चुत की चुदास से परेशान कमसिन जवान काम वाली

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हैलो हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने वाले सभी दोस्तो, मैं 32 साल का विक्की, पूना से आप सभी से मुखातिब हूँ। मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ.. आज इधर मैं भी अपनी पहली सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ।

आप विश्वास नहीं करेंगे लेकिन मेरा लंड वास्तव में 7 इंच लम्बा और काफी मोटा है और पिछले दस साल से भरपूर मेहनत कर रहा है।

मैं अभी आपको मेरा हालिया अनुभव लिख रहा हूँ, ये सेक्स स्टोरी अपनी कामवाली को सिड्यूस करके उसे मेरी रखैल बनाने की है।

मेरे घर पर एक मेड है, उसका नाम वैशाली है और उम्र बीस साल की है। वो देखने में कोई फिल्मों वाली आइटम गर्ल जैसी लगती है। मुझे पता था वो कुंवारी है, साली बहुत ही कड़क माल है।

उसके गाल पर काला तिल मुझे बहुत उत्तेजित कर देता था। पिछले दो महीनों से मैं उसके लिए जाल बिछा रहा था। मेरे बेडरूम की सफाई वो ही करती है। मेरी बीवी 9:00 बजे ऑफिस चली जाती है। इसलिए उसको अपनी वासना में फंसाने का खेल बीवी के चले जाने के बाद ही शुरू करता था।

मेरी पहली चाल थी कि मैं सुबह बाथरूम में मुठ मार कर मेरी फ्रेंची गीली कर लेता और उस पर थोड़ा और थूकता। फिर उस फ्रेंची को मैं बाथरूम के दरवाजे के पीछे लटका देता था। कपड़े धोने के लिए वैशाली उसे हाथ में लेती थी.. मेरी चड्डी को ठीक से देखती भी थी।

उसके हावभाव से मुझे लग रहा था कि मैं सही जा रहा था।

फिर एक दिन मैंने अपने नाइट पैंट का नीचे का बटन तोड़ दिया। उस दिन मैं सुबह 9:45 बजे तक सोता रहा। फिर मैंने अपना लंड गोटियों के साथ पजामे से बाहर निकाल दिया और खुद पेट के बल सोने का नाटक किया। मेरी गोटियां मेरे पैरों के बीच से दिख रही थीं।

वैशाली 9:15 पर मेरे बेडरूम में आई.. उसकी नजर मुझ पर पड़ी और वो मेरी गोटियों को देखती रही। मुझे ये सब अलमारी के आईने से साफ़ दिख रहा था। उसने दो मिनट तक देखा.. फिर वो और नजदीक आई और उसने और गौर से देखा। उसने इधर-उधर का माहौल देख कर अपने एक मम्मे को दबाया। फिर उसने सीधे हाथ को आगे बढ़ा कर मेरी गोटियों को छूना चाहा, पर फिर कुछ सोच कर हाथ हटा लिया। इसके बाद वो नीचे चली गई।

उसके जाते ही मैंने उठ कर बाथरूम में जाकर उसकी कातिल जवानी की याद करते हुए मेरा रोज का मुठ मारने का काम किया।

आज मैं बहुत खुश था.. मैंने उसकी आग को और भड़काने का सोचा। ब्रश करने के बाद नीचे जाकर उससे चाय लेकर पी और उससे बाथरूम में गर्म पानी रखने को कहा।

इस वक्त वो मुझे नजरें नहीं मिला रही थी।

मैं बाथरूम में गया.. और शेविंग करने लगा, तभी मुझे एकदम से एक नया आईडिया क्लिक किया। मैंने मेरे अंडरआर्म्स पर शेविंग क्रीम लगाई और उसके आने की राह देखने लगा। इस वक्त मैंने मेरी कमर पर सिर्फ एक तौलिया लपेटा हुआ था।

जैसे ही मुझे उसके आने की आहट सुनाई दी, मैंने मेरा हाथ उठाया और बगल के बालों की शेविंग करना शुरू किया। उसने बाल्टी रखते हुए कहा- सर, पानी!

तभी उसने नजारा देखा और वो शरमा कर भाग गई, मैंने भी उसके सामने शरमाने का नाटक किया।

ये सब मुझे अच्छा लग रहा था। फिर 4 दिन मैंने उसे सिड्यूस नहीं किया। मैं देख रहा था कि वैशाली में बदलाव आ रहे थे। वो अब सज-संवर कर आने लगी थी। ये चिड़िया फंस रही थी, मुझे मालूम था कि आगे क्या करना है।

मेरे पास ट्रिपल एक्स पिक्चर वाली किताबें और सीडी हैं, उसमें से दो तो बहुत ही मसालेदार किताबें हैं। मैंने उन किताबों को अपनी इस्तरी करने के लिए रखी शर्ट्स के नीचे रख दिया। ये सब ऐसा लग रहा था जैसे किताबें छुपाई गई हों। मैंने भी बड़े ध्यान से एक किताब का मस्त फोटो वाला पेज खोल कर रखा था। इसके बाद मैं अपने ऑफिस चला गया।

उस दिन मैं 4:00 बजे लौटा। घन्टी दबाने पर दरवाजा खोलने में कुछ देर लगी, मैं उत्तेजित हो रहा था। दरवाजा खुलते ही मैंने वैशाली को नोटिस किया। गरम औरत एकदम ठण्डी होने पर जैसे दिखती है.. वो बिल्कुल वैसे ही दिख रही थी।

मैंने पूछा- सो रही थी क्या? उसने धीरे से कहा- हाँ..

मैं बेडरूम में गया.. किताबें देखीं। एक किताब को देख कर लग रहा था कि इसे हड़बड़ी में रखा गया था।

मैंने छुप कर नीचे देखा.. तो वो बेडरूम का अंदाजा ले रही थी। मैं वापस चला गया और 5 बजे लौटा। अब बुक्स ठीक से रख दी गई थीं।

वैशाली अब सामान्य दिख रही थी। अब मैं रोज वहाँ पर एक इसी तरह की किताब रखने लगा और उसे तड़पाने लगा। इसका मुझे आगे जाकर फायदा हुआ क्योंकि किताब में सब तरह की तस्वीरें थीं.. जैसे दो लेस्बियन लौंडियाँ, गांड की चुदाई, लंड चाटना और भी बहुत कुछ गरम कर देने वाले चित्र थे।

इसके बाद मैं दोपहर को घर पर काम करने लगा।

इससे वैशाली तड़फ उठी। मुझे उसकी तड़फन और बेचैनी महसूस हो रही थी क्योंकि वो अब किताबें नहीं देख पा रही थी।

मैं अब दोपहर में ट्रिपल एक्स सीडी देखता था और मुठ मारता था, साथ ही वैशाली ये सब चुपके से देख सके, ऐसा बंदोबस्त भी मैंने किया था। मुझे यकीन था कि वैशाली इसमें लोभ में भी फंसेगी। लेकिन इसके लिए मुझे 12 दिन इन्तजार करना पड़ा।

एक दिन मैंने महसूस किया कि वैशाली दरवाजे की झिरी में से झाँक रही है। उस दिन मैं गांड मारने वाली ब्लू-फिल्म देख रहा था। फिल्म के कारण मुठ मारते रहने से वैशाली ने मेरे माल का फव्वारा छूटते हुए देखा। मैंने मेरा माल अपनी शर्ट खोल कर अपनी छाती पर मल लिया और थोड़ा रस चाटने का नाटक भी किया। फिर पीसी बन्द किया, कपड़े ठीक किए और ऑफिस के लिए चल पडा। नीचे आते ही मैंने नोटिस किया कि वो मेरे लंड की जगह को चोरी से देख रही थी।

अब एक दिन बाद इस सब मेहनत का मीठा फल चखने का मैंने फैसला किया क्योंकि मेरी बीवी मौसी के पास पूजा के लिए मुम्बई जा रही थी। मैंने बीवी को पुणे स्टेशन पर सुबह 6 बजे बस में बिठा दिया और घर आ कर वैशाली के मीठे ख्वाबों में सो गया।

मैं 8 बजे सो कर उठा, वैशाली आज 8:15 पर आई.. मैंने ब्रश आदि से फारिग होकर उससे चाय लेकर पी। मैं आखिरी बार उसे सिड्यूस करके उस पर चढ़ने के लिए बेताब था। मैंने बाथरूम में ट्रिमर से लंड की झांटें ट्रिम कर दीं, झांटें आदि वहीं पड़ी रहने दीं और नहा लिया।

इसके बाद नीचे आकर वैशाली से नाश्ता लिया और उससे कहा- मैं आज ऑफिस नहीं जाऊँगा, ऊपर कंप्यूटर पर काम करूँगा।

ऊपर आते ही मैंने दरवाजे के स्टॉपर को मेरे पास रखी हुई चेयर से बाँध दिया ताकि जब मैं चेयर हिलाऊँ तो दरवाजा खुल जाए। करीबन 11 बजे मैंने कंप्यूटर चालू किया, दो बार दरवाजा खुलने बन्द करके चैक किया। फिर 11:30 के करीब वैशाली ऊपर आई.. टॉयलेट में गई, लगभग 5 मिनट बाद उसने फ़्लश चलाया, उस वक्त उसने मेरी झांट के बाल पड़े हुए जरूर देखे होंगे।

मेरे अंदाज से वो वहीं गरम होने वाली थी। इधर कमरे में ब्लू-फिल्म चालू थी, मैं पूरा नंगा होकर मुठ भी मार रहा था। मेरा पूरा ध्यान दरवाजे पर था।

दस मिनट बाद पीसी की स्क्रीन पर जो दरवाजे की झिरी की छाया दिख रही थी, उसमें कुछ हलचल दिखी। मैंने और कुछ मिनट इन्तजार किया.. जब मुझे पक्का हो गया कि वैशाली सब देख रही है, तब मैंने अपनी कंप्यूटर चेयर को एकदम जोर से आगे की तरफ़ खींचा और दरवाजा आधा खुल गया।

इसी के साथ जो नजारा सामने आया वो यूं था कि वहाँ मेरी सेक्सी माल वैशाली अपनी पूरी उत्तेजना में खड़ी थी। उसका बायाँ हाथ अपने दाएं चूचे को दबा रहा था, दायां हाथ सलवार के ऊपर से ही अपनी चुत को सहला रहा था और मैं उसके सामने नंगा खड़ा था। दो सेकंड तक तो उसे कुछ समझ में ही नहीं आया।

अब तक मैं उसकी तरफ बढ़ा, मैं आधी दूरी तय कर चुका था। वो वहाँ से भागने के लिए जैसे ही पलटी, मैंने उसे पीछे से दबोच लिया। उसके दोनों मम्मे मेरे हाथों में थे। उसकी पीठ मेरी छाती से सट गई थी और मेरा लंड उसकी गांड की दरार में लग गया था। मैंने तुरंत उसके मम्मे सहलाना चालू किए। उसकी गर्दन और पीठ के खुले हिस्से को चाटना शुरू किया और कुत्ते की तरह सलवार के ऊपर से ही उसकी गांड पर धक्के लगाना शुरू कर दिए।

उसके कुछ बोलने से पहले उसका एक स्तन और कमर पकड़कर उसे बिस्तर पर लाकर पटक दिया। मैंने उसका एक हाथ अपने नीचे दबाया, दूसरे हाथ से उसका दूसरा हाथ पकड़ा और उसके होंठों की किसिंग चालू कर दी। उसे चूमते हुए एक हाथ से मैं उसकी चुत को कपड़ों के ऊपर से सहलाए जा रहा था।

तीन चार मिनट के किसिंग के बाद उसने मुझे साथ देते हुए मेरी जीभ से जीभ भिड़ा दी और अपने मेरे नीचे फंसे हाथ से मेरे शरीर को सहलाना शुरू कर दिया। अब मैंने उसका हाथ छोड़ दिया और उसके मम्मों को अपनी छाती के नीचे दबाते हुए उसके ऊपर चढ़ गया। मेरा तना हुआ लंड उसकी चुत पर था, मैं उसे चूम रहा था।

उसने कहा- दो मिनट रूको न! मैंने पूछा- किस लिए? उसने कहा- प्लीज़..

मैं रूक गया और उसके ऊपर से हट गया। वो मुझे प्यार से निहारने लगी, मेरी छाती पर हाथ फेरते बोली- बहुत ख्याल रखते हो इसका? मैंने कहा- अब तू दिखा.. तू कितना ख्याल रखती है अपने गुब्बारों का.. उतार दे न अपने कपड़े! उसने कहा- ऊन्न.. मैं नहीं.. मैंने कहा- मैं उतारूंगा तो तेरे कपड़े फट जाएंगे.. जल्दी से उतार दे।

वो डर गई और कपड़े उतारने लगी, कुरते के नीचे उसने ब्रा पहनी ही नहीं थी। ऊपर से नंगी होने के बाद मैंने इशारे से उसे मेरे बगल में खींचा। अपने दोनों मम्मों को अपने दोनों हाथों से छुपाने की नाकाम कोशिश करती हुई वो मेरे पास आ गई।

मैंने उसे अपने बांहों में भर लिया और सहलाया। जब मैं उसके मम्मे चूसने लगा.. तो उसने मेरा मुँह अपने मम्मों पर खींच लिया। मैं उसके निप्पलों पर अपनी जीभ फिरा रहा था। वो निरन्तर गरम हो रही थी। उसकी बांहों की बगलों में रेशमी काले गुच्छे थे। मैंने उसकी बगलों को चाटा, तो वो गनगना गई और सिहर कर बोली- मेरी बगलें कब साफ़ करोगे?

मैंने कोई जबाव नहीं दिया।

अब मैंने उसकी चुत पर उंगलियां घुमाईं। चुत पर मेरे हाथ का अहसास पाते ही उसने मुझे और जोर से अपने मम्मों से जकड़ लिया। उसकी चुत पर बहुत बाल थे.. उसकी झांटें समेत पूरी चुत गीली हो चुकी थी।

मैंने एक उंगली चुत में अन्दर घुसेड़ दी तो छटपटा उठी। उसने अपनी जाँघों को भींच कर चुत में उंगली करने से बचने की कोशिश की, तो मैंने उसके पैरों को अपने हाथों से फैलाया और पूरी उंगली उसकी चुत में घुसेड़ दी साथ ही अपने मुँह को उसके मम्मों पर टिका दिया। कुछ ही पलों में वैशाली झड़ने लगी थी। कुछ देर बाद वो शांत हुई तो मैंने उसकी तरफ़ देखा.. उसकी आँखें बन्द थीं।

मैंने उसे हिलाया और उससे कहा- खुश हुई क्या? उसने सर हिलाकर ‘हाँ’ कहा। मैंने कहा- अभी मुझे खुश करना बाक़ी है! उसने पूछा- मुझे क्या करना होगा? मैंने लंड पर उसका हाथ रखते हुए कहा- इसे चाटो..

उसने मेरी बात रखने के लिए मेरे लंड को मुँह में ले लिया, वो लंड का टॉप चाट रही थी। मैंने कहा- पूरा चूसो ना! उसने पूरा लंड मुँह में लेकर चाटा.. फिर मैंने मजा लेते हुए कहा- गोटियां भी चाट..!

उसने मेरी गोटियों पर जीभ फिराई.. उसके बाद वो मेरे नीचे आ गई। मैं उसके पैरों के बीच में आ गया और लंड उसकी चुत के दाने पर रगड़ने लगा। लंड 5 मिनट तक चुत पर रगड़ने के बाद मैंने लंड का सुपारा चुत की दरार में रख दिया।

उसने डरते हुए स्वर में कहा- मेरा पहली बार है! मैंने कहा- तब तो खून निकलना चाहिए! फिर मैंने पूछा- महीने से कब हुई थीं? उसने समझ लिया और बोली- डरो मत.. बस लग जाओ। मैंने किस करना चाहा तो बोली- अब ये चूमा चाटी बस करो.. जो करना है नीचे करो!

उसकी बात सुनी तो मैंने बिना कुछ चेतावनी देते हुए उसकी चुत में पहला शॉट लगा दिया। मेरा कड़क लंड उसकी चुत में घुसा.. तो वो जोर से चिल्लाई- ऊओइ माआआ… मर गईईई..

उसकी तेज आवाज की कम्पन मैंने उसके गले पर महसूस की। मेरे शॉट पर लड़की चीखे.. ये मुझे पसन्द है।

पहली चीख के बाद मैंने उसके होंठों को मेरे होंठों से बन्द कर दिए और मैंने उसे बेरहमी से चोदना चालू कर दिया, उसकी आवाजें मेरे मुँह में दब गईं।

करीब 5 मिनट की चुदाई के बाद वो कुछ सम्भल गई और कुछ मिनट की चुदाई करके मैंने अपना बीज उसकी चुत में छोड़ दिया, वो इस दौरान 3 बार झड़ चुकी थी।

जब मैंने उसकी चुत में से लंड बाहर खींचा तो देखा चादर, मेरा लंड, उसकी चुत पूरी खून से लाल थी।

मेरे नीचे वैशाली खुश नजर आ रही थी। उसने मुझे वायदा किया कि मेरी शादी जल्द ही होने वाली है.. तब भी मैं तुम्हारे बच्चे की माँ ही बनना पसंद करूँगी।

इसके बाद मैंने उसे कई बार चोदा।

दोस्तो, मैं अपनी जिन्दगी में आज तक 7 लड़कियों को चोद चुका हूँ और उन सभी का यही कहना है कि मैं बहुत प्यार से चोदता हूँ। आप सभी में ईमेल का मुझे इन्तजार रहेगा। [email protected]

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