तेरा लंड टेड़ा है पर अब मेरा है-3

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तेरा लंड टेड़ा है पर अब मेरा है-1 तेरा लंड टेड़ा है पर अब मेरा है-2 अब तक आपने इस चुदाई की कहानी में पढ़ा कि मैं भाभी के साथ उनके घर में था तभी डोरबेल बजी और मेरी गांड फट गई। अब आगे..

भाभी ने डोर खोल कर देखा तो शायद बाजू वाली आंटी थीं.. तो थोड़ी देर में बाद सुनयना भाभी वापस आईं और उन्होंने कहा- मैं दस मिनट में आती हूँ.. तुम तब तक टीवी देखो। मैं उनके बेडरूम में जाकर टीवी देखने बैठ गया। चूंकि हॉल में कोई भी आ सकता था इसलिए मैं बेडरूम में आ गया। मैं टीवी पर इंग्लिश मूवी देखने लगा। उसमें आते हुए सेक्सी सीन देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था, पर मुझे थकान के चलते नींद सी आ रही थी।

भाभी का इंतजार करते हुए मैं वहीं कब सो गया.. मुझे भी पता नहीं चला। थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ी गर्मी लगी तो मैंने मुश्किल से थोड़ी आँख खोली तो मुझे शॉक लगा कि सुनयना भाभी मेरे पैर के पास सिर्फ ब्रा और पैंटी में बैठी थीं.. और मेरे पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसल रही थीं।

जैसे ही मैंने आँखें पूरी खोलीं.. तो वो डर के उठीं और जल्दी से गाउन पहन कर खड़ी हो गईं और सॉरी कहने लगीं। मुझे उन पर तरस आया, मैंने उनकी आँखों से आंसू पोंछे और कहा- मैं तुम्हारे हालात को समझ सकता हूँ। भाभी ने मुझे जोर से गले लगाया और कहा- प्लीज़ दीप मैं बहुत दिनों से भूखी हूँ.. मैं तुमसे ज्यादा भरोसा और किसी पर नहीं कर सकती हूँ।

मैंने उन्हें पकड़ कर नीचे सोफे पर बैठा दिया और कहा- तुम जो चाहती हो.. वो मैं भी चाहता हूँ, पर तुम्हारे पति के बारे में सोच कर मैं ये सब करना सही नहीं समझता हूँ। भाभी ने कहा- मैं भी उस बारे में सोच कर रुक जाती हूँ.. पर आज तुम्हारे लंड को पैंट में फूला हुआ देखकर मैं खुद को कंट्रोल नहीं कर सकी। चूंकि मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने भी बिना सोचे उनको किस किया और कहा- मैं भी कंट्रोल नहीं कर सकता.. मुझसे और रहा नहीं जा रहा है।

फिर क्या था.. उन्होंने भी मुझे अपनी बांहों में भर लिया और फिर मेरे होंठों को अपने होंठों से लिए चूसने लगीं। मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया तो वो भी उसने पैंट के ऊपर से ही दबाने लगीं।

मैंने अपनी पैंट को थोड़ा नीचे किया तो भाभी ने अपना गाउन निकाल दिया और नीचे बैठ कर मेरे अंडरवियर को नीचे कर दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर जोरों से चूसना चालू कर दिया। भाभी के लंड चूसने से मैं तो पूरा पागल हो गया था। मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और उनके मम्मों को मसलने लगा।

कुछ देर में मैंने उन्हें उठाया और बेड पर बैठा कर उनके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा तो वो भी जोश में आ गईं और मेरी पीठ पर अपनी उंगलियों को जोर से घिसते हुए बोलने लगीं- प्लीज़ दीप.. जल्दी.. फ़क मी। उसकी मादक आवाज से तो मैं पागल हो रहा था। फिर मैंने अपने एक हाथ को भाभी की चूत पर रखा और उनकी पेंटी निकाल दी। फिर अपनी उंगली उनकी चूत के अन्दर डाली तो भाभी की चुत एकदम गर्म महसूस हुई और गीली भी।

तभी सुनयना भाभी ने अपनी चुत से मेरा हाथ खींच लिया और मेरी उंगली को चूसने लगीं।

मैंने जल्दी से अपने खुद के कपड़े निकाल दिए और सुनयना भाभी पर टूट पड़ा, बहुत देर तक हमने किसिंग की, फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। अब वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थीं और मुझे उनकी चूत चूसते हुए मजा आ रहा था।

क्या कोमल मक्खन सी चूत थी..

थोड़ी देर बाद मुझे याद आया अगर कुछ मीठा इसकी चूत पर लगा होता तो मजा आ जाता।

मैंने उन्हें दो मिनट रुकने को कहा और फ्रीज़ में खोजने से हनी की बॉटल मिल गई। बस फिर क्या था, मैंने उनके मम्मों पर पहले हनी लगाया.. फिर उनकी चूत पर भी शहद लगा दिया। इससे मस्त हो कर भाभी ने भी मेरे लंड पर शहद लगा दिया और लंड चूसने लगीं। मैं उनकी चूत को चूसने लगा।

अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था तो मैंने उनको सीधे लेटाया और उनकी चूत पर अपना लंड सैट करके हल्का सा अन्दर पेला.. तो वो थोड़ा चिल्ला उठीं। मैंने पूछा तो भाभी ने कहा- मेरे पति का लंड बहुत ही छोटा है.. केवल 3 इंच का है और तुम्हारा 6 इंच का है.. तो थोड़ा धीरे से करो!

मुझे भी भाभी की चूत टाइट लगी थी तो मैं भी लंड को थोड़ा धीरे-धीरे अन्दर डालता जा रहा था।

पर आखरी बार थोड़ा और जोर से अन्दर डाला तो भाभी फिर से चिल्लाईं- मर गई मैं.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… दीप जल्दी से बाहर निकालो अपने लंड को.. आह्ह..

वो रोने लगीं तो मैंने थोड़ा झुक कर उनके होंठों को अपने मुँह में ले लिया। अब अपने हाथ को उनके गालों पर रख कर सहलाया और दूसरे हाथ से उनके बालों के ऊपर से घुमाया और बिना हिले उन्हें शांत किया। साथ ही लंड को अन्दर ही डाले रखा।

थोड़ी देर बाद वो खुद ही अपनी गांड को हिलाने लगीं और भाभी ने कहा- अब अच्छा लग रहा है, प्लीज़ अब रुकना मत और जोर से मुझे चूत में खुजली हो रही है।

मैं भी जोश में लंड को आगे-पीछे करने लगा.. अब भाभी को मजा आने लगा। चूँकि मेरा लंड केले की तरह मुड़ा हुआ है उस वजह से भाभी की चूत के अन्दर पूरी जगह पर वो घिसता हुआ अन्दर बाहर हो रहा था। भाभी को फुल मजा आ रहा था और ऊपर से मैं उन्हें खूब किस कर रहा था। मैंने भाभी के कानों को चूस कर पूरी तरह से गीला कर दिया था। मैंने भाभी की नाक को भी नहीं छोड़ा.. उस वजह से भाभी पूरी मदहोश हो गई थीं। उस वक्त वो क्या कातिल माल लग रही थीं उनका पूरा बदन मैंने चूस कर गीला किया था।

वो इस दौरान कम से कम 4 बार छूट चुकी थीं। भाभी की चूत इतनी गीली हुई पड़ी थी कि मेरा लंड आराम से अन्दर-बाहर जा रहा था।

तभी वो फिर से अकड़ने लगीं और मुझे ‘आई लव यू दीप..’ कहने लगीं। मुझे समझ में आ गया कि वो फिर छूटने वाली हैं। मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। थोड़ी देर बाद उनकी चूत के अन्दर ही माल डाल दिया और उनके ऊपर ही पड़ा रहा।

फिर मैंने उन्हें थोड़ी देर बाद अपने ऊपर ले लिया और उनके मम्मों को चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मेरा लंड अपने आप ही बाहर आ गया तो वो उठ कर बाथरूम में जाने लगीं। मैंने कहा- रुको ना.. थोड़ी देर के बाद दोनों साथ ही नहायेंगे। तो उन्होंने कहा- तुम आओ ना.. मुझे पेशाब लगी है।

तो मैं भी जल्दी से उठ कर उनको अपनी गोद में उठा कर उन्हें बाथरूम में लेके गया। मैंने उनसे कहा- मुझे भी करनी है। तो उन्होंने कहा- हाँ चलो मैं तुम्हारे ऊपर मूतती हूँ और तुम मेरे ऊपर मूतना।

मैंने भी हाँ में हाँ मिला दी। मैंने अपने लंड से उन्हें पूरा नहला दिया और उन्होंने मेरा मुँह पर ही अपना सारा पानी निकाल दिया।

फिर शावर का गर्म पानी चालू किया और दोनों ने एक-दूसरे को साबुन लगा कर किस करते हुए नहाया।

अब भाभी ने मेरे करीब आईं। उन्होंने अपने दोनों हाथ से मेरे कन्धे जोर से पकड़े और दोनों टांगे उठा कर मेरी कमर से लटक गईं। फिर वो मेरे होंठों को काटने लगीं। हम वैसे ही बाहर आए और बेड पर जाकर बैठ गए।

अब हम दोनों दूसरे राउंड के लिए तैयार हो गए। मैंने अपना लंड उनके मुँह में घुसेड़ दिया और उनके मुँह को ही चोदने लगा। फिर उनकी चूत को मैं अपने मुँह से चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने खड़े होकर उनके पैरों को पकड़ कर खींचा और दोनों पैर को फैला दिया। इसके बाद मैंने उनकी चूत को अपना निशाना बनाया और अपने लंड को उनकी चूत में पेल डाला। इस बार हमारी चुदाई बहुत देर तक चली और मैंने इस बार अपना पूरा माल उनके मुँह में गिराया, वो बहुत खुश थीं।

हम एक-दूसरे को लिपट कर सोये और थोड़ी देर बाद हमारी बातें शुरू हुई। उन्होंने कहा- मेरे पति भी हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं, उनका साइज़ छोटा है.. पर मुझे उनके अलग अलग तरीके पसंद हैं। तुम्हारा लंड उनसे बड़ा है पर टेड़ा है.. इसलिए मुझे ज्यादा पसंद आया।

‘फिर से बोलो ना!’ भाभी ने हंसते हुए कहा- तेरा लंड टेड़ा है.. पर अब मेरा है। हम दोनों हँसने लगे.. तभी मैंने उन्हें याद दिलाया कि मैंने अपना माल अन्दर ही गिरा दिया है। तो उन्होंने कहा- कोई बात नहीं.. मैं गोलियां खा लूँगी।

उस रात को मैंने दो बार चुदाई की और सुबह जल्दी उठकर अपने काम पर लग गया। फिर ये सिलसिला ज्यादा दिन चला.. पर कुछ दिनों बाद वो कहीं और अपने पति के ही साथ रहने लगीं। आज भी कभी-कभी उनका कॉल आ हांता है.. पर हम नॉर्मल दोस्त बन कर रह रहे हैं।

आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी.. मुझे जरूर मेल कीजिए। [email protected]

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