रैगिंग ने रंडी बना दिया-39

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अब तक की इस हिंदी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि मोना ने गाँव से वापस आ कर गोपाल के लंड को चोदने ही नहीं दिया था. वो गोपाल से गुस्सा थी और जिस सहेली मीना की सलाह से वो गाँव में खुल कर चुद सकी थी, अभी उसको ही उसने बुलाया था. अब आगे..

मोना के खिले हुए चेहरे को देख कर मीना समझ गई कि ज़रूर गाँव में मोना ने चुदाई करवा ली है.

मीना- क्या बात है यार.. तेरे चेहरे की रौनक बता रही है कि तूने गाँव में खूब एंजाय किया.. हाँ! कोई तगड़ा हाथ मारा क्या? मोना- तुझे बस यही सूझता है क्या.. बहुत बदमाश हो गई है तू. मीना- अब ज़्यादा नाटक मत कर.. जल्दी बता ना मेरे आइडिया ने काम किया कि नहीं?

मोना ने कुछ कहा नहीं.. सीधे मीना को अपनी बांहों में ले लिया और उसको गालों पर किस करके धीरे से उसके कान में थैंक्स कहा.. फिर अलग हो गई.

मीना- वाउ यार इसका मतलब आइडिया काम कर गया.. तूने वहाँ चुदाई की! मोना- हाँ मेरी जान की.. और ऐसी की कि जो लाइफ टाइम याद रहेगी. मीना- बता ना यार कौन था और कैसे ये सब हुआ? मुझे तो लग रहा था तुझसे नहीं हो पाएगा मगर तूने कर लिया. अब तू मुझे पूरी कहानी डिटेल में बता.

मोना ने राजू से लेकर काका तक की पूरी कहानी मीना को बता दी, जिसे सुनकर मीना की चुत गीली हो गई.

मीना- वाउ यार सो लकी.. इतना तगड़ा लौड़ा उफ़.. सुनकर ही मेरी चुत गीली हो गई. तूने तू खूब मज़ा लिया होगा यार.. काश मुझे भी ऐसा मर्द मिल जाता! मोना- तू चाहे तो मिल सकता है, वो जब यहाँ आएँगे, तू भी आ जाना और उनसे चुदाई करवा लेना.. बल्कि हम दोनों उनके मूसल लंड का साथ में मज़ा लेंगे. मीना- हाँ यार, दिल तो कर रहा है मगर उस वक़्त में आ पाऊंगी या नहीं पता नहीं.. तेरे जीजा फिर से घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं. अब क्या पता कब और कहाँ ले जाएं? मोना- चल तब की तब देखेंगे. आज मैं आई तो गोपाल भी चोदना चाहता था…

मोना आगे कुछ बोलती कि मीना बोल पड़ी- यार ये चोदने वाली बात बंद कर दे. अब पहले ही तेरी कहानी सुनकर चुत गीली हो गई. मोना- तुझे कहानी सुना कर मैं खुद गीली हो गई. मेरी आँखों के सामने काका का लंड घूमने लगा है. मगर ये बात अलग है.. पहले तू सुन तो ले! मीना- अच्छा सुना.. अब इसमें क्या है? मोना- यार, काका ने मेरी चुत का भोसड़ा बना दिया है. दोपहर में चुदती तो गोपाल को शक हो जाता. अब इसका कोई उपाय बता? मीना- बस इतनी सी बात यार तू शादी शुदा है.. गोपाल ने कितना चोदा तुझे अब उसको क्या शक होना था. फिर भी तुझे डर है तो एक ऐसा इलाज बताती हूँ कि तेरी चुत कुँवारी लड़की के जैसी हो जाएगी. मोना- सच ऐसा क्या इलाज है.. जल्दी से बता यार? मीना- फिटकरी (एलम) पता है ना तुझे, थोड़ी सी फिटकरी पानी में घोल कर उस पानी से अपनी चुत को अच्छे से साफ कर ले. कल सुबह तक दो-तीन बार ऐसे करना.. फिर कल जब गोपाल तेरी चुत मारेगा, तो देखना वो खुद हैरान हो जाएगा कि ये इतनी टाइट क्यों हो गई और तुझे भी मज़ा आएगा. मोना- क्या बात कर रही है.. यार फिटकरी से ऐसा होता है? ये तुझे किसने बताया? मीना- तू आम खा ना यार.. पेड़ मत गिन.. ये पक्का इलाज है, मैंने खुद ट्राई किया है. मोना- अच्छा तो तू रुक.. फिटकरी है घर में या नहीं मैं देख लूं… मीना ने ‘हाँ’ की तो मोना चली गई. तब तक आप भी थोड़ा सा ये भी देख लो.

संजय ने टीना को बाहर मिलने बुलाया था. वैसे तो टीना भी उससे मिलना चाहती थी क्योंकि आज उसके नहीं आने का कारण उसको पता था कि हो ना हो.. पूजा को लेकर ही कुछ बात होगी. तभी संजय नहीं आया.

संजय- हाय जान कैसी है तू.. तुम सबने इतने कॉल क्यों किए? टीना- तुम आए नहीं तो कॉल कर लिए. वैसे मुझे पता है तू पूजा के चक्कर में नहीं आया ना कॉलेज? संजय- साली, तुझे इस बात का कैसे पता लगा कि मैं पूजा के साथ था? टीना- मेरे प्यारे संजू.. जब ऐसी कच्ची कली आस-पास होती है तो किसका मन करता है पढ़ाई करने का.. उसको तो बस चुदाई ही दिमाग़ में रहती है. संजय- सही कहा तूने.. आज साली की चुत का मुहूर्त कर ही दिया मैंने! टीना- वाउ यार सो लकी.. कैसे और कहाँ चुदाई की.. बता ना यार मुझे भी.. कोई ख़तरे वाली बात तो नहीं ना? संजय- अरे कुछ नहीं.. सब आराम से हो गया, किसी को पता भी नहीं लगा.

संजय ने टीना को रात से दोपहर तक की सारी कहानी सुनाई, जिसे सुनकर टीना गर्म हो गई और उसके निप्पल कड़क हो गए.

टीना- यार कैसी आग लगा दी तूने.. देख निप्पल टी-शर्ट फाड़ कर निकालने को बेताब हैं. संजय- साली तेरे ये पीरियड भी ग़लत टाइम आ गए.. नहीं तो तुझे अभी ठंडी कर देता. टीना- बस आज की बात है.. कल तो खत्म हो ही जाएँगे और तू जानता ही है कि पीरियड ख़त्म होने के बाद चुत में कैसी आग लगती है, उसे लंड ही बुझा सकता है. संजय- कोई बात नहीं मेरी जान.. तेरी चुत को मैं ठंडी कर दूँगा.

ये दोनों काफ़ी देर बात करते रहे, उधर मोना भी अपना कम निपटा कर वापस आ गई और मीना के पास बैठ गई.

मोना- यार मैंने तुझे एक बात नहीं बताई.. समझ नहीं आ रहा कैसे कहूँ? मीना- अरे बोल ना यार.. अब क्या बाकी रह गया बताने को? मोना- यार बात ही ऐसी है.. कैसे बताऊं समझ में नहीं आ रहा? मीना- अब तू बोर मत कर.. जल्दी बता क्या बात है.. नहीं तो मैं जाती हूँ. मोना- अच्छा सुन मगर इसका समाधान भी तू ही मुझे बताएगी. मीना- ठीक है मेरी माँ.. बता दूँगी.

मोना ने साधु वाली पूरी बात मीना को बताई. पहले तो उसको यकीन नहीं हुआ मगर मोना ने उसे वो बातें बताईं, जो साधु ने उसके बारे में बिना जाने बताई थीं.. तब जाकर मीना को मानना पड़ा.

मीना- यार ये तो बहुत टेंशन वाली बात है. तेरे सुहाग पे ख़तरा है मगर किसी और लड़की के साथ वो करेंगे क्या.. और सबसे बड़ी बात तुझे उस साधु के साथ करने देंगे क्या? ये समस्या बड़ी है. मोना- हाँ यार.. यही तो किसी कच्ची कली के साथ तो कोई भी आदमी करने को तैयार हो जाए मगर अपनी पत्नी को किसी और के साथ वो कभी नहीं मानेगा. मीना- एक आइडिया है.. तू गोपाल को एक कली लाकर दे दे… उसको तरसा ऊपर के मज़े दिला, जब वो उसको चोदने के सपने देखने लगे, तब तू ये बात बता देना वो ज़रूर मान जाएगा. मोना- हाँ यार ऐसा ही कुछ करना होगा मगर ऐसी लड़की लाऊं कहाँ से? मीना- उसकी चिंता तू मत कर.. पैसे से सब कुछ मिल जाता है. मोना- यार पैसे की चिंता नहीं है प्लीज़ तू मेरे लिए ऐसी लड़की ढूँढ दे. मीना- ठीक है ढूँढ दूँगी.. मगर ये सुधीर से मिलकर क्या होगा तुझे नहीं लगता उससे मिलने की कोई जरूरत नहीं है? मोना- नहीं मीना उससे मिलना ही होगा.. इसी बहाने मैं गोपाल के राज जान लूँगी. मीना- वो तुझे क्यों बताएगा भला? मोना- चुत के बदले में तो बता ही देगा ना.. हा हा हा हा..

दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं. फिर इधर-उधर की बातें करके मीना चली गई और मोना भी सुधीर की तलाश में निकल गई.

दोस्तो अब तो आपको समझ आ ही गया होगा कि साधु ने क्या उपाय बताया था.. नहीं आया तो आगे समझ जाओगे.

मोना सुधीर की तलाश में बांद्रा पहुँच गई मगर वहाँ उसे पता लगा कि सुधीर 2 दिन के लिए कहीं बाहर गया हुआ है. बस वो उदास होकर वापस आ गई.

दोस्तो ये दो दिन आपको स्पीड से बता देती हूँ क्योंकि कुछ फ्रेंड का कहना है कहानी बहुत स्लो चल रही है. तो सुनो दो दिन की दास्तान.. आपके सामने हाजिर है.

सुमन तो अब शराफत के रास्ते से हट ही रही थी मगर इन दो दिनों में उसके साथ कोई खास बात नहीं हुई. टीना ने उसको कोई टास्क भी नहीं दिया क्योंकि उसकी माँ की तबीयत ज़्यादा खराब हो गई थी, तो वो कॉलेज भी नहीं गई.

इधर ये 5 मादरचोद फ्लॉरा से हल्की फुल्की छेड़छाड़ ही कर पाए थे.. ज़्यादा कुछ नहीं किया. हाँ संजय ने ज़रूर इन दो दिनों में पूजा की चुत के खूब मज़े लिए. अब पूजा भी चुदाई का पूरा मज़ा लेने लगी थी. इधर मोना ने फिटकरी का फ़ॉर्मूला यूज किया था तो दूसरे दिन गोपाल जब ऑफिस से आया तो चुदाई के वक़्त उसको चुत टाइट लगी. उसने मोना से पूछा भी कि ये कैसे हो गई तो मोना ने बता दिया कि इतने दिन आपसे दूर रही.. तो ये टाइट हो गई.

हाँ तो दोस्तो, 2 दिन गुजर गए. अब आप वापस बड़े आराम से कहानी का मज़ा लो.

शाम को गोपाल के जाने के बाद मोना सुधीर से मिलने चली गई. आज मोना ने पारदर्शी लाल और सुनहले कॉंबिनेशन की साड़ी पहनी थी.. जिसमें वो बला की खूबसूरत लग रही थी.

वो सीधे कैफे पहुँच गई और किसी से पूछने के बाद वो सुधीर के सामने खड़ी थी.

सुधीर एक 25 साल का गबरू नौजवान था.. उसकी 6 फिट की हाईट थी और वो दिखने में भी स्मार्ट था.

मोना- नमस्ते सुधीर जी.. मेरा नाम मोना है, मैं आपसे कुछ बात करना चाहती हूँ. सुधीर तो बस मोना को देखता ही रह गया. ऐसी बला की खूबसूरती सामने हो तो अच्छे-अच्छों की बोलती बंद हो जाती है. मोना- सुधीर जी मुझे आपसे बहुत जरूरी बात करनी है. सुधीर- ओह हाँ सॉरी.. कहिए क्या काम है मुझसे.. आप 2 दिन पहले भी यहाँ आई थीं. मोना- जी हाँ सुधीर जी, मैं आपसे मिलने आई थी.. मगर आप नहीं थे.

सुधीर- आप कौन हो और मुझे कैसे जानती हो? मैं कुछ कनफ्यूज सा हो रहा हूँ. मोना- मैं आपको सब बता दूँगी प्लीज़ आप पहले मेरे कुछ सवालों के जवाब देंगे? सुधीर- ओके.. ऐसा करते हैं, यहाँ भीड़ ज़्यादा है.. कहीं और चलते हैं.

मोना मान गई तो सुधीर उसको लेके पास के ही एक पार्क में चला गया, जहाँ ज़्यादा लोग नहीं थे बस कुछ कपल और कुछ कॉलेज के स्टूडेंट ही थे. सुधीर- हाँ तो मोना जी कहिए, मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?

मेरे साथियो, आप इस सेक्स स्टोरी पर मर्यादित भाषा में ही कमेंट्स करें. [email protected] हिंदी सेक्स स्टोरी जारी है.

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