रैगिंग ने रंडी बना दिया-24

अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि राजू जवान विधवा राधा की की प्यासी चुत के बारे में काका को बता रहा था। अब आगे..

एक रात राधा चुत सहला रही थी और मैं बाहर खड़ा उसे देख कर मुठ मार रहा था, तभी मेरे पैर पर किसी जानवर ने काटा और मैं जोर से चिल्ला दिया। बस राधा की नज़र सीधे खिड़की पर गई और उसने मुझे देख लिया तो मैं जल्दी से वहां से भाग गया।

थोड़ी देर बाद राधा मेरे कमरे में आई और मेरे पास आकर बैठ गई। मैं कुछ कहता, इतने में वो रोने लगी। राजू- अरे आप रो मत.. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा भाभी.. आप चुप हो जाओ। राधा- उउउ उउउ.. तुम्हारा भाई तो मर गया.. साथ में मुझे भी मार दिया। आप ही बताओ देवर जी, ये जवानी अब मैं कैसे संभालूँ?

ये कह कर राधा मेरे गले से लग कर रोने लगी, उसके जिस्म का स्पर्श पाकर मेरा लंड खड़ा हो गया। मुझसे रहा ना गया तो मैंने भी उसे अपनी बांहों में भर लिया। वो भी यही चाहती थी।

बस फिर क्या.. वो मुझे चूमने लगी.. और जल्दी से मेरी पेंट से लंड बाहर निकाल कर उसको चूसने लगी, तभी मैं झड़ गया। उसके बाद मैंने उसको नंगा किया और हम दोनों एक-दूसरे को चूमते रहे। वो बहुत गर्म हो गई थी.. उसने मेरे सोए हुए लंड को चूस-चूस कर खड़ा कर दिया।

फिर मैंने राधा की टाँगें मोड़ दीं और लंड को उसकी गरम चुत पर सेट किया। मगर मैंने कभी चुत नहीं मारी थी तो लंड फिसल कर कभी ऊपर तो कभी नीचे चला जाता। ऐसे ही 2-3 बार कोशिश में मेरा पानी फिर निकल गया, जिससे राधा को बड़ी मायूसी हुई। उसके बाद मैंने राधा की चुत चाट कर उसको ठंडा किया।

उस दिन के बाद राधा समझ गई कि मैं चुत चोदने के काबिल नहीं हूँ। मैंने उससे बहुत कहा मगर वो कहती है कि अपनी चुत की सील किसी मर्द के लंड से तुड़वाएगी.. तू तो बस चुत चाट कर ही मज़ा दे दिया कर, बदले में वो मेरा चूस कर पानी निकाल देती है। अगर आप मुझे मोना की चुत दोगे तो मैं बदले में आपको आज रात को ही राधा की चुत लाकर दे दूँगा।

काका- वाह मेरे बेटे.. ये हुई ना बात.. मेरी बहू तो कुछ दिन बाद चली जाएगी मगर तूने तो मुझे मस्त खजाना बता दिया है। अब तो हर रात मेरे मज़े हो गए। राजू- तो आज मेरी चुदाई पक्की ना काका?

काका ने उसको समझा दिया कि कब और कैसे उसको क्या करना है। इतना कह कर काका वापस घर चला गया।

तो दोस्तो ये थी वो राज की बात.. अब आगे देखो क्या होता है।

राजू ने शाम को राधा को थोड़ा सा इशारा दे दिया था कि आज तुझे ज़बरदस्त चीज दिखाऊंगा, तू रात को सोना मत!

राजू नीचे गया और राधा को अपने साथ ऊपर ले आया, जहाँ का नजारा देख कर राधा की साँसें थम गई थीं। राधा- हे राम.. ये काका, अपनी बहू के साथ क्या कर रहे हैं? राजू- राधा बोल मत.. वो सुन लेंगे बस चुप करके देख और मज़ा ले।

मोना बड़े प्यार से काका का लंड चूस रही थी और काका उसके चूचे सहलाते हुए उससे गंदी बातें बोल रहे थे क्योंकि काका को पता लग गया था कि राधा ऊपर आ गई है।

काका- हय मोना रानी.. जोर से चूस ओफ.. मज़ा आ रहा है तू इतने दिन प्यासी रही.. पहले ही मुझे बोल देती रानी, तेरी चुत की प्यास मैं कब का मिटा देता आह.. देख मेरा लंड कितना बड़ा और मोटा है आह.. ये तेरी चुत की सारी गर्मी निकाल देगा आह.. सस्स ऐसे ही चूस।

मोना भी समझ गई कि काका ये सब राधा को सुनाने के लिए कह रहे हैं।

थोड़ी देर बाद काका खड़ा हो गया और जानबूझ कर ऐसे खड़ा हुआ कि उसका खड़ा लंड राधा को पूरा दिखाई दे। उसके बाद वो मोना की चुदाई करने लगा।

मोना- आह.. काका आह.. आराम से चोदो.. ओफ कितना मज़ा आ रहा है आह.. आप तो बहुत बड़े मर्द हो आह.. मुझे ऐसे ही मर्द की तलाश थी ओफ आह.. चोदो जोर से करो.. आह.. ओफ और तेज चोदो आह.. मज़ा आ गया आह..

राधा को जब काका का अजगर दिखा उसकी भी आह.. निकल गई। उसके बाद ऐसी चुदाई देख कर उसकी टाँगें काँपने लगीं.. उसकी चुत चलनी की तरह पानी झाड़ने लगी।

राधा- आह ससस्स काका का लंड कितना बड़ा है.. ओफ कितने अच्छे झटके मार रहे हैं आह.. राजू काश तुम्हारा लंड भी इतना बड़ा होता! ओफ राजू, मेरे पास आओ ना।

राधा अब बेकाबू हो रही थी, उसको तो बस लंड चाहिए था। वो राजू से चिपक गई और उसके लंड को सहलाने लगी ऐसी चुदाई देख कर राजू भी बहुत उत्तेजित हो गया था। उसका लंड भी तन गया था। राधा से अब बर्दाश्त नहीं हुआ, उसने राजू के लंड पर अपनी चुत घिसनी शुरू कर दी। राजू भी पीछे से उसके चूतड़ सहला रहा था और लंड घिस रहा था।

इधर काका की चुदाई उफान पर थी। वो मोना को अलग-अलग पोज़ में चोद रहे थे और उत्तेजना भरी बातें कर रहे थे, जिससे राधा के शरीर का तापमान भी बहुत बढ़ गया था। वो अब जोर-जोर से गांड को पीछे धकेल कर राजू के लंड पर चुत रगड़ रही थी। बेचारा राजू कहाँ उस सेक्स की देवी के आगे टिक पाता उसका तो वीर्य निकल गया.. साथ में कपड़े भी खराब हो गए।

जब राधा को अहसास हुआ कि राजू का पानी निकल गया है वो चिड़चिड़ी हो गई। राधा- तू कभी मेरा साथ नहीं देता.. ऐसा भी क्या नामर्द है.. तू उधर देख काका की कितनी उमर है, मगर कितनी देर से चोदने में लगे हुए है। हय मेरी चुत की आग कब शांत होगी.. मुझे कब ऐसी चुदाई मिलेगी। राजू- मैं जैसा हूँ.. वैसा ही रहूँगा अगर तू चाहे तो अभी तुझे ये काका वाला तगड़ा लंड मिल सकता है.. बोल क्या कहती है?

राजू की बात सुनकर राधा तो ख़ुशी के मारे बावली हो गई। राधा- हाँ सच में लेना है.. पर वो कैसे मिलेगा.. बता ना राजू? राजू- कैसे क्या.. चल उस छत पर और काका को अपनी चुत के दीदार करवा दे.. वो तेरा भी कल्याण कर देंगे। राधा- तू पागल हो गया क्या.. ऐसे कैसे चली जाऊं.. किसी को पता लग गया तो सब मेरी जान निकाल देंगे। राजू- अरे मेरी प्यारी भाभी.. किसी को कुछ पता नहीं लगेगा और काका तो वैसे भी तुझे चोदना चाहते हैं।

राधा- ये तू क्या कह रहा है? वो तो हमेशा मुझे अपनी बेटी समझते हैं। याद है.. उन्होंने एक बार कहा था कि तुम हमारी बहू नहीं बेटी हो। राजू- अरे तू काका के कारनामे नहीं जानती। वो ना जाने गाँव की कितनी बहू बेटियों को चोद चुके हैं। तुझे छूने के लिए उस दिन उन्होंने ऐसा कहा था और ये सामने देख ना.. कैसी मस्त चुदाई करते हैं वो। अरे जब उन्होंने अपनी सग़ी बहू को नहीं बख्शा.. तो उनके सामने तू क्या चीज है? राधा- वो तो ठीक है.. मगर हम ऐसे अचानक कैसे उनके सामने जाएं? राजू- अचानक कुछ नहीं.. वो सब जानते हैं कि तू यहाँ चुत चुदवाने के लिए खड़ी है.. तुझे दिखाने के लिए ही तो ये सब यहाँ चल रहा है और वो सेक्सी बातें तेरे लिए ही हो रही हैं।

ये सुनकर राधा एकदम चौंक गई मगर राजू ने उसे सारी बात बताई तो उसको भी समझ में आ गया कि ये सब इनकी मिली-भगत है। राधा- तुझे जरा भी लाज-शर्म नहीं आई.. काका को हमारे बारे में सब बता दिया! राजू- अरे भाभी अब मेरे लंड से आपकी संतुष्टि तो होने से रही और गाँव के किसी और मर्द पर हम भरोसा कर नहीं सकते.. बस ये काका ही तुझे संतुष्ट कर सकते हैं। अब देर मत कर, चल आज अपनी सारी इच्छा पूरी कर ले.. बन जा तू भी काका के लंड की दीवानी।

ये दोनों छज्जे से उतर कर काका की छत पर आ गए थे। उस वक़्त काका अपने चरम पे थे और मोना की टाँगें उठा कर उसकी ज़बरदस्त चुदाई कर रहे थे। वैसे उनको आवाज़ सुनाई दे गई थी कि राजू और राधा ठीक उनके पीछे आ गए हैं।

मोना- आह.. आ काका जोर से करो आह.. मैं गई उफ़फ्फ़ हय आह.. आपका लंड है या मूसल.. आह.. उई चुत को मजा आ गया.. आह..। काका- ले मेरी मोना रानी.. उहह उहह मेरा लंड भी आह.. पानी फेंकने आह.. आ वाला ही है आह.. आज तो मेरे लंड को पूरी रात चुत चोदने को मिलेगी उहह उहह अभी तो एक नई चुत भी चोदनी है आह.. आह..

मोना की चुत से पानी छूट गया, जिसकी गर्म धार काका के लंड पे टकराई और साथ में काका भी अपना पानी मोना की चुत में झड़ाने लगे। थोड़ी देर दोनों ऐसे पड़े रहे, फिर जब पलटे तो पीछे राजू और राधा खड़े हुए थे।

ये नजारा देख कर राधा के तन-बदन में आग लग रही थी.. वो खड़ी-खड़ी अपनी चुत को सहला रही थी।

काका- आ गई राधा रानी.. अरे अपनी मुनिया को ऐसे ना रगड़.. यहाँ आ मैं किसलिए हूँ। आज मैं तेरी चुत की सारी खुजली मिटा दूँगा, आ मेरी प्यारी राधा इधर आ।

दोस्तो राजू ने सब बात राधा को बता दी थी.. इसलिए उसे भी अब कोई शर्म की गुंजाइश भी नहीं थी।

राधा बेशर्मों की तरह काका के पास बैठ गई और उनका लंड जो अभी भी आधा तना हुआ था.. उस पे मोना की चुत और काका के लंड का मिला-जुला रस लगा हुआ था.. उसे गौर से देखने लगी।

काका- अरे शर्मा मत राधा रानी.. ले इसका स्वाद चख ले। देख तेरे काका बापू का पानी कैसा है.. आजा मेरी रानी आ जा!

राधा शुरू से ही काका को काका बापू कहती थी, मगर आज उसे काका में एक मर्द नज़र आ रहा था। उसने मन में कहा कि आज से आप काका बापू नहीं.. मेरे पति परमेश्वर हो, आज से ये राधा आपकी हो गई।

राधा ने अपनी जीभ काका के लंड पर टच की और सारा रस चाटकर साफ कर दिया.. कुछ ही पलों के बाद वो पूरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

काका- आह.. राधा तेरे होंठ तो आग की तरह जल रहे हैं। तेरे अन्दर तो बहुत आग है.. आज की रात तुझे ठंडी कर दूँगा। रुक जा मेरी रानी अभी तो मेरा लंड मोना की चुत में जाकर आया है। बस 5 मिनट इसे सुस्ता लेने दे.. तब तक तेरी कच्ची जवानी को देख लूँ.. तेरी चुत में जो आग लगी है उसको शांत कर दूँ।

इतना कहकर काका ने मोना को अपने साइड में खड़ा कर लिया। उसकी साड़ी को निकाल फेंका। अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। मगर काका के आगे वो भी कहाँ टिकने वाले थे। काका ने एक ही झटके में उसके सब कपड़ों को निकाल फेंका। गजब की बात ये थी कि अन्दर राधा ने भी कुछ नहीं पहना हुआ था। उसका फिगर देख कर काका की आँखों में चमक आ गई।

आप मुझे मेरी इस सेक्स स्टोरी पर मर्यादित भाषा में कमेंट्स कर सकते हैं। [email protected] कहानी जारी है।