बुआ सास की चूत की चुदाई

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000

सेक्सी कहानी की इस प्यारी सी साईट अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरी हाथ जोड़कर नमस्ते! यहाँ मेरी यह पहली कहानी है. यदि कोई ग़लती हो तो उसके लिए क्षमा चाहता हूँ.

मेरा नाम सुंदर सिंह है, मैं मेरठ में रहता हूँ. मैं इंजिनियर हूँ, मेरी लंबाई 5 फुट 9 इंच है, मैं देखने में ठीक तक ही हूँ.

मैं ज़्यादा समय बर्बाद ना करते हुए सीधा अपनी सेक्सी कहानी पर आता हूँ. यह एक सच्ची घटना है जो मेरे साथ अचानक ही फ़रवरी 2015 में घटी.

मेरी शादी 2007 में हुई थी. मेरी ससुराल बिजनौर जिले में चांदपुर के पास एक गाँव में है. मैं अपनी शादी से लेकर आज तक कभी भी अपनी ससुराल हमेशा अपनी पत्नी के साथ ही गया हूँ. परंतु मेरी चचेरी साली की शादी थी और मेरी ससुराल में उन लोगों में आपस में किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ हुआ था. जिसके चलते मेरी पत्नी ने ससुराल जाने से इन्कार कर दिया और मुझसे कहा कि आपको जाना है तो अकेले ही जाओ, मैं आपके साथ नहीं जा रही हूँ.

पहले तो मैंने भी सोचा कि जाने का कार्यक्रम रद्द कर देता हूँ लेकिन जिसकी शादी थी, वो मेरी प्यारी साली थी, उसका कई बार फोन आया- जीजू, आपको मेरी शादी में ज़रूर आना है, चाहे कुछ भी हो जाए! उससे बात करने के बाद मैंने भी सोचा कि चलो इस बार अकेले ही ससुराल चलते हैं. शादी का मामला है, और ना जाने कोई मिल ही जाए!

मैंने ऑफिस से छुट्टी ली और अपनी ससुराल पहुंच गया. वहाँ पर बहुत मेहमान आए हुए थे. मैं तो खाना खाकर सो गया लेकिन रात भर महिला संगीत और डीजे का प्रोग्राम चलता रहा जिसके कारण मेरी नींद कई बार खुली.

सुबह मैं जल्दी ही उठ गया और पेशाब करने के लिए जब छत से नीचे आया तो देखा एक कमरे में मेरी सासू माँ और बुआ सास एक ही बेड पर लेटी हुई थीं. जब मैं पेशाब करने के बाद ऊपर को जाने लगा तो मेरी सासू माँ बोली- सुन्दर आ जाओ, सीमा (काल्पनिक नाम) की मम्मी तुमसे बात करने को कह रही हैं. तो मैं जाकर सोफे पर बैठ गया और हम लोग बातें करने लगे.

बात सीमा की शादी को लेकर हो रही थी. मेरी बुआ सास का नाम रेखा (काल्पनिक नाम) है और वो कोई 38 साल की होंगी. उनका रंग थोड़ा सांवला है लेकिन देखने में वो बहुत आकर्षक और हँसमुख स्वाभाव की हैं. उनके स्तन का साइज़ भी 38 है और चूतड़ भी 38 के हैं परंतु वो लगती अपनी कमर की तरह बिल्कुल 30 की हैं.

मैं सोफे पर बैठ कर उनसे इधर उधर की बातें कर रहा था और वो दोनों बेड पर रज़ाई ओढ़ कर लेटी हुई थीं. मेरी सासू माँ बोली- सुंदर तुम अपनी बुआ से बात करो, मैं पशुओं को चारा डाल आऊँ! और वो कमरे से उठ कर बाहर चली गईं.

उनके जाने के थोड़ी देर बाद रेखा बुआ जी बोलीं- सुंदर, सोफे पर तो तुम्हें ठंड लग जाएगी, तुम भी यहाँ बेड पर ही बैठ जाओ. पहले तो मैंने मना किया, फिर उनके ज़ोर देने पर मैं भी बेड पर बैठ गया. वो बेड पर लेटी हुई थी, मैं उनके पैरों की तरफ बैठा था और मेरे पैर भी रज़ाई में थे.

अचानक हम दोनों के पैर आपस में टकराए और जब नज़रें मिली तो उनके चेहरे पर एक मुस्कान थी. मैं बोला- सॉरी बुआ जी, ग़लती से हो गया! इस पर वो बोली- कोई बात नहीं, ऐसा हो जाता है. उसके बाद मुझे लगा कि बुआ जी भी वही चाहती हैं जो मैं चाहता हूँ. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ बुआ जी के पैरों से लगाया और उनके पैर को सहलाने लगा. अब वो भी अपने दूसरे पैर से मेरे लंड को छू रही थी लोअर के ऊपर से ही.

अब तो मेरा लंड भी खड़ा हो गया और लोअर से बाहर आने के लिए तड़फने लगा, मैं बोला- बुआ जी, यदि आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो मैं आपके पास लेट जाऊं? इस पर वो बोली- कोई आ गया तो क्या कहेगा कि सास और जमाई एक ही बेड पर लेटे हैं. मैंने कहा- कोई नहीं आएगा, क्योंकि सासू माँ तो 1 घंटे से पहले आने वाली नहीं हैं, और किसी को क्या पता कि इस कमरे में कौन सोया हुआ है रज़ाई ओढ़ कर!

वो थोड़ी सी ना ना करती रही और परंतु मैं उनकी साइड में जाकर लेट गया और उनकी 38 साइज़ की चूचियों से खेलने लगा. सच में कह नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था. आज भी उन पलों को याद करता हूँ तो लंड खड़ा हो जाता है. उनकी चूची बिल्कुल रूई की तरह मुलायम थीं. मैं एक चूची को मुँह में लेकर चूसने लगा और दूसरी चूची को हाथ से मसल रहा था. जिससे वो बहुत गर्म हो गई और मेरे लोअर में अपना हाथ डाल कर मेरे लंड को रगड़ने लगी और बोली- जो भी करना है जल्दी करो, नहीं तो कोई आ जाएगा.

मैंने कहा- यार बुआ जी, पहले अपनी रस भारी जवानी का मजा तो लेने दो. इस पर वो बोली- कोई आ गया तो सारा मजा रखा रह जाएगा और लेने के देने पड़ जाएँगे, बदनामी होगी अलग से! यह हिंदी सेक्सी कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

फिर मैंने उनकी सलवार खोलकर नीचे सरकाई तो वो बोलीं- पूरा मत उतारो, ऐसे ही नीचे करके काम चला लो… उनकी इस बात पर हम दोनों को हँसी आ गई. मैंने भी देर ना करते हुए अपना लोअर और अंडरवीयर नीचे किया और बुआ जी की चूत पर अपना लंड रखकर जो धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड अंदर चला गया और बुआ जी के मुँह से एक कराह सी निकली और वो बोलीं- जमाई जी, मैं अर्चना नहीं हूँ, ज़रा धीरे करो!

अब मैंने अपना लंड थोड़ा सा बाहर को निकाला और फिर दूसरे धक्के में पूरा अंदर पेल दिया. इस बार तो उनकी चीख निकलते निकलते ही बची उम्म्ह… अहह… हय… याह… और वो दर्द से कराहने लगी. अब मैंने उनकी चुची को दबाना और मसलना शुरू कर दिया. थोड़ी देर में वो सामान्य हुईं और नीचे से मेरा साथ देने लगी.

उसके बाद मैंने उन्हें कहा- बुआ जी, घोड़ी बन जाओ! तो वो बोलीं- इतना टाइम नहीं है, और थोड़ा जल्दी करो!

मैं भी पूरे जोश में चालू हो गया और कोई 15 मिनट बाद वो अकड़ने लगी और बोली- मैं तो गई! उन्होंने मुझे अपनी टाँगों से ज़कड़ लिया, मैं भी थोड़ा नॉर्मल हो गया और फिर शुरू हुआ तो 3-4 मिनट बाद मेरा भी हो गया.

हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए और बाहर आ गये.

अब बुआ जी से फोन पर बात होती रहती है और वो मुझे बुला रही हैं.

आपको चूत चुदाई लू मेरी सेक्सी कहानी कैसी लगी… कृपया अपने बहुमूल्य विचार मुझे मेल से बताएँ. [email protected]

This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000