कुछ पुरानी यादें : चाची की चुदाई-2

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मेरी सेक्सी कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे लगा कि चाची चुदवाने को राजी है पर जब मैंने लंड बाहर निकला तो चाची मुझे धमकाने लगी. अब आगे:

‘सजा तो बड़ी मिलेगी.’ कह कर चाची हंसने लगी. मैं चाची की ओर देखने लगा, वह उठ कर बैठ गई और बोली- तू इतनी देर से मेरी चूची को दबा रहा था, मैं यह नहीं जानती क्या? दर्द मुझे ऊपर था और तू मेरे दूध को सहला रहा था, क्यों? मेरी चुती तरह फट गई. मैं थोड़ा और गिड़गिड़ाया और बोला- चाची मैं, मैं… मुझे माफ कर दीजिए चाची… आप माँ को नहीं बताना. चाची बोली- ठीक एक शर्त पर! ‘शर्त? बताइए मैं सभी शर्त मानने को तैयार हूँ…’ मैं बोला. चाची बोली- तू मुझे चोद दे.

मेरा तो मुंह खुला रह गया, ये तो मेरे मन की बात थी… पर मैंने मुंह बनाया और चाची को बोला- ठीक है चाची, आपको चोद देता हूँ. मेरे मुंह से चोदना शब्द सुन कर मुस्कुराई और बोली- चोद पाएगा? मैंने कहा- चाची आज तक किसी को चोदा तो नहीं है पर एक बार कोशिश कर के देखता हूँ. तो फिर चाची बोली- तो चल अपना लंड दिखा.

चाची अब खुल कर बात करने लगी. मैंने लंड बाहर निकाल दिया. मेरे लंड अभी सिकुड़ गया था. फिर भी बड़ा था. चाची मेरे लंड को हाथ में ले कर सहलाने लगी. पहली बार किसी औरत ने मेरे लंड को छुआ था. लंड में एक करंट सा लगा और झटके खाने लगा, फिर तम्बू जैसा खड़ा हो गया. उसे देखकर वो बोली- तुम्हारा तो बहुत बड़ा है.

मैं तुरन्त चाची के होंठों को चूमने लगा, वो भी मेरे होंठों को चूमने लगी. करीब दस मिनट की चूमा चाटी के बाद उसको लिटा कर फिर उसके होंठों को चूमने लगा और एक हाथ से उसके स्तन दबाने लगा. वो सिसकारियाँ निकालने लगी और दोनों हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी, मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी.

फिर चाची ने मेरी शर्ट उतार दी. अब मैंने भी चाची का ब्लाऊज खोल दिया और उनके मोटे मोटे मम्मे दबाने लगा. मेरी चाची ने आँखें बंद कर ली और मज़ा लेने लगी.

अब मैंने धीरे धीरे उनके सारे कपड़े उतार दिये. उफ़्फ़… क्या बला की खूबसूरत लग रही थी वो नंगे बदन! मैं भी पूरा नंगा हो गया और चाची के ऊपर चढ़ गया. मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिये और अपना लण्ड चाची की चुत के ऊपर घिसने लगा, मेरी चाची भी मेरा साथ देने लगी, उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और बोली- घुसा दे. चाची ने अपनी टांगें उठा ली और अपने हाथ लंड पर ला कर चुत के मुंह पर सेट किया फिर टांगें चौड़ी कर दी और बोली- चोद अब!

मैंने लंड पर जोर डाला पर लंड चुत पर फिसल गया और नीचे चला गया. चाची के मुँह से उफ्फ्फ्फ़ निकली और बोली- अबे साले, अनाड़ी है… फिर से कर! फिर चाची लंड को चुत के मुँह पर सेट किया और लंड को पकड़े हुए बोली- अब जोर से कमर दबा… मैंने दबाव दिया पर फिर लंड फिसल गया.

चाची गुस्से से बोली- लंड इतना बड़ा है पर चोदने नहीं आता है. साले तुझसे होगा या नहीं? मैंने डरते हुए कहा- चाची पहली बार है, हो जायेगा. तो चाची बोली- जा तेल ले आ, लंड पर लगा ले तो घुस जायेगा.

मैंने लंड पर तेल लगा लिया… फिर चाची की टांगों के बीच में आ गया और चाची की चुत को देखा. बाप रे बाप कितनी बड़ी चुत थी… लगता था जैसे घड़ियाल का मुँह हो और मैं साला इतना निकम्मा था कि इतनी बड़ी चुत में लंड नहीं घुसा पा रहा था. खैर मैं लंड को चुत के मुँह पर लगा कर चाची के पेट के तरफ झुकते हुए कमर को दबाया, इस बार लंड पर तेल लगे होने के कारण लंड चुत के अंदर होने लगा. चाची के मुख से पहले लंड के टोपा घुसते ही आह आह निकली.

मैंने इसी बीच कमर को जोर से दबा कर उनके ऊपर चढ़ गया, मेरा लंड जड़ तक फिसलते हुए घुस गया. इस पर चाची जोर से चिल्लाई- आह अहह आईई ईई उएई ईई उम्म्ह… अहह… हय… याह… साले मर गई ईई रा म्म्म आईई उईईई उफ्फ अशोक!

वह मुझे ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी और चिल्लाते हुए बोली- अशोक… मर गई उफ्फ साले एक बार में किसने कहा था घुसाने को… निकाल…! मैं चाची के कान के पास अपना मुँह ले गया और बोला- चाची… अ…आपकी चुत बहुत मस्त है! चाची मेरी ओर देख कर मुस्कुरा दी.

मैंने फिर लंड को बाहर खींचा और जोर से झटका दिया, पूरा लंड चुत में समा गया. इस बीच चाची और जोर से चीखी- आह्ह्ह रा रर अशोक… मर गईइईई ईई उईई निकाल अपना लंड… आह्ह्ह मुझे नहीं चुदना है… अह्हह्ह होईई उईई…! मैंने चाची की दोनों चूची को दबाते हुए पूछा- क्या दर्द हो रहा है?

चाची ने कहा- साले, एक बार में ही घुसा देते हो, इस बार तो मेरे बच्चेदानी के अंदर है तुम्हारा लंड… आह्हह्ह कितना टाईट है और पूछता है दर्द कर रहा है. मैं- सॉरी चाची, अब तो चोद सकता हूँ, आप कह रही थी मुझसे नहीं होगा!

और मैंने लंड को फिर बाहर निकाल कर अंदर घुसाया और हिलाने लगा. चाची- अह्ह्ह उई उई आज तू मुझे मार डाला!

मैं लंड को अंदर बाहर धीरे धीरे कर रहा था. फिर मैं चाची को देखने लगा. चाची बोली- क्या देख रहा है? मैं- चाची आप इस उम्र में भी बहुत सेक्सी हो! चाची हँस कर बोली- चल अब मस्का मत लगा… जोर से चोद… अब 30 मिनट ही हैं, नहीं तो सीमा आ जायेगी. मैं चाची को बोला- स्पीड से चोदने का मन मुझे भी हो रहा है… स्पीड से करूँ क्या?

चाची ने हां में सर हिलाया और होंठ दांत के नीचे दबा लिए, मैं लंड को बाहर खींच कर अंदर पेल देता, मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा था, चाची भी चुत उठा कर हिला कर मेरा साथ देने लगी थी. वो जोर से चीख भी रही थी- ओह ओह सी सीईईईइ आह्ह्ह सी उई अशोक जोर से एई एई उईई अशोक खूब जोर से ईई उईई ओफ्फ्फ हो जोर से आआऐईइ आई…!

हर धक्के पर चाची आई उई कर रही थी. दस मिनट तक सौम्य धक्के देने पर मैंने देखा कि चाची को यौन क्रीड़ा का आनन्द आ रहा था! चाची मेरे धक्कों का बराबर उछल उछल कर आह… आह्ह… तथा ऊन्ह ह्ह… ऊन्ह्ह्ह ह्ह… करती हुई अपने आनन्द का प्रदर्शन भी करती रही.

चाची के आनन्द में वृद्धि के लिए मैंने तीव्र गति से धक्के लगाने शुरू कर दिए और ऊंह हूंहूं… ऊंहूंहूंहूं… ऊंहूंहूंहूं… की आवाजें निकलता हुआ उछल उछल कर मैथुन क्रिया करने लगा! चाची का आनन्द इतना बढ़ गया कि वे बहुत ही जोर से चिल्लाने लगी- आह्ह… आह्हह… आह… और तेज, और तेज, जोर लगा के, उंह… आह… उनह्हह… आह्ह्ह!

मैं चाची की इन आवाजों से बहुत उत्तेजित हो गया और पुरजोर धक्के मारने लगा. कभी कभी मेरा लंड में इतनी जोर होता कि बच्चेदानी के तह तक चला जाता. इस समय चाची की सिसकारी लंबी होती जैसे- सी ई ईई ईई निकालो ईईईई. मैं समझ गया कि मेरा लंड बच्चे दानी के अंदर है.

दस मिनट के बाद चाची ने एक बहुत ही जोर का उछाल लिया और पूरा बदन अकड़ा लिया, आह… अशोक आह्ह… आह्ह… अशोक अशोक आह्ह्हह ह्ह… अशोक मैं आई… उईई उईई अशोक ईई उईई उपफ उफ़ उफ्फ्फ्फ़ की तेज आवाज़ के साथ ही https://www.antarvasnax.com/chachi-ki-chudai/chachi-ki-kali-choot/चाची की चुत में बहुत ही ज़बरदस्त खिंचाव हुआ! उन्होंने मेरे लौड़े को जकड़ कर जब अंदर की ओर खींचा, तब मुझे ऐसा लगा कि मेरा लौड़ा टूट कर उसकी चुत में ही घुस जाएगा. वो मेरे चुत को दोनों हाथों से अपनी चुत पर दबाए रखा, इसके बाद चाची की चुत में से पानी की एक फुहार निकली!

चाची थोड़ी देर रुकी रही फिर मुझे बोली- मैं तो शांत हो गई. ‘पर मेरा अभी नहीं हुआ है चाची, मुझे चोदने दो अभी!’ चाची बोली- ठीक है चोदना शुरू कर और पिला दे अपना पानी मेरे चुत को!

मैंने चाची की चुत में लंड हिलाना शुरू किया. चाची की चुत उसके पानी से गीली हो गई थी, मेरे लंड पर तेल लगा था, लंड में चिकनापन बहुत बढ़ गया था. लंड के अंदर बाहर से पच पच की आवाज निकलने लगी थी.

पांच मिनट के बाद चाची बोली- अबे अशोक, और कितना छोड़ेगा? जल्दी से निकाल, अब मेरा मन नहीं है. मैं- आह्ह्ह चाची चोदने दो, तुम्हारी चुत है मजेदार है… आह्ह अह्ह्ह! चाची ने कहा- चोद ले पर साले अशोक तेरा लंड बहुत तगड़ा है… जल्दी से कर. मैं- ठीक है मेरी जान… अह्ह्ह अह्हह्ह!

फिर चाची बोली- इतनी देर हो गई… जल्दी कर, मैं थक गई… साले पर तेरा लंड अभी तक नहीं थका है. मैं- नहीं चाची, मेरा भी अब निकलने वाला है… आईई आह्हह्ह!

मेरी स्पीड बहुत ही अधिक हो गई, मैं भी उस समय उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँच चुका था इसलिए मैंने चाची को कस कर पकड़ लिया, चाची भी समझ गई उसने भी मुझे दबा लिया, मैंने आह… आह्ह… उईई कीई ईई छही ईई ईई उईई की आवाज़ निकालते हुए अपना वीर्य स्खलन चाची की योनि में कर दिया.

जब चाची को चुत के अंदर वीर्य उसके बच्चेदानी में महसूस हुई तो चौंक पड़ी. चाची- मेरी बच्चेदानी भर दी… उईई ईई!

फिर उसने मुझे बोली- साला, कितना निकाल रहा है कण्ट्रोल कर! मैंने चाची के कान में कहा- नहीं होता… ईई? वो मुस्कुराने लगी.

कुछ देर बाद मैं उनके ऊपर से उठा, चाची की चूत से मेरा वीर्य निकल रहा था. मेरा लंड भी भीगा हुआ था. मैंने अपना लंड चाची के पेटीकोट से साफ किया, फिर अपने कपड़े पहनने लगा. चाची भी अपने कपड़े पहनने लगी.

कपड़े पहन लेने के बाद चाची से नजर मिलाने की हिम्मत नहीं हो रही थी मेरी… मैं चाची को कुछ बोले ही वहाँ से घर निकल गया. सीमा पढ़ कर नहीं आई थी, जिस कारण मुझे डर नहीं हुआ.

मैं अपने घर गया तो माँ किचन में थी, मैं बाथरूम में घुस गया और नहा लिया.

चाची की चुत चुदाई की सेक्सी कहानी जारी रहेगी. [email protected]

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