रैगिंग ने रंडी बना दिया-2

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हैलो फ्रेंड्स, आपने इस सेक्स स्टोरी में अब तक मोना और गोपाल की चुदाई के बारे में पढ़ा था।

अब आगे..

गोपाल- अरे तुमने लंड को इतना ज़बरदस्त चूसा कि वो चुत में टिक ही नहीं पाया मगर तुमने जल्दबाज़ी क्यों की.. तुम आराम से निकालतीं। मोना- कैसे निकालती.. तुम्हारा पानी निकलने के साथ ही लंड मुरझा जाता है, उसके बाद आधा घंटा वेट करती क्या? गोपाल- अरे जान.. मैं चुत चूस कर तेरा पानी निकाल देता ना! मोना- नहीं गोपाल.. जो मज़ा लंड से पानी निकलवाने में आता है.. वो ऐसे नहीं आता है और वैसे भी दूसरी बार तुम्हारा देर से निकलता है.. मैं तब मज़ा ले लूँगी।

गोपाल- ठीक है मेरी जान.. दूसरी बार तेरी जम कर चुदाई करूँगा और आज तो तेरी गांड भी मारूँगा। मोना- ओह नहीं गोपाल, गांड नहीं.. पहले भी तुमने ट्राइ किया था.. बहुत दर्द होता है यार। गोपाल- अरे ऐसे डरेगी तो कैसे चलेगा.. आज बड़े प्यार से मारूँगा बस तू हां कर दे। मोना- उह गोपाल तुम कितने अच्छे हो काश पहले ही ऐसे प्यार से मेरी गांड मार लेते.. तो हम दोनों को ही डबल चुदाई का कितना मज़ा आता।

गोपाल- तुम तो जानती हो.. मेरी जॉब ही ऐसी है.. नहीं तो तेरी ये इच्छा भी पूरी कर देता। अच्छा अभी मुझे थोड़ा आराम करने दो उसके बाद दोबारा तेरी चुदाई करनी है। मोना- ठीक है मेरे प्यारे गोपू.. मैं चाय बना के लाती हूँ.. तब तक तुम आराम कर लो। गोपाल- अरे नहीं नहीं.. अभी चाय क्यों.. मैं थोड़ा सुस्ता लूँ, उसके बाद जब उठूँ तब चाय बना देना। मोना- इसका मतलब तुम सो रहे हो क्या गोपाल.. कभी तो अपना वादा पूरा किया करो यार? गोपाल- अरे करूँगा ना दोपहर को जब उठूँगा तो दिमाग़ और लंड तरोताजा होगा.. बस उस टाइम तेरी जमकर चुदाई करूँगा ना।

मोना ने गोपाल को मनाने की बहुत कोशिश की मगर वो सारी रात का जगा हुआ कहाँ मानने वाला था, उसने चादर खींची और सो गया।

मोना का मूड तो एकदम खराब हो चुका था, वो वहाँ से उठकर दूसरे कमरे में चली गई और रोने लगी।

दोस्तो, यहाँ तो गड़बड़ चल रही है.. चलो कहीं और चलते हैं।

कॉलेज की कैंटीन में लड़के और लड़कियां बैठे नाश्ता कर रहे थे.. उधर एक ग्रुप सबसे अलग ही बैठा हुआ है.. जो हमारी कहानी के किरदार हैं।

तो चलो आपको उनसे मिलवा देती हूँ।

संजय सिंह.. अच्छी कद काठी का बॉडी बिल्डर टाइप का लड़का और इस ग्रुप का मेन लीडर भी यही है। इसकी बाकी की खूबियां बाद में बताती हूँ। दूसरा वीरेन चौधरी उर्फ वीरू उम्र 24 साल, ये भी संजय की तरह जिम वगैरह जाता है.. तो इसकी बॉडी भी अच्छी बनी हुई है। तीसरा विक्की जोशी उम्र 24 ये ठीक-ठाक सा ही है.. चौथा अजय शर्मा उम्र 23 साल दुबला-पतला सा है। पाँचवां साहिल ख़ान, इसकी उम्र 22 साल है। ये भी जिम वाला ही है और सबसे हैण्डसम भी है।

इनके साथ टीना शर्मा, उम्र 22 साल छोटे-छोटे बाल, एकदम वाइट.. दिखने में भी मस्त फिगर 34-30-32 की है। चलो इनका परिचय तो हो गया। अब इनकी बातें भी सुन लेते हैं।

विक्की- यार कॉलेज शुरू हुए 5 दिन हो गए, कोई ढंग का माल अभी तक नहीं आया साला इस साल तो लगता है रेगिंग का मज़ा ही नहीं आएगा। अजय- हाँ यार इस बार तो कुछ मज़ा ही नहीं आ रहा। संजय- अबे चुप साले चूतिये, कल तो उस लड़की के बड़े मज़े ले रहा था और आज कहता है मज़ा नहीं आया। टीना- हाँ संजू साला हरामी, उसका माप लेने के बहाने उसके चूचे दबा रहा था.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हा हा हा हा।

वीरू- अरे इसको तो चूचे देखते ही छूने का मन हो जाता है.. ये साला बड़ा ठरकी है। साहिल- क्या रे टीना तू लड़की होकर लड़कियों की खिंचाई करती है.. वो भी गंदे तरीके से, तुझे शर्म नहीं आती क्या? टीना- ओ शरीफजादे.. मैं फर्स्ट ईयर में आई थी.. पता है सालों ने क्या करवाया था मुझसे, उससे गंदा तो मैंने कुछ किया ही नहीं है। साहिल- अच्छा अच्छा ज़्यादा गुस्सा ना हो.. तेरे से कौन जीत सकता है। विक्की- अरे अरे वो देखो नया मुर्गा आ रहा है, चलो सब मिलकर साले की लेते हैं।

दोस्तो, इनकी बातों से आपको पता चल हे गया होगा कि ये कॉलेज के बिगड़े हुए सीनियर हैं और ये सब मिलकर नए आने वाले की रैंगिंग करते हैं। टीना जो है वो संजय की प्रेमिका है और बाकी सब ऐसे ही हैं, मौका देख कर चौका मार देते हैं।

ये सब तो नए लड़के की लेने में बिज़ी हो गए और हमारे काम का यहाँ कुछ है भी नहीं, तो चलो आज का दिन यहीं ख़त्म करते हैं और कहानी के नाम के मुताबिक उसकी असली शुरूआत करते हैं।

दूसरे दिन सुमन जल्दी उठ गई थी, आज कॉलेज में उसका पहला दिन था, उसके पापा उसको छोड़ने आए थे।

आज सुमन ने लाइट ब्लू सलवार कमीज़ पहना था। कंधे पर दुपट्टा बांधे हुए बाल और कोई मेकअप भी नहीं, वो इस लिबास में बड़ी ही मासूम और खूबसूरत लग रही थी।

अजय- संजू वो देखो एकदम नया माल आ रहा है मगर साथ में उसका बाप लगता है शायद। संजय- अबे लगता क्या साले उसका बाप ही है.. अभी वापस चला जाएगा साला, इसके साथ थोड़े ही अन्दर तक आएगा।

वो सब सुमन को आता हुआ देख रहे थे, बस उसके पापा उसके सर पे हाथ रख कर वापस चले गए।

जैसे ही सुमन उनके पास से गुज़री तो वीरू ने उसको आवाज़ देकर अपने पास बुला लिया और वो भी चुपचाप उनके पास आ गई।

विक्की- तुझमें थोड़ी भी अकल नहीं क्या.. ये कॉलेज है यहाँ स्कूल के बच्चे नहीं आ सकते, चल वापस जा! विक्की की बात सुनकर सब हंसने लगे।

सुमन- ज्ज्ज..जी वो मैं फर्स्ट ईयर आर्ट्स में हूँ.. आज मेरा यहा पहला दिन है। अजय- ओये होये.. क्या बात है तू इत्ती सी तो है और कॉलेज भी आ गई, वैसे तेरी एज क्या है? टीना- अबे चुप साले.. लड़की से उसकी एज नहीं पूछते। संजय- तू अपना लॉजिक अपने पास रख.. एज नहीं पूछूँगा तो पता कैसे लगेगा कि इसकी रैंगिंग किस तरह करनी है।

टीना- हाँ ये भी सही है, चल बेबी, जल्दी से अपने बारे में बता। सुमन- जी मेरा नाम सुमन वर्मा है मेरी एज 19 साल है और मेरे पापा का नाम… विक्की- अबे चुप तेरे पूरे खानदान का नाम नहीं जानना हमें.. सिर्फ़ अपने बारे में बता नाम और एज हो गई.. चल अब अपना फिगर बता।

उनकी बातों से सुमन घबरा सी गई उसके पैर काँपने लगे थे। उसने डरते हुए कहा। सुमन- ज्ज्जजी वो मुझे नहीं पता। साहिल- ले भाई अजय तेरे मज़े हो गए.. कल वाली की तरह इसको भी नहीं पता, अब तू ही नाप के बता दे.. हा हा हहा हा हा..

सबके सब ठहाका लगा कर हंसने लग गए और सुमन चुपचाप बेसहारा खड़ी उनको देखती रही।

अजय खड़ा हुआ और सुमन के मम्मों की तरफ़ हाथ बढ़ाया तो संजय ने उसको रोक दिया क्योंकि सुमन की आँखों में आँसू आने शुरू हो गए थे, जिसे संजय ने देख लिया था। यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

टीना- क्या हुआ संजय? संजय- अरे देखो तुम सबने बेचारी बच्ची को डरा दिया.. कैसे रोने लगी है। वीरू- अरे इसमें रोने की क्या बात है रैंगिंग तो सीनियर का अधिकार होता है और हमने तो तुमसे माप पूछा ही था.. अब तूने नहीं बताया तो ये ले रहा है.. सिंपल..! सुमन- सर प्लीज़ मुझे जाने दीजिए.. मुझे सच में नहीं पता। टीना- क्यों तू अंडरगार्मेंट्स नहीं पहनती क्या.. जो तुझे अपना माप नहीं पता।

उनकी गंदी बातों से सुमन के पसीने आने शुरू हो गए.. वो बेचारी सीधी-साधी कभी ऐसी बातों के करीब भी नहीं गई और आज अचानक उसके साथ ये सब हो रहा था। सुमन- व्ववो.. जी ये सब माँ लाकर दे देती हैं तो नहीं पता। वीरू- आज के जमाने में ये माँ बोल रही है.. हा हा हा अरे मॉम बोलो.. मम्मी बोलो.. ये माँ कुछ ज़्यादा ही ओल्ड नहीं लगता। संजय- चुप करो सबके सब, एक के बाद एक बकवास किए जा रहे हो।

संजय थोड़ा गुस्से में आकर बोला तो सब सहम गए और सुमन का तो हाल से बेहाल हो गया था।

संजय- देखो सुमन, तुम फर्स्ट ईयर हो और रैंगिंग का तो तुम्हें पता ही होगा, ये हमारा अधिकार है। अब ये तुम पर डिपेंड है कि चुपचाप हमारी बात मानती हो और पूरा साल आराम से पढ़ाई करोगी या हमें इनकार कर दो किसी से शिकायत कर दो उसके बाद ये साल 365 दिन का नहीं 1000 दिन का बन जाएगा.. इतनी तकलीफें उठानी पड़ेंगी। सुमन- जी जी.. मुझे पता है मैं रेडी हूँ.. प्लीज़ आप नाराज़ मत हो मगर मुझे कोई आसान सा टास्क दे दो। ये सब नहीं प्लीज़.. मुझे सच में कुछ नहीं पता।

सुमन की बात सुनकर विक्की कुछ बोलना चाहता था मगर संजय ने आँख के इशारे से एक बार फिर सबको चुप रहने को कहा।

संजय- देखो आज तक हमने जो कहा, सबने वो किया मगर तुम रियली बहुत भोली हो.. तो चलो मैं तुम्हें बहुत से टास्क बताता हूँ, तुम खुद चाय्स करो इनमें से कौन सा तुम्हारे लिए आसान होगा। सुमन- जी आप बताओ, मैं कर लूँगी। संजय- क्लास में जो भी सर पहले आएं, उसको थप्पड़ मारना है या वो सामने मोटू दिख रहा है उसके पेट पर एक जोर का मुक्का मार दो, ये भी नहीं तो वो कोने में जो खड़ा है.. उसको किस कर दो।

ऐसे ही बहुत से टास्क संजय ने बताए, जिनको सुनकर सुमन दोबारा मायूस हो गई क्योंकि इनमें से एक भी करने की हिम्मत उसमें नहीं थी।

सुमन- सॉरी जी आप मुझे मार लो मगर मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा, मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ। टीना- आह.. ज़्यादा भोलेपन का नाटक मत कर.. क्लास का टाइम हो रहा है जल्दी बोल.. नहीं तो मैं बताऊं? संजय- रिलॅक्स टीना.. मैं बात कर रहा हूँ ना इससे.. सुनो सुमन अगर तुम ऐसी लड़की नहीं हो तो ऐसी बनो, ये सब टास्क जाए भाड़ में.. एक लास्ट टास्क.. उसमें अगर ना हुई तो अंजाम बुरा होगा। तुम्हें कोई टास्क नहीं करना होगा बस हमारा ग्रुप जाय्न कर लो और धीरे-धीरे फास्ट बनो.. ऐसी गंवार मत बनी रहो। अगर एक महीने में ये सब कह दें कि तुम बदल गई हो.. थोड़ी सी भी मॉडर्न हो गई हो तो उस दिन से तुम आज़ाद.. उसके बाद चाहे तो ग्रुप में रहो चाहे मत रहो.. बोलो क्या कहती हो?

सुमन को ये बात अच्छी लगी.. उसने बिना सोचे ‘हाँ’ कह दी।

संजय- ये हुई ना बात.. चलो अब सब से हाथ मिलाओ और अपनी क्लास की तरफ़ जाओ। अब तो हमारा रोज मिलना होता ही रहेगा।

सुमन के चेहरे पे हल्की सी मुस्कान आ गई.. वो बारी-बारी सबसे हाथ मिलाने लगी.. उसके बाद चली गई।

सुमन ने इन हरामियों से हाथ मिला कर क्या कर लिया था, ये सब आपको आगे इस सेक्स स्टोरी में पढ़ने को मिलेगा।

आप मेल कर सकते हैं। [email protected] कहानी जारी है।

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