ममेरी बहन का प्यार और चूत की चुदाई

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हैलो, मेरा नाम शिवम है। यह मेरी पहली हिंदी सेक्सी स्टोरी है, जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ। मैं जो चुदाई की कहानी बताने जा रहा हूँ, वो मेरी और मेरे मामा की लड़की के बीच की है, 2 साल पहले बात की है।

मैं महाराष्ट्र से हूँ, मेरी उम्र 22 साल है। मैंने अभी पढ़ाई पूरी की है। मेरी लम्बाई 5.9 फुट की है।

मेरे मामा की लड़की का नाम किरण है। वो मुझसे 2 साल छोटी है, लेकिन वो दिखने बहुत खूबसूरत और सेक्सी दिखती थी। उसका 34-26-34 का फिगर साईज तो काफी मस्त था। उसके बड़े-बड़े चूचे मुझको दीवाना कर देते थे और उसकी गोलमटोल गांड देखकर तो मैं पागल ही हो जाता था।

किरण का एक भाई भी था, पर वो अभी छोटा था। मेरे मामा का देहांत हो गया। इसके कारण मेरी मामी जॉब करती थीं, इसलिए मामी ज्यादा देर घर नहीं रह पाती थीं।

बचपन से ही मैं और किरण बहुत अच्छे दोस्त थे और मैं उसको बहुत प्यार करता था। मैंने उसका प्रपोज किया था, पर पहले तो उसने मना कर दिया था। पर कुछ दिनों के बाद ही उसने मुझे बताया कि वो भी मुझसे प्यार करती है।

अब किरण दूसरे शहर में रहने लगी थी, इसलिए हम ज्यादा मिल नहीं पाते थे। पर फोन पर हम दोनों की बात होती रहती थी। मेरी उसके साथ सेक्स चैटिंग और सेक्सी बातचीत भी होती थी। इसके कारण किरण के प्रति मेरी वासना बढ़ गई थी।

एक दिन मेरी मम्मी ने कुछ काम के सिलसिले में मुझे मामी के घर कुछ दिनों के लिये भेजा था। उन दिनों किरण भी अपने घर आई हुई थी। यह मेरे लिए और किरण के लिये खुशी की बात थी।

मैंने उसको फोन पर ये बात बताई तो वो बहुत खुश हुई। उससे मिलने के लिए मैं बहुत उतावला था।

वो दिन आ गया, जब मैं मामी के घर गया। उस समय मामी जॉब पर जाने वाली थीं। मामी ने मुझसे थोड़ी देर बात की और वो जॉब पर चली गईं। मुझे देख कर किरण शर्मा रही थी। उस समय किरण नाईटी में थी, उसकी वो नाईटी बहुत चुस्त थी। नाईटी में उसके चूचे और उसकी गांड बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी।

मामी के जाने के बाद मैं किरण के पास गया और एकदम से उसको गले लगा लिया। यह किसी लड़की के साथ चिपकने का मेरा पहला अनुभव था। किरण भी मुझसे बहुत लिपट रही थी।

कुछ देर के बाद मैंने और उसने खाना खाया, फिर बेड पर बैठकर बातें करने लगे। मैंने उसको अपने पास खींच लिया और उसके गालों को चूमने लगा, वो भी मुझे खुल कर चूम रही थी।

उस समय मैंने उसके होंठों पर किस किया, ये मेरे लाईफ का पहला किस था। हम उस समय ऐसे ही किस करते रहे। मैंने उसको किस करते हुए उसकी चुची को दबाना चालू किया। उसकी चुची बहुत ही नर्म और स्पंजी थी। मैं बहुत जोरों से उसकी चुची को दबा रहा था।

कुछ ही पलों में मैंने उसकी गांड को भी हाथ लगाना चाहा.. तो उसने मेरे हाथ को अपनी गांड से हटा दिया। वो गांड में उंगली करने से मना कर रही थी।

उसने कहा- शिवम, मुझे बहुत डर लग रहा है। मैंने कहा- प्लीज किरण, कुछ नहीं होगा, तुम सिर्फ मेरा साथ दो।

पर वो मानने के लिए तैयार नहीं थी। मैंने बहुत बोल कर भी उसने मनाना चाहा, पर जब वो नहीं मानी तो मुझे गुस्सा आ गया और मैं उसे छोड़ कर घूमने के लिए निकल गया।

लेकिन मेरे दिमाग में घुस चुका था कि उसको मुझे किसी भी हाल में चोदना ही है। इसलिये जब मैं बाहर घूमने गया तो एक दुकान से मैंने एक कंडोम का पैकेट ले लिया और काफी देर बाद मैं घर वापस आया।

जिस समय मैं घर में अन्दर आया उसी वक्त से मैंने किरण के साथ बात नहीं की, मैं उससे नाराजगी दिखा रहा था।

अगले दिने उसने कॉलेज से छुट्टी ले ली, फिर भी मैंने उससे बात नहीं की। अब वो बहुत गुमसुम सी हो गई थी, इसीलिए उसकी मम्मी के जॉब पर चली गईं, तो वो मेरे पास आकर मुझसे ‘सॉरी’ कहने लगी।

उसने मुझे एकदम गले लगा दिया और मैंने भी ज्यादा देर न करते हुए उसे सीने से लगा लिया। उसके चूचे और उसके कड़क निप्पल मेरे सीने चिपक गए थे। मेरा 6 इंच लंड भी सख्त हो उठा था, मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसे चूमना चालू कर दिया, वो भी मेरा साथ देने लगी।

मैं उसको बिस्तर पर ले गया और उसे लिटा कर किस करने लगा, वो भी मुझे किस कर रही थी। उसकी चुची को मैं दोनों हाथों से दबा रहा था। इतने से किरण भी गर्म हो गई थी.. और वो भी मेरा खुल कर साथ देने लगी।

मैं उसके कपड़े उतारने लगा, तो उसने कुछ नहीं कहा। मैंने पहले उसकी नाईटी उतार दी, अन्दर उसने सफ़ेद ब्रा पहनी हुई थी और ब्लू कलर की पैंटी पहनी थी। उस समय वो बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी, उसकी ब्रा से आधे चूचे बाहर निकलने को आतुर दिख रहे थे और छोटी सी डिजायनर पैंटी में से उसके दोनों चूतड़ खुले दिख रहे थे।

मैंने भी अपने कपड़े उतारे और सिर्फ अंडरवियर में आ गया। वो मुझे देख कर शर्मा रही थी। उसने कहा- मुझे बहुत शर्म आ रही है। मैंने कहा- क्यों..? उसने कहा- तुम्हें ऐसे देखकर! मैंने कहा- तुम भी बहुत सेक्सी लग रही हो।

मैं उसे किस करने लगा, बाद में मैंने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को अलग कर दिया।

अओ.. अह.. क्या मस्त चुची थी उसकी.. उसके निप्पल भी ब्राउन कलर के थे। मैंने उसकी चुची को चूसना चालू कर दिया। किरण भी अपने हाथों से मम्मों को पकड़ कर मुझसे अपने दूध चुसवा रही थी।

थोड़ी देर उसके रसमलाई से मम्मों को चूसने के बाद मैंने उसके पेंटी के ऊपर से उसकी चुत को सहलाना शुरू कर दिया। उसने अपनी टांगें फैला दीं तो मुझे समझ आ गया कि पट्ठी गरमा गई है।

अब मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया। उसकी चुत पर बिल्कुल जरा-जरा से रोयें जैसे रेशमी बाल थे। उसकी चुत बहुत ही मस्त फूली हुई लग रही थी। मैंने उसके चुत को सहलाना चालू किया। नंगी चुत पर मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही किरण काफी गर्म हो गई।

मैं भी नंगा हो गया और अपने तने हुए लंड पर कंडोम लगा लिया।

किरण आँखें बंद थीं.. पर वो तड़प रही थी। ज्यादा देर न करते हुये मैंने अपना लंड किरण की चुत पर लगा दिया।

सच में दोस्तो.. वो अनुभव काफी मस्त था.. लंड का सुपारा क्या स्पर्श हुआ.. वो एकदम से सिहर उठी, उसकी साँसें तेज चल रही थीं। मैंने थोड़ा जोर लगा कर लंड उसकी चुत में घुसा दिया, वो एकदम चिल्ला उठी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ उसने कहा- ओह.. बहुत दर्द हो रहा है.. शिवम.. उसे बाहर निकालो ना!

पर मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने एक और झटका दिया, आधा लंड उसके चुत में घुस गया। उसे भयंकर दर्द हो रहा था, वो रो रही थी। फिर भी मैं धीरे-धीरे झटके मारता रहा था।

थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई, अब उसे भी मजा आने लगा था। मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी। पहली बार होने के कारण मैं जल्दी ही झड़ गया। झड़ने के बाद, मैं उसे किस करने लगा, उसकी चुची को चूस रहा था, वो भी मुझे बहुत चूम रही थी।

मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैंने किरण से कहा- मुझे एक बार और चोद ना है। किरण- हाँ करो ना.. तुम्हें रोका किसने है?

उसके ऐसा कहने पर मैंने उसकी चुत पे लंड लगा दिया। एक जोर से झटके अन्दर डाल दिया। किरण एकदम से तड़प उठी.. वो अजब सी आवाजें निकाल रही थी।

कुछ ही देर में पूरा लंड चुत में घुस गया। अब मैं उसे धकापेल चोद रहा था, वो भी मस्त चुत चुदवा रही थी। किरण- शिवम.. अह.. और जोर से। मैं- आज तुम्हें वो प्यार दूँगा.. जो कभी भूल नहीं पाओगी। किरण- मुझे बहुत मजा आ रहा है।

मैं और जोर से चुदाई करने लग गया था। कुछ ही देर में किरन ने अपने जिस्म को अकड़ा लिया और वो झड़ गई। मैं भी झड़ने वाला था.. कुछ ही धक्कों में मैंने भी रस छोड़ दिया।

अब किरण खुश दिख रही थी।

बाद में मैंने उसके हाथ में अपना लंड दिया। वो भी हाथ में लंड लेकर मेरे लंड को सहलाने लगी। दो बार उसको चोदने के बाद मैं थक गया था.. वो भी थक गई थी। फिर हम दोनों बाथरूम गए, एक-दूसरे को साफ किया। बाथरूम में भी मैंने और उसने काफी मस्ती की थी।

हम दोनों काफी थके थे, तो हम सो गए। उस दिन से मैंने उसको लगातार दो दिन चोदा और हमने आज तक बहुत बार चुदाई की.. और अब भी करते हैं। पर उसकी गांड में लंड डालने की इच्छा पूरी नहीं हुई है।

यह थी मेरी पहली सेक्सी स्टोरी.. आपको कैसी लगी, इस बारे में राय दीजिएगा।

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