मेरा विवाह : एक अजब गजब हिंदी चुदाई स्टोरी-1

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मेरा विवाह की अजब गजब हिंदी चुदाई स्टोरी में आप पढेंगे कि मेरा विवाह किन हालातों में हुआ. मेरा नाम अशोक (बदला हुआ) है! इस समय मेरी उम्र 30 साल है और मेरे विवाह को करीब 11 साल हो गए हैं! इसमें आपको कोई आश्चर्य नहीं लगता होगा परन्तु अगर मैं आपको यह कहूँ कि मेरी वास्तव में 4 बीवियाँ हैं और समाज को दिखाने के लिए एक… तो आप क्या कहोगे? आप शायद सोच रहे होंगे कि मैं मजाक कर रहा हूँ या कोई काल्पनिक कथा सुना रहा हूँ! चलिए विस्तार से पूरी कहानी सुनाता हूँ।

मेरे परिवार में मेरी माँ, पापा और मैं थे। बड़ी अच्छी ज़िंदगी चल रही थी। एक दिन एक रोड एक्सिडेंट ने मेरे को अनाथ कर दिया। उस समय मेरी उम्र 18 साल थी और मैं +2 में था।

पापा ने लव मैरिज की थी इसलिए वो अकेले रहते थे। उनकी मौत के करीब डेढ़ साल बाद अचानक एक दिन एक फ़ोन आया किसी छोटे से कसबे से… कोई आदमी मेरे को वहाँ बुला रहा था और कह रहा था कि तेरे दादा सीरियस हैं… घर आ जाओ एक बार!

मैं हैरान कि मेरे दादा कहाँ से आ गये. खैर मैंने उनको हाँ कही और फ़ोन रख दिया।

फिर मैंने पापा के रिकार्ड्स चेक किये तो पता चला कि फ़ोन सही था और मेरे पापा उसी कसबे से थे। ये जान कर मैंने वहाँ जाने का फैसला कर लिया।

दो दिन के सफर के बाद आखिर मैं वहाँ पहुँच गया। वहाँ पता चला कि पापा उनके दूसरे लड़के थे। सारा घर सिर्फ पापा के फोटो से ही सजा हुआ था। खैर, दादा सीरियस थे और अपनी अंतिम साँसे गिन रहे थे, बस एक या दो दिन के मेहमान थे।

उन्होंने मुझे अपने पास बुलाया और कहा- बेटा, मैं तेरा और तेरे बाप का गुनाहगार हूँ, मुझे माफ़ कर दे। अब मेरे बाद तुझे इन जिम्मेदारियों का ख्याल रखना है। तेरे सर तेरी विधवा बुआ रज्जो (उम्र 29 साल), तेरी विधवा चाची रम्भा (उम्र 31 साल), तेरी चचेरी बहन मधु ( उम्र 21 साल) और तेरी विधवा चचेरी भाभी कामिनी (उम्र 22 साल) ज़िम्मेदारी है. तू चिंता मत कर… मैंने करीब 90 लाख रुपये बैंक में डलवा दिए हैं जिनके बारे में इनको नहीं पता, तू बस इनका ख्याल रखना. हाँ… लेकिन रम्भा से बच कर रहना, वो बड़ी नटखट है। बाकी कामिनी ठीक है, और बाकी दोनों तो खैर अपना खून है।

मैंने पूछा- लेकिन दादाजी, मैं ये सब कैसे कर पाऊँगा? और फूफाजी, चाचाजी, भैया कैसे? ‘बेटा! तेरे माँ बाप और ये सब मेरे कहने पर मिलने वाले थे, लेकिन उस भयंकर एक्सीडेंट में सब काल का ग्रास बन गए! तेरे बाप को मनाने और मेरे आखिरी समय में मेरे पास बुलाने के लिए सब वहाँ गए थे और तेरे माँ बाप मान भी गए थे लेकिन भगवान को और कुछ मंज़ूर था। बेटा! अब तू मधु की शादी करवा देना, कामिनी अभी सिर्फ 22 साल की है और अगर कामिनी को तू अपना सके तो अच्छा होगा, नहीं तो उसकी शादी जल्दी करवा देना। हाँ, रज्जो और रम्भा शादी नहीं करेंगी लेकिन वो तेरा ख्याल सकती है इसलिए उनको अपने साथ रखना।’ दादाजी बोले।

मैंने कामिनी और मधु को एक सेकंड के लिए देखा और दादाजी की बेवकूफी पर दया आई। कामिनी गेहुंए रंग की औसत हाइट की औरत थी, उसकी ख़ास बात थी उसके मोटे मोटे भारी भारी गोल मटोल चूतड़, उसकी गांड इतनी बड़ी भारी और सेक्सी थी कि उसको देख कर लंड अपने आप खड़ा हो जाता था। मेरे लंड को जैसे बस उसकी मुलायम गांड का इंतज़ार है। मेरे हाथ उसके चूतड़ों को सहलाने के लिए बेकरार हैं।

और मधु! वो घर में जैसे चलती फिरती सेक्स बम थी। बिल्कुल गोरा रंग और उस पर काली बैकलेस वायर्ड डीप कट मैक्सी पहन कर रखती थी। मैक्सी में से उसके गोरे गोरे चुची देख कर मुँह में पानी आ जाता था, दिल करता था कि उसकी चुची को चूस चूस कर लाल कर दूँ। उसकी कमर तो सफ़ेद मक्खन जैसी थी जिसको आदमी बस चाटता रहे। उसके खुले गोरे गोरे कंधे दिल को बेचैन कर रहे थे कि बस उसे बाँहों में भर लूँ।

फिर मुझे रज्जो और रम्भा नज़र आई। दोनों पेटीकोट और स्लीवलेस लो कट ब्लाउज में रहती थी। दोनों की मोटी मोटी गोरी चुची, बड़े बड़े होंठ और सेक्सी कमर देख कर दिल किया कि दोनों को नंगी करके पहले तो लंड चुसवाऊँ फिर दोनों को जी लगा कर चोदूँ। मैंने सोचा चलो ये दोनों सही, फिर शादी तो किसी सेक्सी माल से होगी ही, वो मधु और कामिनी की कमी नहीं खलने देगी।

दादाजी ने कहा- मुझे मालूम है कि तुम क्या सोच रहे हो। इसमें कुछ गलत नहीं है क्योंकि तुम्हें इनमें सिर्फ औरत ही नज़र आएगी। पारिवारिक विचार शायद ना भी आये। ये चारों किसी और को घास भी नहीं डालती। सिर्फ कामिनी घर में पूरे कपड़ों में रहती हैं। कल शाम को तुमने आना था इसलिए बाकि तीनों ने साड़ी पहनी थी। वरना ये तीनों सिर्फ पेटीकोट और ब्रा में रहती हैं। रम्भा विधवा होने के 16 वें दिन से ही मेरा लंड चूस कर काम चला रही है। जब तक वो दिन में दो बार मेरा लंड नहीं चूसती, उसको चैन नहीं पड़ता। मेरे को भी उसकी चुची और चूत चाट कर उठने और सोने की आदत हो गई है। रम्भा और मैं नंगे ही सोते हैं। रज्जो और रम्भा मेरी मालिश अपनी चूचियों से करती है। इनकी चूचियों से सरसों के तेल की मालिश के कारण ही मैं ज़िंदा हूँ। रज्जो मेरा लंड चूसती नहीं, परन्तु रम्भा के लंड चूसने के बाद खुद की चुदाई करवाती है। परन्तु दो-तीन दिन में एक बार मधु और कामिनी अपनी सन्तुष्टि एक दूसरी से कर लेती है। कल तुम्हारे आने के बाद, जब तुम नहाने गए थे तब रम्भा ने कि वो और रज्जो तुम्हारी रखैल भी बन जाएँगी लेकिन किसी और का लंड अब नहीं लेंगी। बेटा, मैं अब एक या दो दिनों का मेहमान हूँ, मेरी बात मानो, रम्भा और रज्जो तुम्हें स्वर्ग का एहसास दिलवा देंगी। हाँ, अगर तुम कामिनी से शादी कर लो तो तुम्हारी पूरी ज़िंदगी ऐश से गुज़रेगी। कामिनी भले ही मेरे से ना चुदती हो पर उसे बाकी चीज़ों से कोई ऐतराज़ नहीं है। उसी ने कल कहा था कि अगर तुम उससे शादी कर लो तो रज्जो, रम्भा और उसकी ज़िंदगी आराम से कटेगी। भई, आखिर मेरे पोते का लंड तो तीनों को मिलेगा और घर की बात घर में सिमट जाएगी। बाद में तीनों के बच्चे हो जायेंगे तो उनमें व्यस्त… तीन चूत और छः चुची तुम्हारा इंतज़ार कर रही हैं।

‘मधु का गोरा रंग मेरे लंड को उबाल रहा है। उसकी गोरी मक्खन जैसी चुची और पीठ चाटने को मैं बेताब हूँ। मैं चारों से शादी करने को तैयार हूँ और दुनिया को दिखाने के लिए कामिनी से शादी कर लूँगा।’ मैंने बेशर्मी से कहा। यह हिंदी चुदाई स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

‘जब से माँ और पापा की मौत हुई है कोई नंगी औरत नहीं देखी, वरना पापा और मम्मी मेरे सामने ही सेक्स करते थे। माँ जब पापा का लंड चूसती थी तब मेरा लंड भी खड़ा हो जाता था। माँ ऑस्ट्रिया से थी इसलिए उनका गोरा बदन और बड़ी चुची अच्छी लगती थी। अक्सर मैं उनकी और पापा की मालिश भी करता था उनके सेक्स करने से पहले! माँ की चुची बहुत बड़ी और सॉफ्ट थी। जिस दिन वो गए थे उस दिन उन दोनों ने आखिरी बार मेरे सामने सेक्स किया था। उन दोनों ने ऑफिस से आते ही एक दूसरे के कपड़े उतारे और माँ ने पापा का लम्बा लंड मुँह में ले लिया। उनके होंठ लंड के सुपारे से लेकर नीचे तक तेज़ी से ऊपर नीचे हो रहे थे, उनकी जीभ लंड पर चक्कर काट रही थी। माँ ने करीब 15 मिनट तक लगातार लंड चूसा। पापा भी माँ के मुँह को चोदने का आनंद ले रहे थे। फिर माँ ने पापा के निप्पल चूसना शुरू किया और सारे बदन को चाटते हुए उनके होंठ चूसने लगी। फिर माँ अपनी दोनों टांगें खोल कर खड़ी हो गई और पापा को नीचे बैठा कर उनके मुँह को अपनी चूत में लगा दिया। पापा भी मुँह से चुदाई के उस्ताद थे, अपनी जीभ से दस मिनट में माँ को तीन बार झाड़ दिया उम्म्ह… अहह… हय… याह… और उनका सारा रस पीकर उनकी चुची को चूसने लगे। फिर माँ को उन्होंने कुतिया बनाया और लंड एक ज़ोरदार झटके के साथ अंदर डाल दिया। पापा के झटकों की रफ़्तार और माँ की सीत्कार ने कमरे का तापमान बढ़ा दिया। काफी देर तक चुदाई के बाद दोनों ज़मीन पर लेट गए। एक घंटे की नींद लेने के बाद पापा नहा कर तैयार हो गए और माँ ने मेरे से तेल मालिश करवाई और तैयार हो गई। फिर वो घर से चले गए और…

दादाजी ये सब सुनने के बाद कुछ कहते, इससे पहले मधु की आवाज़ आई- मेरे गोरे भैया! कल तुम्हारी हम चारों से शादी है। फिर तुम एक नहीं चार नंगी औरतों के साथ रहना। और तुम मादरचोद तो नहीं बने लेकिन बहनचोद, बुआ चोद, चाची चोद और भाभी चोद ज़रूर बन जाओगे। और कल से हम तुम्हारी और तुम हमारी मालिश करोगे। सिर्फ आज आज का इंतज़ार करो।

यह हिंदी चुदाई स्टोरी जारी रहेगी. [email protected]

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