गुजराती सेक्स कपल के साथ मस्ती भरी चुदाई-1

नमस्कार दोस्तो, मैं राजेश आप का एक बार फिर से स्वागत करता हूँ, और आप सभी का धन्यवाद करता हूँ कि अपने मेरी कहानियों को पढ़ कर मुझे बहुत प्यार दिया। सभी चूत वालियों को भी धन्यवाद जिन्होंने मेरी कहानियाँ पढ़ कर अपनी चूत खोल कर मुझे इमेल्स भेज कर और अपनी चूतों में उंगली करके प्यार दिया।

दोस्तो, हम सभी की बातें जो इमेल्स पे होती हैं, वो सभी अति गोपनीय रहती हैं और मैं कभी भी किसी भी कपल, लड़की या महिला का ईमेल पता या हमारी बातचीत को आगे नहीं बता सकता, इसलिए आप निश्चिन्त होकर पहले की तरह बातें करते रहिये, आप मुझ से फेसबुक पे भी जुड़े रहिये.

दोस्तो, सभी चुत वालियों और लंड वालों का पानी इस कहानी को पढ़ कर जरूर निकलेगा इसलिए भाई लोग अपना पैन्ट उतारो और अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए और भाभियों और मेरी चुदक्कड़ पाठिकाओं आप भी अपनी पैंटी खोल के अपनी चूत में मेरे योगिराज के नाम की उंगली डालते हुए मेरे इस जूनागढ़ गुजरात के कपल के साथ की चुदाई की दास्तान का मजा लीजिये। मुझे विश्वास है कि मेरी यह दास्तान आप लोगों के लंड और चूत से पानी की नदियां बहा देगी।

2012 की जुलाई की बात है मैंने एक एडल्ट साइट पर अपनी नँगी फोटो डाली थी और अपने योगिराज की क्लोज अप फोटो थी जिसमें मेरा योगिराज अपने असली रूप में दिखाई दे रहा था। उसी साइट पर एक गुजराती सेक्स कपल जो जूनागढ़ गुजरात से था। मैं यहाँ काल्पनिक उनके नाम लिख रहा हूँ। उनके नाम थे मोहन और कोमल… मोहन 28 साल का था और कोमल 25 साल की थी। उनका एक 2 साल का बेटा भी था.

उसने अपनी बीवी की नँगी फोटो डाली हुई थी। उनको थोड़ी फाइनेंशियल प्रॉब्लम थी। तो वो पेड सेक्स करके कुछ पैसे कमाना चाहते थे। वैसे वो पढ़े लिखे थे पर उनके सामने पैसे की प्रॉब्लम थी। मैंने उनका प्रोफाइल देखा और मैसेज पढ़ा।

उन दिनों मैं भी अपना खर्च एक एडल्ट साइट पर अपना कैम शो दिखा के रोजाना के आसानी से 2000 रूपये कमा लेता था। मैंने उनको बताया कि मेरे पास एक आईडिया है आप लोग पैसे भी कमा सकते हो यदि आप अपना सेक्स किसी को ऑनलाइन दिखाओ। आपको किसी और के साथ सेक्स भी नहीं करना पड़ेगा। और आप किसी लफड़े में पड़ने से भी बच जाओगे।

मोहन ने मुझ से काफी बात की और मैंने उसको कैम शो के बारे में समझाया और मैंने कहा यदि आपको समझ नहीं आ रहा तो मैं आपको आकर के समझा सकता हूँ। पर उसके लिए आपको मेरा किराया देना होगा और आपको मेरा चार्ज देना पड़ेगा। तो वो बोले- किराया दे देंगे पर हम आपको इसके अलावा और पैसे नहीं देंगे पर मेरी बीवी को आपका योगिराज पसन्द आ गया है इसलिये आपकी वो अच्छे से सेवा करेगी तुम चाहो तो शाम को मेरी बीवी से बात कर लेना। मैंने कहा- ठीक है, यदि आपकी बीवी मेरा दिल से स्वागत करेगी और सेवा करेगी तो मैं और चार्ज नहीं लूंगा और आप लोगों को पैसे की जरूरत है इसलिए मैं आपकी मदद जरूर करूँगा।

शाम को मोहन ने मेरे फ़ोन पे काल किया और कहा- मेरी बीवी तो आपके योगिराज की दीवानी हो गई है और तुमसे बात करना चाहती है। मैंने कहा- बात करवाओ! मेरी और कोमल की फ़ोन पे हुई बातें:

मैं- हेल्लो कोमल- हेलो, नमस्ते राजेश जी! मैं- नमस्ते कोमल जी, कैसी हो आप? कोमल- राजेश जी, पहले ठीक थी पर जब से आपका 7 इंची लम्बा और 3 इंची मोटा लौड़ा देखा है मेरी चूत कुलबुला रही है चुदवाने को और मेरा मन भी चूसने का कर रहा है। मैं- कोमल जी, आप तो बहुत फ़ास्ट हो और बातें भी मस्त करती हो पर आप मेरे योगिराज को गाली मत दो कोमल- मैंने क्या गाली दी? मैं- यार कोमल जी, मेरे लौड़े का नाम योगिराज है यदि कोई इसको लंड या लौड़ा कहता है तो मुझे और मेरे योगिराज को बुरा लगता है।

कोमल- ओह सॉरी राजेश जी, मुझे पता नहीं था ना… अब आगे से आपके योगिराज और आपको खुश रखूंगी नाराज नहीं करुँगी। वैसे आपके बारे में इन्होंने बताया कि आप हमारी मदद करोगे। और मैंने आपका और आपके योगिराज का फोटो तो 2-3 दिन से रोज देखती हूँ जब चुदवाती हूँ और कल्पना करती हूँ कि इनकी जगह आप ही मेरी चुदाई अपने मोटे योगिराज से कर रहे हो। मैं- हाँ आपकी मदद तो मैं करूँगा। पर आप मेरी कैसे सेवा करोगी और कैसे स्वागत करोगी? कोमल- आप यहाँ आओ और फिर देखो आपकी मस्त सेवा करूँगी, योगिराज को चूसूँगी और इसको मेरी रसीली चूत से बाहर ही नहीं निकलने दूंगी, आप आओ तो सही!

हमने खूब चुदाई की बातें की कि कौन कौन सी पोजीशन में कोमल को चुदना पसन्द है। वगैरह!

11 अगस्त 2012 को जूनागढ़ में उनके घर पर मिलने का प्लान फिक्स हुआ। मैं 10 अगस्त शुक्रवार को घर से जूनागढ़ के लिए निकला और उनको फ़ोन करके बता दिया तो वो बोले- हम अभी पोरबन्दर में हैं पर कल हम घर वापस आ जायेंगे। आप किस साधन से आ रहे हो? मैं बोला- ट्रेन से!

तो मोहन ने बताया कि मैं ट्रेन से राजकोट आऊं और वहाँ से बस से जूनागढ़ बस स्टैंड पर आकर फ़ोन करूँ वो मुझे लेने आ जायेगा। मैं ट्रेन से राजकोट आ गया और जब राजकोट से बस से चलने लगा जूनागढ़ के लिए तो मोहन को फ़ोन किया तो वो बोले- हम पोरबन्दर से निकल चुके हैं, बाइक से आ रहे हैं, तुम जूनागढ़ पहुंचोगे तब तक हम भी आ जायेंगे। तुम जूनागढ़ पहुंच कर कॉल कर देना। मैं बोला- ओके।

जूनागढ़ बस स्टैंड पर पहुंच कर मोहन को कॉल किया तो उसने बताया कि उनकी बाइक का चैन कवर निकल गया है और वो उन्होंने बांधा हुआ है इसलिए बाइक की स्पीड धीमी है, हम 1 घण्टे में जूनागढ़ पहुंच जाएंगे, आप बस स्टैंड पर मेरा इंतज़ार करो।

मैं सुबह 10 बजे ही जूनागढ़ पहुंच गया था तो सोचा जब तक यही फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट कर लूँ। तब तक वो आ ही जायेंगे।

करीब 11.20 पर मोहन का फोन आया कि वो लोग जूनागढ़ अपने घर आ गए हैं और वो मुझे लेने बस स्टैंड आ रहा है। मोहन बोला- मेरे पास बजाज की डिस्कवर बाइक है और मैंने लाल चेक की शर्ट पहनी हुई है मेरे साथ मेरा बेटा भी है। जब बस स्टैंड से वापस आएंगे तो बेटे को इसके मामा के घर छोड़ देंगे दिन भर कर लिए। मैं बस स्टैंड के बाहर गन्ने की जूस की दुकान पर रुकूँगा, तुम भी वही आ जाना।

मैं गन्ने की जूस की दुकान से थोड़ी दूर रुक कर उसका इंतज़ार करने लगा, 15 मिनट बाद मोहन बाइक लेकर आ गया, मैंने उसको पहचान लिया पर उसके पास नहीं गया। फिर मोहन ने अपना मोबाइल निकाल के मुझे कॉल किया और जब मैंने उसका फ़ोन उठाया तो वो बोला राजेश जी मैं गन्ने की जूस की दुकान पर हूँ आ जाओ! मैंने उसको जाकर हेलो बोला और कहा- मैं राजेश! तो वो बोला- मैं मोहन और ये मेरा बेटा कृष्णा।

हमने गन्ने का जूस पिया और मोहन के पीछे बैठ के उसके साथ चल दिया. मोहन बोला- पहले बेटे को इसके मामा के घर छोड़ देते हैं, यदि मेरी ससुराल में कोई पूछे तो बता देना तुम मेरे पीसी में सॉफ्टवेयर डालने आये हो। मैं मजाक में बोला- भाई सॉफ्टवेयर भी और अपना हार्डवेयर भी! तो वो हंसने लगा.

हमने कृष्णा को उसके मामा के घर छोड़ा, घर के लिए निकले तो मैंने मोहन को बोला- यार, गिफ्ट की दुकान पर रोकना! मोहन बोला- किस लिए? मैं बोला- फेसमास्क मिल जाये तो चेक करते हैं, कैम शो करते समय चेहरा नहीं दिखेगा लोगों को। गिफ्ट शॉप पे फेसमास्क नहीं मिला, हम घर आ गए.

मोहन बोला- राजेश, 3 दिन से रोज तेरा और तेरे योगिराज का नाम लेकर चुदवा रही है कोमल, आज असली राजेश से चुदेगी तो खुश हो जायेगी। उसने तेरे स्वागत के लिए कुछ स्पेशल जरूर किया है। हम घर पहुंचे तो मोहन बोला- राजेश जी, आप डोरबेल बजाओ मैं बाइक पार्क करके पीछे के रास्ते से आता हूँ।

मैंने डोरबेल बजाई तो कोमल ने दरवाजा खोला और मुझे नमस्ते किया। क्योंकि वो मेरी फोटो देख चुकी थी और पहचान भी गई थी, उनके हाथ में पूजा की थाली थी, उनके खुले बालों से पानी की बूँदें टपक रही थी, शायद वो अभी अभी नहा कर निकली थी।

कोमल ने ब्लैक टॉप और एक फूलों वाला फुल स्कर्ट पहना हुआ था। शायद उसने टॉप के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी क्योंकि उनकी 32″ की चुचियों के निप्पल टॉप में उभरे हुए थे।

कोमल ने मेरी आरती उतारी और फिर मुझे किस की। उनका दरवाजा थोड़ा अंदर की तरफ था जिससे कोई बाहर से देख नहीं सकता था कि दरवाजे पे क्या हो रहा है.

फिर कोमल ने मेरी ज़िप खोल के अंडरवियर में हाथ डाल के योगिराज को बाहर निकाला जो अब तक बुरी तरह अकड़ चुका था, उसके टोपे को किस किया और अपने हाथ से योगिराज को पकड़ के मुझे अंदर हॉल में ले गई। मोहन ने दरवाजा लगा दिया और कोमल को कहा- आज तो तेरी जो इस 7 इंची से चुदने की ख्वाइश थी, पूरी हो जायेगी, रोज कल्पना करके चुदवाती थी, आज तो असली योगिराज और उसका मालिक आ गया है राजेश!

मुझे हॉल में सोफे पर बिठा के किचन से कोमल पानी की बोतल और ग्लास लाई तो मैंने बोतल एक ही साँस में खाली कर दी और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसके होठों को चूसते हुए बोला- डार्लिंग, मेरी प्यास इस पानी से नहीं बुझेगी! और एक हाथ से उसकी स्कर्ट ऊपर करके नीचे बैठा और उसकी क्लीन शेव चूत को किस करते हुए बोला- इसका पानी पीना चाहता हूँ मेरी जान! तो कोमल शर्मा के किचन में भाग गई।

मैं भी पीछे गया और उसको पीछे से बाँहों में भरकर उसके शरीर की मादक खुशबू को सूँघते हुए उसकी टाइट चुचियों को दोनों हाथों से दबाते हुए उसकी गर्दन पे किस करते हुए बोला- डार्लिंग, सच में प्यासा हूँ, और पानी पिलाओ! तो उसने फ्रिज से दूसरी पानी की बोतल निकाल के दी, मैं उसको भी पी गया। मुझे सच में बहुत प्यास लगी हुई थी।

इतने में मोहन भी किचन में आ गया और बोला- यार राजेश, ये मस्ती ही करनी है दिन भर… आप नहा लो पहले! तो मैं बोला- यार मोहन, यदि कोमल भी साथ नहाये तो नहाने का मजा है! तो कोमल बोली- मैं अभी नहाई हूँ पर आपके लिए फिर से नहा लूंगी, आओ!

और उसने मेरे पूरे कपड़े खोले और योगिराज को पकड़ के बाथरूम में घुसा के बोली- मैं भी कपड़े खोल के आती हूँ। तो मैंने मोहन से कहा- यार, तुम भी आ जाओ, तीनों एक साथ नहाते हैं। मोहन भी कपड़े खोल के आ गया।

कोमल ने आते ही मेरी अंडरवियर भी उतार दी तो मेरी झांट देख के बोली- ये आपने साफ़ नहीं की, मुझे लौड़े पे झांटे पसन्द नहीं क्योंकि चूसते समय मुँह में आती हैं. तो मैं बोला- जानू, इनको मैं साफ़ कर सकता था पर मैं तुमसे साफ़ करवाने के मूड में हूँ। कोमल मोहन से बोली- जाओ आप अपना शेविंग किट लाओ, इनको साफ़ कर देती हूँ, मुझे अच्छी नहीं लग रही।

मोहन अपना शेविंग किट ले आया। कोमल ने शेविंग क्रीम योगिराज के चारों तरफ लगाई और शेविंग ब्रश से झाग बनाने लगी बीच बीच में योगिराज के ऊपर भी ब्रश घुमा देती तो योगिराज भी पूरा सफेद हो गया. अब कोमल ने रेजर लिया और एक हाथ से योगिराज को पकड़ा और उसको हिलाते हुए और दायें बायें करके मेरी झांट साफ़ कर दी, मेरी टांग चौड़ी करवा के मेरी पूरी झांट यहाँ तक कि गान्ड के बाल भी साफ कर दिए। उसके बाद आफ्टर शेव लोशन लगाया तो मेरे तो करंट सा लग गया हल्की जलन तो होती ही है.

उसके बाद कोमल खड़ी हुई और बोली- दोनों हाथ ऊपर करो! और मेरी कांख के बाल भी साफ़ कर दिए। उसके बाद उसने शेविंग किट साइड में रख दिया और मोहन ने शावर ऑन कर दिया।

मैं कोमल को बाँहों में भरकर किस करने लगा और उसकी चुचियों को दबाने लगा, ऊपर से ठंडा पानी हमारे शरीर की गर्मी बढ़ा रहा था। धीरे धीरे कोमल मेरी गर्दन, सीने पर किस करते हुए पेट से धीरे धीरे योगिराज की तरफ बढ़ने लगी और फिर बैठ के चूसने लगी. मैं बोला- डार्लिंग, मुझे भी तुम्हारी रसीली चूत चूसनी है, क्यों न हम 69 में शावर के नीचे लंड चूत चुसाई का मजा लें!

मैं नीचे लेट गया, कोमल मेरे ऊपर 69 में हो गई और मोहन कोमल के मुँह की तरफ हो गया अब कोमल कभी मेरा योगिराज चूसती और कभी मोहन का! ऐसे ही चूसते चुसाते हुए 10 मिनट हो गए, कोमल झरने वाली हो गई तो उसने अपनी चूत मेरे मुँह पर दबा के ओह अहःहःहः… करके झरने लगी, फिर मैं भी उसके मुँह में झर गया और हम थोड़ी देर लेटे रहे।

फिर हम नहाने लगे तो कोमल ने मुझे अपने हाथों से साबुन लगा के रगड़ रगड़ के नहलाया, मैं भी कोमल की चुचियों और चूत को साबुन लगा के रगड़ने लगा और उसको भी मैंने नहलाया। फिर मैंने कोमल को और कोमल ने मुझे पौंछा।

हम बाथरूम से बाहर आये तो मैं बोला- कोमल, क्या तुम इरोटिक मालिश करना जानती हो? कोमल बोली- नहीं, मुझे नहीं आती! तो मैं बोला- आज मैं पहले तेरी मालिश करूँगा फिर तुम मेरी मालिश करना! मोहन तुम एक मैट्रेस यहाँ तख्त पर डाल दो और उस पर कोई पुरानी बेडशीट बिछा दो।

मोहन ने एक गद्दा तख्त पर बिछा दिया, उस पर एक बेडशीट भी डाल दी तो मैंने मोहन से सरसों का तेल लाने को कहा. वह किचन से एक कटोरी में तेल भर लाया मैंने कोमल को पेट के बल लेटने को कहा, कोमल पेट के बल लेट गई उसकी गोल खरबूजे जैसी गान्ड ऊपर की तरफ हो गई. मैंने तेल कोमल की पीठ पर डाल के फैलाया, पीठ को तेल से तर कर दिया, फिर उसके कूल्हों पर बैठ के दोनों हाथों से उसके कंधों और बाजुओं की मालिश की, फिर थोड़ा सा पीछे खिसक के मैं घुटनों के बल बैठ गया जिससे मेरा योगिराज कोमल के चूतड़ों की दरार में सेट हो गया. जैसे ही मैं कोमल के कंधों की तरफ जाता तो योगिराज कोमल की चूत पर रगड़ देता और मैं पीछे आता तो हट जाता.

अब मैं पीछे से साइड में हो गया और एक हाथ से कोमल के कंधों और पीठ की मालिश करने लगा और दूसरे हाथ से ढेर सारा तेल कोमल के चूतड़ों पर डाला और एक हाथ से कोमल की गान्ड के छेद तक तेल रगड़ने लगा और दूसरे हाथ से उसकी पीठ पर… फिर मैं तेल कोमल की गान्ड के छेद पर गिरा कर उंगली से अंदर करने लगा.

इसके बाद मैं दो उंगली कोमल की चूत में और अंगूठा कोमल की गान्ड के छेद में घुसा के तेल मालिश करने लगा और एक हाथ से उसकी जांघों और पिडली की भी मालिश करने लगा. अब मैं खड़ा हुआ और कोमल के चेहरे की तरफ आ गया और उसके कूल्हों और गान्ड के छेद और पीठ की मालिश करने लगा तो मेरा योगिराज तो खड़ा ही था, वो कोमल के होठों से टकराने लगा तो कोमल ने मुँह खोल लिया और मालिश के साथ साथ लंड चुसाई का मजा भी लेने लगी.

मैं भी उसकी गान्ड के छेद और पीठ की मालिश करने लगा, 5 मिनट मालिश करने के बाद मैंने अपना योगिराज कोमल के मुँह से बाहर निकाला और साइड में आकर चूत में उंगली और गान्ड में अँगूठा देकर तेल मालिश करने लगा।

5 मिनट बाद मैंने कोमल को सीधा ऐसे लेटने को कहा कि कोमल की गर्दन तख्त से थोड़ी नीचे की तरफ रहे. मैंने कोमल के पेट पर तेल डाला और उसके मुँह की तरफ खड़ा होकर कोमल की चुचियों पर तेल मालिश करने लगा तो फिर योगिराज कोमल के मुँह में घुस गया और कोमल मेरी मालिश से जब आगे पीछे होता तो उसका फायदा लंड चूसने में लेती. मैं जब पेट की तरफ मालिश के लिए आगे झुकता तो योगिराज कोमल के मुँह में घुस जाता और वापिस चुचियों पर आता तो योगिराज बाहर आ जाता।

मैं अपने हाथ कोमल की चूत तक बढ़ाने लगा और तेल कोमल की चूत पर डाल कर मैं कोमल की चूत के लिप्स को उंगलियों के बीच लेके मालिश करने लगा। अब मैंने मोहन को सिखाया कि चूत की मालिश ऐसे करो तो मोहन मेरे बताये अनुसार कोमल की चूत और गान्ड में उंगली और अंगूठे से मालिश करने लगा तो मैं अब वापिस उसकी चुचियों की मालिश करते हुए उसको योगिराज भी चुसवा रहा था।

10 मिनट बाद कोमल की मालिश हो गई पर कोमल बुरी तरफ गर्म हो गई क्योंकि उसके लंड चूसने की स्पीड बढ़ गई और वो चूत की मालिश से ही झड़ गई। फिर मैंने कोमल को कहा- अब तुम मेरी मालिश करो, पर जैसे मैं कहूंगा वैसे ही! कोमल बोली- ठीक है, बताओ कैसे करूँ आपकी मालिश?

मैं गद्दे पर उल्टा लेट गया और कोमल को कहा- तुम मेरी पीठ पर खूब सारा तेल डालो और अपनी चुचियों को भी तेल में भिगो लो। फिर तुम पेट के बल मेरी पीठ पर लेट जाओ और अपने हाथों को गद्दे पर टिका कर अपनी चुचियों से रगड़ते हुए मेरी पीठ और कूल्हों और जाँघों पर तेल रगड़ो। अपने हाथों का तुम इस्तेमाल नहीं करोगी जब तक मैं ना कहूँ।

कोमल ने ढेर सारा तेल मेरी पीठ पर डाला और अपनी चुचियों पर खूब तेल लगा कर मेरी पीठ पर लेट के अपनी चुचियों से मेरी पीठ पर मालिश करने लगी और फिर मालिश करते हुए मेरे कूल्हों की भी और जांघों की भी मालिश अपनी चुचियों से की।

10 मिनट की मालिश के बाद मैं सीधा लेट गया, अब कोमल को मेरे सीने और पेट की भी मालिश उसी तरीके से करने को कहा। कोमल ने उसी तरीके से मेरे सीने और पेट की मालिश की। कोमल की चुचियों की घुंडियाँ रगड़ लगने से लाल होकर तन गई और कोमल भी बुरी तरह गर्म हो गई चुदवाने को!

अब मैंने योगिराज की मालिश भी चुचियों के बीच लेकर करने को बोला तो कोमल ने तेल की धार योगिराज के टोपे पे डाली और फिर चुचियों के बीच में लेकर रगड़ने लगी. 3-4 मिनट ऐसे मालिश करने के बाद अब कोमल मालिश के साथ साथ योगिराज को किस भी कर रही थी कभी कभी बीच बीच में चूस भी लेती थी.

थोड़ी देर बाद कोमल घूम गई और अब वो मेरी चेहरे के ऊपर बैठ के वो जांघों और योगिराज की मालिश करने लगी। अब कोमल की चिकनी रसीली चूत मेरे मुँह के ऊपर थी तो मैं कोमल की चूत को चाटने लगा और इस तरह हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के लंड चूत को चाटने चूसने लगे। कोमल योगिराज के साथ साथ मेरी गोटियों को भी चूसने लगी।

अब वो चुदाई के फुल मूड में आ गई तो मेरे ऊपर सवार हो गई। मैंने मोहन को पूछा- मोहन कोई हार्ड पेपर है क्या? मोहन बोला- क्या करोगे? तो मैं बोला- फेसमास्क बनाना है. और मैं चाहता हूँ कि मैं आप लोगों को अभी चुदाई की मस्ती के साथ साथ ‘ऑनलाइन कैम ब्रॉडकास्ट करके कैसे पैसे कमाते हैं…’ समझा दूँ. और वैसे भी इंडियन का थ्री सम वाला गुजराती सेक्स ब्रॉडकास्ट देखने के लिए व्यूअर बढ़ जाएंगे, तुम उनसे जितने चाहो उतने पैसे ले सकते हो, आज का तुम्हारा शो बेस्ट शो होगा तो तुम 2500 डॉलर भी जीत सकते हो।

तो मोहन एक हार्ड पेपर ले आया, मैंने उसको इस तरह काटा कि वो फेस कवर कर ले पर आँख से दिखे भी और किस भी किया जा सके और लंड चूसने में कोमल को कोई परेशानी ना हो। ऐसे मैंने 3 पीस बना के ऊन की रस्सी बना के तीनों ने फेस ढक लिए जिस से कोई पहचान ना सके।

फिर मैंने मोहन को कम्प्यूटर ऑन करवाया और कैमरा कनेक्ट करवाया और इंटरनेट का 3G डोंगल से इंटरनेट भी कनेक्ट किया और जिस एडल्ट साइट कैम पर मैं अपना कैम ब्रॉडकास्ट करता था उस पर उनका भी प्रोफाइल बना के मैंने ब्रॉडकास्टिंग ऑन कर दी.

अब कोमल घुटनों के बल बैठ कर हम दोनों के लंड चूसने लगी। अगले 10 मिनट में ही देखने वालों की संख्या 5000 क्रॉस कर गई। मैंने सबको 50 टोकन देने को कहा तो अगली 10 मिनट में 1000 टोकन हो गए और एक डॉलर के 10 टोकन थे मतलब हमने 20 मिनट में ही 5000 रूपये कमा लिए तो वो लोग ये देख कर खुश हो गए।

अब मैं और कोमल कैमरा पर 69 में थे और मोहन कोमल के आगे था मतलब मैं कोमल की चूत चूस रहा था और कोमल हम दोनों के लंड चूस रही थी।

मैंने स्टेटस डाला कि यदि डबल पेनेट्रेशन देखना है तो 200 टोकन दीजिये हर एक तो अगले 10 मिनट में हमारे पास 3000 टोकन हो गए। तो मैंने कोमल को कहा कि अब तुमको दोनों लंड से एक साथ चुदवाना है तो कोमल बोली- मुझे दर्द होगा! मैं बोला- डार्लिंग, तुम्हारी चुदाई देखने के लिए लोगों ने तुझे 15000 रुपये दे दिए हैं। तो बोली- मैं आपका योगिराज गान्ड में नहीं ले पाऊँगी. मैं बोला- कोई नहीं, पहले मोहन का ले लो, वो थोड़ा पतला है। मैं चूत ही चोद लूंगा! तो कोमल राजी हो गई।

अब मैं बेड पर लेट गया और कोमल मेरे ऊपर आकर मेरा योगिराज अपनी चूत में ले लिया और अब मैंने कोमल को अपने सीने से चिपका के उसकी गान्ड अपने हाथों से खोल के मोहन को उसकी गान्ड में अपना लंड धीरे धीरे डालने को कहा ये सब हमने कैमरे के सामने सेट किया जिससे जो लोग देखना चाहते हैं, वे इस डबल चुदाई का आनन्द लें।

लोग अब और भी टोकन देने लगे। अब मोहन ने धीरे धीरे अपना लंड पूरा उसकी चूत में घुसा दिया। अब मोहन ऊपर से और मैं नीचे से कोमल को चोदने लगे। कोमल पहले तो गाली देने लगी- बहनचोद मादर चोद राजेश… तुमने मेरी गान्ड और चूत दोनों फड़वा दी! पर जब थोड़ी देर बाद डबल चुदाई का मजा आने लगा तो कहने लगी- बहन के लौड़े राजेश, मुझे यदि पहले पता होता कि चूत और गान्ड की एक साथ चुदाई में इतना मजा आता है तो मैं रंडी बन के चुदवाती रोज 2-2 लंड से!

5 मिनट की चुदाई के बाद मैंने मोहन को नीचे आने को कहा और हम दोनों ने जगह बदल ली और अब मैं कोमल की गान्ड चुदाई कर रहा था और मोहन चूत चोद रहा था।

इस तरह हमने 20 मिनट चुदाई की और दोनों झड़ने लगे तो लंड का रस पीने का हमने 300 टोकन रखा तो हमारी कलेक्शन 5000 टोकन पर पहुंच गई क्योंकि लोग एक इंडियन लेडी को पहली बार लंड का जूस पीते देख रहे थे। जब कोमल ने हम दोनों के लंड चूस के साफ कर दिए तो हमने कैम की ब्रॉडकास्टिंग बन्द कर दी और हमारी कुल कमाई 8000 टोकन मतलब 800 डॉलर मिले उस टाइम पर 45 रुपए का डॉलर था। कुल कमाई थी 36000 रूपये!

मोहन और कोमल बहुत खुश थे. गुजराती भाभी सेक्स की कहानी जारी रहेगी. [email protected]