गर्लफ्रेंड की गुलाबी चुत की हिंदी चुदाई कहानी

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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं आपको अपनी प्रथम चुदाई की कहानी बता रहा हूँ। यह मेरी गर्लफ्रेंड की गुलाबी चुत की पहली बात चुदाई की हिंदी कहानी है। सभी अपने मन को शांत कर लें क्योंकि अब सब का लंड उत्तेजित होने वाला है।

यह बात है आज से 2 साल पहले की, जब मैं 12वीं में पढ़ता था। मैं बहुत ही जोशीला हूँ.. किसी भी मस्त लड़की को देखकर मेरा लंड फुंफकार मारने लगता था।

बारहवीं क्लास के 6 महीने बीत चुके थे और मेरा लंड अब चुत की तलाश में था। कोशिश करने पर एक पटाखा मुझे पट गई, बस फिर क्या.. शुरू हो गया गर्लफ्रेंड के संग प्यार का खेल।

वो तो पहले से ही मुझसे पटने को राजी थी लेकिन मैंने ही कभी उस पर ध्यान नहीं दिया था। अब मैं उससे रोज मिलता था और रोज उसको प्यार करता था।

मेरी गर्लफ्रेंड बहुत प्यारी थी.. उसको ना तो बहुत गोरी ओर सांवली कहा जा सकता.. बस वो एक अनछुई कली थी। उसने भी अपनी जवानी में कदम रखा ही था। उसका बदन एकदम गद्दे की तरह मांसल था.. पतली तो नहीं थी, लेकिन बहुत मोटी भी नहीं थी.. एक भरे हुए जिस्म की मलिका थी।

उसे भी कभी-कभी बहुत गर्मी चढ़ती थी, तो फोन पर ही गर्म हो जाती और कहती कि मिलने आ जाओ। आज मैं तुम्हारी प्रतीक्षा करूँगी। लेकिन मैं मजबूर था.. मैं तो रात को कहीं जा नहीं सकता.. पापा जो रात-रात भर जागते रहते हैं।

लेकिन यह तय हो गया था कि मिल कर चुदाई करनी है, तो अब हम दोनों मौके की तलाश में रहने लगे। जब भी थोड़ा सा भी मौका मिलता तो तुरंत चूमना शुरू हो जाता। मैं उसके भरे हुए मम्मों को खूब मसलता। पूरे 32 इंच के चूचे थे उसके.. बहुत रसीले थे।

एक दिन मेरे घर में कोई नहीं था और हमें मौका मिल गया, मैंने उसे कॉल करके अपने घर बुला लिया। उसने मुझसे कहा- तुम मुझे मेरे घर के पास से ले लो। मैं उसे उसकी बताई जगह पर लेने गया।

वो एक सफेद टॉप और काली जीन्स पहने हुए एक बॉम्ब लग रही थी। मैंने वहीं पर उसे जोर से एक स्मूच किस किया और बाइक पर बिठा कर अपने घर ले आया।

गर्मी का मौसम था.. मैंने तुरंत अपने कपड़े बदल कर बॉक्सर पहन लिया और कूलर चला कर उसे भी बिठा दिया। थोड़ा आराम करने के बाद दोनों ने आइसक्रीम खाई और एक-दूसरे को चुम्मियां भी करते रहे।

सभी लोग जानते होंगे कि जब कोन आइस्क्रीम हो तो लास्ट में चॉकलेट के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती है। उसने जल्दी से वो चॉकलेट अपने होंठों में दबा ली। मैंने भी तुरंत उसके होंठों से होंठ मिला दिए और चॉकलेट काटने लगा। इस छीना झपटी में उसका होंठ काट गया। लेकिन बिना इसकी परवाह किए हम दोनों एक-दूसरे को बेतहाशा चूमने लगे.. सब कुछ भूल गए।

मैंने उसके टॉप को उसके बदन से अलग कर दिया। उसके दूध ब्रा से आधे बाहर झाँक रहे थे। मैंने देर ना करते हुए उसकी दोनों चुचियों अपने हाथों में भर लिया और उसको माथे से चूमते हुए नीचे आने लगा।

अब तक मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी थी। उसकी ब्रा खुलते ही मैं तो समझो पागल हो गया..उसकी गोलाइयां देख कर मेरा दिमाग पागल सा हो गया।

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मैंने जी भर के उसकी दोनों चुचियो को बारी-बारी से खूब चूसा.. इतना अधिक चूसा कि दोनों मम्मों को बिल्कुल लाल कर दिया। यह हिंदी चुदाई कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

अब वो जोर-जोर से साँसें ले रही थी। मैं जींस के ऊपर से ही उसकी चुत को रगड़ रहा था। कुछ पल बाद मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी। हय.. क्या चुदासी लग रही थी.. लाल और काली धारीदार पैंटी में एक इंग्लिश माल लग रही थी। मैंने उसकी चुत को रगड़ते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया। अह.. देखा तो छोटी सी एकदम साफ़ गुलाबी चुत चमक रही थी।

मैंने पूछा तो उसने बताया मेरे कॉल करने के बाद ही उसने चुत की झांटों की सफाई की थी।

मुझसे रहा नहीं गया और तुरंत उसकी चुत पर चुम्मियों की बरसात कर दी। वो आँखें बंद करके मज़े ले रही थी। उसकी चुत से बहुत पानी आ रहा था। वो अपनी गांड जो कि 32 इंच की होगी.. उठा-उठा कर चुत चुसाई के मज़े ले रही थी।

इधर मेरा लंड भी फटा जा रहा था। मैंने उसका हाथ पकड़ कर लंड पर रखा और आगे-पीछे करने लगा। साथ ही मैं उसकी चुत भी मसले जा रहा था। उसकी गदराई चुचियों को भी बारी-बारी से चूस रहा था। अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी। मुझे भी अब सही समय लगा और मैं उसके ऊपर आ गया।

मैंने लंड को उसकी गुलाबी चुत के छेद पर फिट किया और जैसे ही जोर लगाया तो लंड फिसल गया। दो बार ऐसे ही हुआ.. क्योंकि जैसे ही मैं धक्का मारता वो हिलने लगती। जब लंड घुसने में नाकाम हो गया तो वो हंसने लगी। मुझे गुस्सा आ गया.. फिर मैंने भी बिना कुछ सोचे उसको कंधों को पकड़ लिया.. लंड को निशाने पर लगा कर बिना उसकी कुछ सुने, बस धकेलता गया। वो चीखते हुए मुझे पीछे को हटाती रही.. मैंने एक भी ना सुनी।

बाद में देखा तो मेरी बनियान में खून लग गया था। उसने भी मेरी पीठ पर नाखूनों से खून निकाल दिया।

फिर उसके सामान्य होने पर धीरे-धीरे चुदाई शुरू हो गई। पहला दौर तो 3 मिनट ही चला। मैंने बिना लंड को चुत से बाहर निकाले दूसरा दौर शुरू कर दिया। अबकी बार 20 मिनट तक खूब चोदा और दोनों साथ में ही झड़ गए। इसके बाद कुछ देर तक दोनों ने आराम किया.. और थक कर सो गए। शाम को 4 बजे नींद खुली तो फिर दोनों शुरू हो गए और एक बार जम कर चुदाई हुई।

इसके बाद उसने खुद को साफ किया और मेरे लंड को भी साफ़ किया। उसके बाद वो अपने घर चली गई।

इसके बाद तो जैसे उसके लिए मैं पक्का चोदू हो गया था। मैंने उसकी गुलाबी चूत को बहुत बार चोदा.. वो फिर कभी बताऊंगा।

मेरी हिंदी चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, ज़रूर बताएं। [email protected]

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