मैंने अपनी बड़ी बहन की चुदाई देखी

दोस्तो, मेरा नाम जगत है, मैं आज आपको एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ, यह कहानी मेरी बड़ी बहन के बारे में है। मेरे घर में मेरे अलावा तीन बहनें और एक भाई है। मेरे पिताजी का देहांत हो गया है। जब मेरे पिताजी का देहांत हुआ तो उस समय बड़ी दीदी की उम्र 25 साल की थी। उनकी शादी की जिम्मेदारी मेरे मौसाजी ने अपने ऊपर ले ली थी।

लेकिन कई मुश्किलों के बाद भी कोई अच्छा लड़का नहीं मिल पाया था, कोई पैसे की डिमांड करता.. तो कोई दहेज़ की बात करने लगता। हमारे घर की परिस्थिति इस लायक नहीं थी कि हम लड़के वालों की मांग पूरी कर पाते, मेरी माँ छुप-छुप कर रोती रहती थीं, मौसाजी भी काफी परेशान थे।

लाख कोशिशों के बाद भी कोई ढंग का लड़का नहीं मिल पाया.. जो मेरे मौसाजी की उम्मीदों पर खरा उतरे। आखिर हार कर मेरे मौसाजी ने मेरी मम्मी के सामने एक बात कही- देखिये, मैंने अपनी तरफ से सारी कोशिशें कर ली हैं.. पर अब तक कोई अच्छा वर नहीं मिल सका है। मुझे तो बिटिया की चिंता खाए जा रही है, क्यों न कमल से ही बिटिया की शादी कर दी जाए।

कमल मौसा जी की लड़का था जो दीदी से 5 साल छोटा था। मम्मी- पर कमल तो कामिनी से छोटा है। मौसा जी- छोटा है तो क्या हुआ.. वो मेरे घर में बहुत सुखी रहेगी। मम्मी- आपको जैसा उचित लगे सो कीजिए।

इसके बाद मौसी, कमल भैया और दीदी की रजामंदी से बात पक्की हो गई। पर न जाने भगवान को क्या मंजूर था। अचानक हार्ट अटैक से मौसा जी का देहांत हो गया और दीदी की शादी की बात आई-गई हो गई।

अब हमारा और मौसी के घर में आना-जाना बढ़ गया था। कमल भैया के मन में दीदी के प्रति प्यार तो था ही और दीदी भी यह बात जानती थीं। एक बार मौसी काम से बाहर गई थीं। मैं और बड़ी दीदी कामिनी मौसी के घर गए हुए थे, मैं, कमल भैया और दीदी घर पर अकेले थे। मैं उस समय छोटा था.. तब उनकी बात नहीं समझ पा रहा था। उन दोनों की बातें कुछ इस प्रकार थीं।

कमल भैया- कामिनी, क्या बात है तुम उदास क्यों हो? दीदी- कुछ नहीं.. कमल- मैं जानता हूँ, तुम्हें शायद हमारी शादी की चिंता है।

दीदी रोने लगीं। तब कमल भैया ने दीदी को अपने गले से लगा लिया और माथे पर एक चुम्मा ले लिया। उन्होंने मुझे बाहर जाकर खेलने के लिए कहा तो मैं बाहर आ गया।

पर अपना बॉल लेने के लिए वापस आया तो क्या देखता हूँ कि कमल भैया दीदी का हाथ पकड़ कर उन्हें ऊपर की कोठरी में ले जा रहे हैं। मैं चुपचाप उनके पीछे-पीछे हो लिया।

ऊपर जाकर कमल भैया ने दीदी के आंसू पोंछे और उनके गालों और माथे पर किस करने लगे। कुछ देर किस करने के बाद उन्होंने दीदी की चूचियों पर हाथ रख दिया। अब वो दीदी के गले और चूचियों पर किस कर रहे थे।

कमरे में सूरज की रोशनी आ रही थी.. इसलिए मैं अन्दर का नज़ारा साफ देख पा रहा था।

अब कमल भैया ने दीदी को लिटा दिया और उनका दुपट्टा हटा कर उन्हें बेतहाशा चूमने लगे, दीदी के मुँह से ‘आहें..’ निकल रही थीं।

कमल भैया अब दीदी के ऊपर होकर उसके रसीले होंठ चूसे जा रहे थे, उन्होंने दीदी के बदन से धीरे धीरे सलवार और कमीज भी उतार दी, साथ ही उन्होंने अपनी शर्ट, पेंट और बनियान भी उतार दी थी।

कमल भैया दीदी को बेतहाशा चूमे जा रहे थे, दीदी आँखें बंद करके मदमस्त आहें.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भर रही थीं। कुछ देर यूं ही चूमने के बाद कमल भैया ने दीदी की ब्रा भी खोल दी। कमल भैया दीदी के एक स्तन को चूस रहे थे तथा दूसरे को निचोड़ रहे थे।

दीदी काफी गर्म हो गईं।

कुछ देर बाद कमल भैया ने दीदी की पेंटी भी उतार दी और उनकी चूत के ऊपर मुँह रख कर अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगे। अब उन्होंने अपनी चड्डी उतार कर अपना लंड, दीदी की चूत के मुहाने पर रखा और एक जोर का धक्का मारा। कमल भैया के लंड का आधा टोपा दीदी की चूत के अन्दर घुस गया।

दीदी चीख पड़ीं- ऊऊईई.. अम्म्म्मा.. आआअह.. मर गईई..’

कमल भैया ने एक और जोरदार शॉट मारा, इस बार भैया का आधा लंड दीदी की चूत में घुस गया। दीदी दर्द से तिलमिला गईं। कमल भैया के तीसरे धक्के में उनका पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत में घुस गया, दीदी की आँखों से आंसू निकल आए।

भैया दीदी की चूत में धीरे-धीरे धक्के लगा रहे थे। दीदी की सील टूट चुकी थी।

कुछ देर की चुदाई के बाद दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया। चूत के पानी के कारण कमल भैया का लंड दीदी की चूत में सटासट जाने लगा था।

अब दीदी भी फिर से गर्म हो गई थीं और वे अपनी गांड उचका-उचका कर भैया का साथ दे रही थीं। कुछ ही देर बाद भैया के लंड ने दीदी के चूत के अन्दर अपने रस को छोड़ दिया।

कुछ देर बाद वे दोनों कपड़े पहनने लगे और मैं नीचे आ गया।

इस घटना के बाद दीदी और भैया जब भी मौका मिलता.. चुदाई करने लगते।

दोस्तो, यह मेरी बहन की चूत की पहली चुदाई थी। आपको कैसी लगी.. जरूर बताएं। मेरे पास बताने को और भी बातें हैं। पर आपके उत्तर के बाद ही बताऊंगा।

आपका जगत [email protected]