दोस्त की बहन और बुआ की चुदाई करके मजा दिया-3

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दोस्त की बहन और बुआ की चुदाई करके मजा दिया-2

पिछली कहानी में आपने शालू की चुदाई को पढ़ा था, अब शालू के साथ और क्या हुआ उसके बारे में लिख रहा हूँ.. अपना आइटम पकड़ कर आनन्द लीजिएगा।

पहली रात में तो मैंने माल हाथ से निकल ना जाए.. इसलिए शालू के साथ कुछ खास नहीं किया, पर यह सोच लिया था कि बाकी चार दिनों में इस शालू को पूरा चूस लूँगा।

अब मैं दिन में अपनी दुकान पर रात होने का इंतजार करता था.. इस बीच शालू मुझे कई बार कॉल करके आने की याद दिला चुकी थी।

मैं रात को खाना आदि खाकर उसके घर गया तो वो मेरे डिनर के लिए इंतजार कर रही थी लेकिन मैंने तो डिनर कर लिया था। वो इस बात से नाराज हो गई। फिर मैंने उससे ‘सॉरी..’ कहा और मनाया, तब उसने कहा- आगे से तुम यहीं डिनर करोगे।

मैंने हामी भरी.. तब जाकर वो मानी। वो खाने की टेबल की से कमरे की तरफ जा रही थी.. तो मैंने उसे पीछे से जाकर पकड़ा और धीरे-धीरे उसके मम्मों को दबाने लगा और गर्दन पर किस करने लगा। वो धीरे धीरे गर्म होने लगी और पलट कर किस करने लगी।

हम दोनों चूमा-चाटी करते हुए धीरे-धीरे एकदम नंगे होकर बिस्तर पर आ गए। मैं उसके एक चूचे को दबा रहा था और दूसरे को चूस रहा था, वो मादक सिसकारियाँ ले रही थी अह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… और चूसओऊऊ.. और जोर से राहुल..’ फिर मैंने उससे कहा- चलो तुम लंड चूसो।

हम दोनों 69 में हुए और वो झट से मेरा लंड चूसने लगी। कुछ मिनट तक लंड चूसने के बाद वो कहने लगी- अब पेल भी दो..

पर आज मैं अलग मूड में आया था। मैं आज उसको हर आसन में चोदना चाहता था। इसलिए मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को कहा और पीछे से जाकर उसकी गर्मा-गर्म चुत में लंड पेल दिया।

वो लंड घुसते ही जोर से चिल्लाई- उई.. माँ.. मर गई.. अह मार दिया राहुल.. अभी तक वो केवल दो बार ही चुदी थी इस कारण उसकी चुत टाइट थी।

फिर मैंने धीरे-धीरे लंड को उसकी चुत में अन्दर-बाहर करना चालू किया। कुछ ही देर की चुदाई में वो मस्त हो गई। वो मेरा साथ देने लगी और सेक्सी आवजें निकालने लगी ‘आहह.. ऊऊह..’

उसकी मादक आवाजों से मेरा जोश बढ़ने लगा और मैं तेज-तेज स्ट्रोक मारने लगा। वो भी चुत को लंड पर ठेल कर मुझे उकसाने लगी- अहा.. राहुल और तेज.. यस चोद दे.. अह..!

शायद वो एकदम से गर्मा गई और चूत सिकोड़ते हुए झड़ कर शांत हो गई। मैं रुक कर उसे फिर से गर्म करने लगा और किसिंग चालू कर दी। फिर मैं धीरे-धीरे स्ट्रोक लगाने लगा.. कभी उसके मम्मों को मसल देता.. जिससे वो फिर से गर्म होने लगी और फिर से मेरा साथ देने लगी।

लेकिन अब मुझे उसकी गांड मारनी थी.. और मुझे मालूम था कि वो गांड मारने नहीं देगी इसलिए मैंने एक और प्लान बनाया.. वो सब बाद में इस्तेमाल करने की सोची। फिलहाल मैं बुरी तरह थक चुका था.. इसलिए मैंने उसे अपने ऊपर आने को कहा, वो मेरे लंड के ऊपर आ गई। ऊपर से चुत फंसाने से मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुस गया और उसके हिलने से मेरे लंड पर चुत की रगड़ लगने लगी, जिससे मेरे मुँह से सीत्कारें निकलने लगीं।

वो भी अपने मम्मों को झुलाती हुई मेरे लंड को चोदने में लगी रही। वो मुझे चोद रही थी और बीच-बीच में वो मुझे किस करने लगी। कुछ ही देर में उसकी चुत गर्म हो गई और पिघलने की स्थिति में हो गई, जिससे वो और तेज धक्के लगाने लगी।

अगले कुछ ही शॉट में वो चुत का पानी छोड़ने लगी तो उसकी गर्मी से मैं भी झड़ने लगा। मैं भी झड़ते हुए नीचे से उसकी चुत में धक्के लगाने लगा। यह खेल काफी देर तक चला। हम दोनों साथ में झड़ गए, वो झड़ कर मेरे ऊपर ही लेट गई और थकान के चलते हमारी नींद लग गई।

फिर मैं सुबह उठ कर चला गया और शॉप पर बैठ कर रात का इंतजार करने लगा। जब मैं रात को घर गया तो आज मैंने उसी के साथ खाना खाया और फिर से चुदाई का गेम चालू कर दिया।

आज वो कुछ ज्यादा ही चुदासी लग रही थी और आज तो मैं सोच कर आया था कि आज तो उसकी गांड मार कर ही रहूँगा। उसकी जबरदस्त चुदास को देख कर मैंने सोचा कि आज अच्छा मौका है.. आज मेरा काम बन जाएगा।

जब तक मैं यह सोच रहा था.. वो मेरा लंड चूसने रही थी और लंड चूसते-चूसते उसने एकदम से लंड पर काट लिया।

मैं एकदम से चिल्ला उठा तो वो ‘सॉरी..’ कहने लगी।

मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और लंड को उसकी चुत पर रगड़ने लगा.. जिससे वो मचलने लगी और कहने लगी- अब नहीं रुका जाता.. प्लीज डाल दो।

मैं उसे और तड़पाने लगा.. वो जोर से बोली- जल्दी पेल ना साले.. मैंने उससे कहा- आज तो मैं तेरी गांड मारूंगा।

वो मुझे घूरने लगी और उसने मना कर दिया.. तो मैं बिस्तर से नीचे उतर गया। वो कहने लगी- कहाँ जा रहा है? मैंने कहा- मैं अब कुछ नहीं करूँगा।

तो उसे हवस के कारण गांड मराने की ‘हाँ’ करनी पड़ी।

मैंने उससे डॉगी स्टाइल में आने को कहा और उसके चूतड़ों को थपड़याते हुए उन पर किस करने लगा।

वो कहने लगी- छोड़ दो यार.. बहुत दर्द होगा.. यह बहुत छोटा सा छेद होता है यार..! मैं उसे समझाने लगा कि दर्द के बिना मजा कैसे आएगा और मैं आराम से ही करूँगा।

मैं अपने लंड पर क्रीम लगाने लगा और उसके छेद को थूक से गीला करने लगा लंड को छेद पर टिकाया और धक्का मारने लगा.. लेकिन पहली बार में लंड फिसल गया।

अब मैंने सोचा कि नरमी से काम नहीं चलने वाला है.. एक ही झटके में डाल देता हूँ।

मैं उसके मुँह पर हाथ रख दिया, जिससे उसकी आवाज ना निकले और लंड की नोक को गांड के छेद पर सैट करके एक जोरदार शॉट लगाया। घचाक से मेरा आधा लंड उसकी गांड के अन्दर चला गया।

मेरे हाथ के मुँह पर होने के कारण वो चिल्ला न सकी.. लेकिन जोर से रोने लगी और दूर हटाने की कोशिश करने लगी। अब मैं भी रुक गया.. जिससे वो कुछ नॉर्मल हो गई।

फिर मैं धीरे-धीरे झटके देने लगा और वो दर्द से चिल्लाने लगी- अहह मर गई.. छोड़ दे पापी.. गांड फाड़ कर ही मानेगा.. अह.. बहुत दर्द हो रहा है.. छोड़ दे कमीन.. अह.. मैं हँसता रहा और गांड मारता रहा। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

थोड़ी देर बाद वो शांत हो गई और मजा लेने लगी।

मैंने सही मौका देख कर फिर से एक जोरदार शॉट के साथ पूरा लंड पेल दिया.. तो वो फिर से चिल्लाने लगी। मैं फिर रुक गया और वो कहने लगी- मादरचोद धीरे चोद…

पहली बार उसके मुँह से गाली सुन कर मुझे अच्छा लगा और मैं और तेज स्ट्रोक मारने लगा। तो वो और गालियां देने लगी मादरचोद.. धीरे चोद ना.. भैन के लंड साले फ्री का माल समझ कर मारने में लगा है अह..

मैं उसे और जोर से स्ट्रोक लगाने लगा। इधर मैं आपको बता दूँ कि सेक्स के वक़्त गालियाँ मुझे भी पसंद हैं लेकिन मैं इसलिए नहीं बक रहा था क्योंकि शालू को पसंद ना आईं तो वो नाराज ना हो जाए।

लेकिन जब उसने गाली देना शुरू की तो अब मैं भी शुरू हो गया ‘साली रंडी ले.. भैन की लवड़ी.. अब बताता हूँ तुझे.. सालीई छिनाल.. ले..’ वो ‘उह्ह.. अहह..’ करते हुए गांड हिला रही थी और अब उसे भी मजा आने लगा था। वो कहने लगी- अह.. राहुल.. और तेज चोद मेरे राजा आअहह.. और तेज मादरचोद.. आज फाड़ दे मेरी गांड आहह..

इस जोश के कारण मैं जल्दी ही झड़ गया और उसकी गांड से मेरा पानी खून के साथ टपकने लगा। हम दोनों थक कर बेड पर ही गिर गए और थकान के कारण वहीं सो गए।

सुबह उसे चला भी नहीं जा रहा था और वो मुझसे कहने लगी- देख लिया.. कितना दर्द हो रहा है.. तुम्हें तो केवल मजा चाहिए। हम दोनों हँसने लगे.. फिर दो रात तक यही खेल चलता रहा।

उसके बाद हम दोनों को सभी के आ जाने के कारण मौका नहीं मिला।

लेकिन वो उन पांच दिन की चुदाई में इतने चुदासी हो गई थी कि उससे रहा नहीं जा रहा था। वो मुझसे बार-बार फोन पर कहती कि मुझे कहीं पर ले जाकर चोद दो। लेकिन भरपूर मौका न मिल पाने के कारण हम दोनों बिना कपड़े उतारे किसी भी कोने में केवल जल्दी वाली चुदाई कर लेते थे।

अभी एक महीने पहले ही उसकी शादी मुंबई हो गई। इसके आगे तो आप पढ़ ही चुके हैं कि वो अपने भाई की शादी में आई और उसे मेरे साथ चुदाई करते उसकी बुआ ने पकड़ लिया। इस कहानी के अगले भाग में पढ़ें कि शालू की बुआ ने हम दोनों के साथ क्या सलूक किया!

अपने विचार मुझे मेल कीजिएगा। [email protected]

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