अंकल आंटी के साथ सेक्स का मज़ा

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

हैलो दोस्तो.. मेरा नाम हृतिक है। अभी मैं 18 साल का हूँ.. बारहवीं में पढ़ता हूँ तथा दिल्ली में हॉस्टल में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना हिन्दी सेक्स स्टोरीज का नियमित पाठक हूँ और यह मेरी पहली कहानी है। मुझे यह तो नहीं पता कि अन्तर्वासना की कहानियाँ झूठी होती हैं या सच्ची.. पर मेरी यह कहानी बिल्कुल सच्ची है।

मुझे इंटरनेट का बड़ा शौक है, मैंने एक वाईफ स्वैपिंग वेबसाइट पर एकाउंट बना रखा था.. जिसमें मैंने लिखा था कि मैं द्विलिंगी यानि बाईसेक्सुअल सेक्स करना चाहता हूँ और मुझे लंड चूसने तथा चूत चाटने का बड़ा मन है, साथ ही मैं अपनी गांड भी मरवाना चाहता हूँ।

बात लगभग तीन महीने पहले की है। मेरे इस स्टेटस को पढ़ा कर मुझे एक 48-44 के कपल का मैसेज आया। उन्होंने मुझे अपने घर रिठाला बुलाया। मैंने नेहरू प्लेस से रिठाला की मेट्रो पकड़ी.. पर पहला मौका होने से मेरे पैर काँप रहे थे।

काफी देर बाद जब मेट्रो लाईन बदल रिठाला आया और मैं वहाँ उतरा तो वो 48 साल के अधेड़ अंकल अपने स्कूटर पर मेरा इंतज़ार कर रहे थे।

मैं उनके स्कूटर पर पीछे बैठ गया। रास्ते में वो मेरे बारे में पूछने लगे। उनका घर सबसे ऊपर वाली मंज़िल पर था, अंकल ने दरवाज़ा खटखटाया.. तो लगभग 44 साल की छोटे कद की एक उम्रदराज औरत जो नाईटी पहने हुई थी.. ने दरवाज़ा खोला।

दरवाज़ा बंद कर आंटी मेरी तरफ़ देख मुस्कुराईं और कहा- ये तो अभी छोटा है। अंकल ने कहा- तभी तो मज़ा आएगा।

अंकल बिस्तर ठीक करने लगे.. तथा खिड़कियाँ बंद कीं। आंटी अन्दर से पीने का शर्बत और मालिश का तेल ले आईं, उन्होंने मुझसे कुछ देर मेरे बारे में बात की और अपने बारे में बताया कि उनका एक बेटा है जो बी.कॉम में पढ़ता है। उन्होंने अपने बेटे को किसी जरूरी काम से बाहर भेज दिया था।

फिर भी उन्होंने मुझे कहा- अगर वो आ जाए.. तो तुम कह देना कि इधर तुम मुझसे ट्यूशन लेने आए हो।

अब तक अंकल ने बिस्तर तैयार कर दिया था, मैं आंटी को किस करते-करते उस बिस्तर पर ले गया। आंटी ने मेरी जीन्स और शर्ट खोल दी, मैं अब बस अंडरवियर में था, मैंने आंटी की नाइटी हटा दी। आंटी ने ऊपर ब्रा और नीचे थॉन्ग पहन रखी थी।

मेरे हाथ आंटी के चूतड़ों को रगड़ रहे थे और जीभ ऊपर से ही ब्रा को भिगा रही थी। उधर अंकल ने अपने सारे कपड़े ख़ुद से निकाल लिए थे, वो मेरे पास आए और मेरा अंडरवियर एक झटके से निकाल दिया, मेरे चूतड़ों पर वो अपना लंड मारने लगे। उनका लंड काफी लम्बा था और उन्होंने ख़तना करा रखा था।

अंडरवियर निकालने के बाद मेरा लंड आंटी को सलामी दिए जा रहा था। आंटी ने भी अपने ब्रा व थॉन्ग निकाल दी, आंटी के मम्मे काफी बड़े तो थे.. पर रूखे थे। अब हम तीनों नंगे थे।

आंटी बिस्तर पर लेट गईं और मैं उनके ऊपर आ गया। मेरा लंड आंटी के बदन से रगड़ रहा था.. पर मैंने आंटी के होंठों से अपने होंठों को सिल रखा था।

अंकल पीछे से मेरी गांड का जायज़ा ले रहे थे। लिपलॉक के बाद जब मैं मुड़ा तो अंकल ने मुझे शीशा लाकर दिखाया, मेरे मुँह पर आंटी की लिपस्टिक पुत गई थी।

अब मैंने मसाज का तेल उठाया और आंटी के शरीर के हर हिस्से पर उसे टपकाना शुरू कर दिया। अंकल भी लेट गए और उन्होंने अपने शरीर पर तेल लगा लिया।

आंटी की गर्दन.. वक्षस्थल.. नाभि.. कमर.. योनि.. कूल्हे होते हुए पैर तक मैंने मालिश की, मालिश के साथ-साथ पूरे शरीर पर जीभ भी फिराता रहा।

आंटी मज़ा ले रही थीं और मुँह से हल्की आवाज निकाल रही थीं। फिर मैंने अंकल की मालिश की.. लंड पर तेल लगा कर खड़ा किया। अंकल ने मुझे अपना लौड़ा मुँह में लेने को कहा, मैं अंकल का लौड़ा चूसने लगा.. और आंटी ने मेरी मालिश करते करते मेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया।

यह चूंकि पहली बार था.. तो मेरे लंड को अजीब सी गुदगुदी हो रही थी। अंकल कुछ देर में झड़ गए और मेरा मुँह एक चिपचिपे पदार्थ से भर गया। अज़ीब लगने के बावज़ूद अंकल के कहने पर मैं उसे पी गया और अंकल जाकर फ्रिज से पानी निकाल कर पानी पीने लगे।

तभी मेरे लंड में एक अज़ीब सी सनसनाहट शुरू हुई.. मुझे लगा जैसे सारा कुछ एक पल के लिए ठहर गया है। अगले ही पल लंड से एक पिचकारी सी छूटी और आंटी का मुँह भर गया।

आंटी मेरे लंड को चाटते हुए बोलीं- यम्मी..!

अंकल ने मुझे भी पानी दिया और ज़रा आराम करने के लिए बोला।

उधर आंटी कह रही थीं कि कम उम्र के लड़कों का वीर्य सच में बड़ा स्वादिष्ट होता है।

फिर हम तीनों ने लिपट कर थोड़ी देर आराम किया। अंकल का लौड़ा मेरी गांड से सटा हुआ था और मेरी छाती आंटी की चूचियों से मिली हुई थी।

आराम के बाद आंटी ने हम दोनों का लौड़ा चाट कर बड़ा किया।

अंकल ने तेल लिया और कुछ तेल मेरे गांड के छेद पर तो कुछ अपने लंड पर लगाया, फिर मेरी गांड पर अपने लौड़े को रगड़ने लगे।

फिर एक बार उन्होंने धक्का लगा अपने लंड को मेरे अन्दर कर दिया। ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ मुझे बड़ी जोर का दर्द हुआ।

आंटी ने मेरे होंठों से फिर अपने होंठ लगा लिए, अंकल ने लंड बाहर निकाल लिया। मैं आंटी के होंठों से होता हुआ मम्मों तक पहुँच गया, हाथ से दबाते दबाते मैं उनकी चूचियाँ चूसने लगा। पता ही नहीं चला कि कब आंटी ने मेरे लंड को ऊपर अपने क्लीवेज से ले जाकर सटा दिया, मैंने अपने हाथों से उनके उरोजों को मसलते हुए उन्हें मिला लिया और उनके बीच से अपना लंड भीतर-बाहर करने लगा।

मैंने उनकी साफ काँखों को भी चाटना शुरू कर दिया। आंटी मेरी तरफ़ मादक मुस्कान भरी नज़रों से देख रही थीं। उन्होंने मुझे चूत चाटने का इशारा किया।

तब तक अंकल आए और उन्होंने मेरे पैरों को अपने कंधे से लगा लिया और लंड मेरी गांड में डाल धक्का लगाने लगे। मेरा दर्द धीरे-धीरे कम होता गया और मज़ा आने लगा।

मैं लेट कर चुदवाने लगा और आंटी मेरे के ऊपर बैठ गईं, मैं उनकी साफ़ चूत की फांकों को चाटे जा रहा था।

इत्तफाक़ से अंकल व आंटी दोनो़ं लगभग एक साथ झड़े, आंटी की चूत का रस मेरे मुँह में आ गया और मैं उसे मज़े से गटक गया। अंकल ने माल मेरी गांड में ही छोड़ दिया ‘सरर्रर्र..’ मुझे अन्दर गर्म-गर्म सा लग रहा था।

अंकल ने खुश होकर लंड निकाल कर तौलिए से पोंछा और आईना लेते आए। अपने गांड का इतना बड़ा छेद देख कर मैं अवाक रह गया।

आंटी का दिल अभी भी नहीं भरा था। वो लेट गईं और मैं उनके पैरों के बीच से फिर उनकी चूत चाटने लगा।

कुछ देर चाटने के बाद आंटी ने मेरा मुँह पकड़ हटा दिया, उन्होंने कहा- अब बर्दाश्त नहीं होता हृतिक.. मेरी मुन्नी की प्यास बुझा दे। मेरा लौड़ा पकड़ आंटी ने हैंडजॉब दिया और फिर उसे अपनी चूत से लगा लिया, मैंने आंटी की चूत से रगड़ कर अपना लंड प्रवेश करा दिया।

उनके मुँह से आनन्द वाली आवाज छूटी। मैं धीरे-धीरे धक्का तेज़ करता गया, उधर अंकल आंटी के चेहरे को चूमने लगे थे। आंटी मज़े में बोले जा रही थीं- अपनी आंटी की चूत को जमकर मार.. हृतिक! अंकल हँस कर कहने लगे- हृतिक.. आज आंटी की ठरक मिटा दे।

मैं लगभग 15 मिनट तक आंटी को ठोकता रहा। इसी दौरान आंटी मेरे ऊपर भी आ गईं। यह पहली बार था फिर भी पता नहीं.. मुझमें इतनी ताकत कहाँ से आ गई थी।

जब मैं झड़ने वाला था आंटी ने मेरा लौड़ा निकाल अपने मुँह से लगा लिया। मेरे माल के एक-एक कतरे को आंटी शहद की तरह चाट-चाट खा गईं। आंटी मेरे स्टैमिना की दाद देती नहीं थक रही थीं।

फिर कुछ देर रुककर मैंने और अंकल ने आंटी को एक साथ चोदा.. अंकल ने चूत मारी.. तो मैंने आंटी की गांड मारी। चुदाई का यह मेरा पहला अनुभव था.. पर बीते तीन महीने में ही मुझे कई जोड़ों व महिलाओं के साथ सेक्स करने का मौका मिल चुका है। इन अंकल-आंटी के घर भी मैं उसके बाद चार बार जा चुका हूँ और हमने ख़ूब मज़ा किया है।

यह घटना आपको कैसी लगी मुझे लिख भेजिए! [email protected] आपके इमेल्स का इंतज़ार रहेगा।

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000