हरियाणा पुलिस वाली को चोद कर खुश किया- 2

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लेडी पुलिस सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक पुलिस वाली मुझसे चुदकर मजा ले चुकी थी. उसे मेरा लंड पसंद आया था. एक दिन उसने मुझे फिर बुलाकर सेक्स किया. मैंने उसकी गांड मारी.

दोस्तो कहानी के पहले भाग हरियाणा पुलिस वाली ने मुझे फंसाकर चूत चुदवायी में आपने पढ़ा था कि मालती धाकड़ (हरियाणा पुलिस) ने मुझे डरा फंसा कर अपने ही घर ले जाकर रातभर मुझसे अपनी चुदाई करवाई थी।

दोस्तो, एक हफ्ते बाद शाम 7 बजे मेरे नंबर पर एक अनजान फोन आया, लड़की की आवाज आई और बोली- राज शर्मा? मैंने कहा- हां … आप कौन बोल रही हो? उसने बोला- इतनी जल्दी भूल गए?

मैंने कहा- याद तो है … लेकिन मैं थोड़ा कंफ्यूज हो रहा हूं। वो बोली- गुड़गांव थाना याद है?

मैंने कहा- मालती मैडम … अब याद आ गया। इस गरीब को कैसे याद कर लिया? वो बोली- राज, 8 बजे मेरी ड्यूटी ऑफ हो रही है और कल मैंने छुट्टी ले ली है। तूं क्या कर रहा है? मैंने कहा- मैडम, मैं तो बिल्कुल फ्री हूं, अपने रूम में हूं।

वो बोली- एक काम कर … तूं मुझे घोड़ा चौक वाली अंग्रेजी शराब की दुकान में पहुंच कर फोन करना।

मैंने रूम बंद करके दुकान पहुंच कर मालती मैडम को फोन किया और मैनैजर की बात करवाई।

उसने सिग्नेचर की एक बोतल दी और मुस्कुराते हुए बोला- मैडम को खुश करना।

थोड़ी देर बाद मालती आ गई और मैं गाड़ी में बैठ गया।

अब गाड़ी सेक्टर 15 के एक अपार्टमेंट में रूकी और दोनों लिफ्ट से 5वें माले में आ गए।

34-35 साल की एक औरत ने दरवाजा खोला और हम दोनों अंदर आ गए।

मालती और मैं एक रूम में चले गए.

थोड़ी देर बाद वो औरत आई, बोली- दीदी खाना तैयार है, अब मैं जा रही हूं। मालती ने इशारा किया मैंने गेट अंदर से लॉक कर दिया।

जब मैं वापस कमरे में आया तो मालती ने पैन्ट शर्ट उतार दी थी और वो गुलाबी जालीदार ब्रा और डोरी वाली पैंटी में थी। उसकी भरी हुई गांड पैंटी से बाहर थी, बस छेद में एक डोरी थी।

उसने गाउन उठाया, मैंने पीछे से उसके हाथ पकड़ लिए और बोला- यह किसलिए? और गाउन पलंग पर फैंक दिया।

उसने मेरी टी-शर्ट और जींस उतार दी और मैं भी अंडरवियर बनियान में आ गया।

वो किचन से दो गिलास पानी और काजू बादाम लेकर आ गई।

आज वो बहुत सैक्सी लग रही थी उसके बूब्स ब्रा में साफ दिख रहे थे।

उसने पैग बनाया और दोनों पीने लगे.

वो बोली- राज, पुलिस की नौकरी से अच्छा है कि रंडी बन जाओ. मैंने कहा- क्या हुआ मैडम? वो बोली- राज तू मुझे मैडम नहीं मालती बोला कर! मैंने कहा- मालती क्या बात हो गई?

वो बोली- बड़े साहब की बीवी नहीं है तो बोला रात को घर आ जाना। मैंने कहा- तो क्या हुआ? वो तो तुम्हारे साथ पहले भी कर चुके हैं।

उसने एक बैग और बनाया और पीने के बाद बोली- मादरचोद भड़ुआ है साला खुद का लंड 5 मिनट में झड़ जाता है और सो जाता है। रात को मुझे उसके नौकर, चौकीदार से चुदवाना पड़ता है और वो दोनों मादरचोद बाद में दूसरों को बताते हैं।

हमने एक एक पैग और पिया। अब दोनों ने मछली और रोटी खाई।

खाने के बाद दोनों बिस्तर पर आ गए और मैंने मालती की ब्रा पैन्टी उतार दी. उसने मेरे कपड़े भी उतार कर नंगा कर दिया।

हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और चूसने लगे. अब मालती लंड को मस्त होकर चूस रही थी और मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा।

दोनों एक-दूसरे का पानी निकालने की रेस में लग गए और दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया।

थोड़ी देर में जब मेरा लंड खड़ा हो गया तो मैंने मालती को बैड के किनारे में लेकर दोनों टांगों को अपने हाथों में लेकर चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ चोदने लगा. वो ‘आहह आहह … ऊईई ऊईई … आहह राज मर गई … निकाल ऊईई’ करने लगी. मैंने अपने लौड़े को तेजी से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया।

अब लंड ने चूत में जगह बना ली और अंदर तक जाने लगा. मालती भी अब आहह आहह आहह करके मस्ती में लन्ड लेने लगी थी।

अब मैंने उसकी दोनों टांगों को मोड़ दिया और उसके ऊपर आ गया और चोदने लगा.

अब उसे दर्द ज्यादा होने लगा और वो ‘ऊईई मम्मी बचाओ … मर गई मम्मी … ऊईई ऊईई फट गई … बचाओ’ चिल्लाने लगी. मेरा लंड उसे कुतिया बना कर चोदने लगा।

अब मैंने मालती को उठाया और सोफे पर ले गया।

मैंने लंड खड़ा किया तो मालती उसपर चूत रखकर बैठ गई. लंड सट्ट से अंदर चला गया.

ऊईई ऊईई ऊईई करके वो लंड पर उछल रही थी. मैंने नीचे से झटके मारना शुरू कर दिया।

अब उसका दर्द कम हुआ तो वो लंड पर उछल उछल कर अपनी चूत से मेरे लौड़े को चोदने लगी. पीछे से उसके बूब्स को पकड़कर दबाने लगा. वो और जोश में आ गई और तेज़ी से लंड पर कूदने लगी।

अब थोड़ी देर बाद उसकी रफ़्तार कम होने लगी और उसने लंड को अपनी चूत में कस लिया; उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और गीला लंड सटासट सटासट अंदर बाहर होने लगा।

मैंने उसको लंड से उठाकर सोफे पर झुका दिया और पीछे से चोदने लगा. अब उसकी गान्ड में थप थप थप थप की आवाज आने लगी और गीला लंड फच्च फच्च फच्च करके चूत में अंदर तक समाने लगा।

अब मेरे शरीर में भी बिजली दौड़ने लगी और झटके के साथ लंड ने वीर्य छोड़ दिया. मालती की चूत भर गई और दोनों चिपक कर लेट गए।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लन्ड बाहर निकाल लिया और उसके होठों पर रख दिया, वो गपागप चूसने लगी और साफ कर दिया।

मालती ने एक एक पैग बनाया और दोनों ने पिया। उसने बताया कि परसों उसकी ड्यूटी विधायक बंगले में थी और विधायक ने उसे दिन में ही चोद डाला। मैंने बताया कि मैंने भी परसों रात भर रेखा आंटी को चोदा।

आधे घण्टे बाद मेरा लौड़ा धीरे धीरे खड़ा होने लगा. मालती मक्खन लाई और लंड पर लगाने लगी. फिर लंड मुंह में लेकर ऐसे चूस रही थी जैसे कोई छोटा बच्चा निप्पल चूस रहा हो।

मैंने उसकी चूचियों को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और उसके ऊपर के भाग को मसलने लगा।

उसकी चूचियां फूलकर टाइट हो गई और उसने मेरे लंड को चूस कर बिल्कुल लाल कर दिया।

मैंने उसे बिस्तर पर उल्टा लिटा दिया और मक्खन उसकी गांड में लगा दिया और अंदर भी भर दिया।

अब मैंने दो तकिये उसकी नीचे लगाकर गांड का सुराख ऊपर कर दिया और कंडोम लगा कर एक झटके से लंड घुसा दिया.

मालती ‘ऊईई ऊईई … ऊईई ऊईई … मर गई मादरचोद … निकाल … मर गई … बचाओ उईई!’ चिल्लाने लगी. मैंने लंड को हल्का बाहर किया और जोर के झटके से पेल दिया.

वो ‘ऊईई ऊईई आह … मम्मी बचाओ … मां मर गई … उई ईई!’ करने लगी.

अब मैं तेजी से अंदर-बाहर करने लगा और धीरे धीरे लंड ने गांड में अपनी जगह बना ली.

मालती अपनी गांड आगे पीछे करने लगी और बोली- राज चोदो … चोदो और चोदो! मैं रंडी हूं … मेरी गान्ड फाड दे … चोद मुझे हरियाणा पुलिस वाली की गांड फ़ाड़ दे! और तेज़ तेज़!

मैं भी जोश में आकर गपागप गपागप चोदने लगा. अब गांड पर मेरी जाँघों की थप थप थप थप थप की सैक्सी आवाज से पूरा कमरा गूंजने लगा। ऐसा लग रहा था कि मैं कोई घोड़ी चोद रहा हूं.

लंड सटासट सटासट अंदर बाहर अंदर बाहर होने लगा. अब दोनों को चुदाई का मज़ा आने लगा था।

मालती बोली- मादरचोद चोदने बुलाते हैं और लंड में दम नहीं! राज जैसा लंड हो तो बुलाओ भडुओ मादरचोदो … आओ फाड़ो मेरी गान्ड! एक बिहारी हरियाणा पुलिस वाली को चोद रहा है. भडुओ मादरचोदो … पुलिस को रंडी बनाकर चोद रहा है … देखो आओ!

अब मैं भी जोश में था कि मालती को मेरे लौड़े से ही मजा मिलता है। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसकी गान्ड को चोदना तेज़ कर दिया और सटासट सटासट लंड अंदर तक पेलने लगा।

अब मैंने मालती को सोफे में नीचे गर्दन करके जमीन में झुका दिया और उसकी गान्ड को चोदने लगा. अब सीधा लंड गपागप गपागप गांड में अंदर तक समाने लगा।

मालती तो अब बेहाल हो चुकी थी और उसके शरीर में अब बिल्कुल भी दम नहीं बचा था।

अब मैं उसे कुतिया की तरह चोद रहा था. और तभी मेरे लौड़े ने वीर्य छोड़ दिया.

मैंने लंड निकाल लिया और कंडोम उतार कर मालती को लंड चुसाने लगा. उसने लंड चूस कर साफ़ कर दिया।

हम दोनों नशे में थे तो हमें नींद लग गई. सुबह 11 बजे नींद खुली तो उसकी नौकरानी आ गई.

हम दोनों बिस्तर पर नंगे लेटे रहे, उसने खाना तैयार किया और चली गई।

फिर हमने नंगे बदन खाना खाया और दिन में दो बार जमकर चुदाई की और शाम को अपने घर आ गए।

दोस्तो, आज मैंने मालती को जमकर चोदा था और जान गया था कि मेरा लौड़ा उसकी पहली पसंद हैं। मेरी कहानी पढ़कर कमैंट जरूर करें। [email protected]

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