फ़ुफ़ेरे भाई के साथ गांड चुदाई का मजा

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम विकास है.. और मैं 23 साल का हूँ।

आज जो कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूँ.. वो अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है। इसलिए अगर मुझसे कोई गलती हो जाए तो मुझे माफ़ कीजिएगा।

जो कहानी मैं आज आपको बताने जा रहा हूँ.. उस में पहली बात तो यह है कि यह एक ‘गे-सेक्स’ कहानी है और दूसरी बात यह कि यह अनुभव मैंने अपने कजिन के साथ लिया है।

वैसे तो मुझे हमेशा से लड़कियाँ ही पसंद हैं.. पर मुझे लड़कों के साथ सेक्स में भी मज़ा आता है। मैं हमेशा से ही बहुत गोरा रहा हूँ.. और मेरा शरीर भी लड़कियों की तरह बहुत चिकना रहा है।

मेरे कजिन का नाम रोहित है.. और वो भी दिखने मैं गोरा है और वो मुझसे से एक साल छोटा है। हम दोनों में शुरू से ही सेक्स करने की वासना चढ़ी रहती थी। मुझे ये तो याद नहीं कि हम दोनों के बीच ये सब कब शुरू हुआ.. पर हाँ मुझे ये ज़रूर याद है कि जब भी हमारा परिवार बुआ के घर जाता था.. मैं और रोहित किसी भी अकेले कमरे में चले जाते थे और बारी-बारी से एक-दूसरे की पैंट खोल कर एक-दूसरे के लंड को चूमा करते थे और मुँह में लेकर चूसा भी करते थे। हालांकि तब हम थोड़े छोटे थे।

जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता गया। हम लगातार सेक्स के मज़े लेते रहे और हम धीरे-धीरे एक-दूसरे के निप्पलों को चूमने और चाटने लगे और होंठों पर किस करने लगे। हम एक-दूसरे की गांड की गोलाईयों को होंठों से चूम कर.. जीभ लगा कर.. बहुत सारा थूक लगा कर चाटा करते थे। हमें इन सब चीज़ों में बहुत मज़ा आता था।

कभी-कभी हम अपने घरवालों के देखे जाने से बाल-बाल बचे.. पर हमें इन सब को करते रहने में इतना मज़ा आता था कि हम किसी भी हाल में ये सब बंद नहीं करना चाहते थे। हम जैसे-जैसे बड़े होते गए.. हमारी सेक्स करने की इच्छा बढ़ती गई.. पर हमने कभी भी एक-दूसरे की गांड नहीं मारी थी।

फिर एक दिन मैंने एक ब्लू-फिल्म देखी जिसमें एक लड़का, लड़की की गांड मार रहा था। मैंने यह बात रोहित को बताई कि हमें भी यह करना चाहिए। हम दोनों अभी ज़्यादा उम्र के नहीं हुए थे.. और हमारा स्पर्म भी नहीं निकलता था। हमने बहुत कोशिश की.. लेकिन गांड का छेद इतना टाइट होता है कि हम लंड को गांड के अन्दर भी नहीं डाल पाते थे। लेकिन हम वो सब करते रहे.. जो हम हमेशा से करते थे।

मेरी बुआ सुबह अपने ऑफिस जाती हैं तो शाम को ही वापस आती हैं। अब मैं 11वीं क्लास में आ चुका था.. और मैं अपने टीन एज के दिनों में सेक्स के बारे में कुछ ज़्यादा ही सोचने लगा था। एक दिन में घर पर बोर हो रहा था.. हमारे स्कूल की छुट्टियां चल रही थीं। मुझे पता था कि रोहित भी घर पर ही होगा। मैं दस बजने का इंतज़ार करने लगा कि कब बुआ ऑफिस जाएं और मैं उनके घर जाकर रोहित के साथ मज़े करूँ।

दस बजने पर मैं रोहित के घर चला गया.. हमें कई घंटों के लिए घर खाली मिल चुका था। ये शायद पहली बार था.. जब मैं रोहित के घर ऐसे समय पर गया था.. जब घर पर कोई नहीं था। यूँ तो हम जब भी पहले मिलते थे.. तो एक-दूसरे को चूमते थे.. शर्ट ऊपर उठा कर एक-दूसरे के निप्पलों को चूसते थे.. और लंड चूसने के लिए थोड़ी देर के लिए पैंट नीचे कर लिया करते थे।

चूंकि आज हम अकेले थे.. तो हमने आज एक-दूसरे के सारे कपड़े उतार दिए। हमने एक-दूसरे को पहली बार पूरा नंगा देखा था.. इसलिए हम बहुत एक्ससाइटेड हो गए थे। रोहित ने जैसे ही मेरे चिकने शरीर को देखा.. वो अचानक से मेरे पास आकर मेरे होंठों को चूमने लगा। मैं भी उसका साथ देने लगा।

हम एक-दूसरे को बहुत ज़ोर से चूम रहे थे.. रोहित अपने हाथ मेरी पीठ पर सहला रहा था.. और मेरे हाथ उसके बालों को सहला रहे थे। फिर वो अपने दोनों हाथों से मेरी गांड दबाने लगा.. जिससे में और भी मदहोश हो गया। उसने इसके बाद मुझे चूमते हुए बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे ऊपर आकर लेट गया और मुझे चूमता ही रहा।

मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी.. वो मेरी जीभ को चूसने लगा। फिर उसने भी अपनी जीभ निकाल ली और अपनी जीभ से एक दूसरे की जीभ को सहलाने लगे।

वो मेरे निचले होंठ को चूसने लगा.. हम दोनों के मुँह पर बहुत सा थूक लग चुका था.. पर हम और मज़ा आ रहा था।

फिर उसने धीरे से मेरे होंठों के नीचे चूमा और फिर धीरे-धीरे मेरे गले को चूमने लगा। उसने अपने हाथों की उंगलियां मेरे हाथों की उंगलियों से जकड़ ली थीं। रोहित धीरे-धीरे अपने होंठों से मेरे गले को सहला रहा था.. जिससे मुझे गुदगुदी हो रही थी और बहुत मज़ा भी आ रहा था।

फिर उसने थोड़ा सा थूक बाहर निकाला और अपने होंठों से मेरे गले पर लगाने लगा। वो मेरे गले को चाटा जा रहा था.. मैं आँखें बंद करके इन सबका मज़ा ले रहा था।

फिर वो मेरी छाती को पागलों की तरह चाटने लगा। वो अपनी जीभ निकाल कर मेरी घुंडियों के चारों तरफ के हिस्से को चूमे जा रहा था। फिर वो मेरे निप्पलों पर आ गया.. और वो उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा.. मुझे ऐसी मस्त फीलिंग आ रही थी.. जो मैं शब्दों में ब्यान नहीं कर सकता।

तभी मुझे एक आईडिया आया जो मैंने रोहित को बताया। फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए.. वो मेरे ऊपर था। हम दोनों 69 की पोजीशन में लंड चूसने के लिए नहीं.. बल्कि निप्पलों चूसने के लिए आए थे। रोहित ने अपने निप्पलों मेरे मुँह के ऊपर रख दिए.. और वो मेरे ऊपर लेट कर मेरे निप्पलों चूसने लगा। हम दोनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था।

अचानक से उसने मेरे एक निप्पल को अपने दांतों से धीरे से काट लिया। मेरे मुँह से हल्की सी सिसकारी निकल गई। अब वो मेरे निप्पलों को दांतों से धीरे-धीरे काटे जा रहा था। मुझे ऐसा एहसास आज से पहले कभी नहीं हुआ था। मैंने भी उसके निप्पलों को काटना शुरू कर दिया।

उसे भी बहुत मज़ा आने लगा, वो एक हाथ से मेरे लंड को सहलाने लगा और फिर वो निप्पलों को छोड़ कर थोड़ी नीचे की तरफ बढ़ा। रोहित ने अपनी जीभ मेरी नाभि के ऊपर रख दी और उसकी नाभि मेरी मुँह के ऊपर थी। हम अब एक-दूसरे की नाभि को थूक लगा कर चाटने लगे।

थोड़ी देर बाद.. रोहित मेरे लंड की तरफ बढ़ा और उसे चूमने लगा। मैं भी उसके लंड को चूमने लगा। फिर मैंने अपना मुँह खोल कर उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया। रोहित की मुँह से ‘आह..’ निकल गई।

उसने कुछ देर के लिए मेरे लंड को छोड़ दिया और अपने लंड की चुसाई का मज़ा लेने लगा। वो लगातार मुँह से सिसकारियां निकाल रहा था। वो अपनी कमर को ऊपर-नीचे करने लगा.. जिससे उसका लंड मेरे मुँह के बहुत अन्दर तक जाने लगा।

मुझे भी उसका लंड चूसने में मज़ा आ रहा था। फिर उसने मेरे भी लंड चूसना चालू कर दिया। हम दोनों को ऐसा लग रहा था जैसे हम कभी भी एक-दूसरे का लंड छोड़े ही नहीं। इन सब से रोहित बहुत ही ज़्यादा उत्तेजित हो गया और उसने मेरे मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया।

अचानक से छूटे इस वीर्य के कारण मुझे बहुत ही गन्दा लगा और मैंने जल्दी से बाथरूम में जाकर सब थूक दिया। फिर मैंने आकर रोहित को थोड़ा डांटा.. तो मुझे गुस्से में देख कर उसने मुझे गले लगा लिया। फिर हम दोनों एक-दूसरे से लिपट कर नंगे ही लेट गए।

थोड़ी देर बाद रोहित का लंड फिर खड़ा होने लगा.. हमने सोचा कि आज जब मौका मिला ही है तो गांड मार कर भी देखा जाए।

फिर हमने यह फैसला किया कि मैं रोहित की गांड में अपना लंड डालूंगा। मैंने थोड़ा सा तेल लेकर रोहित की गांड के छेद में लगा दिया.. और थोड़ा सा तेल अपने लंड पर भी लगा लिया। रोहित बिस्तर पर अपनी पीठ के बल लेट गया, उसने अपनी टाँगें ऊपर उठा लीं।

मैंने अपना लंड रोहित की गांड के छेद के ऊपर रखा और अपने हाथ बिस्तर पर रखकर थोड़ा सा उसके ऊपर लेट गया। मैंने धीरे से अपने कमर को आगे की और धक्का दिया तो मेरे लंड का सुपारा.. गांड के छेद में चला गया।

रोहित दर्द से बिलबिला उठा.. और मुझे लंड बाहर निकालने को बोलने लगा, मैंने उससे कहा- बस शुरू में दर्द होगा। पर वो नहीं माना और मुझे लंड निकालना पड़ा।

उसने बोला- हम अब ये कभी नहीं करेंगे। मैंने कहा- नहीं.. हम जरूर करेंगे.. तुम ऐसा करो कि अपना लंड मेरी गांड में डालो।

रोहित मान गया.. मैं अपनी पीठ के बल लेट गया। रोहित ने मेरी गांड के छेद में तेल लगाया और थोड़ा तेल खुद के लंड पर लगाया। फिर उसने अपने लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा.. और मेरे ऊपर लेट गया। फिर उसने अपनी कमर को हल्का सा धक्का दिया.. तो उसके लंड का सुपारा मेरे छेद में घुस गया। मुझे बहुत ही तेज़ दर्द होने लगा.. तो मैंने उससे कहा- अभी और मत डालना.. थोड़ी देर रुक कर डालना।

वो मेरे ऊपर दो मिनट उसी पोजीशन में लेटा रहा.. फिर मेरा इशारा पाकर उसने अपनी कमर को और धक्का लगाया.. जिससे उसका लंड आधा मेरे गांड में चला गया, मेरे मुँह से चीख निकल गई ‘अअहहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… रुक जा.. अहह..’

मुझे बहुत दर्द हो रहा था.. पर मैं रुकना नहीं चाहता था। उसने कुछ देर रुक कर एक और ज़ोर का धक्का लगाया.. जिससे लंड पूरा अन्दर हो गया। पर मैं दर्द से चीखने लगा। उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. जिससे मेरी चीख रुक गई.. पर मेरी आँखों से थोड़े आंसू निकल आए।

फिर जब मुझे थोड़ा सुकून मिला.. तब रोहित ने अपना लंड निकाल कर धीरे से दोबारा अन्दर डाल दिया। अब वो धीरे-धीरे लंड अन्दर बाहर करने लगा।

मेरा दर्द भी अब खत्म हो गया था.. मुझे इन सब में मज़ा आने लगा था। जब भी रोहित का लंड अन्दर जाता मैं उसे महसूस कर पा रहा था। मैं एक अलग ही दुनिया में पहुँच चुका था। मैं आँखें बंद करके अपनी गांड मरवाने का मज़ा ले रहा था।

रोहित ने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी तो मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं ‘अहहह.. यस.. रोहित.. मेरी गांड जम कर मारो.. और तेज़ अअहह..’

मैं उसका चेहरा पास लाकर उसे किस करने लगा.. और वो मेरी गांड मारे जा रहा था।

फिर उसने अपनी रफ़्तार थोड़ी कम कर दी.. वो अब थोड़े धीरे से लंड को अन्दर-बाहर कर रहा था। उसने अपना मुँह मेरे पास लाकर मुझे किस किया और फिर धीरे-धीरे गांड मारते-मारते मेरी छाती और गले को चाटने लगा।

थोड़ी देर चाटने के बाद उसने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी, मेरी सिसकारियां तेज़ हो गईं, मैंने अपनी टाँगें रोहित की कमर के चारों ओर लपेट लीं।

उसके धक्के तेज़ होते ही जा रहे थे, मेरा लंड उसके पेट से घिस रहा था.. जिससे मुझे और मज़ा आ रहा था, मैं सिसकारियां निकलता जा रहा था ‘अअहह.. फ़क मी रोहित अअहहह..’ फिर उसने बोला- मेरा वीर्य निकलने वाला है। मैंने कहा- अपने वीर्य को मेरे अन्दर ही छोड़ दे।

उसने अपने धक्के तेज़ कर दिए और 7-8 धक्कों के बाद उसने अपना वीर्य मेरे अन्दर छोड़ दिया।

क्योंकि मेरा लंड उसके पेट से घिस रहा था.. जिससे मेरा भी वीर्य छूट गया और उसके और मेरे पेट पर फ़ैल गया। वो थक कर मेरे ऊपर ही लेट गया।

दस मिनट वैसे ही लेटे रहने के बाद वो उठ गया.. और एक कपड़ा लेकर उसने मेरा सारा वीर्य साफ़ कर दिया। मुझे ऐसा लग रहा था मानो में टांगों में जान ही न हो.. पर मेरे अन्दर एक अलग ही प्रकार का संतोष था।

मैंने उससे वीर्य अपने अन्दर छोड़ने इसलिए बोल दिया था क्योंकि उसका वीर्य मेरे अन्दर जाना मुझे ऐसा अहसास दिला रहा था.. जैसे उसने हमारे प्यार का कोई अंश मेरे अन्दर छोड़ा हो। मैं जितनी ज़्यादा देर हो सकता था.. उसे अपने अन्दर रखना चाहता था।

फिर मैं अपने घर चला गया.. और उसके कई घंटों बाद जब मैं टॉयलेट गया.. तब वह वीर्य मेरे अन्दर से निकला.. जिसे देख कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसके बाद हमने कई बार ये सब किया.. जिसके बारे में कभी फिर लिखूंगा।

पर मुझे हमेशा इस बात का दुःख रहा कि उसने मुझे कभी अपनी गांड नहीं मारने दी और बाद में उसने मेरा लंड चूसना भी बंद कर दिया। ये सब सिर्फ मुझे ही करना पड़ता था और कुछ दिनों बाद उसने मेरे साथ सेक्स करने से मना कर दिया। मैंने उसे बहुत मनाया.. पर वो नहीं माना.. जिसका मुझे अभी तक दुःख है।

यह थी मेरी अपनी सेक्स कहानी.. अगर लिखने में कुछ गलती हुई हो तो मुझे माफ़ कर दीजिएगा। आपको यह कहानी कैसी लगी मुझे इस ईमेल पर बताइएगा। [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000