मेरी बीवी की सहेली के साथ डर्टी सेक्स

डर्टी सेक्स यह घटना अभी हाल ही में घटित हुई है, मेरी बीवी की सहेली और मेरे साथ!

बात कुछ ऐसे है कि दोपहर का टाईम था, घर में मैं और मेरी बीवी ही थे, मेरा बेटा उसकी दादी के साथ गाँव गया हुआ था। हम दोनों सोये हुए थे, मैं अंडरवीयर में ही था कि तभी डोरबेल बजी। मैंने कमर पर टावेल बांध लिया और दरवाजा खोल दिया. तो मैंने देखा मेरी बीवी की सहेली सुजाता आई थी, उसके साथ और एक आदमी था।

सुजाता के बारे में बताता हूँ, कद 5 फुट 5 इंच, साईज 34-28-32, रंग सांवला लेकिन एक नंबर माल दिखती है, शादी शुदा है, छः महीने पहले उसको लड़की हुई थी तो इसलिए शरीर एकदम भरा पूरा है। मैं एक बताना भूल गया मेरी बीवी एक मल्टीनेशनल कंपनी के साथ नेटवर्किंग माकेर्टिंग में काम करती है, उसके काम के लिए सुजाता घर आई थी।

मैंने उनको वेलकम किया और हॉल में बैठने के लिए बोला. मेरी बीवी और मैं कपड़े चेंज करने के लिए बेडरूम में आये। मेरी बीवी कपड़े चेंज करने बाथरूम में चली गई। मैंने बेडरूम में आकर टावेल निकाल दिया और दूसरे कपड़े पहने वाला था कि तभी सुजाता बेडरूम आ गई और मुझे इसी हालत में देख रही थी, मेरे अंडरवीयर के ऊपर से जो लंड का उभार दिख रहा था, वो बिना किसी शर्म के देख रही थी।

तभी बाथरूम के दरवाजा खुलने की आवाज आई और सुजाता वहाँ से भाग गई और बेडरूम के बाहर खड़ी हो गई, और मेरे बीवी को आवाज दी- मैडम, आ जाऊँ मैं अंदर? तब तक मैंने भी पैंट पहन ली थी।

उसके बाद वह हमारे घर में मार्केटिंग के काम से आने लगी। जब भी आती, एक कातिल मुस्कान देती थी और मेरे लंड की तरफ देखती थी। एक बार वो साड़ी पहन कर आई और मीटिंग के बाद मेरी बीवी दूसरे मेंबर्स के साथ बात करते करते बाहर चली गई.

तभी सुजाता ने जानबूझ कर पेन नीचे गिराया और नीचे झुक गई, वैसे ही उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया… वाह क्या नजारा था… उसके वक्ष तकरीबन 34″ के थे।

मैं भी देखता ही रह गया, मेरी पैंट में हलचल शुरू हो गई, मेरा लंड आकार लेने लगा। लेकिन तभी मेरी बीवी की आवाज आ गई और सुजाता सीधी हो गई, उसने पल्लू ठीक कर लिया।

कुछ दिन बाद वाशी में मीटिंग थी और मैं जॉब पे गया था। तभी मेरी बीवी का फोन आया- वाशी की मीटिंग के लिए मैं नहीं आ सकती, मुझे पनवेल जाना है, तो आप और सुजाता वाशी की मीटिंग के लिए चले जाईए! मैंने हाँ बोल दिया, पाँच बजे घर आया, कपड़े निकाले, और तौलिया लेकर नहाने जा ही रहा था कि डोरबेल बजी, दरवाजा खोला तो सामने सुजाता खड़ी थी. मैंने उसको पूछा- मीटिंग तो सात बजे है, अभी तो पाँच ही बज रहे हैं. तो वो बोली- मैडम ने बोला है कि सर आने के बाद उनको चाय देकर फिर मीटिंग के लिए निकलो, तो मैं जल्दी आ गई.

मैंने दरवाजा बंद किया, उसको बैठने के लिए बोला, और बोला- मैं नहाने जा रहा हूँ. तभी उसने मेरा टावेल खींच लिया, नीचे कुछ पहना नहीं था मैंने, उसने अपने मुंह पर हाथ रखते हुए बोला- हाय दैया… कितना बड़ा है! और साथ ही मुंह में लेकर चूसने लगी.

मैं बोला- सुजाता, क्या कर रही हो आप? वो बोली- जो बहुत दिन से करना चाहती थी, वही कर रही हूं! वो 10 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही और मैं आखरी मंजिल पे था, उसको बोला- हट जा, मैं आ रहा हूं!

उसने मुझे शांत रहने के लिए बोला और फिर मेरा पूरा वीर्य पी गई, मैं नंगा ही वहीं कुर्सी पर बैठ गया, मुझे तो बहुत मजा आया. मैं सुजाता को बोला- मुझे तेरा दूध पीना है. तो उसने झट से टॉप निकाल दिया और चुची मेरे मुंह में दे दी, मैंने दोनों चुची बारी बारी चूसी, बहुत मजा आया, सुजाता की दोनों चुची दूध से भरी हुई थी, खाली कर दी मैंने!

मेरी बीवी की सहेली बहुत गर्म हो चुकी थी लेकिन टाईम नहीं था, मैंने उसको बोला- तुम चाय बनाओ, मैं तब तक नहा लेता हूँ. और मैं बाथरूम में चला गया लेकिन मैंने बाथरूम का दरवाजा नहीं बंद किया क्योंकि मुझे मालूम था कि लोहा गर्म है तो आज कुछ ना कुछ नया होने वाला था!

मैं टायलेट में बैठा ही था (इंडियन स्टाईल) कि सुजाता की आवाज आई- सर चाय रेडी हो रही है! और उसने दरवाजा खोलने की कोशिश की तो दरवाजा खुल गया.

मुझे टायलेट में बैठा देखकर वो मुस्कुराई और फिर उसने एक एक करते हुए अपने सब कपड़े निकाल दिये और नंगी अंदर घुस गई, और अपनी चुत मेरे मुंह पर रख कर रगड़ने लगी, मैं चाटता ही जा रहा था, वो आ… आ… मैं मर गई बोल रही थी… और फिर वो छुट गई, मैं पूरा चुत का रस चाट रहा था. तभी कुछ खारा टेस्ट वाला रस भी जोर से बाहर निकला, वो मूत रही थी और मैं पी रहा था, मेरा पूरा शरीर उसके मूत से भर गया और मैं हग रहा था और वो निढाल होकर मेरे शरीर पे आ गई.

फिर उसने मुझे सॉरी बोला, मैं वैस ही उठा बिना धोये हुए, उसको भी उठाया. फिर सुजाता बोली- सर, आपने तो गांड धोई भी नहीं… मैं धो देती हूँ! फिर पानी लेकर वो धोने लगी और बीच बीच में गांड के अंदर उंगली डालने लगी.

उसके बाद तो पूछो मत… वो नंगी और मैं भी नंगा… वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, बोली- साहब और मत तड़पाओ, अब चुत में लंड डाल दो! मैंने उसको घोड़ी बनाया और लंड अंदर डालने की कोशिश करने लगा, जैसे लंड अंदर गया, सुजाता जोर से चिल्लाई- मैं मर गई… साहब निकालो बाहर जल्दी से… मुझे नहीं चुदवाना! लेकिन मैंने एक ना सुनी और जोर जोर से चोदता रहा.

फिर वो नॉर्मल हो गई और मेरा साथ देने लगी, और बोलती जा रही थी- लंड है या बड़ा सोटा है… मेरे आदमी का तो बहुत छोटा है… हाँ… चोदो साहब, आज इस चुत का भोसडा बना दो… आह आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो जोर से… जोर से…

ये सब बाथरूम में चल रहा था और मैंने शावर चालू कर दिया, इस तरह अॅडजस्ट किया कि शावर का पानी बराबर लंड के ऊपर पड़े… उससे जोर जोर से फचा फच आवाज आ रहा था और शावर का पानी लंड के साथ बुर में जाकर बाहर आ रहा था, उससे वो और गर्म हो रही थी. सुजाता जोर से चीखी- साहब मैं आ गई… आ…आ… सा … हा… ब… उसकी पूरी शक्टी निकल गई.

तभी मैं उसको बोला- रुको, मैं नीचे बैठता हूँ, तू ऊपर से बैठ! उसने वैसे ही किया और फिर उसकी चुची मुख में लेकर उसको नीचे से चोद रहा था.

वो बोली- मुझे ऐसा मजा पहले कभी नहीं आया… फिर वो निढाल हो गई.

मैंने फिर उसको नीचे लिटाया और जोर जोर से चोद रहा था. मैं उसको बोला- मैं आ रहा हूँ, मेरा माल कहाँ डालूँ? तो बोली- अंदर ही डाल दो, मैं सेफ हूँ… और मैं तुम्हें महसूस करना चाहती हूँ…

फिर मैंने जोर जोर से चोद कर मेरा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया. मैं इतनी जोर से कभी नहीं छुटा था.

वो बोली- मुझे मेरे बच्चेदानी तक तुम्हारा वीर्य का फव्वारा महसूस हुआ… ऐसा पहली बार मेरे जिन्दगी में हुआ है… मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा.

तभी मुझे लगा कि मुझे पेशाब लगा है… मैंने सुजाता को बोला- मुझे पेशाब करना है… तो बोली- मेरे मुंह के ऊपर बैठ जाओ… मैंने पूरा पेशाब उसके मुंह में कर दिया और वो खुशी से पी रही थी… मुझे भी मजा आया.

तभी फोन की घण्टी की आवाज आई… मेरी बीवी का फोन था… बोली- वाशी का मीटिंग आधा घंटा लेट हो गई है तो आठ बजे शुरू होगी. फिर मेरी बीवी बोली- तुम क्य कर रहे हो? मैं बोला- मैं चाय पी रहा हूँ. बोली- ठीक है, आप दोनों आराम से निकलो…

फिर क्या मेरी तो लाटरी लग गई… बाथरूम के अंदर गया तो सुजाता वैसे ही पड़ी थी… उसको बोला- मीटिंग आठ बजे है… तो अपने पास अभी दो घंटे हैं… क्या चाहती हो अभी तुम? बोली- मुझे दो नंबर को जाना है अभी… मैं बोला- कुछ नया अनुभव करने का क्या? मैं बोला- रुको… मैं बेडरूम में गया और वहाँ से कंडोम लेकर आया.

तभी सुजाता बोली- मेरे हगने का और कंडोम का क्या संबंध? मैंने उसको बोला- रुको ना यार… तुम देखती जाओ…

और दोनों टायलेट के ऊपर जाकर खड़े हो गये। उसको कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था… बोली- साहब क्या कर रहो हो? मैंने उसको बोला- अभी झुको… और मैं लंड उसकी गांड में डालने लगा. वो चिल्लाई- सर, ये क्या कर रहे हो… मुझे नहीं गांड मरवानी… मैं बोला- यार तुझे अच्छा लगेगा… लेकिन वो मानने के लिए तैयार नहीं थी.

उसको जोर का प्रेशर बना था, तो उसकी गांड को छेद खुल गया और वैसे मैंने लंड अंदर डाल दिया… वह इस हमले के लिए तैयार नहीं थी, वो जोर से चिल्लाई… तब तक मेरा लंड सुजाता के गांड के अंदर चला गया था… मैं जोर से उसकी गांड मारने लगा…जैसे लंड बाहर आता तो उसके साथ थोड़ी थोड़ी पॉटी बाहर आती और नीचे गिरती… पाँच मिनट में ही मैं अंतिम चरण पहुँच गया। डर्टी सेक्स की यह हिंदी चुदाई की कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

सुजाता हागते समय भी लंड से गांड मारने का आनंद ले रही थी।

आखिर मैंने जैसे लंड बाहर निकाला वैसे ही जोर उसके गांड से पॉटी मेरे लंड से होती हुई नीचे गिर गई। सुजाता बोली- सर यह कौन सा सेक्स था… लेकिन बहुत आनंद आया! अभी आप बाजू हटो, मुझे टायलेट पूरी करने दो… यह बोल कर वो नीचे बैठ गई और हगने लगी.

मैंने लंड से कंडोम निकाला और एक प्लास्टिक के थैली में डाल दिया और नहाना शुरू किया. तब तक सुजाता का भी हो गया था, वो भी मेरे साथ नहाई और बाहर आकर दोनों कपड़े पहन कर बैठ गये।

फिर उसको याद आया कि चाय तो बनाई ही नही! वो किचन में गई और बतर्न में उसके चुची से दूध निकालने लगी और उसकी चाय बना कर मुझे दी।

अभी तो टाईम था सिर्फ साढ़े छः बजे थे, मैंने सुजाता को पूछा- तुम्हें कुछ खाना है? फ्रिज में देखो, जो चाहिए वो ले लो.. तो वो फ्रिज में से ब्रेड और केला निकाल कर लाई और बोली- दोनों एक साथ खाऊंगी। मैं कुछ समझा नहीं।

वो मेरे पास आई और मेरे सामने नीचे बैठ गई, मेरी पैंट उतारी और जोर जोर से लंड चूसने लगी. थोड़ी देर में मैं आ गया, वो पूरा वीर्य ब्रेड पे लगाकर खाने लगी। मुझे कुछ अजीब लगा। तभी उसने मुझे कहा- वो केला मुझे खिलाओ नीचे से! मैंने केला लेकर उसका पूरा छिलका निकाला और उसको लेगी नीचे करने के लिये बोला. उसने वैसे ही किया, फिर छिला हुआ पूरा केला उसकी बुर में डाल दिया, ऊपर से हाथ लगा कर चुत को बंद किया। इससे वो गर्म हो गई.

तभी मैंने वो केला बाहर निकाला और खाने लगा और सुजाता को भी खिलाया।

कहानी मैं पहली बार लिख रहा हूँ, कुछ गलती हो गई तो माफ कर देना। यह डर्टी सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी, अपने विचार आप मुझे [email protected] पर भेजिये.