बहन की जवान बेटी की बुर चुदाई की लालसा-2

आपने अब तक पढ़ा.. मेरी बहन की ननद की बेटी रोमा मुझे जगाने आई तो मैंने नींद में होने का बहाना करते हुए अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसकी कामाग्नि भी भड़का दी। अब आगे..

मुझे लगा कि रोमा की बुर भी फड़क उठी है, यह महसूस करते ही मेरा साहस और बढ़ गया। फिर मैं अपना एक हाथ रोमा की पीठ से नीचे सरकाते हुए एकदम से उसकी गांड पर ले गया और धीरे-धीरे सहलाते हुए दबाने लगा।

पर यह क्या.. मेरी पकड़ ढीली होते ही वो एक झटके से मेरे ऊपर से उठ गई और रूम से बाहर जाते हुए मुझसे बोली- जल्दी उठिए.. और नहा लीजिए.. नाश्ता तैयार है।

मैं बस उसे जाता हुआ देखता रहा और मन ही मन बोला- नाश्ता तो करा दिया.. अब खाना भी खिला दो रोमा डार्लिंग!

उसके जाने के बाद भी मैं अपना लंड पकड़ कर अपने सीने पर उसकी चूचियों का और लंड पर उसकी चूत का दबाव महसूस कर रहा था। क्या दिलकश मंजर था वो.. जब रोमा अपनी चूत मेरे लंड पर दबा रही थी। मुझे जो मजा मिला, मेरे पास इसको लिखने के लिए शब्द नहीं हैं.. जो उस अनुभव को लिख सकूँ।

रोमा की ओर से हरी झंडी मिल गई, यह खुशी में बर्दाश्त नहीं कर सका और उठ कर नाचने लगा।

मुझे पता नहीं था.. पर जब हँसने की आवाज सुनी तो देखा रोमा दरवाजे पर खड़ी थी और मुझे नाचता देख कर हँस रही थी। मेरे देखते ही वो भाग गई और मैं शर्मा कर बाथरूम में घुस गया।

मैं फ्रेश होकर बाहर आया तो देख रोमा तैयार थी। मैंने जल्दी से नाश्ता किया और हम दोनों घर से एग्जाम के लिए मेरी बाइक पर निकल गए।

एग्जाम को लेकर रोमा कुछ नर्वस थी, रास्ते भर वो ज़्यादा कुछ नहीं बोली, बस पढ़ाई की टॉपिक पर थोड़ी बहुत बात कर रही थी। एग्जाम सेन्टर तक का रास्ता लंबा था। उसका सेंटर हमारे घर से करीब 55-60 किलोमीटर दूर था। हम दोनों लगभग एक घंटे में पहुँच गए। मैंने उसे ‘बेस्ट ऑफ लक’ विश किया.. जिस पर वो मुस्कुरा कर ‘थैंक्यू..’ बोली और स्कूल के अन्दर चली गई।

अब मैं सोच में पड़ गया कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि बाइक पर वो मुझसे काफ़ी दूर ही बैठी रही थी, उसके हाथ को छोड़ उसका कोई अंग मुझसे नहीं छू रहा था, वो काफ़ी सम्भल कर बैठी थी। मेरे मन में ख्याल आने लगा कि शायद सुबह की उसकी हरकत मेरे पकड़ से छूटने की कोई चाल तो नहीं थी। हो भी सकता है नारी के लिए कुछ भी असंभव नहीं होता.. वो बहुत ही चालाक होती है, अपने शरीर को इस्तेमाल करके वो अनहोनी को भी होनी कर सकती है।

मैं जिसे हरी झंडी समझ रहा था.. वो तो एक छलावा था। रास्ते भर के उसके बर्ताव से मुझे यही लग रहा था। जो मैं चाह रहा था, अगर वो भी वही चाहती, तो अकेलेपन का फायदा उठाती.. बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठती और रास्ते भर मज़े करती। पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ तो मैं भी अब सावधान हो गया कि मेरी जल्दबाज़ी में कहीं बनती बात बिगड़ ना जाए।

रोमा दो घंटे बाद स्कूल से बाहर आई.. वो खुश दिखाई दे रही थी। शायद उसका एग्जाम बढ़िया गया था।

उसके पास आते ही मैंने पूछा- एग्जाम कैसा हुआ रोमा? रोमा- अच्छा हुआ मामाजी.. जो-जो तैयारी की थी.. उन्हीं में से सवाल आए थे। मैं- तो अब क्या भूख लगी है? रोमा- हाँ मामाजी भूख भी और प्यास भी ज़ोर की लगी है.. स्कूल के अन्दर अच्छा पानी भी नहीं था।

लंच का समय भी हो गया था.. सो मैं रोमा को एक रेस्टोरेंट में ले गया। वहाँ हमने खाना खाया और फिर घर की ओर चल दिए। इस बार वो थोड़ा रिलॅक्स लग रही थी। अभी हम थोड़ी दूर आए ही थे कि रोमा मुझे बाइक रोकने को बोली। जिस जगह उसने बाइक रुकवाई.. वो एरिया जंगल का था, चारों ओर पेड़ और झाड़ियां थीं।

मैंने बाइक रोक दी।

रोमा बाइक से उतरी और रोड के साइड में घनी झाड़ियों में घुस गई, शायद वो पेशाब करने गई थी। मैं भी बाइक खड़ी करके चुपके से उसे देखने के लिए झाड़ियों के करीब चला गया। वो पेशाब करेगी यह सोच कर मैं खुद को रोक नहीं पाया और झाड़ियों के पास जाकर देखा तो उसने अपनी लैगी पूरी उतार ली थी, उसकी शार्ट कुरती उसकी गांड तक ही आ रही थी, इसलिए मुझे उसकी गोरी चिकनी जांघें पीछे से दिख रही थीं।

रोमा की पीठ मेरी तरफ थी.. वो मुझे नहीं देख पा रही थी। उसकी नंगी जाँघों का दीदार पाते ही लंड महाशय जाग गए.. जो अब तक डर से दुबके हुए थे। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

रोमा ने अपनी पेंटी भी उतार दी, अब वो नीचे से पूरी नंगी थी, उसकी गांड क्या गजब की थी… एकदम दूध जैसी सफेद! रोमा जब पेंटी को अपने पैरों से निकालने के लिए सामने की ओर झुकी तो मुझे पीछे से उसकी हल्के काले बालों से घिरी गुलाबी नंगी चूत दिखाई दी, उम्म्ह… अहह… हय… याह… जिससे मेरा लंड उत्तेजना में भरकर मेरे जींस से बाहर निकलने को तड़पने लगा।

मैंने उसे ज़्यादा तड़पने नहीं दिया और अपनी जींस को खोलकर जाँघों तक कर लिया और अपने लंड को हाथों में ले कर सहलाने लगा। लंड पूरी तरह तन कर लाल हो गया था।

उधर रोमा को ना जाने क्या हुआ और वो पेंटी को वहीं फेंक दी और पेशाब करके सिर्फ़ लैगीज पहन ली।

मैं उसे एकटक देख रहा था और अपने लंड को सहला रहा था। वो वापस आने लगी.. पर मैं वहाँ से नहीं हटा। पता नहीं मुझे अब अंजाम की परवाह नहीं थी, मैं वहीं खड़ा रोमा से नजर मिला कर अपने लंड को सहलाता रहा।

मैंने देखा रोमा तिरछी नजरों से मेरे लंड को देखते हुए बगल से चली गई। उसने बाइक के पास जाकर मुझे आवाज़ दी। मैं उसी अवस्था में घूम गया और जींस को पहनते हुए उसके करीब जाने लगा।

मेरा लंड अब भी बाहर था। चुदाई की सोच कर उत्तेजना में लंड इस कदर तना हुआ था कि वो जींस के अन्दर समा नहीं रहा था। मैंने अपनी टी-शर्ट से उसे ढक तो दिया.. पर उसके उभार को छुपा नहीं पाया और वैसे ही रोमा के पास चला गया।

वो मेरे लंड के उभार को देख कर घूम गई थी, रोमा की पीठ मेरी ओर हो गई थी। मुझ पर चुदाई का भूत सवार हो गया था, मेरा पूरा शरीर काँपने लगा लगा था। पीछे से रोमा की गांड से लंड को सटा कर मैंने उसे बांहों में भर लिया।

रोमा- क्या करते हो मामाजी? छोड़िए मुझे!

यह बात उसने मुझसे गुस्से में कही, पर मैंने अनसुना कर दिया और उसकी गांड में अपने लंड को और जोर से दबा दिया। इस पर वो तिलमिला गई और घूम कर मुझे धक्का देते हुए बोली- होश में आइए मामाजी.. आप घर चलिए, मैं सबको आपकी इस हरकत के बारे में बताऊँगी।

यह सुनते ही मेरा माथा चकरा गया, मैंने एक बार प्यासी नज़रों से रोमा को देखा, वो मुझे गुस्से से घूर रही थी। उसका गुस्सा देख कर लंड महाशय कोने में दुबक लिए.. मुझसे कुछ भी कहा नहीं जा रहा था, मैंने चुपचाप जींस के ज़िप को बंद किया और बाइक पर बैठ गया.. रोमा भी मेरे पीछे बैठ गई। मैंने बाइक को स्टार्ट किया और हम दोनों घर की ओर चल दिए।

मैं रास्ते भर सोचता रहा कि अब क्या होगा.. रोमा तो सबको बता देगी, इस सबके बाद मेरा क्या होगा! यही सब उल्टे-सीधे ख्याल मन में आते रहे।

रोमा रास्ते भर चुप रही.. आख़िर हम लोग घर पहुँच ही गए। मेरा दिल ज़ोरों से धड़क रहा था.. घबराहट से मुझे पसीना आ रहा था।

रोमा जब बाइक से उतर कर जा रही थी, तो मैंने पीछे से आवाज़ दी- रोमा आई एम सॉरी.. प्लीज़ किसी को कुछ मत बताना, तुम जो कहोगी.. मैं वही करूँगा प्लीज़..!

उसने मुझे कुछ भी जवाब नहीं दिया, उल्टे मुझे गुस्से से घूरते हुए घर के अन्दर चली गई।

रोमा के इस गुस्से को देख कर मेरी गांड फट गई थी.. मैं सोच रहा था कि पता नहीं अब क्या बवाल होने वाला है।

चलिए देखते हैं कि आगे क्या होता है.. आप मुझे ईमेल जरूर लिखिए.. मुझे अच्छा लगेगा। [email protected] कॉलेज गर्ल की सेक्स कहानी जारी है।