दो दोस्तों की गर्लफ्रेंड बन कर गांड और चूत की चुदाई कराई

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दोस्तो, यह सेक्स स्टोरी मेरी गर्लफ्रेंड और हम दो दोस्तों की है.. जो कि उसने अपने शब्दों में लिखी है। मैं आशा करता हूँ कि आपको यह घटना पसंद आएगी और इस घटना को लेकर यदि आपके कमेंट्स अच्छे रहे तो मैं आगे भी अपनी अन्य कामुक कहानियों से आपके लंड और चूत का पानी निकलवा कर आपको मज़े देता रहूँगा।

अब मेरी गर्लफ्रेंड से इस घटना का मजा लीजिए।

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम श्रुति है.. मैं मुंबई में रहती हूँ और पिछले 6 सालों से अन्तर्वासना की पाठक हूँ। मेरी फिगर 40-38-40 है।

ये घटना अभी सिर्फ 3 दिन पहले की है। मैं एक ऑफिस में असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर काम करती हूँ। अपने ऑफिस मैं रोज बस से आती जाती हूँ। मैं जब भी बस से आती-जाती थी.. तो सब मुझे बड़ी गौर से देखते थे। किसी की नज़र मेरे मम्मों पर होती थी, तो किसी की गांड पर टिकी रहती और मैं भी ऑफिस में जाते टाइम कभी वन-पीस ड्रेस (घुटनों तक आने वाली मिडी टाइप की ड्रेस) या कभी जीन्स-टॉप पहने कर जाती, जिससे मुझे भी इन भूखी निगाहों का मजा मिले।

एक दिन जब मैं ऑफिस के लिए बस का वेट कर रही थी.. तब मैंने देखा कि दो लड़के मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक देख रहे थे और आपस में अश्लील बातें कर रहे थे, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

जब बस आई तब तक वहाँ बहुत भीड़ हो गई थी। फिर भी मैं अन्दर गई और वो दोनों भी मेरे साथ अन्दर घुस गए। भीड़ के कारण वो दोनों मेरे आगे-पीछे खड़े हो गए। बस चल दी और अब ड्राइवर जब भी बस को ब्रेक लगाता, तब पीछे वाले का लंड मेरी गांड को और आगे वाले की पीठ मेरी चूचियों को छूते, मुझे अच्छा लगता.. पर मैंने उनको ये महसूस नहीं होने दिया।

ये सब अगले दिन भी हुआ.. फिर ऐसा कई दिनों तक चलता रहा। इस दौरान उन दोनों की बातचीत से मुझे उनके नाम मालूम हो चुके थे, एक का नाम रितेश था और दूसरे का संजू था।

फिर एक दिन मैंने जब वन-पीस ड्रेस पहना हुआ था.. तब उसमें से आज रितेश मेरे पीछे खड़ा हुआ था और संजू मेरे आगे था। मुझे आज ऐसा लग रहा था.. जैसे आज पक्का कुछ तो होने वाला है।

जैसे ही बस चालू हुई.. वैसे ही रितेश ने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ना चालू कर दिया और संजू आगे से मेरे मम्मों को दबा रहा था। मैं भी बिना किसी विरोध के इसका मजा लेती रही, पर बस में होने कारण वो इससे ज़्यादा नहीं कर पाए।

फिर स्टॉप आने पर रितेश ने मेरे हाथ में एक लेटर दिया और वो नीचे उतर गया।

उसमें लिखा था कि कल तुम्हें लेने एक कार आएगी.. उसमें आ जाना।

मैं मुस्कुरा दी और अगले दिन मैंने अपना पसंदीदा ब्लैक कलर का वन पीस ड्रेस पहना.. जिसका गला बहुत डीप था और वो बिना बाजू का भी था।

मैं जल्दी बस स्टॉप पर आई तो मैंने देखा कि रितेश एक गाड़ी की तरफ खड़ा था और मेरा ही वेट कर रहा था। जैसे ही मैं वहाँ कार के पास गई तो वो हँस कर बोला- अन्दर बैठो डार्लिंग.. आज तुम्हें हम ऑफिस तक छोड़ेंगे।

मैं भी सहजता से गाड़ी में पीछे बैठ गई और रितेश ने कार स्टार्ट कर दी। संजू मेरे साथ पीछे बैठा था.. जैसे ही गाड़ी स्टार्ट हुई.. वैसे संजू ने मुझे अपनी गोद में खींच लिया और मेरे मम्मों को प्रेस करने लगा.. मुझे किस करने लगा।

फिर मैं भी संजू की गोद में बैठ कर अपनी गांड उसके लंड पर रगड़ने लगी। संजू ने एक हाथ से मेरे चूचे को जोर से दबाया और दूसरा हाथ मेरी चूत पर ले जाकर चूत सहलाने लगा। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मुझे इतना मजा आया कि मैं घूमकर बैठते हुए अपनी चूत उसके लंड पर ज़ोर-ज़ोर से घिसने लगी.. और उसे किस भी कर रही थी। इतनी देर में रितेश ने एक सुनसान सी जगह पर गाड़ी रोक दी और वो भी पीछे की सीट पर आ गया।

अब उन दोनों ने मुझे सीट पर लिटा कर मेरे सारे कपड़े निकाल दिए थे। संजू एक हाथ से मेरे चूचे को दबा रहा था और अपने मुँह से मेरी चूत का रस चाट रहा था।

मैं तो मानो जन्नत की सैर कर रही थी और ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऐसे ही चाटो..’ कहे जा रही थी।

तभी रितेश ने अपना बड़ा लंड मेरे मुँह में डाल दिया.. मेरी एकदम से ‘आह..’ निकल गई और मैं उसका लंड लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। अब रितेश कामुकता से ‘उंन…ह.. अहह..’ की सिसकारी ले रहा था।

फिर संजू ने मुझे उठाया और चोदने की पोजीशन में लेकर अपना लंड मेरी चूत में पेलने की कोशिश की.. पर पहली बार में उसका लंड फिसल गया।

मैं हँसने लगी.. तो उसने मुझसे बोला- साली रंडी मुझ पर हँसती है.. तू रुक, अभी बताता हूँ!

फिर उसने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत में फंसाया और बिना रुके सीधा ही एकदम से घुसा दिया। उसका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अन्दर घुसता चला गया.. मुझे ऐसा लगा कि किसी ने गरम सरिया मेरी चुत में ठूंस दिया हो, मैं जोर से चिल्ला पड़ी ‘आऐययईई.. उईईईई.. माँ.. फट गई..’

तब तक रितेश का लंड भी चूस-चूस कर बड़ा कर दिया था.. वो मेरे मुँह को ही चोदने लगा।

फिर तभी अचानक पता नहीं क्या हुआ और उन दोनों ने अपना-अपना लंड निकाल लिया और हँसने लगे।

मैंने बोला- अरे हरामियों मेरी आग को कौन बुझाएगा? तो रितेश बोला- ठहर साली हरामिन.. अभी देखता हूँ कि तू कितनी बड़ी चुदक्कड़ है! अब संजू नीचे लेट कर बोला- आ जा रंडी.. अब तू मेरे लंड पर चढ़ और मेरा लंड अपनी गांड में डाल ले।

मैंने वैसा ही किया और फिर रितेश ने अपना मुझे धक्का देकर संजू के लंड पर बड़ा दिया। मैंने समझ लिया कि ये अब मुझे दोनों तरफ से बजाने वाले हैं। जैसे ही मुझे इसका अहसास हुआ कि इनके दिमाग में क्या चल रहा है.. मैंने तुरंत उठने की कोशिश की।

संजू ने मेरे दोनों हाथ पकड़ कर रितेश से बोला- इसके हाथ ऊपर हैंडल से बाँध दे फिर देखते हैं साली को!

रितेश ने मुझे फट से पकड़ लिया और मेरे हाथों को एक रस्सी से बाँध दिया, साले पूरा इंतजाम करके आए थे।

फिर रितेश ने सामने से आकर मेरी चूत में लंड पेल दिया।

‘आहह.. तुम दोनों ने तो मुझे मार ही डाला.. छोड़ो मुझे कमीनों.. आह बहुत दर्द हो रहा है.. अह..’ मैं महसूस कर सकती थी कि दोनों के बड़े-बड़े लंड मेरी गांड और चूत में घुसे हुए थे। अभी मैं दर्द झेल ही रही थी कि दोनों ने मुझे चोदना चालू कर दिया।

मैं दर्द के मारे ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी- रूको रूको.. लेकिन वे दोनों हरामी रुके ही नहीं.. बस मुझे धकापेल चोदे जा रहे थे। संजू कह रहा था- कई दिनों से तुझे चोदने का दिल में तमन्ना थी.. आज पूरी हो गई.. आह्ह.. ले.. आज तुझे जी भरके चोदेंगे.. आह्ह..

वो दोनों ही मुझे चोदते हुए मजे रहे थे और यही सब कहे जा रहे थे.. वे दोनों मेरे पूरे शरीर से खेल रहे थे।

थोड़ी ही बाद में मुझे भी मजा आने लगा.. फिर में भी अपनी गांड हिला कर चुदने लगी। अब इस सैंडबिच चुदाई में मुझे बहुत मजा आने लगा था।

काफी देर तक चुदाई हुई.. अब संजू बड़बड़ाने लगा- ले साली अब पानी ले.. इसके बाद करीब 15-20 झटकों के बाद संजू मेरी गांड में झड़ गया और उसके बाद रितेश भी मेरी चूत में खलास हो गया।

इन दोनों की इस जबरदस्त चुदाई के दरमियान मैं 4 बार झड़ चुकी थी।

कुछ देर रुकने के बाद उन दोनों ने अपनी पोज़िशन चेंज करके वापस एक बार चोदा और फिर हम अपने-अपने कपड़े पहन कर गाड़ी में बैठ गए। रितेश ने मुझे ऑफिस छोड़ दिया और आते टाइम रितेश ने मुझे आपना नम्बर दे दिया।

वो बोला- अगले महीने मैं ट्रिप पर जा रहा हूँ.. तो तुम भी मेरे साथ चलना! मैंने ‘हाँ’ बोला और उसे किस करके गाड़ी से उतर गई। इसके बाद मैं अपने ऑफिस में आ गई।

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी सेक्स स्टोरी.. आप मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल कर सकते हैं। [email protected]

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