Sage Bhai Se Chut Aur Gaand Chudwayi – Part 2

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

अब तक इस देसी हिन्दी सेक्सी स्टोरी में अपने जाना, की मैं अपने भाई के साथ काफी खुल गयी थी. मैंने उसे उसे शराब पीकर चुदाई करने सलाह दी, अब आगे..

मेरे गोली खाने के बाद भाई ने गोली को जीभ पर रखा और लंबी सांस खींचकर गिलास होंठो को लगा कर जल्दी से शराब पी गया, फिर जल्दी से प्लेट से काजू उठाकर खाने लगा और बोला बहुत कड़वी है।

मैंने कहा पहला पैॅग ही कड़वा लगता है जब एक बार गले के नीचे उतर गई फिर कड़वी नहीं लगती जैसे लंड घुसाते टाईम एक बार जोर लगाना पड़ता है उसके बाद आराम से अंदर बाहर होने लगता है।

मेरी ये बात सुन कर भाई हंस पड़ा और बोला सानिया तू तो बहुत चालू है। इतनी देर में मैंने एक और पैॅग बना लिया और वो भी हम दोनों पी गए। इस बार थोडा़ छोटा पैॅग बनाया था।

भाई बोला अबकी बार कड़वा नहीं लगा यार। भाई को नशा हो गया था उसकी आंख लाल हो गईं दी और आवाज भी लड़खड़ा रही थी। मुझे लगा अब भाई को और नहीं पिलानी चाहिए नहीं तो बेसुध होकर सो जाएगा।

मैंने दो सिगरेट निकाली और दोंनो को जला लिया। एक भाई को दे दी और एक खुद पीने लगी। मैंने भाई से पूछा शाहिद सिगरेट पीनी आती है क्या। भाई बोला हां मेरी जान आती है आज शराब पहली बार पी है सिगरेट तो रोज़ पीता हूं।

हम दोनों सिगरेट पीने लगे तभी भाई से पूछा शाहिद शराब के साथ शबाब दोनों कैसे लगे। भाई बोला क्या कहूं यार बहुत मस्ती आ रही है लगता है जैसे आसमान में उड़ रहा हूं।

मैंने कहा अभी शराब का असर है और जब शबाब अपना जल्वा दिखाएगा तब जंनत की सैर होगी। भाई के सिगरेट पीते पीते मौं एक बड़ा सा पैॅग और बना कर पी गई। अब मुझे भी नशा होने लगा था।

भाई ने काली लोअर और सफेद टी शर्ट पहनी हुई थी। भाई को शायद गर्मी लग रही थी क्योंकि उसने पहली बार शराब पी थी और ऊपर से जून का महीना था तो भाई लोअर उतार कर बैॅड पर बैठ गया। भाई अब सिर्फ भूरे रंग के अंडरवियर और टी शर्ट में बैठा था।

मैं भाई की गोद में सिर रखकर लेट गई और उसके हाथ पकड़ कर अपने बूब्ज़ पर रख दिए। मेरा सिर बिल्कुल भाई के लंड के ऊपर था और मैं अपने नाजुक हाथों से भाई की जांघें सहलाने लगी।

भाई मेरे बूब्ज़ को ब्लाउज़ के ऊपर से मसल रहा था। भाई ने मेरी साडी़ का पल्लू साईड पर कर दिया और ब्लाउज में हाथ डालकर मेरे बूब्ज़ ब्रा के ऊपर से दबाने लगा।

ब्लाउज़ बहुत टाईट था तो भाई को बूब्ज़ दबाने में परेशानी हो रही थी तो मैंने ब्लाउज की हुक खोल दीं और बैठी होकर ब्लाउज़ निकाल दिया। भाई ब्रा में हाथ डालकर मेरे बूब्ज़ दबाने लगा।

कूछ देर बाद भाई बोला सानिया ब्रा निकाल दो यार अब तो अच्छे से देख लूं सुबह तो जल्दी जल्दी में कुछ पता ही नहीं चला। मैंने कहा शाहिद जानूं ब्रा की हुक पीछे है नीचे हाथ डालकर हुक खोल दो।

भाई ने मेरी पीठ के नीचे हाथ घुसा दिए और मैंने पीठ ऊपर उठाकर उसका साथ दिया। भाई ने मेरे ब्रा की हुक खोल दी तो मैंने अपनी बांहें ऊपर उठा दीं।

अब भाई ने ब्रा खींचकर मेरे बूब्ज़ आजाद कर दिए। मैं फिर भाई की गोद में सिर रखकर लेट गई। भाई मेरे नंगे बूब्ज़ दबाने ला और बोला सानिया तेरे बूब्ज़ तो बहुत बड़े और मस्त हैं। भाई के दिमाग पर सेक्स चढ़ने लगा था उसका लंड खड़ा होकर मेरे सिर पर लगने लगा।

मैंने सिर साईड पर किया और उसके अंडरवियर के ऊपर से लंड सहलाने लगी। भाई का लंड एकदम सख्त हो चुका था

तब मैंने भाई से कहा शाहिद अंडरवियर निकाल दो नहीं तो तुम्हारा लंड इसको फाड़ देगा।

भाई ने कहा तुम निकाल दो तो मैं गोद से सिर उठा कर बैठ गई। भाई ने अपनी टांगे सीधी कर ली और हाथों पर वजन देकर गांड ऊपर उठा ली।

मैंने भाई का अंडरवियर निकाल दिया और लंड को देखा भाई का लंड पूरे उफान पर था। मैंने भाई की टी शर्ट भी निकाल दी और उसकी छाती के निप्पलों को जीभ से चाटने लगी और चाटते चाटते मुंह में भर कर चूसने लगी।

भाई के मुंह से मस्ती भरी आवाजें निकलने लगी और वो मेरी चिकनी पीठ को हाथों से सहलाने लगा। उसके निप्पल चूसने से वो इतना उत्तेजित हो गया कि मेरी पीठ जोर से रगड़ने लगा और मुझे बहुत अच्छा लगने लगा।

फिर मैं उसकी गर्दन को चूमते तथा चाटते हुए अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए। शुरू में तो बहुत प्यार से चूमना चालू किया फिर जोर जोर से चूसने लगे। हम एक दूसरे के होंठ मुंह में लेकर जोर से चूसने लगे और एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर रसपान करते तथा चूसते।

कुछ देर बाद भाई बोला सानिया अब रहा नहीं जाता अब मेरे लंड को तुम्हारी चूत में जाना है। मैंने अपनी चूत पर थूक लगाया और भाई के लंड पर भी काफी सारा थूक लगा दिया लाकि अच्छी चिकनाहट बन जाए और एक ही बार में लंड मेरी चूत में समा जाए।

मैंने भाई को बैॅड की बैक पर तकिया लगा कर बैठा दिया और उसकी टांगें सीधी कर लीं। भाई का लंड सीधा ऊपर को खड़ा फनफना रहा था।

तो मैंने अपनी टांगें खोलकर अपनी चूत का छेद भाई के लंड पर टिका दिया और भाई के कंधों पर हाथ रखकर तेजी से अपनी गांड नीचे की तरफ धकेल दी।

एक ही बार में लंड मेरी चूत में समा कर मेरी बच्चेदानी के मुख पर जा टकराया। मेरे मुंह से मस्ती भरी आह निकल गई और भाई के मुंह से दर्द भरी आह निकली और मैंने भाई का चेहरा देखा उसको दर्द हो रना था.

मैंने पूछा शाहिद जान क्या हुआ तो बोला तेरी चूत बहुत टाईट है ऐसा धगता है जैसे मेरा लंड छीला गया है। मैंने कहा आप भाभी की चूत में भी एक झटके में ही घुसाते हो अब क्या हुआ।

तब भाई ने बताया उसकी चूत तेरी चूत जितनी टाईट नहीं है बल्कि पहली चुदाई के वक्त भी इतनी टाईट नहीं थी।

मैं उसी वक्त समझ गई कि भाभी बहुत चुदी हुई है लेकिन मैंने कहा होता है किसी की ज्यादा टाईट होती है किसी की कम टाईट और ये दर्द कुछ सैकिंड में चला जाएगा।

फिर मैंने भाई को चूड टाईट करने का एक नुखसा बताया और उससे भाभी की चूत एकदम टाईट हो गई है और इसलिए भाई ने मुझे कई बार थैंक्स भी बोला है और हर थैंक्स पर भाई से चुदाई करवाई है।

बातें करते करते भाई नॉर्मल हो गया और नीचे से कमर चलने लगा। मैंने भाई के कंधों पर हाथ रखे और भाई का कान मुंह में लेकर अपनी गांड ऊपर-नीचे करके चूत में लंड लेने लगी।

पहले धीरे धीरे और फिर तेजी से गांड उछाल कर भाई का लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगी। हर झटके से भाई का लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा कर पीछे जाता और मेरे मुंह से मस्ती भरी चींखें निकले लगीं।

हमारी आवाजें अम्मी अब्बा तक ऊपर न पहुंचे तो हमने टीवी पर थोडी़ ऊंची आवाज में गीत लगा रखे थे। जब मैं भाई के लंड पर उछल-कूद कर रही थी तब मेरे बूब्ज़ भाई की छाती पर रगडे़ जा रहे थे और भाई मेरे चूतडो़ को पकड़ कर दबा रहा था।

मैं बहुत जोर से भाई के लंड पर उछलने लगी तो चुदाई की फच्च फच्च की आवाज़ आने लगी और मेरे तथा भाई के मुख से मस्ती भरी आवाजें निकलने लगी जो म्यूजिक के छोर में दब जाती थीं।

कुछ देर बाद मैंने अपनी चूत से भाई का लंड निकाल दिया और भाई को लेटा दिया।

मैं भाई के ऊपर 69 अवस्था मे आ गई। मेरी चूत भाई के मुंह के पास थी और भाई का लंड मेरे मुंह के पास। मैने अपना मुंह खोलकर भाई का लंड मुंह में भर लिया और सिर को आगे पीछे करके चूसने लगी।

भाई ने भी अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और चूत में जीभ घुसा कर चाटने लगा। भाई अपनी कमर चला कर नीचे से मेरे मुंह में झटके मारने लगा और मैं अपनी चूत भाई के मुंह पर रगड़ने लगी। ब भाई ने मुझे नीचे लेटा लिया और मेरी टांगे फैला कर मेरे ऊपर आ गया।

मैंने भाई का लंड पकड़ खर आपनी चूत के छेद पर टिका दिया और भाई ने झटका मारा अब चूत और लंड बिल्कुल चिकने थे तो बिना रुकावट के लंड पूरा मेरी चूत में समा गया।

भाई ऊपर से एख के बाद एक ताबड़तोड़ झटके मारने लगा और मैं भी मस्ती में चिल्लाती हुई उतनी तेजी से नीचे से गांड उचका उचका कर चुदाई करवाने लगी।

भाई मेरी चूत चोदते हुए बोला सच में सानिया आज तो तूने जंनत दिखा दी।

मैंने कहा अभी जंनत की सैर बाकी है वो गांड चोदने से होगी। थोडी़ देर बाद मेरा बदन अकड़ने लगा और मैंने भाई को कसकर पकड़ लिया और आंहें भरती हुई झड़ गई।

भाई बोला क्या हुआ तो मैंने कहा हाहिद चूत की आग तो शांत हो गई अब गांड की प्यास भी बुझा दो। भाई ने मेरे घुटने मोड़कर मुझे बैॅड पर कुतिया बना कर बैठा दिया और मेरी गांड के छेद के ऊपर और बीच ऊंगली डालकर अच्छे से थूक लगा दिया।

फिर भाई ने अपने लंड पर थूक लगाया और मेरे चूतडो़ की फांकें खोलकर अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख दिया। भाई धीरे धीने लंड दबाने लगा और लंड मेरी गांड को खोलता हुआ मेरी गांड में घुसने लगा। कुछ ही देर में भिई का लंड मेरी गांड की गहराई में खेलने लगा।

अब भाई मेरी कमर को पकड़ कर जोर जोर से मेरी गांड चोदने लगा। करीब पांच मिनट लगातिर गांड चुदाई के बाद भाई की स्पीड काफी तेज़ हो गई। मैं भी उतनी तेजी से गांड आगे पीछे करने लगी।

कुछ ही सैकिंड में भाई ने अपना वीर्य मेरी गांड में छोड़ दिया। उसके बाद भाई ने लंड मेरी गांड से निकाला और बैॅड पर लेट गया तभी भाई बोला सानिया आज पहली बार मुझे चुदाई का असली मजा आया है आज के बाद शराब पीकर और गोली खाकर चुदाई करा करूंगा।

मैंने कहा वो तो ठीक है लेकिन झड़ने से पहले बता देते तो वीर्य मुंह में लेती और पी जाती।

भाई बोला सानिया जान अभी कौन सा खेल खत्म हो गया है अभी क बार फिर करेंगें तब वीर्य पी लेना। उसके बाद हम नंगे ही सो गए।

आधी रात को भाई ने मुझे जगा दिया और फिर से दो दो पैॅग लगा कर चुदाई का प्रोगराम शुरू कर दिया और इस बार पहले से भी लंबा टाईम चुदाई हुई और इस बार भाई ने वीर्य मेरे मुंह में छोडा़ जो में पी गई और जो बूंदे लंड से टपक रही थीं वो चाट कर साफ कर दीं।

उसके बाद सुबह का चार बजे का अलार्म लगा कर हम नंगे ही सो गए क्योंकि साढे़ पांच बजे अम्मी नीचे आ जाती है उससे पहले भाई को उसके रूम में भेजना था।

चार बजे अलार्म बजा और हम उठ गए। तब चुदाई का एक राऊंड और खेला और कपड़े पहन लिए। मैंने साडी़ अलमारी मे छुपा दी और दरवाजा बंद करके सो गई।

सुबह जब अम्मी चाय लेकर आई तो उसने कहा अभी छुट्टियां है मैं और तुम्हारे अब्बा मामा के घर जा रहे हैं आज ही। तुम भाई बहन घर का ध्यान रखना झगड़ा मत करना। उसके बाद तो भाई सुबह दुकान से जाने से पहले फिर दोपहर में खाना खाने आता फिर रात को चुदाई करता।

इन गर्मी की छुट्टियों में हमने बहुत मजे लूटे हर अंदाज़ में चुदाई की बैॅड पर, सोफे पर, बाथरूम में नहाते टाईम और एक रात रारिश हुई थी उस रात आंगन में खुले में चुदाई का आनंद लिया।

इधर छुट्टियां खत्म हुई तो भाभी, अम्मी और अब्बा घर आ गए। भाई से चुदाई बंद हो गई और कॉलेज जाने लगी और बाहर की रंगरलियां शुरू हो गईं।

अब अगली देसी हिन्दी सेक्सी स्टोरी के साथ मिलेंगें तब तक सभी को अल्लाह हाफिज़, रब राखा।

[email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000