शादी में गर्लफ्रेंड बना कर चोद दिया

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हाय फ्रेंड्स मेरा नाम सुमित है.. मैं 19 साल का हूँ। यह मेरी पहली और सच्ची स्टोरी है।

यह बात तब की है जब मैं अपने 12वीं के एग्जाम के बाद अपने मामा के शादी में गया था। वहाँ मेरे सबसे अलग जलवे थे। मैं सबके साथ मिलजुल कर रहने वाला लड़का होने के कारण सब मेरे बहुत ही क्लोज़ थे।

उस शादी में मेरी कज़िन सिस्टर अपनी फ्रेंड के साथ आई थी। उसकी सहेली इतनी प्यारी लग रही थी जैसे कोई परी आसमान से आई हो। उसका फिगर 30-26-30 का था, उसे देख कर तो मैं पागल ही हो गया। मैंने अपनी कज़िन को उससे मिलवाने के लिए कहा तो उस लड़की के साथ मेरा परिचय हुआ पर वो एटिट्यूड दिखा रही थी।

दो दिन ऐसे ही निकल गए। अब हम दोनों काफ़ी क्लोज़ हो गए थे, वो मुझसे सारी बातें शेयर करने लगी।

शादी में वो वाइट टॉप में आई.. तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उसे प्रपोज कर दिया। मैंने उससे जबाव माँगा.. तो वो कुछ नहीं बोली और चली गई। मुझे टेन्शन होने लगी थी।

बाद में जब मैं उससे छत पर अकेले में मिला था.. तब उसने पीछे से आकर मेरा हाथ पकड़ा और मुझे गाल पर किस करके कानों में धीरे से ‘आई लव यू..’ बोल दिया।

मुझे उसके मुँह से यह सुन कर इतनी खुशी हुई कि मैंने उसे ज़ोर से हग करके एक जोरदार किस कर दी। उसने मुझे रोकते हुए कहा- इतना भी क्या उतावले हो रहे हो.. थोड़ा सब्र करो।

फिर हम दोनों नीचे खाने के लिए आ गए। रात को जब सब सोने के लिए जा रहे थे तब जगह न होने के कारण मैं वहीं पर सो गया.. जिस कमरे में वो सोई हुई थी, सब फैमिली वाले भी वहीं पर थे।

मैं बहुत थका हुआ था इसलिए जल्दी सो गया। कुछ देर बाद मुझे अपने ऊपर किसी का हाथ महसूस हुआ, मैंने ध्यान से देखा.. तो वो मेरे पास लेटी हुई थी।

मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों को किस करने लगा, वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी। हम दस मिनट तक किस करते रहे।

अब हम दोनों भी काफ़ी गर्म हो चुके थे। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसके टॉप में डाला.. तो उसने मेरे हाथ को निकालना चाहा पर फिर भी मैं नहीं माना, मैं हाथ अन्दर तक डाल कर उसके मम्मों को जोरों से दबाने लगा.. मसलने लगा।

वो बहुत गर्म हो गई, मैंने उसे बाहर स्टोर रूम में आने को कहा।

मेरे स्टोर रूम में जाने के बाद जैसे ही वो मेरे पीछे आई, मैं उसके ऊपर झपट पड़ा। फिर वो मेरी पैन्ट के अन्दर हाथ डाल कर मेरे लंड को मसलने लगी।

मैंने भी एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतारना शुरू किए, वो मेरे सामने अब पूरी नंगी हो चुकी थी। उसने शर्म के कारण अपने मम्मों को छुपाना चाहा। पर मेरे जिद करने के बाद वो मेरा साथ देने लगी, मैं उसके मम्मों को चूमते हुए उनको चूस भी रहा था।

उसने मेरे कपड़े उतारे। वो मेरे लंड को देख कर खुश हो गई और मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया, वो मेरा बहुत अच्छा अनुभव था। उसने कहा- यह काफ़ी बड़ा है।

मैंने उसे साहस दिलाया। जमीन पर एक चादर बिछाकर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी सहमति के बाद मैंने अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रखा तो वो फिसल रहा था।

किसी तरह मैंने उसकी चूत के अन्दर लंड डाला.. तो वो काफ़ी टाइट था। उसकी इसके पहले कभी चुदाई नहीं हुई थी। मैंने अपने लंड को उसके अन्दर धकेला.. तो वो दर्द से चिल्लाने लगी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… तो मैंने उसे होंठों पर लम्बा चूमा लेकर उसे शांत किया और अपना काम चालू रखा।

थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी, उसकी सील फटने के कारण हमारे आस पास चादर पर खून फ़ैल गया था। थोड़ी देर के बाद मैंने ज़ोर-ज़ोर से झटके देने लगा। अब उसे भी मज़ा आ रहा था, कुछ झटकों के बाद उसकी चूत अकड़ गई थी और अब वो मेरे लंड पर दबाव बना रही थी।

मुझे लगा वो झड़ने वाली है.. तो मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।

कुछ झटकों के बाद हम दोनों झड़ गए, हम दोनों एक-दूसरे से चिपक कर लेटे रहे।

थोड़ी देर के बाद हम दोनों ने उठ कर एक-दूसरे को किस करके कपड़े पहने चादर समेट कर छिपा दी और अपनी जगह पर जा कर सो गए।

उस दिन के बाद जब भी मैं उसके शहर में जाता हूँ। वो वक़्त निकाल कर मुझसे मिलने आती है और हम दोनों फिर से चूत लंड के रिश्ते बनाते हैं।

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