नंगी भाभी को देख उनकी चूत की चुदाई-2

नंगी भाभी को देख उनकी चूत की चुदाई

अब तक की देसी भाभी सेक्स स्टोरी में आपने पढ़ा था कि निशा भाभी मेरे सामने चुदने के लिए नंगी पड़ी थीं। अब आगे..

भाभी ने हंस कर कहा- एक बार चाट दे ना प्लीज़.. भाभी की गीली चुत देख कर मेरा चाटने का मन नहीं हुआ.. तो वो उठीं.. मुझे पीछे धकेल कर मेरा लोवर चड्डी सहित उतार दिया। मेरे 6.5 इंची लंड को देख उनके मुँह से आह निकल गई- मस्त लंड है यार!

इतना बोल कर भाभी ने लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं। मैंने भाभी से ये बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की थी। उन्होंने अच्छे से मेरा लंड चूसा-चाटा.. और लंड के टोपे पर ज़ुबान फिराई। मुझे लगा मैं भाभी के मुँह में ही झड़ जाऊंगा तो मैंने उन्हें पीछे को हटाया तो वो हाथ से मुँह साफ़ करते हुई लेट गईं और टांगें खोल कर बोलीं- प्लीज एक बार मेरी चुत चाट दे न.. मैं- भाभी चुत चिपचिपी है। भाभी बोलीं- तो कपड़े से साफ़ कर ले ना।

मैंने पास में पड़े रूमाल से भाभी की चुत साफ़ की और दुबारा उनकी चुत में घुस गया।

भाभी की चुत की अजीब सी महक ने मुझे मदहोश कर दिया और मैं जीभ से भाभी की चुत चाटने लगा। पहले तो मुझे गंदा सा लगा, पर थोड़ी देर में ब्लूफिल्म स्टाइल में मैं चुत को भरपूर चाटने लगा।

निशा भाभी पूरी अकड़ गईं.. अपनी चूची ऊपर उठा कर उन्होंने सिर पीछे को ढुलका दिया और हाथों से मेरे बाल पकड़कर मुझे चुत पर दबाने लगीं- आअह उम्म्ह… अहह… हय… याह… वववीईए उम्म्म्मह आअहह… कहाँ से सीखा मेरी जान.. वाउ मज़ा आ गया…आई लव यू आक्क्ययई आअहह.. बस अब लंड डाल दे।

मैं भी झट से उठा और उन पर लेट गया और लंड अन्दर डालने के लिए धक्के देने लगा। दो बार में लंड नहीं घुसा तो निशा भाभी ने हाथ से लंड पकड़ कर चुत पर लगाया और पेलने का इशारा किया। मैं तो जोश में था ही.. तो एक जोरदार धक्का दे मारा और मेरा लंड भाभी की चुत में जड़ तक धंसा दिया। भाभी के मुँह से चीख निकल गई, वो दर्द से ऊपर सरक कर बोलीं- ऊउउइईईई माँआ मारेगा क्याआअ.. आराम से लंड डालना था.. आआअहह हाईईईई। मैं घबरा कर बोला- क्या हुआ.. बाहर निकालूँ क्या? भाभी- न्न्क्या हींई..

मैंने फटाफट 8-10 तगड़े धक्के लगा दिए। अब भाभी ने भी मेरी कमर पकड़ ली और बोलीं- आराम से चोद.. आराम से.. नहीं तो जल्दी झड़ जाएगा। मैं- हाँ…आँ..

पर मैं अपनी कमर रोक ही नहीं पाया। मैं धकाधक 8-10 धक्के मार के झड़ गया और उन पर पसर गया। भाभी- हो गया ठंडा.. कहा था न आराम से चोद.. नहीं तो झड़ जाएगा। मैं- आगे से ध्यान रखूँगा।

कुछ देर भाभी मुझे सहलाती रहीं। इतने में मेरा लंड फिर से टाइट हो गया और मैं धीरे-धीरे अपना लंड उनकी गीली एकदम टाइट चुत में आगे-पीछे करने लगा। ‘आह्ह.. क्या कर रहा है?’ भाभी सिसियाईं। मैं- तुमने ही तो चोदने को कहा।

भाभी मदहोशी से मेरे होंठों को चूमने लगीं। मेरे सीने के नीचे उनके बोबे बुरी तरह से दबे हुए थे। ये सब बहुत ही शानदार आनन्द था।

भाभी- चुदाई के समय लंड-चुत, चुदाई, चोदना, गांड.. ये सब बोलने से सेक्स और बढ़ता है.. पर एक बात तो बता, तू इतना बेहतर मुझे चोद रहा है.. फोरप्ले भी मस्त था.. मेरी चुत भी मस्त चाटी.. तूने ये सब सीखा कहाँ से? मैंने हंस कर कहा- ब्लू-फिल्म देख-देख कर! इतना बोल कर मैं थोड़ा ऊपर उठ कर भाभी की चूची चूसने लगा। अब मुझसे न रहा जा रहा था तो मैंने उन्हें फिर से जोर-जोर से चोदना चालू कर दिया।

फक् फॅक.. धाप.. धाप..

भाभी- आह.. ऊहह… उम्म्म्मह.. शाब्ब्ब्बबाष्ह मेरी जान.. और तेज़ और तेज़्ज़्ज़्ज़.. चोद अक्की.. जी भर के चोद.. उम्म्म्मह.. अहह… मैं- भाभी मज़ा आ गया.. क्या मस्त चुत है तुम्हारी..

मेरे लंड की मार की आवाज़ से पूरा कमरा गूँज रहा था। भाभी- आहह.. वॉववव.. ऊहह.. और तेज़ और तेजज़्ज़.. चोद.. शबाआअश जान उम्म्म्मह..

फिर थोड़ी देर में उनका बदन अकड़ा और वो झड़ गईं। मैंने भी और 8-10 धक्के लगा कर उनकी चुत की गहराई में माल झाड़ दिया और आवेश में आकर जी भर के भाभी की चूची चूसी। हम दोनों की साँसें फूली हुई थीं, भाभी आँखें बंद किए एक मुस्कान लिए लेटी थीं और मैं उनके वक्ष पर सिर पटक कर हाँफ रहा था।

वो मेरे बालों में उंगली फिरा रही थीं। भाभी- आई लव यू सओ मच अक्की.. मैंने सिर उठा के उनकी तरफ देख कर कहा- आई लव यू टू जान..

फिर हम दोनों ने एक लम्बा सा किस किया। मैं भाभी के ऊपर से उतर कर उनके बगल में लेट गया। निशा भाभी मेरे सीने पर सिर रख कर लेट गईं। मैं- मैंने पहली चुदाई कैसी करी भाभी? भाभी ने अपने मम्मे मेरी छाती से मसलते हुए कहा- पहले तो तू मुझे भाभी मत बोल.. और रही तेरी चुदाई.. वो तो क़यामत थी.. आह.. क्या चोदा है तूने.. मेरा रोम रोम खिल गया, मज़ा आ गया।

भाभी के मम्मों की गर्मी से मेरा लंड फिर से तनने लगा। मैं- एक बात बताओ जान.. मनु भैया की बॉडी भी मस्त है.. फिर तुम मुझसे क्यों चुदीं? भाभी थोड़ी रुआंसी हो कर बैठ कर कहने लगीं- वो मुझे पसंद नहीं करते.. उन्हें पढ़ी-लिखी स्मार्ट बीवी चाहिए थी।

इसी बीच मैंने भाभी को फिर से लेटा लिया और उनकी चूची दबाने लगा। भाभी- मैं थी गाँव की देसी लड़की, बोलते हैं कि मुझे पहनने का, बोलने का, बैठने का लच्छन नहीं है और मैं भोंडी हूँ। मैं- तो फिर उन्होंने शादी क्यों की? भाभी- घर वालों के दबाव में! मैं- और सेक्स? भाभी- मुझे पिछले 7 महीने से नहीं छुआ.. पूरे 7 महीने पहले दारू के नशे में 2-4 झटके मार कर सो जाते हैं। अब तक 4 साल की शादी में मुश्किल से कोई 40 बार मेरे साथ सम्भोग किया होगा.. वो भी सिर्फ़ खानापूर्ति की। मैं- ओह हो तभी तुम इतनी टाइट हो मेरी जान..

मैंने भाभी की आँखें पोंछ कर उन्हें किस किया और कहा- कोई बात नहीं.. अब मैं हूँ न, तुम्हारी सारी हसरतें पूरी कर दूँगा। निशा भाभी मुस्कुरा कर मेरे सीने से चिपक गईं।

मेरा लंड तन गया। भाभी ने लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगीं। भाभी- फिर से चोदोगे मुझे? मैं- कोई शक..! मैं इतना बोल कर भाभी पर फिर से टूट पड़ा- घोड़ी बनोगी?

वो उठीं और उन्होंने पहले मेरे लंड को जी भर के चूसा.. फिर घोड़ी बन गईं। मैंने भाभी की चुत पर लंड रखा और एक दमदार झटके से पूरा लंड भाभी की चुत के अन्दर गाड़ दिया। भाभी- हाइईइ क्या एंट्री है.. तू कसम से चुदाई में मास्टर है..

मैं उन्हें धीरे-धीरे मज़े ले-ले कर पेलने लगा। फिर मैंने पीछे से उनकी चूची पकड़ी और उन्हें जोर-जोर से चोदने लगा। उनकी आहें सिसकारियाँ मेरी रफ़्तार बढ़ा रही थीं। मैं देसी भाभी को जम कर चोदने लगा। कोई 5-6 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई से वो झड़ गईं और निढाल होकर लेट गईं।

मैं उन्हें अपने झड़ने तक के लिए कहने लगा- चोदने दो ना निशा प्लीज.. अभी मेरा नहीं निकला है। भाभी- नहीं अक्की मैं थक गई हूँ प्लीज़ छोड़ दो.. थोड़ी देर बाद चोद लेना। उसकी सच में सासें फूल रही थीं। मैंने फिर से रूमाल से चुत साफ़ की और चाटने लग गया। वो लेटे हुए ही मुझे हटाने लगीं- हट जाओ अक्की प्लीज.. थोड़ी देर रुक कर जी भर के चोद लेना हटोओ..

पर जैसे-जैसे मैं चाटता रहा, वो ढीली पड़ने लगीं। फिर मैंने दुबारा लंड चुत में डाला और उसकी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रखी और ताबड़तोड़ लंड पेलने लगा। भाभी- आहह उउफ्फ़.. जान निकालेगा क्या… हायईईईई… उउम्म्म्मह ऊओह वॉऊव.. मस्त है यार.. मैं- बस मज़े लो मेरी जान.. तुम्हारी चुत बहुत टाइट है.. लंड पेलने में मज़ा आ गया.. वाआह..

फिर मैंने उनकी दूसरी टांग भी उठा कर कंधे पर रख ली और उन पर थोड़ा झुक कर अपनी पूरी ताक़त से उसकी चुत मारने लगा। इस बार चुदाई का साउंड ज़्यादा तेज़ था.. फॅक फॅक ठप ठप.. और निशा भाभी की आहें और सिसकारियाँ भी गूँज रही थीं।

भाभी- ऊओह अक्की लव यू जानूउऊउउ.. ववववू ओवव्वव.. आआहह… उउउम्म्मह.. ऊओहूओ.. छोड़ूऊ… और.. शाबाश मेरी जान.. फिर कोई 6-7 मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और निशा के ऊपर ही लेट कर अपने लंड का पानी उसकी चुत की गहराई में छोड़ने लगा। उन्होंने मुझे कस के पकड़ा और वो भी झड़ गईं।

हम दोनों ने थक कर एक-दूसरे को लंबा सा किस किया। हम दोनों पसीने से भीगे थे.. मैंने निशा को ‘लव यू..’ कहा और उठ कर अपने कपड़े पहन लिए। मैं- अब उठो निशा और कपड़े पहनो.. भाभी- उठने लायक कहाँ छोड़ा है तुमने..

मैंने भाभी को गोदी में लेकर उठाया और कुर्ता पहनाया। भाभी मुझसे चिपक कर बोलीं- तुम यार ग़ज़ब के मर्द हो। मैं उनके नंगे चूतड़ों को दबाने लगा और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। निशा ने महसूस किया तो बोलीं- तू क्या चीज है.. चल घर जा नहीं.. तो फिर से लंड ठूंस देगा। मैं- क्यों तुम्हें और नहीं चुदवाना क्या? भाभी- अरे मेरी जान.. मेरा पति 7 दिन के लिए गया है, मुझे लगता है 7 दिन में तू मेरी चुत को चोद-चोद के कबाड़ा कर देगा। मैं- मेरा मन कर रहा है.. मैं तुम्हें कपड़े ही पहनने न दूं और दिन रात तुम्हारी देसी चुत मारता रहूं.. और चुत को सुजा दूँ।

फिर मैं घर चला गया.. माँ नहीं आई थीं, तो मैं नहा कर कोई 20 मिनट बाद फिर से निशा के घर चला गया। भाभी ने दरवाजा खोला, तो देखा उन्होंने सलवार नहीं पहनी थी। अन्दर घुस कर मैंने उन्हें बाहों में कस लिया और होंठों को चूम लिया।

मैं भाभी के नंगे चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा- मुझे देखते ही सलवार खोल दी। भाभी- मुझे पता था तू दोबारा आएगा इसलिए पहनी ही नहीं थी।

भाभी के मुँह से यह बात सुनकर मेरी उत्तेजना और बढ़ गई। मैंने उन्हें उठाया और ले जाकर बेड पर लिटा दिया। मैंने फटाफट दोनों के कपड़े उतारे और दोनों के पूरे शरीर को चूमने लगा। वो पेट के बल लेट गईं। मैंने भाभी की पीठ पर अपने होंठ फिराए।

अब वो काफ़ी गर्म हो गई थीं, मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर 69 पोज़ में आकर मेरा लंड चूसने लगीं, मैं उनकी चुत चाटने लगा। दो मिनट बाद भाभी उठीं और लंड को चुत में डाल कर ऊपर बैठ गईं, लंड को सही से अड्जस्ट किया और मेरे सीने पर हाथ टिका कर गांड ऊपर-नीचे करने लगीं। मैं- तुम चुदाई की स्टाइल तो सारी जानती हो.. कितनों के लंड लिए?

उन्होंने मेरे होंठ चूम लिए- मनु के बाद तू पहला है। मैंने भी छुप-छुप कर मनु के मोबाइल पर ब्लूफिल्म देखी हैं। मेरे पति के पास बहुत सारी क्लिप्स हैं। पता नहीं कहाँ अपनी खुजली मिटाता है।

भाभी की रफ्तार अब तेज़ हो रही थी, मैं उनकी हिलती हुई चूची देख रहा था, मेरे हाथ उनकी गांड को सपोर्ट दे रहे थे। भाभी- आअहह वॉवववव क्या कड़क लंड है तेरा.. ऊम्म्म अह अहईयइ उववू.. ओह्ह..

वो थोड़ी देर बाद ही झड़ कर मेरे सीने से लिपट गईं, मैंने उन्हें करवट लेकर नीचे किया और चोदने के लिए पोज़िशन बनाई, पर उनकी लस्त सी हालत देख कर रुक गया। अपना लंड भाभी की चुत में डाले हुए मैं उनके होंठ चूसने लगा और चूची को मसलने लगा।

जब वो नॉर्मल सी हुईं तो मैंने उनकी चुदाई शुरू की। कुछ मिनट की चुदाई के बाद भाभी बोलीं- अक्की, एक बार फिर से मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख कर चोद ना! मैंने चुदाई रोकी और एक लंबा गीला किस किया, फिर उनकी दोनों गोरी चिकनी टांगें अपने कंधे पर रख कर लंबे-लंबे और चुत की गहराई तक लंड पेलने लगा। मेरी हर चोट पर निशा भाभी की आह निकली जा रही थी।

कोई 8-10 मिनट की शानदार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए। हम दोनों पसीने से लथपथ चिपक कर किस करने लगे। मैं भाभी के बगल में लेट गया।

मैं- इस बार काफ़ी देर से रस निकला। भाभी मेरे सीने पर ठोड़ी रख कर बोलीं- फर्स्ट टाइम जल्दी निकलता है.. फिर टाइम बढ़ता जाता है। अभी तो तू नया है.. एक्सपर्ट होने पर तो तू मुझे आधा-आधा घंटा लगातार चोदेगा.. खिलाड़ी जो ठहरा। भाभी- तू कल रात को आ जा। मैं- दिमाग़ सड़ गया क्या? माँ-बापू आने देंगे मुझे?

भाभी- तू बोलना कि तेरा दोस्त अकेला है और तुझे सोने के लिए बुलाया है। फिर पीछे के दरवाजे से तू मेरे पास आ जाना। मैं- आइडिया तो अच्छा है पर आज रात को क्यों नहीं? भाभी- आज तो तूने मुझे अभी ही थका दिया.. कल रात को आ जा.. और मुझे जी भर जितनी बार इच्छा हो, चोद लेना। मैं- ठीक है..

मैं अपने घर आ गया और अगली रात का वेट करने लगा। अगली रात हम दोनों ने जी भर के चुदाई की। उनकी चुत सूज गई और मेरे लंड में दर्द होने लगा। सुबह 4 बजे हम थक-हार के बातें करने लगे। अब थोड़ी देर में मुझे निकलना था।

भाभी- तू पिंकी को क्यों नहीं भाव देता?

मैं शॉक्ड हो गया और बोला- वो तो अभी छोटी है, पर तुम क्यों ऐसा कह रही हो?

भाभी- आज ढंग से देखना उसे.. तुम दोनों साथ-साथ खेलो हो.. इसलिए तूने ध्यान नहीं दिया। वो शायद तुझ पर फिदा है.. आती रहती है मेरे पास, बता रही थी कि तुझे पसंद करती है। पटा ले नहीं तो कोई और पटा के मज़े ले जाएगा और तू ऐसे ही रह जाएगा। मैं- मेरे पास तुम हो न! भाभी- कब तक.. मेरी भी कुछ सीमाएं हैं। मैं- ठीक है.. मैं पिंकी को देखूँगा। भाभी ने मेरे लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- पटा ले.. पर मुझे मत भूलना। मैंने भाभी के माथे पर चूमते हुए कहा- तुम्हें तो मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगा जान।

फिर मैं वहाँ से निकल कर घर जा के सो गया।

अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे पिंकी को पटा कर मैंने उसकी सील तोड़ी। मेरी देसी भाभी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे बताएं! [email protected]