ऑफिस की दो सहेलियाँ और एक चोदू यार-2

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अब तक आपने पढ़ा.. ऑफिस में मेरी गर्लफ्रेंड नयना और सरला भाभी संग मेरी खुल्लम खुल्ला चुहलबाजी चल रही थीं। सरला भाभी को देख कर यह लग रहा था कि वो बड़ी मस्ती में हैं! अब आगे..

‘मुझे क्या होगा भाभी.. पर आपकी मस्ती बहुत कुछ कह रही है.. क्यों नयना लग रही हैं ना सरला भाभी एकदम पटाखा माल?’ कमल ने अपनी कुर्सी पर बैठते हुए कहा।

थोड़ी देर में जैसे ही बॉस गुप्ता जी लंच के लिए बाहर गए, मैंने नयना के पास आकर उसे खींच कर उठा लिया और अपनी गोदी में बैठा कर चूमने लगा। सरला भाभी झट से उठकर हमारे पास आ गईं- हाय.. यह क्या हो रहा है साले बदमाश.. आज तो तू ऑफिस में ही चालू हो गया। सरला भाभी ने हँसते हुए नयना को आँख मारी।

मैं बोला- मैं इसके साथ प्यार का मज़ा ले लेना चाहता हूँ।

मैंने नयना को होंठों पर चूमते हुए उसकी जाँघों के बीच में हाथ डाल कर सलवार के ऊपर से उसकी चूत को मसल दिया। नयना मचल उठी- हाय.. सी.. ई..उई.. मर गई भाभी.. बचाओ उह्ह.. अहह.. ‘क्यों.. अब क्यों बचाऊँ.. कल जब मेरे ही घर में चुदाई का मज़ा ले रही थी.. तब तो नहीं बोला कि बचाओ भाभी।’ सरला भाभी नयना को चिढ़ाते हुए हँसने लगीं।

‘बचाओ न भाभी..’ ‘उफ़ साले बदमाश.. चोदू सांड.. छोड़ दे नयना को मेरे लिए..’ सरला भाभी ने आँख मार कर कहा। ‘ठीक है भाभी.. आप बोलती हैं तो इसे छोड़ दूँगा.. पर फ़िर मैं आपको पकड़ लूंगा’

मैंने नयना को छोड़ कर सरला भाभी को पीछे से पकड़ लिया और उनके गालों पर.. गर्दन पर चूमने लगा। मैं एक हाथ सरला भाभी की चूची पर और दूसरा कमर से पेट पर ले जाते हुए मसलने लगा।

मैंने हँस कर कहा- वाह.. आज तो भाभी की चुम्मी लेकर मज़ा आ गया। सरला भाभी सिसिया उठीं- हाय राम मार.. डाला.. साले चोदू सांड.. मसल डाला।

नयना भी हँस रही थी और उछले जा रही थी- आज तो भाभी का मौसम गर्म हो रहा है.. नयना ने छेड़ते हुए कहा। ‘सच में..! फिर तो एक बार और चुम्मी लेनी पड़ेगी।’ मैंने फिर से सरला भाभी को चूम लिया।

इस वक्त कमल ने सरला भाभी को साइड से पकड़ रखा था और उनके होंठों पर चूम रहा था। वो अपने एक हाथ से उनके चूतड़ों और चूची को दबाए जा रहा था। सरला भाभी मस्ती में सिसिया-सिसिया कर हमें गाली दिए जा रही थीं- साला चोदू सांड.. नयना साली बदमाश यह सब तूने ही किया है, तुझे तो मैं देख लूँगी।

सरला भाभी कमल से लिपटी हुई उसके शरीर की गर्मी और जवानी का मज़ा ले रही थीं।

‘ओके भाभी.. अब मुझे चलना चाहिए.. इससे पहले बॉस वापिस आ जाए.. अब तू यहाँ बैठ कर मेरी प्यारी नयना की जवानी, मस्ती का मज़ा ले ले।’ मैं सरला भाभी को छोड़ कर बाहर चला आया।

सरला भाभी बहुत मस्ती में थीं और चुदास से भर रही थी- हाय राम नयना.. आज तो चोदू सांड ने मसल ही डाला। पर एक बात तो है.. इस जालिम के दबाने में.. मसलने में जादू है.. एकदम गीला कर डाला!

सरला भाभी अपनी कुर्सी पर बैठ गईं और प्यारी चंचल नयना को अपनी गोदी में बैठा कर चूमने लगीं। साथ ही वे उसकी जाँघों पर सलवार के ऊपर से हाथ से सहलाने लगीं- अब मुझे समझ में आया कि यह कमल राजा.. तुझे इतना गर्म कैसे कर देता है।

उस दिन उन दोनों की चुहलबाजी चलती रही।

बाद में उस दिन शाम को मैं अपने कमरे के बाहर निक्कर और टी-शर्ट पहन कर खड़ा सिगरेट पी रहा था और बारिश का मज़ा ले रहा था।

उसी समय सरला भाभी अन्दर की सीढ़ियों से ऊपर आ गईं- हाय कमल.. क्या हो रहा है राजा.. गीले मौसम का मज़ा ले रहा है? ‘ओह.. हां.. भाभी मौसम कितना सुन्दर हो रहा है.. बहुत मज़ा आ रहा है। आपका ‘मौसम’ क्या अभी भी गीला हो रहा है? ‘धत्त बदमाश..’

मैंने हँसकर बदमाश सरला भाभी को छेड़ा- नयना को मसला या नहीं? ‘और नहीं तो क्या.. बहुत मस्त गर्म और गीली हो रही थी.. लेकिन नयना से मुझे क्या मिलेगा.. मैं तो तेरे जैसे चोदू बदमाश को पटाऊँगी ना..’ सरला भाभी हँस कर बोलीं। ‘तो पटा लो ना भाभी रोका किसने है?’ मैंने भी आग में घी डाल दिया।

‘आज तूने ऑफिस में मेरी चुम्मी ली थी ना.. अब मैं भी तुझे उसी तरह दबा कर मसल कर तेरी चुम्मी लूँगी।’ सरला भाभी ने मेरी तरफ घूम कर साइड से मुझे अपनी बांहों में भर लिया और एक हाथ मेरी टी-शर्ट के अन्दर डाल कर और दूसरा गर्दन पर रख कर.. मेरी गर्दन पर.. गाल पर.. और होंठों पर चूम लिया। ‘ये क्या भाभी.. ऐसे नहीं।’

मैंने अपना एक हाथ उनकी साड़ी के ऊपर से उनके चूतड़ों पर लपेट कर अपने पास खींच लिया। अपनी जाँघों को उनकी साड़ी के ऊपर से चूत पर दबा दिया और उसकी बिना ब्रा की चूचियों अपनी बांहों से दबाकर उनको होंठों पर चूस लिया। ‘ये होता है दबा कर और मसल कर चुम्मी लेने का मज़ा।’ ‘हाय राम.. कमल राजा.. सच में तू बहुत बदमाश है।’

सरला ने मस्ती में अपना हाथ मेरी निक्कर के अन्दर डाल कर मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया- वाह.. यहां भी मौसम बहुत गर्म हो रहा है राजा! ‘हां भाभी.. सच में.. आज तो बहुत मस्ती चढ़ रही है.. और नयना भी नहीं है। अब मेरा क्या होगा।’

मैं भाभी के चूतड़ों को मसल रहा था और मेरा दूसरा हाथ उनकी कमर.. चूची और पेट पर चल रहा था।

भाभी मस्ती में सिसिया रही थीं- सी.. ई.. ई.. उफ़.. राजा होगा क्या.. मेरे राजा.. मैं हूँ ना.. आज मैं तेरी बजाने वाली हूँ। देख आज क्या मस्ती निकालती हूँ तेरी

भाभी ने मेरे लंड को दबाते हुए कहा और लंड को निक्कर से बाहर निकाल लिया- वाह राजा.. यह तो सच में मोटा तगड़ा है.. नयना ठीक कह रही थी.. तेरा लंड 7 इंच का है। ‘ओह.. क्यों.. इसको देख कर डर गईं क्या.. अब नहीं बजावाएंगी भाभी?’

मैंने हँस कर भाभी को अपने सामने खींच लिया और भाभी के होंठों को चूसने लगा। भाभी की चूचियां मेरे सीने में दब रही थीं और मेरा कड़क लंड उनकी नाभि पर छू रहा था।

‘क्या बात करता है.. मैं और डर गई..! मैं नयना नहीं हूँ.. मैं बड़ी तगड़ी औरत हूँ.. तेरे जैसे दो-चार की गाजर मूली यूं ही चबा सकती हूँ।’

सरला भाभी को कमल के शरीर की गर्मी बहुत चुदासी कर रही थी। वो बहुत बदमाश.. गर्म.. चुदासी औरत थीं और यह बात मुझको मालूम थी।

मैंने उनको कमरे के अन्दर खींच दरवाज़ा बंद कर दिया और उनको डाइनिंग टेबल के सहारे खड़ा करके उनकी मस्त गर्म चुदासी जवानी को चूस कर.. चूम कर.. सहला कर मज़ा लेने लगा।

अब मैंने सरला भाभी का ब्लाउज खोल कर उनकी दोनों गोल-गोल 36 साइज की चूचियां अपने हाथ में लेकर उनके खड़े निप्पलों को चूसने लगा। सरला भाभी मस्ती में चहक उठीं- हाय राजा.. हां.. हां.. चूस ले.. उफ़.. मेरे सारे शरीर में आग लग रही है.. जल्दी से पेल दे ना राजा.. अब और इंतज़ार नहीं होता!

उन्होंने मेरी निक्कर खोल कर निकाल दी, मैंने भी सरला भाभी की साड़ी खींच कर खोल दी और पेटीकोट का नाड़ा खींच कर ढीला कर दिया, सरला भाभी के मस्त गोरे चूतड़ों से पेटीकोट को नीचे खिसका दिया।

सरला भाभी ने भी मेरी टी-शर्ट निकाल दी।

अब हम दोनों पूरी तरह नंगे एक-दूसरे को दबा कर चूमते हुए मज़ा ले रहे थे, हम चुदाई की पूरी मस्ती में थे।

सरला भाभी मेरा लंड पकड़ कर अपनी गीली चूत के खड़े दाने पर और चूत के होंठों के बीच रगड़ कर सिसियाने लगीं- अहह.. सी.. ई.. उफ़.. राजा.. हां.. उऊ.. अब तो अन्दर कर दे राजा.. मैंने भी झट से उनकी चूचियों को चूसते हुए भाभी की चूत में उंगली घुसा दी।

सरला भाभी अपनी चूत में उंगली महसूस करते ही उछल पड़ीं- हाय.. यह क्या कर रहा है.. उफ़.. मेरी चूत का रस निकल जाएगा रे.. उफ़.. साले चोदू.. मैं तेरी बजाने वाली थी.. अब तो तू मेरी बजाने लगा। उफ़.. राजा.. नयना ठीक कहती थी.. कि तू उसको चुदाई के लिए चिल्ला देने पर मज़बूर कर देता है। हाय राज.. बस अब जल्दी से ठोक दे ना अपना मस्त मोटा तगड़ा लंड मेरी इस चुदासी चूत में.. हाय मेरी चूत रो रही है।

‘चलो ना भाभी.. अगर तुम मेरी बजाना चाहती हो तो टेबल पर बैठ कर टांगें खोल कर ऊपर उठा लो, जैसे कि आप हमेशा नयना को कहती हैं.. साली टाँगें उठा कर पेल दूँगी। तो बस हो जाओ ना शुरू भाभी और घुसवा लो मेरा यह मस्त मोटा तगड़ा लंड अपनी इस चुदासी गीली-गीली रस भरी चूत में.. आ जाओ भाभी जल्दी से ले लो ना।

मैंने भाभी को टेबल पर बैठा कर उनकी दोनों टाँगें पूरी तरह से खोल कर हवा में उठा दीं। सरला भाभी ने झट से लंड का टोपा अपनी चूत पर रगड़ कर गीला किया और अन्दर घुसा कर अपने दोनों हाथ पीछे टिका लिए।

‘आह हाय राम रे.. मर गई.. साले बहुत मस्त गर्म-गर्म माल है तेरा लौड़ा.. उह.. सी.. सी.. ई.. उई.. बस अब एक ही बार में घुसा दे अन्दर तक आह्ह.. पेल दे ना।’ यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने दोनों हाथ से भाभी के चूतड़ों को पकड़ कर एक जोरदार.. दमदार धक्का मार दिया। मेरा कड़क लंड भाभी की गीली रस से भरी चूत में रिपटता हुआ राकेट की तरह अन्दर घुस गया और चोट मार दी।

सरला भाभी अकड़ गईं और चिल्ला पड़ीं- हाय.. ईई.. उई.. रे.. उई.. मर गई राजा.. उफ़ क्या मस्त तगड़ा चोदू लंड है। आह्ह.. हां.. हां.. चोदू हां.. घुसा दे मार डाल.. निकाल दे जल्दी से चूत का पानी.. हाय.. सी.. उई.. ई.. मेरी चूत बहुत फड़क रही है राजा.. अब नहीं रुक सकती।

मैंने भी पूरी ताकत से तीन-चार धक्के लगा दिए और चूचियां और चूतड़ मसल डाले। सरला भाभी ने चिल्ला कर अपने चूतड़ों को उठा लिया और सिसिया कर बड़बड़ाने लगीं- हां.. हां राजा.. गई.. गई.. निकल गया रस.. आह्ह.. हरामी मार दिया..’

उन्होंने एक जोर का झटका मारा.. अपनी चूत को कसते हुए अपनी जाँघों को मेरी कमर में लपेट लिया और आँख बंद करके झड़ गईं- उफ़.. जालिम चोदू.. मर.. गई.. निचोड़.. डाला.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… बज़ा दिया.. इस चूत का बाजा.. आह्ह..

‘हाय राम.. भाभी यह क्या.. अभी तो आपकी इस मस्त चुदासी गर्म-गर्म गीली-गीली.. चिकनी-चिकनी चूत का मज़ा आना शुरू हुआ था.. और आप झड़ भी गईं।’

मैंने मुस्कराते हुए उनके ऊपर झुक कर उनके होंठों को चूम लिया और भाभी चूचियों को चूसने लगा।

मेरे हाथ भाभी के चूतड़ों पर और कमर पर बदस्तूर चल रहे थे। सरला भाभी की चूत ने मेरे लंड को ठंडक दिला दी थी।

भाभी की चूत का जलवा अभी बाकी है। आपके मेल का इन्तजार रहेगा। [email protected] कहानी जारी है।

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