आंटी का प्यार और आंटी की चुदाई

दोस्तो, मैं आतिफ हाज़िर हूँ आप सबके सामने एक आंटी की चुदाई की अपनी कहानी के साथ! इससे पहले मैं अपनी कहानी पे आऊँ, सभी लड़के अपना लंड हाथ में ले लें और सभी लड़कियाँ अपनी बीच की उंगली चूत में डाल लें!

मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ, दिखने में स्मार्ट और गुड लुकिंग हूँ और इन्जिनीयरिंग कर चुका हूँ। यह कहानी दो महीने पहले की है जब मेरे सेमेस्टर एग्जाम खत्म हो चुके थे और मैं किसी नई चूत की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। वो कहते हैं न कि किसी चीज़ को सच्चे दिल से तलाश करो तो मिल ही जाती है।

तो हुआ यों कि मेरा एक दोस्त है अंकित जो अपने खाली समय में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता है और उस समय अंकित की भी परीक्षा शुरू होने वाली थी, उसे पढ़ने का बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था तो एक दिन अंकित मेरे पास आया और बोला- यार आतिफ, थोड़ी मुश्किल में हूँ, तेरी मदद चाहिए।

मैंने दोस्ती का फ़र्ज़ निभाते हुए पूछा- बोल यार क्या बात है? तो उसने कहा- मैं दो बच्चों को पढ़ाता हूँ यहीं पास के घर में और अब मुझे समय नहीं मिल रहा उन्हें पढ़ाने के लिए तो तू उन्हें पढ़ा दे एक महीने के लिए… अब तो तेरी परीक्षा भी खत्म हो गई है तो तू खाली है इन दिनों!

मैंने दोस्ती के नाते हाँ कर दी और क्योंकि उन बच्चों की भी परीक्षा होने वाली थी। अंकित मुझे उन बच्चों की माँ से मिलवाने ले गया कि अब से मेरा यह दोस्त ही आपके दोनों बच्चों को पढ़ाएगा।

शाम का समय था, हम दोनों उनके घर पहुँच गए। वो दो माले का घर था, नीचे किरायेदार रहते थे और ऊपर मकान मालिक रहते थे जहाँ मुझे पढ़ाने जाना था। हम सीधा ऊपर गए, अंकित ने बच्चों को आवाज़ लगाई तो बच्चों की माँ आई… क्या बताऊँ मैं दोस्तो… ऐसी औरत मैंने इतनी करीब से कभी नहीं देखी थी, क्या क़यामत लग रही थी।

उस देवी का नाम माइरा था। जब वो मेरे सामने पहली बार आई तो मैं तो उन्हें ही घूर रहा था… क्या मस्त माल थी यार, बहुत गोरी तो नहीं लेकिन साफ़ रंग की थी और दूध देख के तो ऐसा लग रहा था कि अभी ब्रा फाड़ के बाहर चले आएँगे और उठी हुई मज़ेदार गांड… माइरा आंटी का फिगर 36-30-34 है और दिखने में ऐसी की किसी भी लंड में जान आ जाये। मेरे मन में आया कि इस आंटी की चुदाई करने को मिल जाए तो मजा आ जाए!

माइरा आंटी थोड़ी लम्बी थी तो इसलिए और भी ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी, क्या बताऊँ मेरे दोस्तो, माइरा आंटी ने उस समय गुलाबी रंग का गहरे गले का सूट पहना हुआ था जो बहुत टाइट था, मेरा तो मन बस यही कर रहा था कि अभी पकड़ के चोद डालूँ इस क़यामत को!

माइरा आंटी के घर में माइरा, उसका पति, माइरा की बूढ़ी सास और दो छोटे बच्चे रहते थे।

माइरा आंटी ने हम दोनों को अंदर बुलाया और सोफे पे बैठने को कहा, हम उनके पीछे चल दिए और मेरी नज़र तो उनकी गांड पर ही टिक गई थी। आंटी हमारे लिए चाय बना के लाई और जैसे ही हमारे सामने टेबल पे रखने के लिए झुकी तो मुझे उनकी आधी चूचियों के दर्शन हो गए और वो भी मेरी ही तरफ देख रही थी तो मैंने झट से अपनी नज़र हटा ली।

अंकित पहले ही मेरे बारे में माइरा आंटी को बता चुका था तो ज़्यादा बात नहीं हुई। मैंने कह दिया कि मैं रात 8 बजे ही आ पाऊँगा, उससे पहले मेरे पास समय नहीं है। आंटी मान गई और अगले दिन से ही आने को कहा, मैं दोनों बच्चों से मिला और उनकी पढ़ाई के बारे में पूछने लगा।

माइरा आंटी की एक लड़की 12 साल की थी और एक लड़का 10 साल का… मैं दोनों बच्चों से मिल के वापस घर आ गया और रात भर माइरा आंटी के बारे में ही सोचता रहा कि कैसे आंटी की चुदाई की जाये… और फिर मुठ मार कर सो गया।

अगले दिन 8 बजे मैं माइरा आंटी के घर पहुँच गया, वो ऊपर रहते थे, बेल बजाने की ज़रूरत नहीं पड़ती थी, अंकित ने मुझसे कहा था कि सीधा ऊपर ही चले जाया करो और मैं दो कमरों के बाद तीसरे कमरे में जो बच्चों का था, सीधा वहीं चला जाता था।

कुछ दिन तो सब सामान्य ही चला और माइरा आंटी भी मुझसे रोज़ बच्चों के बारे में पूछती और कभी मेरे बारे में भी कि जैसे मैं क्या करता हूँ और आगे क्या करने वाला हूँ…

वैसे तो माइरा आंटी मुझे काफी पसंद आई वो स्वाभाव से भी बहुत अच्छी औरत थी, मुझे अक्सर चाय पिलाती और मेरी एक शिकायत पर अपने बच्चों को मारने भी लगती थी तो मैं भी बच्चों को बचाने के लिए बीच में आ जाता और माइरा आंटी की कभी गोल मटोल चुची पे हाथ लगते तो कभी आंटी की गांड पे मेरा हाथ पड़ जाता।

माइरा आंटी के पति एक प्राइवेट नौकरी करते थे जो सुबह जाते और रात में देर से दारु पी के आते थे और कभी कभी तो शाम में ही आ जाते थे। वो साला शक्ल से ही बेवड़ा लगता था और वो अक्सर माइरा आंटी से दारू के नशे में लड़ाई भी करता था जिसकी आवाज़ें मुझ तक साफ़ सुनाई देती थी जब मैं बच्चों को पढ़ा रहा होता…

मैं समझ गया था कि इन पति पत्नी में अब प्यार खत्म हो चुका है। शायद आंटी का पति आंटी की चुदाई नहीं करता!

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा… मैं माइरा आंटी को मौके मौके से घूरता और छू भी लेता लेकिन कोई बात नहीं बन रही थी… फिर एक दिन मेरी ऊपर वाले ने सुन ली… हर बार की तरह मैं उस दिन भी सीधा ऊपर आंटी के घर चला गया और जैसे ही अंदर गया तो दूसरे कमरे में जो बच्चों वाले कमरे से ठीक पहले है, वहाँ माइरा आंटी खड़ी थी, उनकी पीठ मेरी तरफ थी और वो सिर्फ पेटीकोट और ब्रा में थी और अपना ब्लाउज पहन रही थी।

मेरी आँखें फटी की फटी रह गई… इतना ज़बरदस्त माल मेरे सामने था वो भी आधे कपड़ो में और मैं चूतियों की तरह सिर्फ खड़ा देख रहा था। क्या जिस्म था माइरा आंटी का… मेरा लंड लोहे की तरह खड़ा हो गया और सलामी देने लगा। तभी माइरा आंटी पीछे मुड़ी तो मैं जल्दी से बच्चों के पास चला गया।

उस रात मैंने माइरा आंटी के बारे में सोच के तीन बार मुठ मारी और फिर सो गया। माइरा आंटी भी मेरी इन सब हरकतों की वजह से समझ गई थी लेकिन कुछ कहती नहीं थी।

फिर कुछ दिनों बाद मेरी किस्मत का ताला खुला, मुझे उस दिन थोड़ी देर हो गई जाने में… करीब 9 बजे मैं माइरा आंटी के घर पहुँचा और बच्चों के कमरे में जा के बैठ गया। तभी माइरा आंटी आई… क्या माल लग रही थी उस दिन… माइरा आंटी ने उस दिन काले रंग का स्किन टाइट सूट पहना हुआ था और उनकी जवानी उसमें से साफ़ झलक रही थी… आंटी की ऊपर से थोड़ी चुची भी दिख रही थी तो मेरी नज़र सीधी वहीं गई।

तभी माइरा आंटी ने मुझसे कहा- आतिफ जी, माफ़ कीजियेगा लेकिन बच्चे आज अपनी दादी के साथ अपनी बुआ के घर चले गए और कल सुबह ही आ जाएंगे।

तो मैंने कहा- कोई बात नहीं, मैं कल आ जाता हूँ। माइरा आंटी ने मुझसे कहा- चाय पी के जाइयेगा। और रसोई जा के चाय बनाने लगी।

मैं बैठ कर अपना खड़ा लंड सहला रहा था कि आंटी चाय लेकर आ गई और हम दोनों चाय पीने लगे।

दोस्तो, मैं आप सब को बता दूँ कि जब मेरा लंड पूरी चरम सीमा पर होता है, मतलब जब खड़ा होता है तो पैंट में साफ़ पता चलता है। माइरा आंटी चाय पी ही रही थी कि उनकी नज़र मेरी पैंट पर पड़ी और उनकी आँखें बड़ी सी हो गई और उन्होंने अपनी नज़रें घुमा ली।

फिर हम बच्चों की और इधर उधर की बात करने लगे ली, तभी मेरी नज़र माइरा आंटी के हाथ पर पड़ी जहाँ एक गहरी चोट का ताज़ा निशान था।

मैंने झट से माइरा आंटी का हाथ पकड़ा और पूछा- आंटी आपको ये चोट कैसे लग गई? माइरा आंटी ने अपना हाथ मुझसे छुड़ाया और उनका चेहरा उतर गया, वो उदास सी हो गई।

तो मैंने उनको सॉरी बोला और जाने को कहा… तो आंटी मुझसे बोली- नहीं आप क्यों माफ़ी मांग रहे हैं, आपने थोड़ी न कुछ किया। ये तो मेरे पति ने किया है… कल रात शराब के नशे में उन्होंने मुझे मारा! और माइरा आंटी रोने लगी।

मैं भी मौके का फ़ायदा उठाते हुए माइरा आंटी के बगल में बैठ गया और आंटी के कंधे पे अपना हाथ रख के दिलासा देने लगा और धीरे धीरे माइरा आंटी का कन्धा सहलाने लगा। माइरा आंटी भी मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठी थी।

तभी मैंने माइरा आंटी के गाल पे किस कर दिया, आंटी ने एक गहरी सांस लेकर अपनी आँखें बंद कर ली… अब मुझे आंटी की चुदाई का ग्रीन सिग्नल मिल चुका था।

मैंने अपना एक हाथ माइरा आंटी की जांघों पर रख दिया और दूसरा हाथ उनके सर के पीछे ले गया और अपने होंठ माइरा आंटी के होंठों से मिला दिए… आंटी की सिसकारियाँ निकल गई ‘उम्म्म्म्म आह…’

दस मिनट तक मैं माइरा आंटी को किस करता रहा और अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। मैं अपना एक हाथ उनकी चुची पर ले गया और ज़ोर से दबा दिया। अब आंटी के मुँह से ज़ोर से सिसकारियाँ निकलने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

तभी आंटी ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ देखने लगी, मुस्कुरा भी रही थी, मुझसे बोली- आतिफ आई लव यू… और मुझे लिप किस करने लगी। मैंने भी ‘आई लव यू टू…’ कहा और किस करने लगा।

तभी आंटी रोने लगी और कहने लगी- मैं प्यार को तरस गई हूँ।

माइरा आंटी ने मुझे बताया कि उनका पति अब उन्हें प्यार नहीं करता और रोज़ शराब पीकर उनसे लड़ता और फिर सो जाता। मैंने कहा- आंटी, अब मैं आपको प्यार की कमी का एहसास कभी नहीं होने दूंगा! और किस करने लगा तो आंटी ने मुझे रोक दिया और कहा- अब से तुम मुझे माइरा आंटी नहीं, सिर्फ माइरा कहोगे।

ये सब बातें हम एक दूसरे की बाहों में कर रहे थे और फिर हम किस करने लगे। फिर माइरा ने अपने पति को कॉल की, पूछा- कब तक आओगे? तो उसने कहा- रात 12 के बाद आऊँगा क्योंकि आज सारे दोस्त साथ में है और सब एक साथ दारू पीने जाएंगे तो आने में देर हो जाएगी। इतना सुनना था कि माइरा ने घर का दरवाज़ा बंद किया और मुझसे चिपक गई।

मैं भी माइरा को चूमे जा रहा था और मैं अपने दोनों हाथों से ऊपर से ही उसकी चुची दबा रहा था। माइरा ने कहा- मेरे कमरे में चलते हैं।

मैंने आंटी को अपनी गोद में उठाया और ले जाकर बेड पे पटक दिया। क्या लग रही थी माइरा आंटी जब काले रंग के सूट में अपने बेड पे लेटी हुई मुझे देख रही थी।

मैं देर न करते हुए उसके ऊपर कूद गया और हम फिर एक दूसरे को चूमने लगे।

माइरा आंटी मुझसे कहने लगी- अब कभी मुझे अकेला मत छोड़ना और हमारे रिश्ते के बारे में किसी से मत कहना! और तभी मुझे मेरी पैंट पर कुछ महसूस हुआ… मैंने देखा तो माइरा मेरा लंड को ऊपर से सहला रही थी।

मैंने माइरा की कमीज उतार दी और अब माइरा मेरी सामने अपनी काली ब्रा में थी… उसकी गोरी गोरी चूचियाँ क्या लग रही थी ब्रा में! मैंने अपना हाथ पीछे ले जा कर माइरा की ब्रा भी खोल दी और अब दोनों चुची मेरे सामने आ गई।

माइरा के दूध इतने बड़े थे कि पूरे मेरे हाथ में नहीं आ रहे थे लेकिन फिर भी मैं उन्हें ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रहा था और माइरा भी लेट कर सिसकारियां भर रही थी ‘ऊओह्ह उउम्म्म आआह्ह ह्ह्ह!’

माइरा ज़ोर से मुझे अपनी बाहों में जकड़े हुए थी कि तभी मैंने उसकी सलवार खोल कर निकाल दी और अब माइरा आंटी मेरे सामने सिर्फ अपनी काली पेंटी में थी।

दोस्तो, वो नज़ारा मैं आज भी नहीं भूलता… जब भी मुझे वो नज़ारा याद आता है तो मेरा लंड सलामी देने लगता है।

मैं भी अपने कपड़े निकालने लगा तो माइरा ने मुझे रोक दिया और खुद मेरे कपड़े निकालने लगी। अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था और माइरा काली पेंटी में!

हम दोनों लेट के एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, तभी मैंने अपना एक हाथ माइरा की पेंटी में डाल दिया। माइरा सिहर उठी और ज़ोर से सिसकारने लगी… आंटी की चूत चुदाई के लिए पानी छोड़ रही थी और पेंटी बिल्कुल गीली हो चुकी थी।

मैंने उसकी पेंटी भी निकाल दी… अब वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी… एकदम गुलाबी कसी चूत जैसे किसी कमसिन लड़की की चूत हो… मैं तो देखता ही रह गया… ऐसा लग ही नहीं रहा था कि मैं किसी औरत की चूत देख रहा हूँ।

तभी मैंने अपना मुँह माइरा की चूत पे रख दिया और चूसने लगा… माइरा भी अपनी चरम सीमा पे आ चुकी थी और मेरे मुँह ज़ोर से अपनी चूत पे दबा रही थी… और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थी ‘उम्म्म… आआह्ह ह्ह्ह्ह…ओओ ओह्ह ह्ह्ह!

मैंने बहुत ज़बरदस्त तरीके से माइरा की चूत चूसी और अपनी दो उंगली भी उसकी चूत में पेल दी, उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था, मैंने आंटी की चूत चाट के सारा पानी साफ़ कर दिया।

फिर माइरा उठी, मेरे लंड को अंडरवियर से आज़ाद कर दिया और अपनी आँखें फाड़ कर मेरे लंड को ही देखे जा रही थी।

मैंने पूछा- क्या हुआ मेरी जान? आंटी बोली- यह लंड आदमी का है या गधे का लंड है… मेरे पति का तो तुम्हारे सामने कुछ भी नहीं! इतना कहते ही माइरा ने मेरा लंड चूमा और अपने मुँह में भर लिया।

दोस्तो, क्या बताऊँ उस समय क्या एहसास हो रहा था मुझे!

माइरा मेरे पूरे लंड को ज़ोर ज़ोर से चूसे जा रही थी जैसे आज के बाद दोबारा फिर कभी नहीं मिलेगा। मैं भी उसका मुंह पकड़ कर अपने लंड से उसके मुँह को चोदने लगा।

दस मिनट तक वो मेरा लंड चूसती रही जैसे हम किसी ब्लू फिल्म में देखते हैं… और फिर एक ज़ोरदार पिचकारी के साथ मैंने माइरा का मुँह अपने वीर्य से भर दिया। माइरा मुझे देख के मुस्कुराई और सारा वीर्य एक घूँट में पी गई, फिर मुझे चूमने लगी और कहने लगी- मेरे राजा, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा… मेरी प्यास बुझा दो.. बरसों से प्यासी हूँ मैं… मेरी चूत का भोसड़ा बना दो… बरसों से नहीं चुदी हूँ… मुझे प्यार करो… और इतना कहते हुए वो रोने लगी।

मैंने कहा- रोती क्यों हो मेरी जान… मैं हूँ ना तेरी प्यास बुझाने के लिए… इतना सुनते ही माइरा खुश हो गई और मेरे लंड को चूमने लगी।

थोड़ी देर में आंटी की चुदाई के लिए मेरा लंड फिर से लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया और अब मैंने माइरा को बेड पे लेटाया और उसकी दोनों टाँगें फैला दी और चूत पे किस किया फ़िर अपना लंड माइरा की चूत पे टिका दिया।

माइरा मुझे प्यार भरी नज़रों से देखे जा रही थी कि मैंने एक ज़ोरदार झटका दिया और मेरा आधा लंड माइरा की चूत में समा गया… माइरा के मुँह से इतनी ज़ोर से चीख निकली कि मैं डर गया और उसके होंठ चूसने लगा।

इतना करते करते मैंने फिर एक ज़ोर का झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड माइरा की चूत फाड़ता हुआ अंदर तक घुस गया और मैंने अपने हाथ से माइरा का मुँह दबा दिया कि उसकी चीख बहार तक न जा सके। माइरा ने मुझे इतनी ज़ोर से जकड़ा हुआ था उस समय की मेरी पीठ पर उसके नाखून के निशाँ बन गए थे।

अब मैंने अपनी चोदने की रफ़्तार तेज़ कर दी और माइरा का दर्द भी काम हो गया था, वो भी अपनी गांड उठा कर मेरा पूरा साथ दे रही थी… ज़ोर ज़ोर से सिसकारिया ले रही थी, कह रही थी- और ज़ोर से चोदो मुझे मेरे राजा… मेरी चूत का भोसड़ा बना दो आज… चोद साले मुझे भोसड़ी के…

माइरा की इन बातों ने मुझमें और भी जोश जगा दिया, मैं उसे चोदने में लगा हुआ था… और वो तो मुझसे भी ज़्यादा मजा ले रही थी- आआआ आह्ह्ह ह्ह्ह ओह… उम्म म्म्म… आअह्ह ह्ह्ह… हम दोनों एक दूसरे में खो चुके थे और चुदाई का भरपूर मजा ले रहे थे।

15 मिनट बाद एक ज़ोरदार शॉट के बाद हम दोनों का एक साथ पानी छूटने लगा, आंटी ने मुझे बहुत ज़ोर से जकड़ लिया और अपना सारा पानी निकाल दिया और मेरे लंड ने भी सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया और हम दोनों एक दूसरे की बाहों में चिपक के लेट गए।

फिर हम दोनों एक साथ बाथरूम गए और नहाए, नहाते समय भी मैंने एक बार आंटी की चुदाई की। यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

हमने साथ में खाना खाया और अब रात के 12 बज चुके थे, माइरा के पति के आने का समय भी हो रहा था तो मैंने जाने को कहा तो माइरा ने मुझे रोक लिया, कहा- आज रात यहीं रुक जाओ मेरे पास! और मेरे गले लग कर रोने लगी।

मैंने उसे किस किया और कहा- तुम्हारा पति आ जाएगा अभी… तो उसने कहा- वो आते ही सो जाएंगे। तब तक तुम छत पर रहना… जैसे ही वो सो जाएंगे तो मैं तुम्हे नीचे बुला लूँगी। मैं खुश हो गया और ऊपर चला गया।

थोड़ी देर में ही माइरा का पति आया और सोने चला गया… माइरा का उससे झगड़ा चल रहा था, वो इसी बहाने अपने बच्चों के कमरे में सोने को कह कर चली आई।

थोड़ी ही देर में माइरा छत पर आई और मुझे लेकर नीचे चली गई और उसने अपना कमरा बंद कर लिया।

अब क्या था… सारी रात हमारी थी… आधी रात हो चुकी थी हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लेटे थे और एक दूसरे को सहला रहे थे… मैं माइरा की गांड सहला रहा था कि मेरी उंगली माइरा की गांड के छेद पर टिक गई। मैंने उसकी तरफ देखा तो वो भी मुझे देख के मुस्कुरा रही थी, कहने लगी- जो करना है करो, मैं तो तुम्हारी ही हूँ और तुम मेरे!

मैंने माइरा को उल्टा किया और उसकी गांड में अपनी एक उंगली घुसा दी… माइरा चिल्लाने लगी तो मैंने उसके मुँह पे अपना हाथ रख दिया। फिर मैंने उससे वैसलीन मांगी तो उसने अलमारी से उठा के मुझे वैसलीन दी… मैंने अपने पूरे लंड पे वैसलीन लगाई और उसकी गांड पर भी लगा दी।

अब मैंने धीरे धीरे अपना लंड घुसाना चालू किया और एक झटके के साथ मेरे लंड का सुपारा माइरा की गांड में घुस गया, वो रोने लगी- निकालो… निकालो इसको… मैं मर जाऊँगी! मैंने एक न सुनी और एक और झटके के साथ अपना आधा लंड उसकी गांड में डाल दिया।

माइरा रोए जा रही थी… फिर उसे भी मजा आने लगा और वो अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी। मैंने एक और करारा झटका दिया और पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया। इस बार उसे ज़्यादा दर्द नहीं हुआ और मेरा साथ देती रही।

मैंने जम के माइरा की गांड मारी और अपना सारा माल उसकी गांड में ही निकाल दिया। हम दोनों एक दूसरे से चिपक के लेटे हुए थे कि तभी मेरी आँख लग गई।

और जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरा लंड खड़ा है और माइरा मदहोश होकर चूसे जा रही है।

मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हुआ और जल्दी से उसकी टाँगें फैला कर अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया और 10 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए। माइरा मुझे किस किये जा रही थी और मेरा शुक्रिया अदा कर रही थी.. उसने मुझसे कहा कि मैंने उसे ज़िन्दगी की सबसे बड़ी ख़ुशी दी है जो वो कभी नहीं भूल सकती और मुझे कभी न छोड़ने को कहा। मैंने भी उसकी बातों को मान के उसे किस किया।

सुबह के 5 बज चुके थे, मेरा जाने का समय हो चुका था… अपने घर को चल दिया।

दोस्तो, वैसे तो मैंने काफी चुदाई की है लेकिन माइरा आंटी की चुदाई मैं भी कभी नहीं भूल सकता और न ही कभी माइरा को! लेकिन मुझे हमेशा इस बात का गम रहेगा कि मैं माइरा की ज़्यादा दिनों तक चुदाई नहीं कर पाया क्योंकि अब उसका तलाक हो गया है और वो अपने घर भोपाल में जा के रहने लगी।

मेरी अब भी उससे फ़ोन पर बात होती है, वो मुझे भोपाल बुलाती है… लेकिन मैं ही अपने काम काज के चक्कर में नहीं जा पाता..

तो दोस्तो, यह मेरी ज़िन्दगी की अब तक की सबसे अच्छी कहानी है, आप लोगों को आंटी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताए और मुझे मेल करें… [email protected]