प्यासी मामी को नंगी करके चोदा- 1

Xxx फॅमिली कहानी में पढ़ें कि मैं अपनी प्यासी मामी को 4-5 दिन से चोद रहा था. मैं उनके कमरे में गया तो वो सो रही थी. मैंने उन्हें नंगी करके फिर से चोद दिया.

नमस्कार दोस्तो, मैं किरण आपसे फिर से मुखातिब हूँ. मेरी सभी पिछली कहानियों को आप सभी ने बहुत सराहा है. इसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.

कुछ लोगों ने मुझसे अपना नम्बर मांगा, तो कुछ ने मेरे कहानी पात्रों के बारे में जानकारी मांगी. क्षमायाचना के साथ मैं आप सभी को बता दूँ कि मेरी कहानियों में सभी नाम, स्थान तथा शहर के नाम पूरी तरह से काल्पनिक हैं. अगर किसी भी नाम या पात्र के साथ आपको अपनी समानता लगती है, तो मात्र वह एक संयोग है … और कुछ नहीं.

आप सभी के सुझाव एवं सराहना मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं, आगे भी आपके संदेशों का इंतजार करता रहूँगा.

मेरी पिछली सेक्स कहानी नौकर की बीवी की चुदाईhttps://www.antarvasnax.com/naukar-naukarani/naukar-ki-biwi-ki-chudai/ की कहानी थी. उसका लिंक नीचे दे रहा हूँ, प्लीज़ एक बार फिर से उस सेक्स कहानी का मजा भी ले लीजिएगा.

अब मैं अपनी Xxx फॅमिली कहानी पर आता हूँ. यह गंदी कहानी नौकर की बीवी की चुदाई की अगली कड़ी है.

मैं रूपा को चोदने के बाद अपनी मामी के कमरे में आ गया था. उधर मामी जी सो रही थीं. मैं कमरे में दबे पांव घुस आया.

वहां का नजारा देख कर फिर से मेरे मन में वासना का भूत सवार हो गया.

मामी जी पेट के बल, बेड के एक तरफ सो रही थीं और उनका पल्लू उनकी छाती पर से हटा हुआ था. उनकी साड़ी भी घुटनों तक उठी हुई थी. एक टांग सीधी और एक मुड़ी हुई थी … जिससे उनकी गांड पीछे की तरफ उभरी हुई थी.

मेरे सामने वो गांड थी, जिसकी कल रात से मैं ठुकाई https://www.antarvasnax.com/chachi-ki-chudai/mami-ki-gand-suhagrat-part-4/कर रहा था.

हर बार की तरह वो मामी जी के उठे हुए चूतड़ मुझे अलग ही और भी कामुक लग रहे थे. यह सब देख कर एक बार फिर से मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया था.

मैं धीरे से मामी जी के कमर के पास बैठ गया और उनके चूतड़ों पर साड़ी के ऊपर से ही सहलाने लगा.

अपनी मुलायम गद्देदार गांड पर मेरे हाथों का स्पर्श पाते ही मामी जी की नींद खुल गई और उन्होंने मेरी तरफ देखा.

मामी जी ने कामुक नजरों से मुझे देखा और बोलीं- ओहो राहुल … मैं आपका कब से इंतजार कर रही थी.

मैंने मामी की साड़ी और पेटीकोट को कमर तक ऊपर उठाते हुए कहा- मैं भी मामी जी, इंतजार कर रहा था कि कब आप उठें और … मामी जी ने अपने होंठों पर कातिल मुस्कान लाते हुए कहा- और … और क्या? मैं मामी के चूतड़ों को मसलते हुए बोला- और कब आपकी गांड चुत चोद दूं.

यह सुनते ही मामी जी शर्मा गईं और उनके होंठों पर मुस्कान फैल गयी.

अब तक मैंने मामी जी की साड़ी की कमर तक ऊपर कर दिया था. अन्दर उन्होंने पैंटी नहीं पहनी थी; मेरे सामने उनकी नंगी मुलायम मांसल गांड थी जिसको देख देख कर मेरा लंड फुंफकार मार रहा था.

मैंने अपने हाथों को धीरे से मामी जी के चूतड़ों और गांड की दरार में फिराया और साथ ही नीचे झुकते हुए उनके चूतड़ों को चूमते हुए दबाने लगा.

मामी जी मादक सिसकारियां लेते हुए कह उठीं- आह … कस कर दबाओ ना!

मैं मामी के दोनों मांसल चूतड़ों को अपनी मुट्ठी में लेकर मसलते हुए, चूमते हुए चाटने लगा.

चूमते चाटते हुए मैंने दोनों चूतड़ों को फैला दिया जिससे उनकी चूतड़ों की बीच की खाई में भूरे रंग की मामी जी की गोल सिकुड़ी हुई गांड का छेद नज़र आ गया.

मैंने मामी जी की गांड के सुराख को कुछ देर गौर से देखा और फिर आगे होते हुए धीरे से अपनी जीभ की नोक को गांड के छेद के पास टच कर दिया.

मेरी जीभ को अपनी गांड के छेद पर महसूस करते ही मामी जी ने एक हल्की सी सिसकारी सी ली.

मामी जी वासना भरे स्वर में चिहुंक उठीं- हम्म्म म्मम … राहुल हर बार की तरह बहुत मजा आ रहा है … उम्मम और करो.

मैंने मामी की गांड के छेद को चाटने के साथ-साथ अपनी जीभ को ऊपर से नीचे और फिर नीचे से ऊपर पूरी दरार में फेरना शुरू कर दी.

मामी जी के जोर जोर से निकलने वाली सिसकारियों ने मुझे समझा दिया था कि उन्हें अपनी गांड चुसाई में बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं आसानी से अपनी जीभ को मामी जी की गांड की दरार में घुमा रहा था. इससे मामी जी की हालत अब बहुत खराब हो रही थी. उनकी चुत से कामरस बहने लगा था.

मामी ने अपने दोनों हाथों से बिस्तर को कसके पकड़ लिया था और दबी-दबी आवाज़ सिसकारियां ले रही थीं- आह्ह्ह्ह … उम्मओ अह्ह्ह … राहुल अब और मत तड़पाओ … जल्दी से डाल दो मेरी चूत में अपना लंड … और चोद दो मुझे … ऊह्ह!

मुझे भी ज्यादा देर करना उचित नहीं लगा, मैं झट से खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतार दिए. मामी जी भी पलट कर सीधी होकर पीठ के बल लेट गईं और उन्होंने अपने ब्लाउज़ के बटन खोल कर अपने बड़े बड़े स्तनों को आजाद कर दिया.

अब मैं मामी जी के पैरों के पास आ गया और उनकी साड़ी और पेटीकोट को कमर तक उठा दिया. मैं उनके ऊपर चढ़ गया.

जैसे ही मैं मामी जी के ऊपर आया, उन्होंने अपनी जांघों को फैला दिया, जिससे मेरा लंड मामी जी की चुत की फांकों से टकरा गया. लंड की मीठी छुअन से मामी जी का पूरा बदन एकदम से थरथरा गया.

मामी जी ने मस्त होकर अपनी टांगों को ऊपर उठा कर अपनी पेट की तरफ मोड़ लिया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका दिया.

अपने लंड के सुपारे पर मामी जी की चूत की गर्मी को महसूस करते ही, मैं भी जोर से सिसक उठा- ओह्ह मामी, आपकी चुत कितनी गर्म है.

मामी जी ने भी मस्त होकर सिसकारी भर दी- ओह्ह्ह राहुल … जल्दी से मेरी चूत को अपने लंड से चोदो ना … आह अपने मोटे लंड से पेलो … ओह्ह राहुल.

मौके की नज़ाकत को समझते हुए मैंने हल्के से झटके के साथ अपनी कमर को हिलाया, मेरा लंड का सुपारा मामी की कामरस से भीगी हुई चूत के छेद को फैलाता हुआ अन्दर जा घुसा.

‘सस्ससी ईईई …’ मामी जी एकदम से मचल उठीं. उन्होंने मुझे अपनी बांहों में जोर से कस लिया.

अचानक से उनकी गांड ने एक झटका खाया और मामी जी की कमर अपने आप ही ऊपर की तरफ उचक गईं, जिससे मेरा आधा से ज्यादा लंड उनकी चूत में घुस गया.

‘आहहह ऊऊऊऊ … क्या गर्म मोटा लंड है उउईईई …’

मामी जी की हल्की सी सिसकारी निकल गई. उन्होंने सिसकते हुए मेरे चेहरे को दोनों हाथों में लेकर अपने होंठों को मेरे होंठों से लगा दिया और जोर से चूसने लगीं.

मैंने भी मामी जी के होंठों को अपने होंठों में भर कर चूसना चालू कर दिया.

थोड़ी देर तक मैंने मामी जी के होंठों को चूसा, फिर अपने होंठों को अलग कर दिया.

फिर मैंने मामी जी की आंखों में मुस्कुराते हुए देखा और अपनी कमर उठा कर अपने लंड को सुपारे तक मामी जी की चूत से बाहर निकाल लिया.

मामी जी तैयार हो गई थीं. मैंने फिर से एक जोरदार झटका दे दिया. मेरा लंड मामी जी की रसभरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ पूरा का पूरा अन्दर जा घुसा.

‘हाईई ईईई मांआआ उहुहुह उम्मह राहुउम्मम्म हाय … बड़े जालिम हो आप … ऊहूहूह और आपका ये ज़ालिम शैतान जैसा लंड … आह मार ही डाला मुझे …’ यह कहते कहते मामी जी ने फिर से अपनी बांहों को मेरी पीठ पर कस लिया.

मैं अपने होंठों पर शरारती मुस्कान लाते हुए बोला- मामी जी, पहली बार मेरा लंड अपनी चूत में ले रही हो क्या?

मामी जी- आअह्ह … ऊऊऊह् ह्ह्ह्ह राहुल … आपका यह मोटा लंड स्सासह्ह … मार दिया … ऊम्ममा मेरी चूत राहुल … आह्हह … ओह जानू आपका लंड इतना ज़बरदस्त और मज़ेदार है … उम्म्म ओह्ह उईई.

मामी जी के आंखों में देखते हुए मैं अपनी कमर चला कर धीरे धीरे लंड को चूत के अन्दर-बाहर करने लगा.

अब मेरे लंड का सुपारा मामी जी के बच्चेदानी से रगड़ खा रहा था.

मेरी आंखों में देखते हुए मामी जी भी धीरे धीरे सिसकारियां लेने लगीं- आह आह … ओह्ह … ओह्ह राहुल मेरी चूत.

मामी जी की दोनों टांगें उनकी छाती की तरफ चिपकी हुई थीं. और मैं जैसे ही धक्के लगाता था, तो हर धक्के के साथ उनकी बड़ी बड़ी चूचियां हिलने लगती थीं. जो कि मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं. उन्हें देख देख कर मैं धीरे धीरे धक्के लगा रहा था.

मामी जी ने जब मुझे अपने चूचियों को घूरते हुए देखा तो मुस्कराते हुए मेरे सर पर हाथ ले जाकर मेरे बालों को सहलाते हुए मेरे चेहरे को अपनी बड़ी बड़ी चूचियों से सटा लिया.

बस दोस्तो मुझे और क्या चाहिए था, अगले ही पल मैंने मामी जी के किशमिश के जैसे मोटे एक निप्पल को अपने मुँह में भर कर पागलों की तरह चूसना शुरू कर दिया.

मामी जी सिसकते हुए मेरे सर को अपनी चुचियों पर दबाते हुए मचलने लगी थीं- शीईईईई ओह राहुल उम्ह्ह ह्ह्ह … हाय … चूस मेरे सैंया … सीईई … ऐसे ही निप्पल को मुँह में लेकर चूस लो और दबा दबा कर पी लो.

मैंने दूसरी चूची को अपने एक हाथ से मसलना शुरू कर दिया. मेरा पूरा ध्यान मामी जी की चुचियों को चूसने में लग गया था; नीचे उनकी चूत में मेरा लंड स्वत: ही धीरे धीरे से अन्दर बाहर हो रहा था.

‘आह सीईइ हाइ राहुल … जोर से चूसिये मेरे मम्मों को … अह्ह्ह सीईईई आह आह और ज़ोर से चुस्सो अहह.’

मैंने मामी जी की एक चूची को मुँह से निकाल दिया और दूसरी चूची को मुँह में भरकर पागलों की तरह चूसने लग गया. नीचे मामी जी की चूत अपनी गहराई में मेरे मोटे लंड को लिए पानी छोड़ रही थी, जिससे मेरा लंड भी सन चुका था.

उनकी चूत में और ज़्यादा खुजली होने लगी थी और इस खुजली को मेरे धीरे धीरे से लग रहे धक्कों से कोई खास फर्क नहीं पड़ रहा था.

वक्त की नजाकत को समझते हुए मामी जी अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए अब खुद ही धीरे धीरे अपनी कमर को झटके देख कर ऊपर की ओर उचकाने लगीं. उनके हाथ मेरे पीठ को सहलाते हुए मेरे कमर तक आ गए. अपने दोनों हाथों को मेरी गांड के ऊपर रख कर उसे नीचे की तरफ दबाते हुए अपनी गांड ऊपर की तरफ उठाने लगीं.

अपनी मामी जी को इस तरह मस्त होता देख कर मैं और भी जोर जोर से मामी जी की चुचियों को चूसने लगा. कभी बाईं चूची को, कभी दाहिनी चूची को मुँह में भर भर कर लेते हुए निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबा दबा कर चूसते हुए रबर की तरह खींच रहा था.

दोस्तो, आप सभी को मेरी मामी की चुदाई Xxx फॅमिली कहानी में रस आ रहा होगा. उनकी धकापेल चुदाई को मैं सेक्स कहानी के अगले भाग में लिखूंगा. तब तक आप इंतजार कीजिए और कमेंट्स जरूर कीजिएगा.

लेखक के आग्रह पर इमेल आईडी नहीं दी जा रही है.

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