चूत चुदाई की तमन्ना मौसी को चोदकर पूरी हुई-3

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आपने मौसी के साथ चुत चुदाई की इस सेक्स स्टोरी के पिछले भाग चूत चुदाई की तमन्ना मौसी को चोदकर पूरी हुई-2 में अब तक पढ़ा कि मेरा लंड मौसी की चुत में पेवस्त हो गया था और मैं उनकी धकापेल चुदाई करने लगा था।

अब आगे..

मैं कई देर तक मौसी को किस करता रहा और उन्हें धकापेल चोदता रहा। तभी मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.. मैं अपना लंड मौसी के चूत से बाहर निकालने ही वाला था, पर मौसी ने मुझे अपना लंड चूत से बाहर नहीं निकालने दिया और तभी मैं उनकी चूत के अन्दर ही झड़ गया।

माल झाड़ते वक्त मुझे इतना मजा आ रहा था.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मानो मैं सातवे आसमान पर उड़ रहा होऊँ।

झड़ने के बाद मैं बहुत थक गया, मैंने अपना लंड मौसी की चूत से बाहर निकाला और मौसी के बाजू में ही लेट गया। मेरे आनन्द की तो कोई सीमा ही नहीं थी, मौसी भी चूत चुदवा कर काफी खुश लग रही थीं।

मैं मौसी के बाजू में नंगा पड़ा हुआ था, मौसी भी पूरी नंगी थीं। मैंने देखा कि मौसी मुझे बड़े प्यार से निहार रही थीं।

तभी मौसी मेरे मुँह के पास आईं, उन्होंने मेरे होंठों पर किस किया और बोलीं- बहुत मजा आया मेरे राजा! मैंने भी हँसकर कहा- मुझे भी बहुत मजा आया मेरी रानी।! यह सुनकर मौसी हँसने लगीं।

फिर मैंने मौसी से पूछा- आपने मुझे चोदने क्यों दिया? तब मौसी ने कहा- रोहित तेरे मौसाजी और मैंने पिछले 7 साल से चुदाई नहीं की है, तेरे मौसाजी को दमे की शिकायत होने के कारण वो अक्सर रात को ऑफिस से आने के बाद जल्दी सो जाते हैं। इसी तरह दिन गुजरते गए और उम्र भी हो गई। मैं चुदाई के बारे में भूल ही सी गई थी और अपने गृहस्थ जीवन में बिजी हो गई थी, पर कल रात जब तुमने मुझे छुआ और मेरे स्तन दबाए तो मुझे पुराने चुदाई के दिन याद आ गए और मैं भी काफी उत्तेजित हो गई। तभी मैंने सोचा कि जब मुझे कोई चुदाई का आनन्द देने के लिए तैयार है, तो पीछे क्यों हटा जाए। फिर जब आज रात को मैंने देखा कि तुम तो पहले ही सो चुके थे, पर मैं चुदाई के लिए बहुत उत्सुक थी इसीलिए मुझसे रहा नहीं गया और मैं तुम्हारे हाथ से अपना पेट और अपनी चुत सहलाने लगी। मेरे राजा तुम भी कुछ कम नहीं.. तुमने तो मौका देख कर चौका मार दिया.. खूब चुदाई की मेरी।

मैं हँस दिया तो मौसी बोलीं- मेरे राजा तुम बहुत शैतान हो..! मैंने कहा- क्यों क्या हुआ? तब मौसी बोलीं- कल मैंने तुम्हे गेस्ट रूम में मेरी चड्डी और ब्रा के साथ खेलते हुए देख लिया था.. तुम तो मेरी ब्रा को ऐसा चूस रहे थे जैसे किसी औरत के निप्पल चूस रहे हो।

यह सब सुनकर मैं शर्मा गया, तभी मौसी बोलीं- अरे तुम तो शर्मा गए.. चल आ जा! और मौसी ने मुझसे मेरा सर उनके मांडी (सीने) पर रखने को कहा, मैंने अपना सर उनके मांडी पर रख दिया।

तभी मौसी ने उनके स्तन का एक निप्पल मेरे मुँह में डाला और कहा- लो मेरे राजा अब चूसो!

मैं उनके स्तन जोर-जोर से चूसने लगा और मौसी प्यार से मेरे सर के बालों में हाथ फेरने लगीं। बहुत देर तक उनके स्तन चूसने के बाद मैंने मौसी का एक हाथ पकड़ा और उसे चूमने लगा और दूसरे हाथ से मौसी मेरा मुरझाया हुआ लंड हाथ से सहलाने लगीं। उनका हाथ लगते ही मेरा लंड तोप की तरह खड़ा हो गया। जैसे ही लंड खड़ा हुआ मौसी ने अपनी दिशा बदली और लंड को मुँह में डाल कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं।

मुझे लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था। मैंने मौसी से कहा- मुझे किस करो ना!

मौसी ने मुझे होंठों पर किस किया और वो फिर से मेरा लंड चूसने लगीं.. मैं बहुत थक गया था.. इसलिए मुझे नींद आ गई और मैं सो गया, पर मौसी मेरा लंड बहुत देर तक चूसती रहीं। शायद मौसी को और मौसी की चूत को मेरे लंड से प्यार हो गया था।

अगले दिन रात को मैंने मौसी को एक ब्लू फ़िल्म दिखाई.. जिसमें लड़का लड़की की गांड में लंड पेल कर लड़की की खूब गांड मारता है और वो लड़की बहुत जोर-जोर से चिल्लाती है। थोड़ी देर बाद जब वो लड़का उस लड़की की गांड में से लंड बाहर निकालता है.. तब उस लड़की की गांड का छेद बहुत बड़ा हो जाता है मानो कोई सुरंग खुद गई हो।

मैंने मौसी से कहा- चलो आज हम भी ऐसे ही चुदाई करेंगे, आज मैं भी आपकी गांड में अपना लंड डालूँगा। पर मौसी ने मना कर दिया.. उन्होंने कहा- अरे नहीं नहीं.. देखा नहीं ब्लू-फ़िल्म में वो लड़की कैसे जोर-जोर से चिल्ला रही थी, जब उस लड़के ने उसकी गांड में लंड डाला था!

मैं इतराते हुए मौसी के मुँह के पास अपना मुँह ले गया और बोला- मेरी रानी तुम अपने राजा के लिए इतना नहीं करोगी! इतना कहते हुए मैं मौसी के होंठों पर किस करने लगा, किस करते-करते मैंने अपना एक हाथ मौसी की साड़ी के अन्दर डाला और उनकी गांड का छेद ढूंढने लगा।

जैसे ही मुझे उनकी गांड का छेद मिला, मैं उसके ऊपर से अपनी उंगली फिराने लगा, वो जगह थोड़ी खड़बड़ी सी थी। मौसी को शायद गुदगुदी होने लगी और मौसी अपनी गांड ऊपर-नीचे करने लगीं।

तभी मैंने धीरे से अपनी एक उंगली उनकी गांड के छेद में डालने की कोशिश की, पर उनकी गांड का छेद काफी टाइट होने के कारण मेरी उंगली उनकी गांड के छेद में नहीं जा सकी। मैंने अपना हाथ मौसी की साड़ी के अन्दर से बाहर निकाला और एक उंगली मुँह में डालकर उसे थूक से गीला कर दिया। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

अब मैं फ़िर से मौसी की गांड में उंगली डालने लगा और इस बार मेरी थोड़ी सी उंगली मौसी की गांड के अन्दर घुस गई। उंगली घुसते ही मौसी जोर से चिल्लाने लगीं। उनकी आवाज दबाने के लिए मैं उन्हें जोर से किस करने लगा और फिर मैंने धीरे-धीरे अपनी पूरी उंगली मौसी की गांड के अन्दर डाल दी। हालांकि मौसी थोड़ी तड़प रही थीं फिर भी मैं अपनी उंगली मौसी की गांड में धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा। मौसी को शुरूआत में थोड़ी तकलीफ हुई, पर थोड़ी देर बाद मौसी मस्त हो गईं।

मैंने मौसी से कहा- अब गांड में लंड डालने की बारी है! मौसी कुछ नहीं बोलीं.. तो मैंने मौसी को पूरे कपड़े उतारने को कहा। मौसी ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए, मैंने भी अपने पूरे कपड़े उतार दिए।

मैंने मौसी को डॉगी स्टाइल में बिस्तर पर खड़ा कर दिया और मैं उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया। मुझे मौसी की चूत और गांड दोनों साफ दिखाई दे रहे थे.. पर आज तो मुझे किसी भी हालात में मौसी की गांड मारनी थी। मैंने आव देखा न ताव और अपना लंड मौसी की गांड के छेद पर रख दिया और उसे अन्दर डालने की कोशिश करने लगा। मुझे अपना लंड मौसी की गांड में डालने में काफी तकलीफ हो रही थी और मौसी भी काफी तड़प रही थीं।

कुछ देर कोशिश के बाद मेरे लंड का सुपारा मौसी की गांड के अन्दर घुस गया.. मौसी दर्द से तड़प उठीं और उन्होंने उचकते हुए मेरा लंड अपनी गांड से बाहर निकाल दिया.. साथ ही जोर-जोर से साँसें लेने लगीं।

मौसी मुझसे कराहते हुए बोलीं- रोहित तुझे मेरी चूत को जितना चोदना है.. चोद, पर गांड नहीं.. बहुत दर्द होता है। मैंने मौसी को बड़े ही प्यार से समझाते हुए कहा- डार्लिंग पहली बार तो चुत में लेने में भी दर्द होता है.. इसी तरह पहली बार गांड में लेने में थोड़ा सा दर्द होगा, पर उसके बाद जो मजा आएगा.. उसके आगे ये दर्द कुछ भी नहीं लगेगा।

मेरे बहुत समझाने के बाद मौसी राजी हो गईं। इस बार मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगाया और मौसी की गांड के छेद के ऊपर भी तेल लगा दिया।

फिर मैंने अपनी एक उंगली मौसी की गांड में डाल दी और उसे अन्दर-बाहर करने लगा.. थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा कि अब मैं अपना लंड अन्दर डाल सकता हूँ तो मैंने अपनी उंगली मौसी की गांड से बाहर निकाली और अपना लंड अन्दर डालने की कोशिश करने लगा।

धीरे-धीरे करके थोड़ी देर बाद मैं अपना पूरा लंड मौसी की गांड में डालने में कामयाब हो गया। इस दौरान मौसी दर्द की वजह से बहुत चिल्लाईं, पर मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ा, मुझे तो बस मौसी की गांड मारनी थी।

मेरा पूरा लंड मौसी की गांड में घुस जाने के बाद मैं लंड मौसी की गांड में अन्दर-बाहर करने लगा।

सच में दोस्तों, मुझे तो इतना मजा आ रहा था कि क्या बताऊँ.. मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे हमेशा के लिए मौसी की गांड ही मारता रहूँ। थोड़ी देर दर्द से चिल्लाने के बाद अब मौसी को भी शायद मजा आने लगा था, अब वो भी मेरा साथ दे रही थीं।

बहुत देर तक मौसी की गांड मारने के बाद मैंने अपना पूरा रस मौसी की गांड में ही छोड़ दिया। मैंने अपना लंड मौसी की गांड से बाहर निकाला, तो देखा कि मौसी की गांड का छेद बहुत बड़ा हो चुका था।

फिर मैं बिस्तर पर चित्त लेट गया.. मौसी मेरे ऊपर लेट गईं और मुझे कसके जकड़ कर जोर-जोर से साँसें लेने लगीं। उन्होंने कहा- आज तो तुमने मेरी जान ही निकाल दी थी मेरे राजा! मैंने मौसी से कहा- पर मजा भी तो उतना ही आया मेरी रानी!

मौसी मेरा लंड सहलाते हुए हँसने लगीं और कहा- हाँ मेरे राजा.. तेरा लंड बड़ा जबरदस्त है। इतना कहकर वो मुझसे जोर से लिपट गईं।

मेरा लंड खड़ा हो गया था.. मैंने उसे हाथ से पकड़ कर मौसी की चुत के अन्दर डाल दिया और हम एक-दूसरे को किस करते हुए हल्के-हल्के चुदाई के धक्कों के साथ मजे लेते हुए नींद के आग़ोश में चले गए। पता ही नहीं चला कि कब लंड ने चुत की सिंचाई कर दी और उसी गुफा में सो गया।

दोस्तो, यह थी मेरी मौसी के साथ चुत चुदाई की सेक्स स्टोरी.

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