दो जवान बहनें और साथ में भाभी-2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

फलक भाभी और मैं, हम दोनों झड़ गए, रिंकी और पिंकी भी अपना अपना पानी निकाल कर लेटी हुई थी, हम भी वहीं लेट गए।

पिंकी उठी और सबके लिए बियर ले आई ,फलक भाभी भी उठ गई, सबके लिए गिलास में बियर डाला फलक भाभी ने अपना पैग भी मुझे पिला दिया, काजू बादाम फलक भाभी अपने हाथ से खिला रही थी।

फिर पिंकी उठ कर मेरा लंड चूसने लगी और रिंकी को भाभी ने लिटाया, उसके ऊपर चढ़ कर होंठों को चूसने लगी।

पिंकी अपनी चूचियों के बीच मेरा लंड दबाने लगी तो कभी ऊपर नीचे करती, फिर मेरा लंड मुह में लेकर चूसने लगी, उसके बाद रिंकी ने उसे हटा दिया और मेरा लंड हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी और मेरे बॉल्स चूसने लगी।

फलक भाभी मेरे होंठ से होंठ और जीभ से जीभ मिला के चूस रही थी और चूसा रही थी, पिंकी फलक भाभी के पीछे आकर अपनी चूत से उनको चोद रही थी। फिर रिंकी मेरे लंड बैठने लगी तो फलक भाभी ने कहा ने कहा- अरे तुम दोनों ने तो कितनी बार किया है वीर के साथ, मैं प्यासी हूँ, मेरी प्यास बुझाने दो।

तो पिंकी बोली- आप टेंशन मत लो, ये लौंडा बहुत तेज है, नई कली को दो बार चोदे बिना नहीं मानता। फलक ने कहा- मैं नई थोड़ी हूँ। पिंकी ने कहा- अरे वीर के लिए तो नई ही हो ना! फिर रिंकी ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया और ऊपर नीचे होने लगी। मैं उसकी चूचियाँ दबा रहा था, वो 2- इंच तक लंड निकाल निकाल के अपनी चूत में ले रही थी।

अभी कुछ ही देर हुई थी कि पिंकी रिंकी को हटा के मेरे ऊपर चढ़ गई और उसने भी लंड चूत में ले लिया, कुछ देर वो भी मेरे लंड से चुदती रही फिर दोनों मेरे अगल बगल में लेट गई, मैं दोनों की चूचियों को एक एक करके चूसता, कभी रिंकी की तो कभी पिंकी की।

फिर मैंने दोनों की चूत में उंगली डाल दी, दो दो उंगली दोनों की चूत में डाल के अंदर बाहर करने लगा, वो दोनों खुद की चूचियाँ दबा रही थी एक दूसरे की।

उधर फलक भाभी खुद की चूत में उंगली कर रही थी। मैंने रिंकी पिंकी की चूत से उंगली निकाली और रिंकी के चूत वाली पिंकी को पिंकी की चूत वाली रिंकी के मुंह में डाल दी, वो भी मजे से उंगलियां चूसने लगी।

फिर दोनों 69 आसन में आ गई और एक दूसरे की चूत चाटने लगी। फलक भाभी को मैं खींच के अपने सामने ले आया और उनके घुटने मोड़ के टाँगें चौड़ी कर ली, मैंने उनके घुटने पकड़ के और चौड़े किये और जीभ लगा के चाटने लगा, साथ साथ दो उंगली भी उनकी चूत में अंदर बाहर करने लगा। वो मादक सिसकारियाँ लेते हुए मेरा सर अपनी चूत में दबाने लगी।

पिंकी और रिंकी एक दूसरे की चूत में तेज़ तेज़ उंगली कर रही थी। कुछ मिनट में फलक भाभी की चूत से रस की धारा निकल पड़ी और रिंकी और पिंकी की भी।

फिर कुछ देर में फिर से ग्लास बियर से भर चुके थे, चारों ने गिलास खाली किए।

मुझे पेशाब लगी थी, मैं बाथरूम में चला गया और मेरे लंड से धारा निकलने लगी। वो तीनों भी मेरे पीछे आ गई और मुझे पेशाब करते हुए देखने लगी।

खत्म होते होते उनके देखने से लंड आधा खड़ा हो चुका था। अब मैं पीछे होकर खड़ा हो गया, वो समझ गई कि मैं भी उनको मूतते हुए देखना चाहता हूँ। फिर क्या था। तीनों एक एक करके मेरे सामने मुझे देखते हुए बैठ गई और मूतने लगी।

फिर हमने शावर चालू कर दिया और उसके नीचे सब आकर नहाने लगे, साबुन लगा के अच्छे से नहलाया और फिर पिंकी और रिंकी बाथरूम में ही मेरा लंड चूसने लगी, कभी रिंकी चूसती तो कभी पिंकी…

दस मिनट लंड चुसाई के बाद मेरा पोपट तैयार हो गया तो फलक भाभी दोनों बहनों को हटा के खुद घुटनों के बल बैठ गई, मेरा लंड हाथ से पकड़ के ऊपर की ओर किया और बॉल्स मुंह में भर के चूसने लगी।

उधर पिंकी और रिंकी घुटनों के बल बैठ कर एक दूसरी को किस कर रही थी और साथ ही साथ एक दूसरे की चूत सहला रही थी, तो कभी चूची मसल रही थी।

फलक भाभी भी मेरा लंड चूस के चूत में घुसाने लायक बना दिया था, मैंने भाभी को गोद में उठा लिया और अपना लंड उनकी चूत पे सेट किया धीरे धीरे उसकी चूत में मेरा हथियार पूरा चला गया। मैं अब भाभी को उठा उठा के चोदने साथ ही साथ उनकी एक चूची मुँह में भर ली, चोदते चोदते एकदम से मैंने उनकी चूची पे दांत गड़ा दिए।

वो चिल्ला पड़ी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआआआआअ मर गई, अम्मी आआअह्ह्ह! मैंने उनकी चूची से दांत हटा लिए और देखा कि मेरे दांत के निशान उनकी चूची पे पड़ गए हैं और चूची एकदम लाल हो गई है। भाभी की आँखों में आंसू आ गए थे।

मैं उनको कुछ देर ऐसे ही चोदते रहा, फिर मैं उनको कमरे में ले आया और मैंने उनको उठा कर बेड पर फेंक दिया और उनको उल्टा घुमा के दोनों हाथ बेड से उनकी चुन्नी से बाँध दिए। वो घबरा गई और कहने लगी- क्या करने वाले हो?

मैं तेल लाया और फलक भाभी की गांड पर गिरा दिया और कुछ तेल लंड पे लगा लिया, फिर गांड पे गिरा तेल उंगली से उनके गांड के छेद के अंदर करने लगा जब तक फलक भाभी ने गांड ढीली नहीं छोड़ी। जब भाभी ने गांड ढीली कर दी तब आराम से जाने लगा, शायद फलक भाभी को भी मज़ा आने लगा, वो अपने मुह से अह्ह अह्ह श्ह्ह्ह्ह श्श्श्श्स आअह्ह्ह… ऐसी आवाजें निकालने लगी।

कुछ देर में मैंने उनकी गांड में दूसरी उंगली भी डाल दी। दो उंगलियाँ कुछ टाइट जा रही थी पर अब उनकी गांड मेरे लंड लायक गई थी।

उधर रिंकी और पिंकी शावर के नीचे एक दूसरे की जांघों में जांघ फंसा कर चूत से चूत रगड़ रही थी।

मैंने अपना टोपा फलक भाभी की गांड पे रखा और अंदर की ओर बढ़ाया, एक इंच तक गया और भाभी की हल्की सी आअह्ह्ह निकल गई, फिर कुछ और आगे सरकाया और बिना रुके फिर एक और धक्का दिया और आधा लंड उनकी गांड में जा चुका था।

फिर थोड़ी देर वहीं आगे पीछे करने लगा, फलक रह रह के ‘आह्ह्ह अह्ह्ह्ह बस निकाल लो…’ यही बोले जा रही थी। 5 मिनट बाद मैंने एक और धक्का दिया जिससे पूरा लंड भाभी की गांड में चला गया और भाभी की तेज़ चीख निकल गई जिसको सुन कर रिंकी और पिंकी हमारे पास आ गई और देखने लगी कि क्या मामला है।

रिंकी फलक को सहलाने लगी, पिंकी ने कहा- अरे ज़ालिम देख तो लिया होता कि गांड कितनी टाइट है! और मुस्कुरा दी।

मैंने उसके बाल पकड़े और अपनी ओर खींच कर उसके होंठों को दस सेकंड चूसा और छोड़ दिया। कुछ देर मैं फलक की पीठ सहलाता रहा फिर कुछ देर चूमने लगा, जब मुझे लगा कि अब दर्द थोड़ा कम हुआ है तो मैं थोड़ा थोड़ा हिलने लगा।

फलक बस ‘आह्ह अह्ह्ह…’ की आवाजें निकाल रही थी और मैं हल्का हल्का धक्का दे रहा था। रिंकी और पिंकी वहीं पे फिर से 69 के आसन में आ गई थी और एक दूसरी की चूत चाटने के साथ साथ उंगली भी कर रही थी।

मैंने भी इधर रफ़्तार तेज़ कर दी ,कभी एक इंच तो कभी दो इंच निकाल के अंदर डालता। फलक को भी मज़ा आने लगा था, उसने कहा- हाथ खोल दो, हाथों में दर्द हो रहा है। मैंने पूछा- यहाँ तो नहीं दर्द हो रहा? और गांड पे एक चपत लगा दी।

उसने कहा- हो रहा है, पर उससे ज्यादा मज़ा आ रहा था।

मैंने फलक के हाथ खोल दिए, अब वो पीठ के बल लेट गई और टाँगें ऊपर उठा ली, मैं उसकी गांड पे लंड लगाने वाला था तो उसने कहा- थोड़ा तेल और लगा लो। मैंने थोड़ा तेल उसकी गांड पे और थोड़ा अपने लंड पे लगाया और फिर उसकी गांड में लंड डालने लगा, 2 धक्के में लंड पूरा फलक की गांड में समां गया।

फिर क्या था, मैं उसकी गांड में लंड को अंदर बाहर किये जा रहा था, उधर रिंकी और पिंकी भी झड़ने वाली थी और कुछ ही देर में दोनों ने एक दूसरे के मुँह पर अपना अपना पानी गिरा दिया। कुछ देर वो ऐसे ही लेटी रही फिर दोनों हमारे पास आ गई।

मैं भी झड़ने वाला था, फलक झड़ चुकी थी ‘आआअ ह्हह्ह पहला झटका फलक की गांड में ही… ‘आआआअह्ह्ह ह्ह…’ दूसरा झटका फलक के पेट पर क्योंकि दूसरी बार मैंने अपना लंड फलक की गांड में से निकाल लिया था। ‘अह्ह्ह ह्ह्ह्ह…’ तीसरे झटके पे पिंकी ने लंड पकड़ के अपने मुँह के पास कर लिया जिससे उसकी आँख, गाल और होंठ पे माल गिरा और चौथे झटके में पे रिंकी ने लंड मुँह में ले लिया और जब तक रस निकलना बंद नहीं हुआ तब तक चूसती रही।

फिर दोनों बहनों ने फलक भाभी के पेट पे गिरा मेरा रस चाट के साफ़ किया। पिंकी अपने चेहरे पर गिरे माल को साफ़ करने वाली थी कि फलक ने उसे रोक लिया और उसके चेहरे पे गिरे वीर्य को चाट के गटक गई।

सब थक गए थे, बेड बड़ा था इसलिए फलक सो गई उसके साथ मैं, हमारे अगल बगल रिंकी और पिंकी सो गई।

सुबह सब एक साथ नहाये। रिंकी और पिंकी को आज ही जाना था। फलक सब के लिए नाश्ता लाई, सबने नाश्ता किया। बातों बातों में फलक ने बताया कि उसकी शादी दो महीने पहले हुई थी, किसी रिश्तेदार की मौत में सब गए हुए हैं, नई बहू को ऐसे में नहीं ले गए। ये दोनों यहाँ एक हफ्ते से हैं, पर घर वालों के कारण तुम्हें नहीं बुलाया और मेरे घर वालों ने इन दोनों कारण मुझे अकेली रहने दिया। इन दोनों को मैंने अपनी सहेली बता दिया था।

फिर मैं तीनों से गले मिला और वापस आने लगा तो फलक ने कहा- अगर मौका मिले तो फिर आओगे न, मना तो नहीं करोगे? मैं उसके पास गया, उसे चूम लिया और कहा- नहीं।

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ ना करे, मैं तुझको भूल के जिंदा रहूँ, खुदा ना करे, रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर, ये और बात, मेरी ज़िन्दगी वफ़ा ना करे! सुना है उसको मुहब्बत दुआएँ देती है, जो दिल पे चोट खाए मगर गिला ना करे! ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में, खुदा किसी को किसी से मगर जुदा कभी ना करे…

मुझे आपके मेल्स का इंतज़ार रहेगा।

[email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000