रैगिंग ने रंडी बना दिया-35

अब तक की इस सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि सुमन टीना से संजय के संग चुदाई की बात जानना चाह रही थी. अब आगे..

टीना की बात सुमन के पल्ले नहीं पड़ी कि इस बात का पीरियड से क्या लेना-देना. उसने पूछ ही लिया तो टीना ने कहा कि ऐसी बातें बताते वक़्त चुत में आग लग जाती है, जिसे बुझाना ज़रूरी होता है, इसलिए मेरी जान पीरियड खत्म होने दे, सब बता दूँगी. अब सो जा.. देर हो गई है, सुबह जल्दी उठना भी है कि नहीं, तेरी मॉम तुझे दोबारा मेरे साथ नहीं भेजेगी.

सुमन भी अपनी बुर का पानी निकाल कर सुकून में थी तो उसको जल्दी नींद आ गई.

उधर गाँव में राधा तो बुखार के कारण रात को ऊपर नहीं आई मगर काका ने मोना की जमकर चुदाई की.. उसकी गांड और चुत को पूरी रात ठोका क्योंकि सुबह वो चली जाने वाली थी. मोना ने भी अपनी सारी कसर निकाल ली, उसने हर पोज़ में दम से चुदवाया.

रात तो जैसे-तैसे गुजर गई, सुबह सबसे पहले मॉंटी उठा और टीना के साथ सुमन को सोता देख कर वो सोचने लगा कि ये कौन है, फिर उसने टीना को उठाया. मॉंटी- दीदी उठो.. आज आप सोई हो और देखो मैं जल्दी उठ गया.

मॉंटी की आवाज़ से दोनों उठ गईं और टीना उसे हैरानी से देखने लगी कि आज ये कैसा चमत्कार हो गया था मॉंटी अपने आप कैसे उठ गया?

टीना- ये मैं क्या देख रही हूँ मॉंटी तू अपने आप उठ गया.. ये कैसे हुआ? मॉंटी- पता नहीं दीदी.. आज मेरी पूरी बॉडी एकदम रिलेक्स है.. ऐसा लगता है आज नींद पूरी हो गई, तभी आँख खुल गई और ये दीदी कौन है? टीना- हा हा हा देखा सुमन.. तेरे रात के काम ने क्या कमाल किया. सुमन- सस्स चुप करो.. आप कुछ भी बोल देती हो. मॉंटी मैं सुमन हूँ.. तुम्हारी दीदी की कॉलेज फ्रेंड हूँ.

मॉंटी और सुमन ने हाथ मिलाया. फिर सुमन जल्दी से अपने घर चली गई. इधर टीना ने मॉंटी को बताया कि वो उसकी फ्रेंड है.. रात को पढ़ाई के लिए यहाँ आ गई थी.

मॉंटी- वो सब ठीक है दीदी मगर उन्होंने रात को क्या किया था मेरे साथ.. जो मुझे आज रिलेक्स फील हुआ और मैं बिना किसी के जगाए जल्दी भी उठ गया? टीना- अरे कुछ नहीं किया.. मैंने तो ऐसे ही मजाक से कहा था बस. मॉंटी- नहीं दीदी.. कुछ तो हुआ होगा प्लीज़ बताओ ना मुझे, ऐसा क्या हुआ था? टीना- अब ज़्यादा सवाल मत कर, कुछ नहीं हुआ.. जा जल्दी से नहा ले.. मैं देखती हूँ कि माँ उठीं या नहीं.. ओके!

दोस्तो अब यहाँ कुछ नहीं रहा सब रोज की तरह नॉर्मल रहा. स्कूल वाले स्कूल चले गए और कॉलेज वाले कॉलेज.

उधर मोना को भी काका ने बस में बिठा दिया था तो वो भी वापस अपने घर आ रही है.

आपको याद है या भूल गए.. आज पूजा की बुर की खुजली मिटाने के लिए संजय ने कॉलेज जाना कैंसिल किया है. तो चलो आप भी बोर हो गए होंगे.. दिखा देते हैं आपको कि वहां क्या चल रहा है.

संजय रेडी होकर सीधा पार्क पहुँच गया. वहां उसे देख कर पूजा गुस्सा हो गई.

पूजा- क्या मामू, कब से यहाँ बैठी हूँ. स्कूल ड्रेस में देखकर कितने जाने मुझे बोले कि स्कूल से छिपकर यहाँ बैठी है, क्या मेरा मजाक भी बनाया. संजय- अरे जाने दो.. लोग तो ऐसे ही बोलते हैं. चल तुझे आज कली से फूल बना देता हूँ.

पूजा तो ऐसे खुश हो रही थी कि ना जाने आज उसे कौन सा खजाना मिलने वाला है. वो बड़े उत्साह से संजय के साथ चली गई. वहां जाकर संजय ने उसको कुछ समझाया कि पहले वो अन्दर जाएगा फिर पीछे से तुम आ जाना. पूजा ने वैसा ही किया और वैसे भी उस एरिया में ज़्यादा लोग नहीं थे. कोई एक-दो पुराने घर ही थे.. तभी तो संजय ने अपने इस घर में पार्टी की थी और फ्लॉरा की जमकर चुदाई की थी.

पूजा- मामू ये किसका घर है? यहाँ कोई आएगा तो नहीं ना? संजय- तू ज़्यादा सवाल मत कर.. जल्दी से कमरे में चल.. आज तुझे चोद कर मज़ा भी लेना है और फिर घर जाने लायक भी बनाना है.

संजय की बातें पूजा के सर के ऊपर से जा रही थीं. उसने ध्यान नहीं दिया और कमरे में जाकर अपना बैग रख दिया.

संजय- मेरी जान ऐसे क्या बैठी है, हो ज़ा नंगी.. आज तुझे मैं लंड का असली मज़ा देता हूँ.

इतना कहकर संजय ने अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए, जिसे देख पूजा भी नंगी हो गई. अब पूजा के जिस्म को तो आपने देखा ही है.. मगर आज इसकी चुदाई होने वाली है तो एक बार और गौर से देख लो.

पूजा बहुत खूबसूरत लड़की है. छोटे-छोटे गहरे काले बाल.. एकदम बड़ी-बड़ी आँखें और आँखों का कलर नीला है, जैसे कोई लेंस लगाया हुआ हो. उसका चांदी जैसा चमकता रंग.. सीना तो ज़्यादा उठा हुआ नहीं था, मगर संतरे जितने ही इसके चूचे होंगे, मगर एकदम गोल थे, तने हुए.. एक इंच का भी फ़र्क नहीं.. जैसे साँचे में ढाल कर बनाए गए हों और उसके मम्मों पर एकदम छोटे हल्के भूरे रंग के निप्पल जैसे कोई बटन टंके हों. नीचे बुर तो आपको पता ही है.. एकदम क्लीन बस हल्के से मखमली रोंए उसके आस-पास होंगे.. छोटी सी मगर फूली हुई बुर थी और हाँ पूजा की जांघें भरी और मोटी थीं, गांड बाहर को निकली हुई थी.

संजय तो पहले ही इसके इस रूप का दीवाना हो चुका था मगर आज उसे पता था कि ये कच्ची कली उसके लंड को सुकून देगी. तो वो बस उसको देखता जा रहा था और उसका लौड़ा अपने आप तन कर पूजा की बुर को सलामी दे रहा था. शायद उसे भी पता था जिस बुर की खुशबू वो कई बार ले चुका है, आज उसमें जाने का वक़्त आ गया.

पूजा- क्या हुआ मामू आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो? संजय- क्या मस्त है रे तू पूजा.. आज तो तेरी बुर मारने में मज़ा आ जाएगा. पूजा- मामू आराम से करना.. रात को मुझे बहुत दर्द हुआ था.

संजय ने अपनी जींस की पॉकेट से एक डब्बी निकाली और पूजा को दिखाई.

संजय- ये देख उसका इलाज लाया हूँ.. ये क्रीम बहुत चिकनी है.. इसे लगा कर लंड अन्दर डालूँगा तो तेरी बुर में जरा भी दर्द नहीं होगा.

पूजा भाग कर संजय से लिपट गई.

पूजा- ओ मामू, आप मेरा कितना ख्याल रखते हो आई लव यू मामू.

संजय ने उसे गोद में उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया, उसके संतरे चूसने लगा. अपने जिस्म से उसके नाज़ुक बदन को रौंदने लग गया. अब पूजा भी संजय को किस किए जा रही थी.. कभी मुँह पर कभी सीने पर चूम रही थी.

थोड़ी देर बाद दोनों 69 के पोज़ में आ गए और संजय ने पूजा की बुर को इतने ज़बरदस्त तरीके से चूसना शुरू कर दिया.. वो हवा में उड़ने लगी.

जब संजय को लगा कि अब ये एकदम गर्म हो चुकी है. उसकी बुर अपने आप खुलने बंद होने लगी और उसमें से कामरस भी बहने लगा तो वो फ़ौरन चोदने के लिए उठ गया. तभी उसे याद आया कि आज इसकी सील टूटेगी तो खून भी आएगा, तो वो बिना कुछ कहे उठ गया और पूजा के बैग से उसकी पुरानी टी-शर्ट निकालने लगा.

पूजा- उह मामू मज़ा आ रहा था.. कहाँ चले गए.. क्या ढूँढ रहे हो? संजय- कुछ नहीं ये टी-शर्ट निकालनी थी. अब तेरी बुर में लौड़ा डालने का टाइम आ गया है समझी मेरी जान!

संजय वापस बिस्तर पे आया तो टी-शर्ट के साथ पानी की बोतल भी उठा लाया और बोतल को साइड में रख कर टी-शर्ट को पूजा की गांड के नीचे लगा कर पूजा के पैरों को मोड़ दिया, अब संजय के सामने पूजा की बुर थी और बस एक तगड़े झटके लगने भर की देर थी.

संजय ने अपनी उंगली से बुर को कुरेदना शुरू किया, वो पूजा को एकदम मस्ती में लाकर चोदना चाहता था, साथ में वो उसकी जाँघों को भी चूस रहा था.

पूजा- आह.. आह सस्स मामू मज़ा आ रहा है उफ़ आह.. और अन्दर करो ना उंगली आह.. बहुत तेज खुजली हो रही है आह.. आह.. संजय- मेरी जान, ये खुजली उंगली से नहीं जाएगी इसे तो लौड़ा ही मिटा सकता है. पूजा- आह.. सस्स मामू तो देर क्यों करते हो आह.. डाल दो ना आह.. बहुत तेज खुजली आह.. हो रही है सस्स आह.. जल्दी डालो. संजय- ठीक है मेरी जान, अब मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा.. रोज इसे देख कर ही मन बहलाता हूँ. आज तुझे चोद ही दूँ.. बस अब आज के बाद मैं तुझे रोज चोदूंगा.

संजय ने अपने लंड पे ढेर सारी क्रीम लगा ली और पूजा की बुर में भी उंगली से क्रीम लगा दी ताकि चिकनाई से लौड़ा अन्दर चला जाए. अब उसने सुपारे को बुर पर सैट किया थोड़ा सा बुर में फँसा कर वो पूजा पर चढ़ गया और उसके होंठों को कस के अपने होंठों में दबा दिया. वो जानता था कि लंड घुसते ही ये चिल्लाएगी.. इसलिए उसने कमर पर दबाव बनाया और धीरे-धीरे लौड़ा आगे खिसकाना शुरू किया. मगर पूजा की बुर इतनी टाइट थी कि संजय को बहुत ताक़त लगानी पड़ रही थी. वो तो क्रीम और बुर के रस की चिकनाई थी वरना ऐसे लौड़ा कभी नहीं घुसता. बड़ी मुश्किल से उसने 2″ लौड़ा अन्दर किया होगा इधर पूजा की आँखें फटने को हो गईं. उसने चीखा मगर आवाज़ संजय के होंठों में ही दबा कर रह गई.

पूजा की आँखों से आँसू निकलना शुरू हो गए थे.. मगर संजय को पता था आज इसकी बुर को नहीं चोद पाया तो ये कभी हाथ नहीं आएगी. उसने धीरे से लंड को पीछे किया और जोरदार झटका दे मारा. उसी के साथ लौड़ा पूजा की सील को तोड़ता हुआ आधा अन्दर घुस गया.

पूजा की तो जैसे जान ही निकल गई हो, अगर उसके होंठ बंद नहीं होते काफी दूर तक उसकी चीखने की आवाज़ सुनी जा सकती थी.

संजय ने वहीं बस नहीं किया.. स्पीड से लौड़ा पीछे किया और फिर तेज़ी से आगे धक्का दे मारा. पूजा की कमसिन बुर को चीरता हुआ संजय का 8″ का तगड़ा मोटा लंड बुर में काफी अन्दर तक समा गया. इस अटैक से अबकी बार तो दर्द नहीं.. दर्द की इंतेहा हो गई, जिसे पूजा सह नहीं पाई और बेहोश हो गई. उसकी बुर से खून का रिसाव संजय ने साफ महसूस किया, जो उसके लंड से टकराता हुआ बाहर आ रहा था. जब उसने महसूस किया कि पूजा एकदम बेजान पड़ी है, तो एक बार तो संजय भी डर गया कि कहीं बुर फट तो नहीं गई. मगर फिर उसने दिमाग़ से ये बात निकाली और लंड को आगे-पीछे करने लगा.

लगभग 5 मिनट तक वो चुदाई करता रहा.. अपने मोटे लंड को स्पीड से आगे-पीछे करता रहा.

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[email protected] कहानी जारी है.