आगरा के होटल में मेरी प्यारी मामी की चूत की चुदाई

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मैं रोज ही कई कई बार इस साइट पर आता हूँ। जब तक मैं 2-3 सेक्सी कहानी ना पढ़ लूँ मुझे नींद नहीं आती है। मेरा नाम अभी है, मैं 25 साल का हूँ और मैं कानपुर का रहने वाला हूँ. आज जो कहानी मैं बताने जा रहा हूँ वो मेरी और मेरी एक दूर की मामी की है। मेरी मामी की उम्र 28-29 साल होगी, उनकी शादी को एक साल हुआ था। वो दिखने में बहुत सुन्दर हैं, उनका फिगर 36-24-36 होगा. मैंने जब से उन्हें देखा था, मुझे वो बहुत अच्छी लगती हैं। वैसे तो हम दोनों की कभी बात नहीं होती थी वो थोड़ा कम ही बोलती थी और मैं बहुत बातें करता हूँ।

एक दिन की बात है मैं फेसबुक पर कुछ चेक कर रहा था तो उनकी आई डी दिखाई दी, मैंने तुरंत उन्हें रिक्वेस्ट भेज दी। कुछ दिनों बाद उनका रिस्पांस भी आ गया। इस प्रकार मेरी और उनकी बात होने लगी।

उनके पति हमेशा बाहर रहते हैं और छह महीने में ही आ पाते हैं। तो मैंने उनसे पूछा कि उनका मन लग जाता है तो कोई जवाब नहीं आया।

एक दिन मैंने उन्हें मूवी देखने के लिए पूछा तो उन्होंने मना कर दिया।

कुछ दिनों बाद उन्हें बाहर जाना था तो उन्होंने मुझसे साथ चलने को कहा, मैं तुरंत तैयार हो गया। फिर हम लोग आगरा गए घूमने और वहां पहुंचकर मूवी का भी प्लान बन गया। हम लोगों ने वहाँ मूवी देखी और बाहर आये तो देखा कि अँधेरा हो गया है और मेरी गाड़ी का टायर भी पंचर हो गया है, उसे बदलने में काफी टाइम हो गया तो हमने होटल में रुकने का प्लान बनाया और एक रूम बुक करवा लिया।

रात को खाना खाने के बाद हम लोग एक ही बेड पर लेट गए, टीवी देखने लगे और आपस में बात भी कर रहे थे। थोड़ी देर में उनको नींद आने लगी तो उन्होंने टीवी बंद करवा दिया और सोने की कोशिश करने लगी लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।

कमरे में एक रोशनदान था, वहां से रोशनी आ रही थी तो मैंने देखा कि मामी जी, जिनका रंग एकदम दूध की तरह लग रहा था, मेरी तरफ मुंह करके लेटी हुई हैं। उन्हें देखकर मेरे मन में कुछ कुछ होने लगा मैं थोड़ा सा उनके पास खिसक गया। मैंने देखा वो आँख बंद किये हुए थी तो मैंने उनके होंठों से अपने होंठ सटा दिए, मेरे दिल की धड़कन 200 की रफ़्तार से धड़क रही थी। उनकी तरफ से कोई हरकत न होते देख मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं धीरे धीरे किस करने लगा.

इतने में वो थोड़ा हिलीं तो मेरी हिम्मत टूट गई और मैं एक तरफ हट गया। थोड़ी देर बाद मुझे अहसास हुआ कि वो मुझसे बिल्कुल चिपक गई हैं तो मैंने उनकी तरफ करवट ले ली और दोबारा उनके लिप्स से अपने लिप्स टच कर दिए।

थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि उनकी सांसें तेज हो रही हैं। मैं समझ गया कि आग दोनों तरफ लगी है, फिर मैंने बिना देर किये उन्हें जोर जोर से किस करना स्टार्ट कर दिया और वो भी मेरा साथ देने लगी और हमारे बीच जो दूरी थी वो भी मिट गई।

मैं उनकी साड़ी हटाने लगा तो वो पिन किये हुए थी उन्होंने खुद ही उतारना शुरू कर दिया। उसके बाद वो पेटीकोट और ब्लाउज में आकर लेट गई हमने फिर से किस करना शुरू कर दिया. धीरे धीरे मैं उनके पूरे शरीर पर हाथ भी घुमा रहा था. फिर मैंने उनके कानों के पास किस करना स्टार्ट किया तो वो लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी, मैं उन्हें उत्तेजित कर रहा था.

फिर मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया और उनके बूब्स दबाने लगा. धीरे धीरे मैं कानों के पास से होता हुआ उनके गर्दन पर किस करने लगा। इधर मेरी पैंट में भी हलचल मची हुई थी… लंड महराज थे कि फाड़ कर बाहर निकलना चाहते थे तो मैंने देर न करते हुए एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिये, वापस से बिस्तर पर आ गया, उनके पेट पर किस करना शुरू कर दिया, एक हाथ ले जाकर उनके पेटीकोट पर रख दिया और उसका नाड़ा खोल दिया, उनकी ब्रा भी खोल दी, अब वो सिर्फ पैंटी में थी और मैं बिना कपड़ों के!

उनके बड़े बड़े बूब्स देख कर मन किया कि काश कभी भी मेरे आँखों के सामने से न हटें। उनकी निप्पल तो इतनी प्यारी लग रही थी जैसे किसी ने आइसक्रीम पर चैरी लगा दी हो इतनी बड़ी। मैं काफी देर तक उनको चूसता रहा और अपना एक हाथ ले जाकर उनकी पेंटी में डाल दिया। वहां बालों का कोई नामोनिशान भी नहीं था, बहुत ही मुलायम अहसास हो रहा था।

धीरे से जब मैंने अपना हाथ उनकी चूत की छेद पर रखा तो पता चला वो तो पूरी तरह से गीली हो रही है, ऐसा लग रहा था जैसे वहाँ से कोई सैलाब उठा हो! फिर मैं धीरे धीरे किस करते हुए नीचे की ओर जाने लगा, जैसे ही मैं चूत के पास पहुंचा, उन्होंने एकदम से अपने ऊपर खींच लिया। मैं समझ गया कि पहली बार है तो वो चूत पर किस करने से रोक रही हैं.

मैंने उनको पलटा दिया और गर्दन से लेकर पूरी पीठ पर किस करना शुरू कर दिया। मैं उन्हें ऐसे किस कर रहा था जैसे शेर किसी भेड़िये पर झपटा हो… वो छटपटा रही थी लेकिन मेरी पकड़ से आजाद नहीं हो पा रहीं थी। मैं धीरे धीरे उनके गांड के उभारों पर पहुंचा और किस करना शुरू ही किया था कि उनकी चूत से झरना बहना शुरू हो गया और वो निढाल होकर लेट गई. मामी की चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने उनको सीधा किया और अपना 6 इंच लंड उनके हाथ में दे दिया जिसे वो प्यार से सहलाने लगी। फिर थोड़ी देर बाद जब मुझे ऐसा लगा कि अब मेरा निकलने वाला है तो उनका हाथ हटा दिया और उनके पैरों के नीचे एक तकिया लगाया और उनके पैरों को ऊपर करके लंड को चूत से सटा दिया और धीरे धीरे रगड़ने लगा जिससे उनके अंदर फिर से काम भावना जाग गई और वो अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठाने लगी।

मैंने देर न करते हुए निशाना लगाया और एक ही झटके में पूरा अंदर दाल दिया उम्म्ह… अहह… हय… याह… उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे होटों पर किस करने लगी. मैं थोड़ी देर ऐसे ही करता रहा, फिर धक्के लगाना शुरू किया और 15 मिनट तक उन्हें लगातार चोदा।

फिर मेरा जब निकलने वाला हुआ तो उनसे पूछा- कहाँ निकालूँ? मामी बोली- धक्के लगाना बंद मत करना… मेरा भी होने वाला है! और 8-10 धक्कों के बाद मेरा फव्वारा छूट गया और मैं उन्ही के ऊपर लेट गया।

उस रात मैंने तीन बार मामी की चुदाई की।

सुबह उन्होंने मुझसे कहा- माना कि तुम्हारे मामा का तुमसे एक इंच बड़ा है लेकिन जो सन्तुष्टि तुमने दी है, वो कभी नहीं मिली। आज से मैं तुम्हारी गुलाम बन कर रहूँगी चाहे जो कहो वो करेंगे। इसके बाद मैं कई बार मामी की चुदाई की. आपको मेरी मामी की चुत की चुदाई की सेक्सी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें! [email protected]

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