझ पर लाइन मारते हो.

मैंने आंटी के करीब आकर उनके बदन पर हाथ फेरा और कहा- आंटी, मुझे मालूम है कि वो बुड्डा आपको मजा नहीं देता है. अगर मुझसे आपको मज़ा आया तो क्या हम दोनों फिर मिल सकते हैं?

आंटी ने कहा- पहले मुझे खुश कर, ये तेरे पास एक ही मौका है. इसके बाद सोचूंगी कि क्या करना है.

मैं आंटी से लिपट गया और उनके होंठों पर किस करने लगा. आंटी के होंठों को चूसने और चूमने लगा. मैं अपना थूक आंटी के मुँह में जाने लगा था और उनका रस मेरा मुँह में.

फिर मैंने आंटी के ऊपर के कपड़े उतार दिए और उनको ब्रा में कर दिया.

आंटी की ब्लैक ब्रा उनके गोरे और चिकने मम्मों पर बड़ी मस्त लग रही थी. आंटी मेरी तरफ वासना से अपने मम्मों को हिलाने लगीं. उनको भी मेरा जवान शरीर मदहोश करने लगा था.

फिर मैंने आंटी की ब्रा को उतारा और उनके गालों को चूसने लगा. आंटी के निप्पल एकदम टाइट हो गए. मेरा भी लंड टाइट हो गया था. आंटी के मुँह से कामुक आवाजें आने लगी थीं ‘आह ओह ..’

मैंने आंटी के मम्मों को चूसना शुरू कर दिया. आंटी दूध चुसवाते हुए बोलीं- आज तक किसी ने मुझे ऐसे प्यार नहीं किया … अहह … चूस भोसड़ी के … आह बहुत मज़ा आ रहा है.

आंटी के मुँह से गाली सुनकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया. इसी उत्तेजना में मैंने आंटी का एक निप्पल अपने दांतों में दबा कर ज़ोर से खींच दिया.

आंटी चीख पड़ीं- आह मादरचोद क्या उखाड़ ही लेगा … धीरे धीरे चूस न.

मैंने आंटी की चीखने की परवाह नहीं की और मैं उन के मम्मों को चूसता और काटता रहा. आंटी भी अपने हाथ से अपने दूध पकड़ पकड़ कर मुझे चुसा रही थीं.

कुछ देर बाद मैं पूरा नंगा हो गया था. मेरा मोटा लंड लहराते देख कर आंटी की आंखें ऐसे चमक उठीं, जैसे किसी बिल्ली को मलाई का कटोरा दिख गया हो.

मैं जरा झुक कर आंटी के पेट को चाटने लगा और आंटी की नाभि में थूक डाल कर उसे चूसने लगा.

आंटी को बेहद मज़ा आ रहा था और वो पूरी तरह से गर्मा गई थीं.

अब मैंने आंटी की सलवार भी उतार दी और मेरे सामने उनकी पीली पैंटी आ गई थी, जो कि आंटी की चुत के पानी से गीली हो गई थी.

मैंने अगले ही पल उनकी पैंटी की इलास्टिक में अपनी उंगलियां फंसा दीं और पैंटी को उनकी टांगों से निकाल दिया.

आंटी की साफ़ चुत देख कर तो मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. मैंने आंटी की टांगें खोल दीं और उनकी चुत में उंगली करने लगा. आंटी की भरी हुई चुत और उसकी फांकें बड़ी गदीली थीं. एकदम मस्त चुत थी.

मेरी उंगली आंटी की चुत में घुसी तो आंटी की कराह निकल गई- अहह मर गई … साले हरामी मुझे और मत तड़फा … अब जल्दी से मुझे चोद दे कुत्ते आह फक मी … तुम बहुत मस्त लौंडे हो … आह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं उनकी आह सुनकर बैठ गया और आंटी की चुत के पास अपनी नाक लगा कर चुत की महक लेने लगा. मैंने अपनी नाक कि नोक से आंटी की चुत के दाने को रगड़ दिया तो आंटी ने मेरे सर को थामा और अपनी चुत में घुसाने की कोशिश करने लगीं.

फिर मैंने अपनी ज़ुबान आंटी की चुत में डाल दी और चुत चाटने लगा.

जब मैंने आंटी की क्लिट को अपने होंठों में दबा कर खींचा तो आंटी चिल्ला उठीं- आह मर गई रे … अहह ओहह साले भोसड़ी के आग लगाने में बड़ा मास्टर है मादरचोद … अब क्या कर रहा है कमीने चुत चोद दे.

ये मेरा पहली बार था, जब मैं किसी की चुत को चाट रहा था. आंटी का भी ये पहला अनुभव था और वो मेरे चुत चाटे जाने से इतनी गर्म हो गई थीं कि आंटी कुछ ही देर में मेरे मुँह में झड़ गईं.

अब तक हम दोनों इस गर्मी भरे मौसम में पसीने से भीग चुके थे. आंटी मुझे खींच कर बेड पर ले आईं. हम दोनों लेट गए.

आंटी ने मुझे चूमते हुए कहा- आज तो मुझे सच में मज़ा आ गया. तुमने तो बिना चोदे ही मुझे ठंडी कर दिया. मैं तो ये सोच कर आई थी कि 15 मिनट में खेल खत्म हो जाएगा. मैंने कहा- आंटी खेल तो अब शुरू हुआ है.

आंटी हंस दीं.

मैंने कहा- आप मेरा लंड को मुँह में लो. आंटी बोलीं- धत्त तुम पागल हो क्या … मैं मुँह में नहीं ले सकती हूँ.

मैंने कहा- आंटी, मेरे लंड को मुँह में लेकर तो देखो, ये ही तो सेक्स का मज़ा है. मगर आंटी ने मना कर दिया और कहा- मेरा मूड खराब मत करो. अब जल्दी से चुदाई करो बस.

मैंने कहा- नहीं … अब आपको भी मेरा लंड चूसना पड़ेगा वरना मैं चुदाई नहीं करूंगा. आंटी बोलीं- साला कमीना … पैदाइशी मादरचोद लगता है.

मैं उनकी इस गाली से हंस पड़ा.

अब आंटी ने मेरा लंड पकड़ा और मुँह में ले लिया. वो मेरे लंड को लॉलीपॉप के जैसे चूस रही थीं. कभी पूरा लंड मुँह में भर लेतीं तो कभी लंड के सुपारे को जीभ से चाटने लगतीं.

आंटी को लंड चूसने में बड़ा मज़ा आ रहा था. मैं भी अपना पूरा लंड आंटी के मुँह में पेल रहा था और उनके मुँह को चुत समझ कर चोद रहा था.

कोई पांच मिनट बाद मैंने आंटी को बेड पर लिटा दिया और उनकी चुत को चूस कर गीला करके चुदाई की पोजीशन में आ गया.

आंटी चुदने को बड़ी बेकरार हो रही थीं. मैंने आंटी की चुत की फांकों में अपना लंड घिसा तो वो बोलीं- साले अन्दर कर दे भैन के लंड … क्यों तरसा रहा है कमीने.

मैंने उसी पल अपना लंड चुत में घुसेड़ दिया और तेज़ी से चोदने लगा.

आंटी लंड लेते ही एक बार सिहर उठीं और कलप गईं- आह मां के लौड़े … धीरे से पेल … साले तेरी आंटी की चुत है किसी बाजारू रांड की नहीं. मैं कहा- साली तू तो आज से मेरी रांड ही बन जा … तेरी चुत को भोसड़ा बना दूँगा.

आंटी मस्त हो गईं और चिल्लाने लगीं- आह चोद मुझे … फक मी आह यस फक मी हार्ड … फक मी बेबी और तेज चोद.

इस समय धकापेल चुदाई जारी थी. हम दोनों ही जोश में थे.

आंटी गांड उठाते हुए बोलीं- मैं तो तुझे बच्चा समझ रही थी, पर तू तो सच में बड़ा मादरचोद निकला … आह साले चोद अपनी आंटी को चोद हरामजादे … अन्दर तक पेल. उनकी गालियां मुझे और जोश भर रही थीं.

इतना मज़ा मुझे आज तक किसी के साथ नहीं आया था.

करीब बीस मिनट की मस्त चुदाई के बाद मैं और आंटी एक साथ झड़ गए. हम दोनों झड़ कर बेड पर लेट कर हांफ़ने लगे.

कुछ मिनट बाद आंटी बोलीं- साले तूने कौन सी गोली खाई थी, जो इतना लंबा चला. मैंने कहा- आंटी आप इतनी सेक्सी हो … कोई भी आपके साथ पागल हो सकता है. मैं तो भी फिर से आपको चोदने की सोच रहा हूँ. आंटी हंस पड़ीं.

फिर हम दोनों बाथरूम में गए.

उधर मैंने आंटी से कहा- मुझे आपकी पेशाब पीना है. वो मेरी तरफ देख कर हंस दीं और बोलीं- नहीं, ये गंदी बात है.

मैंने कहा- सेक्स का असली मज़ा ही इस सब में आता है आंटी. फिर आंटी ने कहा- आज से मैं तुम्हारी हर बात मानूंगी.

इसके बाद आंटी खड़े होकर मेरे मुँह में मूतने लगीं और उनकी गर्म गर्म पेशाब सीधे मेरे गले तक जाने लगीं. ये सब आंटी को इतना अच्छा लग रहा था कि वो अपनी चुत को मेरे मुँह पर रख कर मूत रही थीं और ओर हाथों से अपनी चूचियां मसलते हुए आह आह कर रही थीं.

मैंने आंटी की पूरी पेशाब को पी लिया और उनकी चुत को चाट कर बाकी की पेशाब को भी चाट कर चुत को साफ़ कर दिया.

आंटी बोलीं- अब मेरा नम्बर है. मैंने उनकी तरफ देखा तो बोलीं- आज मैं भी तेरी पेशाब को पियूंगी.

मैंने उनके घुटनों पर बिठाया और उनके मुँह में लंड दे दिया. आंटी लंड चूसने लगीं और इशारे से मूतने के लिए कहने लगीं. मैंने मूतना शुरू कर दिया और आंटी मेरी पेशाब को बिना रुके पीने लगीं.

हम दोनों इससे इतने अधिक गर्म हो गए थे कि मैंने बाथरूम में ही आंटी को घोड़ी बना कर उनके आधे घंटे तक चुदाई की.

आंटी मेरे लंड से खुश हो गई थीं. उन्होंने अगले ही दिन मेरे सामने ही अपने उस बुड्डे दोस्त को गाली देकर भगा दिया.

इसके बाद जब तक लॉकडाउन चला, मैंने आंटी की चुत गांड खूब बजाई. अब भी अंकल की गैरहाजिरी में मैं जब तब आंटी की सवारी गांठ लेता हूँ.

आपको मेरी ये इंडियन आंटी हॉट सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी है [email protected]

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